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[[पृथ्वी]] की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रक्रति के हो या चीका या रेत की भांति कोमल, चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों चट्टान अथवा '''शैल''' (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के [[खनिज|खनिजों]] का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग २,००० खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल २० खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भू-पटल की संरचना में [[ऑक्सीजन]] ४६.६ %, [[सिलिकन]] २७.७ %, [[एल्यूमिनियम]] ८.१ %, [[लोहा]] ५ %, [[कैल्सियम]] ३.६ %, [[सोडियम]] २.८ %, [[पौटैशियम]] २.६ % तथा [[मैग्नेशियम]] २.१ % भाग का निर्माण करते हैं। |
[[पृथ्वी]] की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रक्रति के हो या चीका या रेत की भांति कोमल, चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों चट्टान अथवा '''शैल''' (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के [[खनिज|खनिजों]] का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग २,००० खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल २० खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भू-पटल की संरचना में [[ऑक्सीजन]] ४६.६ %, [[सिलिकन]] २७.७ %, [[एल्यूमिनियम]] ८.१ %, [[लोहा]] ५ %, [[कैल्सियम]] ३.६ %, [[सोडियम]] २.८ %, [[पौटैशियम]] २.६ % तथा [[मैग्नेशियम]] २.१ % भाग का निर्माण करते हैं। |
02:08, 10 सितंबर 2014 का अवतरण
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पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रक्रति के हो या चीका या रेत की भांति कोमल, चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग २,००० खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल २० खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भू-पटल की संरचना में ऑक्सीजन ४६.६ %, सिलिकन २७.७ %, एल्यूमिनियम ८.१ %, लोहा ५ %, कैल्सियम ३.६ %, सोडियम २.८ %, पौटैशियम २.६ % तथा मैग्नेशियम २.१ % भाग का निर्माण करते हैं।
चट्टान मुख्यतः आग्नेय अवसादी एवं कायांतरित तीन प्रकार के होते हैं। आग्नेय चट्टानें पृथ्वी के तप्त, पिघले मैग्मा के ठंडा होकर ठोस हो जाने से निर्मित होती हैं। हमारी पृथ्वी प्रारम्भ में गर्म एवं पिघली अवस्था में थी। अतः पृथ्वी के ऊपरी आवरण के ठंडा होने से पृथ्वी पर सर्वप्रथम आग्नेय चट्टानें ही बनीं। इसी से आग्नेय चट्टानों को प्रारम्भिक चट्टानें भी कहते हैं।[1] स्थिति के आधार पर ये अन्तर्निर्मित या बहिनिर्मित प्रकार की होती हैं। सूर्य-ताप, वर्षा, पाला आदि द्वारा चूर्ण किए गये पदार्थों को नदी या हिमनदी बहाकर अथवा हवा उड़ाकर किसी झील, समुद्र या अन्य निचले भागों में परत के ऊपर परत जमा कर देती हैं। इन जमा किए गये पदार्थों को आवसाद तथा इनसे निर्मित चट्टानों को अवसादी चट्टानें कहते हैं। चूँकि इन चट्टानों में परते पायी जाती हैं अतः इन्हें परतदार चट्टानें भी कहते हैं। पृथ्वी के आन्तरिक ताप, दबाव अथवा दोनों के प्रभाव से आग्नेय, अवसादी अथवा अन्य परिवर्तित चट्टानों के मूल रूप में परिवर्तन हो जाने से बनने वाली चट्टानों को परिवर्तित या रूपान्तरित चट्टान कहते हैं।
बसाल्ट
बसाल्ट एक ज्वालामुखी चट्टान होती है। यह चहट्टन काले भूरे रंग की होती है। यह चट्टान सूक्ष्म कणों से बनी होती है। इस प्रकार की चट्टान मेंटल के पिघलने की वजह से बनती है। इसका प्रयोग मूर्तियाँ बनाने मे होता है।
ग्रेनाइट
यह चट्टानें गुलाबी भूरे रंग की होती हैं। यह बहुत ही कठोर होती हैं,और इनका प्रयोग निर्माण कार्य मे बहुत अधिक मात्रा मे होता है। इन्हें हिन्दी में कणाश्म भी कहते हैं।
सॅडिमॅन्टरी
- अर्गिलिते
- आर्गोसे
- कोल
- डोलमाइट
- फ्लिंट
- ग्रिटस्टोन
- लिग्नाइट
- लाइम्स्टोन
- मार्ल
- मड्सटन
- सॅंडस्टोन
- स्लिटस्टोने
संदर्भ
टीका टिप्पणी
क. ...rocks are the books of earth's history and fossils are the pages: S. W. Woolridge & R. S. Morgan 1959.
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