"अरुण गोविल": अवतरणों में अंतर
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'''अरुण गोविल''' का जन्म राम नगर उत्तरप्रदेश में हुआ | इनकी प्रारम्भिक शिक्षा उत्तरप्रदेश से ही हुई | उन्ही दिनों यह '''नाटक''' में '''अभिनय''' करते थे | इनके पिता चाहते थे कि यह एक सरकारी नौकरीपेशा बने पर अरुण गोविल का सोचना विपरीत था | अरुण कुछ ऐसा करना चाहते थे जो यादगार बने, इसलिए सन् १९७५ में यह '''बम्बई''' चले गए और वहाँ खुद का व्यवसाय प्रारम्भ किया उस वक्त यह केवल १७ वर्ष के थे | कुछ दिनों के बाद इन्हें [[अभिनय]] के नए नए रास्ते मिलना शुरु हुए| |
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अरुण गोविल ज्यादातर राजश्रीवालों की पारिवारिक फिल्मों में काम करते थे, जिनमें जीवन मूल्यों को अनदेखा नहीं किया जाता है।रामानंद सागर-निर्देशित रामायण में भगवान राम का किरदार भी ऐसे ही था। इसलिए गोविल भी राम का किरदार अच्छे से कर पाए और यही उनकी शोहरत का मुख्य कारण बना।<ref>http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/lifestylenews/article1-story-50-50-165791.html</ref> |
अरुण गोविल ज्यादातर राजश्रीवालों की पारिवारिक फिल्मों में काम करते थे, जिनमें जीवन मूल्यों को अनदेखा नहीं किया जाता है।रामानंद सागर-निर्देशित रामायण में भगवान राम का किरदार भी ऐसे ही था। इसलिए गोविल भी राम का किरदार अच्छे से कर पाए और यही उनकी शोहरत का मुख्य कारण बना।<ref>http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/lifestylenews/article1-story-50-50-165791.html</ref> |
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05:42, 3 सितंबर 2014 का अवतरण
अरुण गोविल | |
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अरुण गोविल, 2009 में | |
जन्म |
12 जनवरी 1958 मेरठ, उत्तर प्रदेश |
पेशा | अभिनेता, निर्माता, निर्देशक |
जीवनसाथी | श्रीलेखा |
उल्लेखनीय कार्य | {{{notable_works}}} |
अरुण गोविल एक हिन्दी फिल्म एवं दूरदर्शन अभिनेता हैं। इन्होने रामानंद सागर निर्मित हिन्दी धारावाहिक रामायण में राम की भूमिका निभायी थी। इससे इनको बहुत प्रसिद्धि मिली।
फिल्मी सफर
पुरस्कार
व्यक्तिगत जीवन
अरुण गोविल का जन्म राम नगर उत्तरप्रदेश में हुआ | इनकी प्रारम्भिक शिक्षा उत्तरप्रदेश से ही हुई | उन्ही दिनों यह नाटक में अभिनय करते थे | इनके पिता चाहते थे कि यह एक सरकारी नौकरीपेशा बने पर अरुण गोविल का सोचना विपरीत था | अरुण कुछ ऐसा करना चाहते थे जो यादगार बने, इसलिए सन् १९७५ में यह बम्बई चले गए और वहाँ खुद का व्यवसाय प्रारम्भ किया उस वक्त यह केवल १७ वर्ष के थे | कुछ दिनों के बाद इन्हें अभिनय के नए नए रास्ते मिलना शुरु हुए|
प्रमुख धारावाहिक
अरुण गोविल ज्यादातर राजश्रीवालों की पारिवारिक फिल्मों में काम करते थे, जिनमें जीवन मूल्यों को अनदेखा नहीं किया जाता है।रामानंद सागर-निर्देशित रामायण में भगवान राम का किरदार भी ऐसे ही था। इसलिए गोविल भी राम का किरदार अच्छे से कर पाए और यही उनकी शोहरत का मुख्य कारण बना।[1]
प्रमुख फिल्में
वर्ष | फ़िल्म | चरित्र | टिप्पणी |
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1985 | लल्लुराम् | ||
1982 | अय्याश | अमल | |
1981 | इतनी सी बात | आनन्द | |
1981 | श्रद्धान्जलि | राजू | |
1981 | जियो तो ऐसे जियो | ||
1980 | जुदाई | उमाकांत शशिकांत वर्मा | |
1979 | सावन को आने दो | बिरजू | |
1979 | राधा और सीता | अजय | |
1979 | सान्च को आन्च नही | शेखर | |
1977 | पहेली | बलराम |