"जयललिता": अवतरणों में अंतर

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अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने 16 मई, 2011 को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लीं और तब से वे राज्य की मुख्यमंत्री हैं।<ref name=webdunia/>
अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने 16 मई, 2011 को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लीं और तब से वे राज्य की मुख्यमंत्री हैं।<ref name=webdunia/>
जयललिता हमेशा से ही तमिल भाषा , संस्कृति और अस्मिता की बात करती आरही है । उनका मुख्य लक्ष्य ही तमिल मुद्दा है ।हिंदी विरोधी नेताओ में उनकी गिनती होती है ।शायद एक राष्ट्रवाद उन्हें पसंद नहीं है !अभी हाल में ही संस्कृत सप्ताह मानाने की बात आई तो सबसे पहले पीएम नरेन्द्र मोदी को चिठ्ठी लिखकर अपना विरोध जताया ।सायद ही किसी और ने किया होगा पर जयललिता हिंदी हो या संस्कृत इसे तमिलनाडु में लागु करने की बात तो दूर है उनकी परछाई से भी सख्त परहेज करती है ।करीब 90% से अधिक तमिल नेता और तमिल विचार धारा रखने बाले लोग या दल हिंदी और संस्कृत यहातक की आर्य संस्कृति के भी खिलाफ है ।
जयललिता हमेशा से ही तमिल भाषा , संस्कृति और अस्मिता की बात करती आरही है । उनका मुख्य लक्ष्य ही तमिल मुद्दा है ।हिंदी विरोधी नेताओ में उनकी गिनती होती है ।शायद एक राष्ट्रवाद उन्हें पसंद नहीं है !अभी हाल में ही संस्कृत सप्ताह मानाने की बात आई तो सबसे पहले पीएम नरेन्द्र मोदी को चिठ्ठी लिखकर अपना विरोध जताया ।सायद ही किसी और ने किया होगा पर जयललिता हिंदी हो या संस्कृत इसे तमिलनाडु में लागु करने की बात तो दूर है उनकी परछाई से भी सख्त परहेज करती है ।करीब 90% से अधिक तमिल नेता और तमिल विचार धारा रखने बाले लोग या दल हिंदी और संस्कृत याहातक की आर्य संस्कृति के भी खिलाफ है ।
करुणानिधि की तो बात ही मत कीजिए ये तो 60 के दसक में हिंदी विरोधी आन्दोलन जा अगुवाई की कर चुके है ।
करुणानिधि की तो बात ही मत कीजिए ये तो 60 के दसक में हिंदी विरोधी आन्दोलन जा अगुवाई की कर चुके है ।



03:50, 17 अगस्त 2014 का अवतरण

जयललिता
चित्र:Jayalalithaa1.jpg

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
16 मई 2011
पूर्वा धिकारी करुणानिधि
चुनाव-क्षेत्र श्रीरंगम
पद बहाल
2 मार्च 2002 – 12 मई 2006
पूर्वा धिकारी पन्नीरसेलवम्
उत्तरा धिकारी करुणानिधि
चुनाव-क्षेत्र अंडीपट्टी
पद बहाल
14 मई 2001 – 21 सितम्बर 2001
पूर्वा धिकारी करुणानिधि
उत्तरा धिकारी पन्नीरसेलवम्
चुनाव-क्षेत्र नहीं लड़ा
पद बहाल
24 जून 1991 – 12 मई 1996
पूर्वा धिकारी राष्ट्रपति शासन
उत्तरा धिकारी करुणानिधि
चुनाव-क्षेत्र बर्गुर

जन्म 24 फ़रवरी 1948 (1948-02-24) (आयु 76)
मैसूर, मैसूर राज्य, भारत
जन्म का नाम कोमालवल्ली
राजनीतिक दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम
निवास वेद निलयम, 81/36, पोएस गार्डन, चेन्नई-600 086
धर्म हिंदू

जयललिता जयराम (तमिल भाषा: ஜெ. ஜெயலலிதா, कन्नड भाषा: ಜೆ. ಜಯಲಲಿತಾ, मलयालम भाषा: ജെ. ജയലളിത, जन्म - २४ फरवरी १९४८) ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की की वर्तमान महासचिव तथा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री हैं। उन्हें राज्य की दूसरी महिला मुख्‍यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हैं। पूर्व के दिनों में वे मुख्य रूप से तमिल फिल्मों की अभिनेत्री थीं, किन्तु उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगू, कन्नड और एक हिंदी तथा एक अँग्रेजी फिल्म में भी काम किया है।[1] जब वे स्कूल में पढ़ रही थीं तभी उन्होंने 'एपिसल' नाम की अंग्रेजी फिल्म में काम किया। वे 15 वर्ष की आयु में कन्नड फिल्मों में मुख्‍य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी थीं। इसके बाद वे तमिल फिल्मों में काम करने लगीं। वे दक्षिण भारत की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने स्कर्ट पहनकर फिल्मों में भूमिका निभाई थी। 1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ की।[2] फिल्मी करियर के बाद उन्होने एम.जी. रामचंद्रन के साथ 1982 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होने 1984 से 1989 के दौरान तमिलनाडु से राज्यसभा के लिए राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया। वर्ष 1987 में रामचंद्रन का निधन के बाद उन्होने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। वे 24 जून, 1991 से 12 मई 1996 तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्‍यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं। अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने 16 मई, 2011 को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लीं और तब से वे राज्य की मुख्यमंत्री हैं। राजनीति में उनके समर्थक उन्हें अम्मा (मां) और कभी कभी पुरातची तलाईवी ('क्रांतिकारी नेता') कहकर बुलाते हैं।[3]

प्रारंभिक जीवन

जयललिता का जन्म 24 फ़रवरी, 1948 को एक 'अय्यर' परिवार में, मैसूर राज्य (जो कि अब कर्नाटक का हिस्सा है) के मांडया जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गांव में हुआ था। उनके दादा तत्कालीन मैसूर राज्य में एक सर्जन थे। महज 2 साल की उम्र में ही उनके पिता जयराम, उन्हें माँ संध्या के साथ अकेला छोड़ कर चल बसे थे। पिता की मृत्यु के पश्चात उनकी मां उन्हें लेकर बंगलौर चली आयीं, जहां उनके माता-पिता रहते थे। बाद में उनकी मां ने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया और अपना फिल्मी नाम 'संध्या' रख लिया।[4]

उनकी प्रारंभिक शिक्षा पहले बंगलौर और बाद में चेन्नई में हुई। चेन्नई के स्टेला मारिस कॉलेज में पढ़ने की बजाय उन्होंने सरकारी वजीफे से आगे पढ़ाई की।[5]

फिल्मी जीवन

जब वे स्कूल में ही पढ़ रही थीं तभी उनकी मां ने उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए राजी कर लिया। विद्यालई शिक्षा के दौरान ही उन्होंने 1961 में 'एपिसल' नाम की एक अंग्रेजी फिल्म में काम किया। मात्र 15 वर्ष की आयु में वे कन्नड फिल्मों में मुख्‍य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी। कन्नड भाषा में उनकी पहली फिल्म 'चिन्नाडा गोम्बे' है जो 1964 में प्रदर्शित हुई।[6] उसके बाद उन्होने तमिल फिल्मों की ओर रुख किया। वे पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने स्कर्ट पहनकर भूमिका निभाई थी।[7]


तमिल सिनेमा में उन्होने जाने माने निर्देशक श्रीधर की फिल्म 'वेन्नीरादई' से अपना करियर शुरू किया और लगभग 300 फिल्मों में काम किया। उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगु, कन्नड़, अँग्रेजी और हिन्दी फिल्मों में भी काम किया है। उन्होने धर्मेंद्र सहित कई अभिनेताओं के साथ काम किया, किन्तु उनकी ज्यादातर फिल्में शिवाजी गणेशन और एमजी रामचंद्रन के साथ ही आईं।[7]

राजनीतिक जीवन

चेन्नई की सड़कों पर जयललिता का फ्लैक्स बोर्ड
चित्र:AIADMK Election Manifesto.JPG
ए आई डी एम के का घोषणा पत्र जारी करती जयललिता
जयललिता और अमेरिकी विदेश सचिव हिलेरी क्लिंटन

अम्मा ने 1982 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की सदस्यता ग्रहण करते हुए एम.जी. रामचंद्रन के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1983 में उन्हें पार्टी का प्रोपेगेंडा सचिव नियुक्त किया गया। बाद में अंग्रेजी में उनकी वाक क्षमता को देखते हुए पार्टी प्रमुख रामचंद्रन ने उन्हें राज्यसभा में भिजवाया और राज्य विधानसभा के उपचुनाव में जितवाकर उन्हें विधानसभा सदस्य बनवाया।[8][9] 1984 से 1989 तक वे तमिलनाडु से राज्यसभा की सदस्य रहीं। बाद में, पार्टी के कुछ नेताओं ने उनके और रामचंद्रन के बीच दरार पैदा कर दी। उस समय वे एक तमिल पत्रिका में अपने निजी जीवन के बारे में कॉलम लिखती थीं पर रामचंद्रन ने दूसरे नेताओं के कहने पर उन्हें ऐसा करने से रोका। 1984 में जब मस्तिष्क के स्ट्रोक के चलते रामचंद्रन अक्षम हो गए तब जया ने मुख्यमंत्री की गद्‍दी संभालनी चाही, लेकिन तब रामचंद्रन ने उन्हें पार्टी के उप नेता पद से भी हटा दिया।[10]

वर्ष 1987 में रामचंद्रन का निधन हो गया और इसके बाद अन्ना द्रमुक दो धड़ों में बंट गई। एक धड़े की नेता एमजीआर की विधवा जानकी रामचंद्रन थीं और दूसरे की जयललिता, लेकिन जयललिता ने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।[3]

वर्ष 1989 में उनकी पार्टी ने राज्य विधानसभा में 27 सीटें जीतीं और वे तमिलनाडू की पहली निर्वाचित नेता प्रतिपक्ष बनीं।[3]

वर्ष 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद राज्य में हुए चुनावों में उनकी पार्टी ने कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा और सरकार बनाई। वे 24 जून, 1991 से 12 मई तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्‍यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं।[2]

वर्ष 1992 में उनकी सरकार ने बालिकाओं की रक्षा के लिए 'क्रैडल बेबी स्कीम' शुरू की ताकि अनाथ और बेसहारा बच्चियों को खुशहाल जीवन मिल सके। इसी बर्ष राज्य में ऐसे पुलिस थाने खोले गए जहां केवल महिलाएं ही तैनात होती थीं।[2]

1996 में उनकी पार्टी चुनावों में हार गई और वे खुद भी चुनाव हार गईं। इस हार के बाद सरकार विरोधी जनभावना और उनके मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुये। पहली बार मुख्यमंत्री रहते हुए उनपर कई गंभीर आरोप लगे। उन्होंने कभी शादी नहीं की लेकिन अपने दत्तक पुत्र 'वीएन सुधाकरण' की शादी पर पानी की तरह पैसे बहाए। यह विषय भी इन मामलों का एक हिस्सा रहा।[2][3]

भ्रष्टाचार के मामलों और कोर्ट से सजा होने के बावजूद वे अपनी पार्टी को चुनावों में जिताने में सफल रहीं। हालांकि गंभीर आरोपों के कारण उन्हें इस दौरान काफी कठिन दौर से गुजरना पड़ा, पर 2001 में वे फिर एक बार तमिलनडू की मुख्यमंत्री बनने में सफल हुईं। उन्होंने गैर चुने हुए मुख्यमंत्री के तौर पर कुर्सी संभाल ली। दोबारा सत्ता में आने के बाद उन्होंने लॉटरी टिकट पर पाबंदी लगा दी। हड़ताल पर जाने की वजह से दो लाख कर्मचारियों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया, किसानों की मुफ्त बिजली पर रोक लगा दी, राशन की दुकानों में चावल की कीमत बढ़ा दी, 5000 रुपये से ज्यादा कमाने वालों के राशन कार्ड खारिज कर दिए, बस किराया बढ़ा दिया और मंदिरों में जानवरों की बलि पर रोक लगा दी। इसी बीच भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया और उन्हें अपनी कुर्सी अपने विश्वस्त मंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को सौंपनी पड़ी। जब उन्हें मद्रास हाईकोर्ट से कुछ आरोपों से राहत मिल गई तो वे मार्च 2002 में फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी सँभाल ली। हालांकि 2004 के लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद उन्होंने पशुबलि की अनुमति दे दी और किसानों की मुफ्त बिजली भी बहाल हो गई।[3]

अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने 16 मई, 2011 को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लीं और तब से वे राज्य की मुख्यमंत्री हैं।[2] जयललिता हमेशा से ही तमिल भाषा , संस्कृति और अस्मिता की बात करती आरही है । उनका मुख्य लक्ष्य ही तमिल मुद्दा है ।हिंदी विरोधी नेताओ में उनकी गिनती होती है ।शायद एक राष्ट्रवाद उन्हें पसंद नहीं है !अभी हाल में ही संस्कृत सप्ताह मानाने की बात आई तो सबसे पहले पीएम नरेन्द्र मोदी को चिठ्ठी लिखकर अपना विरोध जताया ।सायद ही किसी और ने किया होगा पर जयललिता हिंदी हो या संस्कृत इसे तमिलनाडु में लागु करने की बात तो दूर है उनकी परछाई से भी सख्त परहेज करती है ।करीब 90% से अधिक तमिल नेता और तमिल विचार धारा रखने बाले लोग या दल हिंदी और संस्कृत याहातक की आर्य संस्कृति के भी खिलाफ है । करुणानिधि की तो बात ही मत कीजिए ये तो 60 के दसक में हिंदी विरोधी आन्दोलन जा अगुवाई की कर चुके है ।

सम्मान

जयललिता को पहली बार मद्रास विश्वविद्यालय से 1991 में डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली और उसके बाद उन्हें कई बार मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया जा चुका है।[11][12][13] वर्ष 1997 में उनके जीवन पर बनी एक तमिल फिल्म 'इरूवर' आई थी जिसमें जयललिता की भूमिका ऐश्वर्या राय ने निभाई थी।[3]

सन्दर्भ

  1. "Jayalalitha to debut in Hindi for campaigns" (अंग्रेजी में). दि एकोनोमिक्स टाइम्स. आई॰ ए॰ एन॰ एस॰. 8 अप्रैल 2007. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  2. "जयललिता : प्रोफाइल". वेबदुनिया हिन्दी. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2014.
  3. "अभिनेत्री से अम्मा तक जयललिता का सफर". डचे वेले हिन्दी. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2014.
  4. "In school her name was Komalavalli". डी एन ए समाचार पत्र (अंग्रेजी में). 7 मई 2006. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  5. "Profile" (अंग्रेजी में). तमिलनाडू सरकार. मूल से 3 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  6. श्रीनिवास राजू, सुगता (21 मार्च 2011). "The Road To Ammahood" (अंग्रेजी में). Outlook India. अभिगमन तिथि 13 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  7. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  8. "Honourable Chief Ministe" (अँग्रेजी में). तमिलनडू विधान सभा. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  9. "Personality cult" (अँग्रेजी में). बीबीसी. 30 मार्च 2009. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  10. "MGR: The original 'ladies man'" (अँग्रेजी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. 13 मार्च 2010. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  11. "Awards and Special De" (अंग्रेज़ी में). चेन्नई, भारत: तमिलनाडू सरकार. अभिगमन तिथि 14 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  12. "Awards" (अंग्रेज़ी में). एनडीटीवी. अभिगमन तिथि 14 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  13. "Awards" (अंग्रेज़ी में). एनडीटीवी. अभिगमन तिथि 14 अगस्त 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)

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राजनीतिक कार्यालय


पूर्वाधिकारी
करुणानिधि
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पहली बार

1991–1996
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तमिलनाडू की मुख्यमंत्री
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उत्तराधिकारी
पन्नीरसेलवम्
पूर्वाधिकारी
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दूसरी बार

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