"हदीस": अवतरणों में अंतर

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17:02, 5 फ़रवरी 2014 का अवतरण

अहादीस

प्रस्तावना

अहादीस अनुवाद में 'धर्म' का इस्तेमाल प्राय: होता है रिपोर्ट, अर्थ का विरोधकरने के कथनों मुहम्मद और है। हदीस साहित्य के योग्य नही होता था कि "प्राथमिक स्रोत सामग्री' से संकलित रिपोर्टों में मौजूद थे कि समाज के आसपास के समय उनके संकलन था, जो पै.गंबर मुहम्मद की मृत्यु के बाद ही है। बुखारी ने विचार किया है जो कई संग्रह के रूप में परम्परागत धामिऩक विद्वानों की मृत्यु के बाद दो शताब्दियों तक के सबसे विश्वसनीय पै.गंबर संकलित किया गया। यदि कुरान के आधार पर बनाई हैं। इन राविया इस्लामी कानून कुरान के बावजूद, वे अंतर्विरोधों के शामिल होने का संबंध है,के लिए दंड जिना हदीस (उदाहरण के लिए संगसार करना और फिर यह अभी भी कुरान की मृत्यु) लापरवाह द्वारा निर्धारित दण्ड स्कूलों की स्थापना के रूप में इस प्रकार हन.फी मानते हैं। हदीस पर गहरा प्रभाव भी है यदि.कुरान की टीकाओं (त.फसीर के इस उद्धत)। प्रारंभिक इस्लामी इतिहास का व्यापक रूप से उपलब्ध है यदि.कुरान के आधार पर भी है। अहादीस के प्रत्येक दो भागों की रचना की है, अधिकारियों की एक श्रृंखला रिपोर्टिंग हदीस के परीक्षणों का रुख नहीं होगा जो 'आधुनिक मानदंडों के अनुसार विडवसनीयता के ऐतिहासिक समीक्षा' के पाठ और स्वयं। पारंपरिक न्यायशास्त्र द्वारा के रूप में माना जाता हदीस के प्रतिष्ठित संकलन इस्लामी स्कूलों को समझने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण के मामलों में कुरान और विधि शास्त्र। इस्लाम की सबसे पंथों और सुन्नळ,शीया और इबादि, विभिन्न प्रकार के अहादीस संग्रह पर निर्भर है।

परिभाषा

इस्लामी शब्दावली में बयान की खबरों का उल्लेख किया गया है, यदि कुरान या उनके कार्यकाल की आलोचना करने की स्वीकृति या मुहम्मद, या गुप्त के कुछ कहा या उसकी उपस्थिति में किया गया। अल-अहादीस विशेषज्ञ इब्न हजर असकलानी धार्मिक परंपराओं में कहा गया है कि यदि.कुरान की इबारत आशयित है लेकिन कुछ वजह मुहम्मद कुरान में पाया जाता है।अन्य संबद्ध शब्द समान अर्थ होता सहित (समाचार , की सूचना) बहुधा, मुहम्मद रिपोर्ट का उल्लेख किया गया है, लेकिन कभी-कभी अपने साथियों का उल् लेख किया है और उसके बारे में परंपरा के उत्तराधिकारी विलोमत:सृजन, आमतौर पर राजकाज (कोबाल् ट, अवशेष) के बारे में लगों को परंपराओं और उत्तराधिकारियों, हालांकि कभी कभी लगभग मुहम्मद शिक्षाद्वारा परंपरा है। इस शब्द का प्रयोग किया जाता है में सुन्न सीमा के संदर्भ में यह प्रथा मुहम्मद या आरंभिक मुस्लिम समुदाय।


अहादीस कुदसी

अहादीस कुदसी (या किसी पवित्र हदीस) उप-वर्ग के हैं, यदि.कुरान की उक्तियां मुहम्मद है। हदीस कुदसी की शब्दों के बारे में मुसलमानों को ईश्वर (अल्लाह) :अरबी , मुहम्मद द्वारा बार-बार की शर्त पर एक इसनिद दर्ज किया ह सैय्यद का प्रयोग हुसैन के रूप में राख के अनुसार-अल-जूरजाननि-शरीफ, हदीथ कुदसी कुरान से भिन्न है कि पूर्व में मुहम्मद के शब्दों में व्यक्त किया है. जबकि दूसरे शब्दों में "प्रत्यक्ष देवता की है।"[1]


अहादीस के कुछ उदाहरण

१)हज़रत आइशा रजियल्लह अनहा प्हरमाती है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने इस बात का हुकम प्हरमाया कि हम, लोगो के सात उनके मरतबो का लिहाज़ करके बरताव किय कर्र । सही मुसलीम

२)हज़रत अबु सईद रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) को ईर्शाद प्हरमाते हुए सुना : हज़रत आइशा रजियल्लह अनहा प्हरमाती है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने इस बात का हुकम प्हरमाया कि हम, लोगो के सात उनके मरतबो का लिहाज़ करके बरताव किय कर्र । सही मुसलीम

३)हज़रत अबु सईद रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) को ईर्शाद प्हरमाते हुए सुना : मुजे मिसकीन तबीयत बनाकर ज़िन्दा रकि, मिसकीनी की हालत मै दुनिया से उटाइए ऑर मेरा हऋ मिसकीनॉ की जमाअत मै प्हरमाइए । मुस्तदरक हाकिम

४)हज़रत पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति) ने कहा - 'मुझे नहीं भेजे थे, ईश् वर या नुकसान पहुंचा, लेकिन मुझे पढाने के लिए भेजा गया और कामॉ आसान करने " - सही मुस्लिम

५)हज़रत पै.गंबर साहब (पर उसे शांति) ने कहा - 'वह है जो सबसे अधिक विश् वास में पूर्ण आस् था में होता है और आशीर्वादमिले। अपनी पत्नी को पूरी तरह से." [2]

६)मसरुक ने कहा - 'मैं पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति) की पत्नी (जो आइशा ) पैगंबर अच्छे पत्र द्वारा बहुत प्यार करते थे। उन्होंने कहा: "एक पत्र लगातार किया."सही अल बुकारी, वाल्यूम २, २३२

७)हज़रत पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति) ने कहा : "अल्लाह के अनुसार आप आपके निकायों और न् यायाधीश नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने काश्रण नष् ट देखता है और समुक्ति करती है."

८)हज़रत पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति) ने कहा - 'संपदा के विभिन्न प्रकार के होते हैं, और वे खजाने हैं. खजाने (सभी) । अति थि-सत् कार का है जिसे अल्लाह मनुष् य ने एक लॉक कुंजी के लि अच्छे और बुरे" १३६६ अल तिर्मीजी

९)हज़रत अबु सईद रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने ईर्शाद प्हरमाया : पुरी स्च्चाई ऑर अमानतदारी के सात्ह कारोबार करने वाला ताजीर अम्बिया , सिद्दीकीन ऑर शुहदा के सात्त्ह हो। तिर्मीजी

१०)हज़रत अब्दुल्ला रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने कहा, "ठीक नहीं है और न ही पडे में गंभीरता और न ही गंभीरता मजाक में ही है। आप अपने बच्चे की बात नहीं करनी चाहिए और फिर उसे वचन उनके लिए."

११) हज़रत अबुद्दर्दा रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने ईर्शाद प्हरमाया : कियमत के दिन मोंमिन के तराज़ू मे अच्चे अखलाक से ज़्यदा भारी कोई चीज़ नही होग । अबुदाऊद

१२) हज़रत पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति और हाथ मिलाने) ने कहा - 'ऊिंचे हो जाएंगी। भेंट देना एक-दूसरे से प्यार और एक-दूसरे गायब हो और आपसी दुश्मनी" - अल मुवत्त्ह, वाल् यूम ४७,१६ हदीथ

१३) इब्न उमर ने कहा है, "लज्जा और विश् वास है। यदि उनमें से एक दूर हटा दिया जाता है, दूसरा."

१४)पुसैला नामक एक महिला ने कहा कि उन्होंने उनके पिता से सुना कहते हैं, "मैंने पूछा, "अल्लह के लिए अवज्ञा का एक भाग है, मनुष्य में अपनी जनता को कुछ सहायता, जो अन्यायपूर्ण है?' 'हां' उन्होंने कहा था."

१५) उक्बा की बेटी कुलथुम ने ' इब्न अबी मोतजिलियों सूचना, संदेशवाहक अल्लाह की सुनवाई कर सकता है कि वह उन्हें अल्लाह आशीर्वाद देने और उसे शांति, कहते हैं, "यह कहकर लोगों के बीच शांति किसी चीज है जो कुछ अच्छा से संबंधित नहीं है अथवा झूठा ।

१६)हज़रत अब्दुल्ला रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने ईर्शाद प्हरमाया :इस बीच "आपको सबसे उत्तम तरीकों के पास हैं, जो पत्रकार: "" अल-बुखारी, खंड ८: # ५६ख

१७)हज़रत आइशा रजियल्लह अनहा प्हरमाती है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने कहा : इस प्रकार है और ईश् वर के प्रति दयालुता दिखाने सारी चीजें पसंद है" (स्रोत: बुखारी मुबस्लम ६३३)

१८)हज़रत अनास रजियल्लह अनहा प्हरमाती है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने कहा :(कोई भी नहीं चाहता है तो आप विश्वास "जब तक वह अपने भाई के लिए वह चाहे जो अपने लीए चाहे " अल-बुखारी खंड १: #१२[3]

१९)हज़रत अबू अल-बदरी से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने ईर्शाद प्हरमाया : मनुष्य के खर्च पर उनके परिवार के एक चैरिटी है" अल-बुखारी खंड ५,३४३ #

२०)अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अल-ए.एम.आर.' में ' (रा): कोई मनुष् य ने कहा कि वह शांति के दूत (अल्लाह) अधिनियम, जो इस् लाम में 'सर्वोत्तम है?" उन्होंने (पर उसे शांति) ने उत्तर दिया, "भोजन के लिए निर्धन और जरूरतमंद लोगों के लिए) और जिन्हें आप जानते हैं और वे आपको बधाई देता नहीं जानते है।' [ पीछेचलें अल-बुखारी और मुस्लिम][4]

२१)उमर अब्दुल्ला बिन' द्वारा दी गई रिपोर्ट " (रा): (पर उसे शांति) ने कहा, "यह अच्छाई के बढ़िया अधिनियम करना मेरा यह है कि कोई व्यक्ति को अपने पिता के प्रियजनों की है।" [मुस्लिम]

सन्दर्भ

साँचा:टिप्पणी सुंची

  1. http://www.seratonline.com/23938/relevance-of-narrating-traditions-in-the-present-times/ Relevance of narrating traditions in the present times.
  2. http://mercyprophet.org/mul/node/1071 PROPHETIC PEARLS: SAYINGS OF THE PROPHET
  3. http://www.islamawareness.net/Hadith/htopic_behaviourpeople.html Hadith: Behaviour with people
  4. http://ummat-e-nabi.com/ Neki Ke Sahih Mayne Quraan Ki Roshani Me