"काच संक्रमण": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{आधार}} |
{{आधार}} |
||
[[चित्र:Rubber plateau.svg|right|thumb|300px|अर्धक्रिस्टलीय बहुलकों को गरम करने पर उनका [[यंग प्रत्यास्थता गुणांक]] E(Pa) घटता है। यह कमी पहले तेजी से होती है, इसके बाद तापमान के वृहद रेंज में E(Pa) अपरिवर्तनशील रहता है- इस |
[[चित्र:Rubber plateau.svg|right|thumb|300px|अर्धक्रिस्टलीय बहुलकों को गरम करने पर उनका [[यंग प्रत्यास्थता गुणांक]] E(Pa) घटता है। यह कमी पहले तेजी से होती है, इसके बाद तापमान के वृहद रेंज में E(Pa) अपरिवर्तनशील रहता है- इस अवस्था में पदार्थ अत्यधिक [[श्यानता]] प्रदर्शित करता है। यदि ताप को और बढ़ाया जाय तो बहुलक पिघल जाता है और E(Pa) का मान शून्य हो जाता है। चित्र में काच संक्रमण ताप दिखाया गया है।]] |
||
अक्रिस्टलीय पदार्थों का कठोर एवं भंगुर प्रावस्था से पिछली हुई रबर-जैसी अवस्था में |
अक्रिस्टलीय पदार्थों का कठोर एवं भंगुर प्रावस्था से पिछली हुई रबर-जैसी अवस्था में आना '''काच-द्रव संक्रमण''' (या संक्षेप में 'काच संक्रमण') कहलाता है। यह एक व्युत्क्रमणीय प्रक्रिया है। जिस ताप पर काच-द्रव संक्रमण होता है उस ताप को 'काच संक्रमण ताप' '''Tg''' कहते हैं। जो भी अक्रिस्टलीय पदार्थ काच-द्रव संक्रमण का गुण प्रदर्शित करते हैं, [[काच]] कहलाते हैं। इसके विपरीत, श्यान द्रव का अतिशीतलन करके काच बनाने की प्रक्रिया को [[काचीकरण]] (vitrification) कहते हैं। |
||
ध्यान देने योग्य बात है कि यद्यपि काच संक्रमण में पदार्थ के भौतिक गुणों में बहुत अधिक परिवर्तन होता है, तथापि काच संक्रमण अपने आप में प्रावस्था-परिवर्तन (phase transition) नहीं है। Tg का मान क्वथनांक Tm से सदा कम होता है। |
|||
ध्यान देने योग्य बात है कि |
|||
==प्रमुख |
==प्रमुख बहुलकों का Tg == |
||
{| class="wikitable" |
{| class="wikitable" |
12:14, 7 अगस्त 2014 का अवतरण
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
अक्रिस्टलीय पदार्थों का कठोर एवं भंगुर प्रावस्था से पिछली हुई रबर-जैसी अवस्था में आना काच-द्रव संक्रमण (या संक्षेप में 'काच संक्रमण') कहलाता है। यह एक व्युत्क्रमणीय प्रक्रिया है। जिस ताप पर काच-द्रव संक्रमण होता है उस ताप को 'काच संक्रमण ताप' Tg कहते हैं। जो भी अक्रिस्टलीय पदार्थ काच-द्रव संक्रमण का गुण प्रदर्शित करते हैं, काच कहलाते हैं। इसके विपरीत, श्यान द्रव का अतिशीतलन करके काच बनाने की प्रक्रिया को काचीकरण (vitrification) कहते हैं।
ध्यान देने योग्य बात है कि यद्यपि काच संक्रमण में पदार्थ के भौतिक गुणों में बहुत अधिक परिवर्तन होता है, तथापि काच संक्रमण अपने आप में प्रावस्था-परिवर्तन (phase transition) नहीं है। Tg का मान क्वथनांक Tm से सदा कम होता है।
प्रमुख बहुलकों का Tg
Polímero | Tg (°C में) | Tm (°C में) |
---|---|---|
ABS | ||
Poliacetal | ||
नाइलोन 6 | ||
नाइलोन 6,6 | ||
नाइलोन 6,10 | ||
नाइलोन 11 | ||
Poliacrilonitrilo | ||
पॉलीब्यूटाडाइन | ||
पॉलीकार्बोनेट | ||
पी पी | ||
पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) | ||
पॉलीस्टरीन | ||
पॉलीस्टर | ||
PEAD | ||
PEBD | ||
PET | ||
PMMA | ||
पॉलीप्रोपिलीन |