"मेसोअमेरिकी": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो Bot: Migrating interwiki links, now provided by Wikidata on d:q13703
छो Bot: removing existed iw links in Wikidata
पंक्ति 408: पंक्ति 408:


{{Link FA|es}}
{{Link FA|es}}

[[be-x-old:Мэзаамэрыка]]
[[fiu-vro:Mesoameeriga]]
[[no:Mesoamerika]]
[[simple:Mesoamerica]]

18:21, 29 जनवरी 2014 का अवतरण

350 पीएक्स (px)
350 पीएक्स (px)
350 पीएक्स (px)
350 पीएक्स (px)
पैलेंकी के क्लासिक माया शहर का दृश्य, जो 6 और 7 सदियों में सुशोभित हुआ, मेसोअमेरिकी सभ्यता की उपलब्धियों के कई उदाहरणों में से एक है
ट्युटिहुकन के मेसोअमेरिकी शहर का एक दृश्य, जो 200 ई. से 600 ई. तक सुशोभित हुआ, और जो अमेरिका में दूसरी सबसे बड़ी पिरामिड की साइट है
माया चित्रलिपि पत्रिका में अभिलेख, कई मेसोअमरिकी लेखन प्रणालियों में से एक शिलालेख.दुनिया में मेसोअमेरिका पांच स्थानों में से एक है जहां स्वतंत्र रूप से लेखन विकसित हुआ है

मेसोअमेरिका या मेसो-अमेरिका (स्पेनी: Mesoamérica) अमेरिका का एक क्षेत्र एवं सांस्कृतिक प्रान्त है, जो केन्द्रीय मैक्सिको से लगभग बेलाइज, ग्वाटेमाला, एल सल्वाडोर, हौंड्यूरॉस, निकारागुआ और कॉस्टा रिका तक फैला हुआ है, जिसके अन्दर 16वीं और 17वीं शताब्दी में, अमेरिका के स्पैनिश उपनिवेशवाद से पूर्व कई पूर्व कोलंबियाई समाज फलफूल रहे थे.[1][2][3]

इस क्षेत्र के प्रागैतिहासिक समूह, कृषि ग्रामों तथा बड़ी औपचारिक व राजनैतिक-धार्मिक राजधानियों द्वारा वर्णित हैं.[4] यह सांस्कृतिक क्षेत्र अमेरिका की कुछ सर्वाधिक जटिल और उन्नत संस्कृतियों जैसे, ऑल्मेक, ज़ैपोटेक, टियोतिहुआकैन, माया, मिक्सटेक, टोटोनाक और एज़्टेक को शामिल करता है.[5]

व्युत्पत्ति और परिभाषा

अमेरिका के अंदर मेसोअमेरिका का स्थान.

वाक्यांश, मेसोअमेरिका -शाब्दिक अर्थ, यूनानी भाषा में, "मध्य अमेरिका"- का पहली बार प्रयोग जर्मन नस्लविज्ञानी पॉल किर्चऑफ ने किया था,[6] जिन्होंने इस क्षेत्र के अन्दर, जिसमे दक्षिणी मैक्सिको, ग्वाटेमाला, बेलाइज, एल सल्वाडोर, पश्चिमी हौंड्यूरॉस और निकारागुआ तथा उत्तरपश्चिमी कॉस्टा रिका का प्रशांत महासागरीय निचला प्रदेश शामिल है, में अनेकों पूर्व कोल्मिबियाई संस्कृतियों के मध्य समानता देखी. सांस्कृतिक इतिहास की परंपरा में, प्रारम्भ से लेकर 20 वीं शताब्दी के मध्य तक प्रचलित पुरातात्विक सिद्धांत में, किर्चऑफ ने इस क्षेत्र को अन्तर्संबद्ध सांस्कृतिक समानताओं के समूह के सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया है जो हजारों वर्षों के अंतर एवं अन्तः क्षेत्रीय पारस्परिक प्रभाव के फलस्वरूप लाये गए हैं (अर्थात, विसरण).

इसके अंतर्गत वर्ष भर प्राकृतिक संसाधनों की उलब्धता, कृषि (विशेषरूप से मक्के की खेती पर निर्भरता), दो अलग कैलेंडरों का प्रयोग (एक परंपरागत 260 दिनों वाला कैलेण्डर और एक सूर्य वर्ष पर आधारित 365 दिनों वाला कैलेण्डर), 20 को आधार मानाने वाली (विजेसिमल) संख्या प्रणाली, पिक्टोग्राफ और हायरोग्लाइफिक लेखन प्रणाली, बलिदान के विभिन्न प्रकार के अभ्यासों का प्रचलन और एक जटिल सहभाजी सैद्धांतिक अवधारणा शामिल है. मेसोअमेरिका को एक बहुभाषी क्षेत्र के रूप में भी प्रदर्शित किया गया है, जो कि विसरण के माध्यम से इस पूरे क्षेत्र में प्रचलित व्याकरण संबंधी अनेक लक्षणों द्वारा परिभाषित है -

मेसोअमेरिका को एक लगभग-आदर्श स्वरूप सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में मान्यता प्रदान की गई है और अब यह शब्द पूर्व कोलंबियाई मानविकीय अध्ययनों की मानक शब्दावली में पूर्णतः एकीकृत हो चुका है. इसके विपरीत, इसके अन्य सम्तुल्य शब्द, एरिडोअमेरिका और ओएसिसमेरिका जोकि क्रमशः उत्तरी मैक्सिको और पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर संकेत करते हैं, का प्रयोग इतने व्यापक स्तर पर नहीं होता है.

पुरातात्विक और नस्लविज्ञान संबंधी प्रयोग से असम्बद्ध, शब्द का प्रयोग एक आधुनिक आर्थिक क्षेत्र जिसे मेसोअमेरिकी क्षेत्र (एमएआर [MAR]) की उपाधि दी जा सकती है, हेतु भी किया जा सकता है, जोकि केन्द्रीय अमेरिका के देशों और दक्षिणपूर्वी मैक्सिको के 9 राज्यों से मिलकर बना है.

भूगोल

मेसोअमेरिका, उत्तरी एवम दक्षिणी अमेरिका को ca. 10 डिग्री और 22 डिग्री के उत्तरी अक्षांश पर जोड़ने वाली मध्य अमेरिकी संयोजन भूमि पर आधारित है, यह पारिस्थितिकी प्रणाली, स्थलाकृतिक क्षेत्रों और पर्यावरणीय संबंधों का एक जटिल संयोजन लिए हुए है. पुरातत्ववेत्ता और मानविकीविद्, माइकेल डी. कोए इन तीन भिन्न तथ्यों को दो व्यापक श्रेणियोंसाँचा:Citequote: निचले स्थल (वह क्षेत्र जो समुद्र स्तर और 1000 मीटर के बीच आते हैं) तथा एल्टीप्लानोस , या उच्च्स्थल (जो समुद्र स्तर के ऊपर 1000 और 2000 मीटर की ऊंचाई पर हैं) में रखते हैं. निचले क्षेत्रों में, उपोष्णकटिबंधीय और ऊष्णकटिबंधीय जलवायु का पाया जाना अत्यंत सामान्य है, जैसा कि अधिकांश प्रशांत महासागरीय, मेक्सिको खाड़ी और कैरेबियाई समुद्र की तटरेखा के लिए सत्य है. उच्च क्षेत्र कहीं अधिक जलवायु भिन्नता दिखाते हैं, जिनमे शुष्क ऊष्णकटिबन्धी से लेकर ठंडी पर्वतीय जलवायु तक शामिल होती है; अधिक समय तक प्रभावी रहने वाला मौसम गर्म तापमान और हल्की वर्षा से युक्त संतुलित रहता है. वर्षा का स्तर शुष्क ओक्साका और नॉर्थ युकाटन से लेकर उमस भरे दक्षिणी प्रशांत महासागर और कैरेबियाई निचले प्रदेशों तक परिवर्तित होता रहता है.

स्थलाकृति

चित्र:Guatemalahighlands.jpg
ग्वाटेमाला स्थित सिएरा माद्रे , जो ऐटिटलान और सैन पेड्रो ज्वालामुखियों को प्रदर्शित कर रहा है

मेसोअमेरिका में वैली ऑफ मैक्सिको के परिगत ऊंची चोटियों और केन्द्रीय सिएरा माद्रे पर्वतों के अन्दर से लेकर उत्तरी युकाटन प्रायद्वीप की समतल निचली भूमि तक, स्थलाकृतिक परिवर्तन बहुत अधिक होता है. मेसोअमेरिका की सबसे उंच पर्वत श्रेणी पिको डे ओरिज़ाबा है, जोकि प्युब्ला और वेराक्रुज़ की सीमा पर स्थित एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है. इसकी अधिकतम ऊंचाई 5,636 मीटर (18,490 फीट) है.

सिएरा माद्रे पर्वत, जिनके अंतर्गत अनेको छोटी श्रेणियां आती हैं, वह उत्तरी मेसोअमेरिका से लेकर कॉस्टा रिका से होता हुआ दक्षिण तक जाता है. यह श्रृंखला ऐतिहासिक रूप से ज्वालामुखी के लिए प्रसिद्ध रही है. केंद्रीय और दक्षिणी मेक्सिको में, सिएरा माद्रे श्रृंखला का एक भाग एज वोल्कैनिको ट्रांसवर्सल या ट्रांस-मेक्सिकन वोल्कैनिक बेल्ट के नाम से जाना जाता है. सिएरा माद्रे श्रेणी के अंतर्गत 83 निष्क्रिय और सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जिनमे से 11 मैक्सिको, 37 ग्वाटेमाला, 7 एल सल्वाडोर, 25 निकारागुआ और 3 उत्तरपश्चिमी कॉस्टा रिका में स्थित हैं. मिशिगन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय [2] के अनुसार इसमें से 16 अब भी सक्रिय हैं. सर्वाधिक ऊंचा सक्रिय ज्वालामुखी 5,452 मीटर (17,887 फीट) की ऊंचाई पर स्थित पॉपोकैटेपेट्ल (Popocatépetl) है. यह ज्वालामुखी, जिसने अभी तक अपने नहुअत्ल नाम को सुरक्षित रखा है, वह मेक्सिको सिटी के दक्षिणपूर्व में 70 किलोमीटर (43 मील) की दूरी पर स्थित है. इसके अन्य ज्वालामुखियों के अंतर्गत मेक्सिको-ग्वाटेमाला सीमा पर स्थित टाकन, ग्वातामेला स्थित टाजुमुल्को और सैंटामारिया, एल सल्वाडोर स्थित इज़लको, निकारागुआ स्थित मोमोटॉम्बो और कॉस्टा रिका स्थित एरिनल आते हैं.

मेसोअमेरिकी हाइलैंड्स के लैंडस्केप

यहां का एक महत्त्वपूर्ण स्थलाकृतिक लक्षण तेहुएंतेपेक की संयोग भूमि है, यह एक निचला पठार है जो सिएरा माद्रे श्रृंखला को सिएरा माद्रे डेल सुर में उत्तर की ओर तथा में दक्षिण की और विभक्त करता है. अपने उच्चतम बिंदु पर, माध्य समुद्र तल से 224 मीटर (735 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. यह क्षेत्र मेक्सिको की खाड़ी और मेक्सिको के प्रशांत महासागर के बीच का सबसे छोटा मार्ग भी है. दोनों तटों के बीच की दूरी लगभग 200 किमी (120 मील) है. हालांकि संयोग भूमि का उत्तरी हिस्सा दलदली है और घने जंगलों से आच्छादित है, परंतु इसके बावजूद भी सिएरा माद्रे पर्वत श्रेणी के सबसे निचले और सर्वाधिक समतल बिंदु के रूप में तहुएंतेपेक की संयोग भूमि मेसोअमेरिका के अन्दर परिवहन और संचार का सबसे सस्ता मार्ग थी.

जलाशय

उत्तर में स्थित निचले माया प्रदेश के बाहर पूरे मेसोअमेरिका में नदियों का पाया जाना अत्यंत सामान्य है. इनमे से अधिकांश प्रमुख नदियां पहले इस क्षेत्र में मानव उपजीविका के प्रमुख स्थान के रूप में थीं. मेसोअमेरिका की सबसे लम्बी नदी, उसुमासिंटा जो सालिनास या चिक्सोय और ला पैशन नदी के झुकाव द्वारा ग्वाटेमाला का निर्माण करती है और 970 किलोमीटर (600 मील) लम्बी है, जिसका 480 किलोमीटर क्षेत्र (300 मील) जलयात्रा के योग्य है- अंततः मेक्सिको की खाड़ी में जाकर समाप्त हो जाती है. इसकी अन्य नदियों में रियो ग्रांदे डे सैंटियागो, द ग्रिजल्वा रिवर, द मोटागुआ रिवर, द उलुआ रिवर और द होंडो रिवर शामिल हैं. उत्तरी निचला प्रदेश माया, खासतौर पर युकाटन प्रायद्वीप का उत्तरी भाग, पूर्णतया नदियों से रहित होने के लिए प्रसिद्ध है (अधिकांशतः इसके स्थलाकृतिक भिन्नता की कमी के कारण). इसके अतिरिक्त, उत्तरी पेनिन्सुला में कोई झील भी नहीं है. अतः इस क्षेत्र में जल का प्रमुख स्रोत उप-सतही है, और यह जलवाही स्तर का जल होता है जो प्राकृतिक सोतों में संग्रहित होता है.

8,264 किमी2 (3,191 वर्ग मी) के क्षेत्र में, मेसोअमेरिका में निकारागुआ झील सबसे बड़ी झील है. मेक्सिको में चपला झील ताज़े पानी की सबसे बड़ी झील है, लेकिन तेक्स्कोको झील शायद सबसे अधिक प्रसिद्ध है क्योंकि यह उस स्थान, तेनोचतित्लएं पर है जहां एज़्टेक साम्राज्य की राजधानी स्थापित की गयी थी. उत्तरी ग्वाटेमाला में पेटेन इतजा झील उस स्थान के रूप में प्रसिद्ध है जहां आखिरी स्वतंत्र, माया शहर, तयासाल (या नोह पेटेन), 1697 तक स्थित था. अन्य विशाल झीलों में ऐटितलैन झील, इज्बाल झील, गुजा झील, लेमोना और मानागुआ झीलें हैं.

जैव-विविधता

द माया बायोस्फीयर रिज़र्व, एल मिरादोर, ग्वाटेमाला में एल ताइग्रे कॉम्प्लेक्स .

मेसोअमेरिका में लगभग हर प्रकार का पारिस्थितिक तंत्र मौजूद है; इनमें से अधिक प्रसिद्ध मेसोअमेरिकी बैरियर रीफ, जोकि प्रसिद्धि में विश्व में दूसरे स्थान पर है, और बोसवास बायोस्फीयर रिज़र्व जोकि वर्षावन हैं और अमेरिका में मात्र अमेज़ंस से छोटे हैं.[7] ऊंचे क्षेत्र मिश्रित और शंकुधारी वन से युक्त हैं. यह जैव विविधता के क्षेत्र में विश्व में सर्वाधिक संपन्न है, हालांकि आईयूसीएन (IUCN) की रेड लिस्ट में आने वाली प्रजातियों की संख्या भी प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है.

सांस्कृतिक उप-क्षेत्र

मेसोअमेरिका और उसकी सांस्कृतिक क्षेत्र.

मेसोअमेरिका के भीतर अनेक भिन्न उपक्षेत्र हैं जो भौगोलिक और सांस्कृतिक गुणों की समाभिरूपता द्वारा परिभाषित है. यह उपक्षेत्र सांस्कृतिक दृष्टि से अर्थपूर्ण होने की तुलना में सैद्धांतिक अधिक हैं और इनकी सीमांकन बहुत सख्त नहीं है. उदहारण के लिए, माया क्षेत्र को दो सामान्य समूहों में विभाजित किया जा सकता है: निचले क्षेत्र एवं ऊंचे क्षेत्र. निचले क्षेत्र भी दक्षिणी और उत्तरी निचेले क्षेत्रों के रूप में विभाजित हैं. दक्षिणी निचले माया क्षेत्र आमतौर पर उत्तरी ग्वाटेमाला, दक्षिणी कैम्पेश और मेक्सिको में क्विनटाना रू तथा बेलाइज़ को परिवेष्टित करते हुए माने जाते हैं. उत्तरी निचले क्षेत्र युकाटन पेनिन्सुला के शेष क्षेत्र को समाहित करते हैं. अन्य क्षेत्रों में केन्द्रीय मेक्सिको, पश्चिम मेक्सिको, खाड़ी तटीय निचले क्षेत्र, ओक्साका, दक्षिणी प्रशांत महासागरीय निचले क्षेत्र और दक्षिणपूर्वी मेसोअमेरिका (जिनमे उत्तरी हौंड्यूरॉस भी शामिल हैं) आते हैं.

कालक्रम और संस्कृति

मेसोअमेरिका में मानव उपजीविका का इतिहास कई चरणों एवं कालों में विभाजित है. क्षेत्र के आधार पर कुछ भिन्नता के साथ वे इस प्रकार से जाने जाते हैं, पैलियो-इन्डियन, पुरातन, पुराप्राचीन (या प्राथमिक), प्राचीन और उत्तर प्राचीन काल. अंत के तीन काल, मेसोअमेरिका के सांस्कृतिक प्रतिदीप्ति के मूल की अभिव्यक्ति करते हैं और आगे दो या तीन उप-कालों में विभाजित किये गए हैं. 16वीं शताब्दी में स्पेन के आने के बाद अधिकांश समय औपनिवेशिक काल में जुड़ा हुआ है.

प्रारंभिक कालों का अंतर (अर्थात पुराप्राचीन के उत्तरार्ध तक) आमतौर पर सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के भिन्न विन्यासों को दर्शाता है जो बढ़ती हुई सामाजिक-राजनीतिक जटिलता, नयी और भिन्न जीविका योजनाओं को अपनाने और आर्थिक संगठन में परिवर्तन (जिसमे बढ़ता हुआ अंतरक्षेत्रीय पारस्परिक प्रभाव भी शामिल है) के द्वारा पहचाने जाते हैं. प्राचीन काल को उत्तर प्राचीन काल से मेसोअमेरिका के अनेकों राजनीतिक सत्ताओं के चक्रीय क्रिस्टलीकरण और विखंडन द्वारा विभेदित किया जाता है.

पैलियो-इन्डियन काल

चित्र:Obsidiana.jpg
प्युर्टा पारडा, ग्वाटेमाला से ओब्सीडियन प्रक्षेप्य पॉइंट

मेसोअमेरिकी पैलियो-इन्डियन काल कृषि के आगमन के पूर्व का काल था और इसे जीविका हेतु खानाबदोश शिकार व संग्रहण रणनीति के द्वारा चिन्हित किया जाता है. विशाल जीव का शिकार, जोकि समकालीन उत्तरी अमेरिका के शिकार के ही सामान था, मेसोअमेरिकी पैलियो-इन्डियन की जीविका रणनीति का एक बड़ा घटक होता था. मेसोअमेरिका में इस काल के प्रमाण अपर्याप्त हैं और प्रमाणित स्थल अव्यवस्थित हैं c. 10,500 ईपू. इनमें ग्वाटेमाला के ऊंचे क्षेत्र के शिनाकबे, लॉस तापियालेस और प्युएर्ता पार्डा, बिलाइज़ का औरेंज वॉक और हौंड्यूरॉस का एल जिगांते गुफा भी शामिल थे. [उद्धरण चाहिए]बाद के इन स्थान में अनेकों औब्सीडियन ब्लेड और क्लोविस शैली के प्रक्षेप्य बिंदु थे. फिशटेल बिंदु, जो दक्षिण अमेरिका की सबसे प्रचलित शैली है, को प्युएर्टा पार्डा से निकला गया था, जो c. 10,000 ईपू और साथ ही साथ अन्य स्थान जिनमे चियापास के लॉस ग्राइफोस गुफा (c. 8500 ईपू) और इज्तापन (c. 7700-7300 ईपू), टेक्स्कोको के समीप मेक्सिको की घाटी में स्थित एक विशालकाय हत्या शामिल है.[उद्धरण चाहिए]

पुरातन काल

मेसोअमेरिका में पुरातन काल (8000-2000 ई.पू.) प्रारंभिक कृषि के उदय से चिन्हित है. पुरातन काल के प्रारंभिक चरणों में जंगली पौधों को उगाना और अनियमित घरेलूकरण में अवस्थांतर आदि शामिल थे, जो इस काल के अंत तक कृषि पैदावार और वर्ष भर के लिए पर्याप्त संसाधनों के साथ चरम पर पहुंच गए. पुरातन स्थलों में एस्क्विन्तिला स्थित सिपकेट , ग्वाटेमाला शामिल हैं, जहां मक्के का पराग के नमूने c. 3500 ईपू. के हैं.[उद्धरण चाहिए] तेहाकन, प्युएब्ला की घाटी में स्थित प्रसिद्ध कौक्स्कतालन केव, जिसमे 10,000 से भी अधिक तियोसिंते कौब्स (मक्के का पूर्ववर्ती) और ओक्साका स्थित गिला नेक़ुइत्ज़ मेसोअमेरिका में कृषि के कुछ प्रारंभिक नमूनों को दर्शाते हैं. कुम्हारी का प्रारंभिक विकास जिसे प्रायः पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता के रूप में देखा जाता है, के प्रमाण कई स्थलों में मिलते हैं जिनमें पश्चिम मेक्सिको के नयारित में मातान्चें और गुर्रेरो में प्युएर्टो मारकीज़ शामिल हैं. ग्वाटेमाला के प्रशांत महासागरीय निचले क्षेत्र ला ब्लांका, ओकोस और उजुक्स्ते में प्राचीन मिटटी के बर्तन प्राप्त हुए जो c. 2500 ईपू के थे.[उद्धरण चाहिए][उद्धरण चाहिए]

पुराप्राचीन/प्रारंभिक काल

नकबे, मिराडोर बेसिन में एक मध्य प्रिक्लासिक महल का संरचना हुआ

मेसोअमेरिका में विकसित होने वाली पहली जटिल सभ्यता ऑल्मेक थी, जो पूर्ण पुराप्रचीन काल के दौरान वेराक्रुज़ में तटीय खाड़ी क्षेत्र में रहते थे. ऑल्मेक के प्रमुख स्थलों में सैन लौरेंजो तेनोक्च्तित्लें, ला वेंट और ट्रेस ज़पोतेस थे. हालांकि विशिष्ट तिथियों के संदर्भ में भिन्नता है, लेकिन ये स्थल 1200 से 4000ईपू तक बसे हुए थे. तकालिक अबाज, इजापा और टियोपैंटेक्युएंनिट्लन तथा दक्षिण में सुदूर हौंड्यूरॉस तक अन्य प्रारंभिक संस्कृतियों के अवशेष ऑल्मेक से प्रभावित पाए गए.[8] चियापास और ग्वाटेमाला के प्रशान्त महासागरीय निचले प्रदेशों पर शोध के दौरान यह पता लगता है कि इजापा और मोंटे एल्टो संस्कृतियां संभवतः ऑल्मेक से पहले अस्तित्व में थीं. भूतपूर्व पुराप्राचीन स्थान इजापा में पायी गयी विभिन्न मूर्तिकलाओं से सम्बंधित रेडियोकार्बन के नमूनों से यह जानकारी प्राप्त होती है कि वे संभवत 1800 और 1500 ईपू के मध्य के हैं.[9]

पुराप्रचीन काल के मध्य एवम उत्तरार्ध का समय, दक्षिणी ऊंचे व निचले माया क्षेत्र में और पूर्वीय निचले माया क्षेत्रों के भी कुछ स्थानों पर, माया के उत्थान का गवाह रहा है. प्राचीनतम माया स्थल 1000 ईपू के बाद सम्मिलित हुए और नकबे, एल मिरादोर तथा सेर्रोर्स को शामिल किया. मध्य से पूर्व पुराप्रचीन काल तक माया स्थलों में अन्य के साथ साथ कमिनालिजुयु, सिवाल, एदज़ना, कोबा, लामनी, कोम्चेम, ज़िबिल्चअल्तून और सैन बार्टोलो शामिल थे.

केन्द्रीय मेक्सिको के ऊंचे प्रदेशों में त्लापकोया, त्लेतिलको और कुइकुइल्को जैसे स्थान पूर्व पुराप्रचीन काल के प्रतीक माने जाते थे. अंततः इनका स्थान टियोतिहुआकान द्वारा ले लिया गया, जोकि प्राचीन काल का एक महत्त्वपूर्ण स्थान था और जो अंततः पूरे मेसोअमेरिका में आर्थिक और पारस्परिक क्षेत्रों पर शासन करने वाली थीं. टियोतिहुआकान का समझौता पूर्व पुराप्राचीन काल के बाद के हिस्से में कालांकित है, या लगभग 50 ईसवी में कालांकित है.

ओक्साका की घाटी में, सैन जोस मोगोते इस क्षेत्र के सबसे प्राचीन कृषि गांवों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है और मिटटी के बर्तनों का इस्तेमाल करने वाले गांवों में से पहला है. पूर्व और मध्य पुराप्राचीन काल के दौरान इन स्थानों में रक्षात्मक कटहरों, औपचारिक आकृतियों, कच्ची ईंट के प्रयोगों और हायरोग्लाइफिक लेखनी के कुछ प्रारंभिक उदाहरणों का विकास किया. इसके आलावा महत्त्वपूर्ण रूप से यह स्थान उत्तराधिकार में प्राप्त प्रतिष्ठा का प्रदर्शन करने वाला पहला स्थान था, जो सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक संरचना में एक उग्र बदलाव के संकेत देता था. सैन जोस मोगोते अंततः मोंटे एल्बान, जो बाद में पूर्व पुराप्रचीन काल के दौरान ज़पोतेक साम्राज्य की राजधानी बनी, द्वारा जीत लिया गया.

पश्चिमी मेक्सिकों में, नयारित, जैलिस्को, कोलिमा और माइकोअकान, जिसे ऑक्सिडेंटे के नाम से भी जाना जाता है, में पुराप्राचीन काल अच्छी तरह परिभाषित नहीं है यह काल लुटेरों द्वारा पुनः प्राप्त उन हजारों छोटी प्रतिमाओं के द्वारा सर्वाधिक ठीक से प्रदर्शित किया जाता है जिसका श्रेय "शाफ्ट टॉम्ब ट्रेडिशन" को दिया जाता है.

प्राचीन काल

पूर्व-प्राचीन काल

प्राचीन काल को अनेकों राज्य व्यवस्थाओं के उदय और शासन द्वारा चिह्नित हिया. पूर्व और उत्तर प्राचीन काल के मध्य परम्परागत अंतर उनके परिवर्तनशील भाग्य और क्षेत्रीय प्रथिमकता को बनाये रखने की उनकी क्षमता द्वारा सूचित किया जाता है. केन्द्रीय मेक्सिको में टियोतिहुआकान और ग्वाटेमाला में तिकाल सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं- वास्तव में, पूर्व प्राचीनकाल की कालिक सीमाएं आमतौर पर इस स्थानों के प्रमुख काल के साथ सहसम्बन्धित हैं. ओक्साका में मोंटे एल्बान प्राचीन काल की एक अन्य राज्यव्यवस्था है जो इस काल के दौरान विस्तृत हुई और फलीफूली, लेकिन ज़पोतेक की राजधानी ने इन दो स्थानों की तुलना में कम अंतरक्षेत्रीय प्रभाव डाला.

प्राचीन काल के प्रारंभ में, टियोतिहुआकान ने एक दूरगामी वृहत-क्षेत्रीय पारस्परिक प्रसार में भाग लिया और शायद इस पर अपना प्रभुत्व भी स्थापित किया. वास्तु और शिल्प संबंधी शैली (टालुड-टाब्लेरो, तीन पैर वाले तख्ते के आधार युक्त सिरेमिक के बर्तन)) जो टियोतिहुआकान में साकार हुई थी, की अनेकों दूरस्थ समझौतों के दौरान नक़ल की गयी और अपनाया गया. पाचुका ओब्सीडियन, जिसमे व्यापार और वितरण के सम्बन्ध में यह चर्चा है कि वह टियोतिहुआकान द्वारा नियंत्रित था, संपूर्ण मेसोअमेरिका में पाया जाता है.

प्राचीनकाल की शुरुआत में तिकाल राजनैतिक, आर्थिक और सैन्य रूप से काफी हद तक दक्षिणी निचले माया क्षेत्र के प्रभाव में था. तिकाल में केन्द्रित एक विनिमय प्रसार ने संपूर्ण दक्षिण-पूर्वी मेसोअमेरिका में अनेकों प्रकार के सामानों और वस्तुओं का वितरण किया, जैसे केन्द्रीय मेक्सिको से आयातित औब्सीडीयन (उदहारण के लिए पाचुका) और हाइलैंड ग्वाटेमाला (उदाहरण के लिए एल चायल, जो प्रारंभिक प्राचीन काल के दौरान माया द्वारा प्रमुख रूप से प्रयोग किया जाता था) और ग्वाटेमाला में मोटागुआ घाटी से जेड का. इन स्थानों पर गढ़े गए शिलालेख टियोतिहुआकान-शैली की पोशाक पहने व्यक्तियों से प्रत्यक्ष संपर्क को प्रमाणित करते हैं, c. 400 ईसवी.[उद्धरण चाहिए] हालांकि, तिकाल का प्रायः पेटेन बसिन की अन्य राज्यव्यवस्थाओं और साथ ही इसके बाहर की अन्य व्यवस्थाओं, जिनमें उअक्साक्तुं, कराकोल, दौस पिलास, नारान्जो और कलाक्क्मुल शामिल हैं, के साथ संघर्ष होता रहता था. शुरूआती प्राचीन काल की समाप्ति के दौरान, यह संघर्ष 562 में कराकोल के हाथों तिकाल की सैन्य हार तक जा पहुंचा, यह काल आमतौर पर तिकाल क्रमभंग के नाम से जाना जाता है.

प्राचीन काल का उत्तरार्ध

उत्तर प्राचीन काल (प्रारंभ ca. 600 ईसवी से 909 ईसवी तक [परिवर्तनशील]) अंतरक्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा और माया क्षेत्र में अनेकों क्षेत्रीय राजतंत्रों के मध्य गुटबाजी के द्वारा जाना जाता है. यह शुरुआत में तिकाल की घटती सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक शक्तियों के फलस्वरूप हुआ. अतः इसी काल के दौरान कई अन्य स्थान भी क्षेत्रीय विशिष्टता के लिए उठ खड़े हुए और अधिक अंतरक्षेत्रीय प्रभाव डालने में समर्थ हुए, जिसमे कराकोल, कोपन, पैलेंक और कलाकमुल (जो कराकोल से संबद्ध था और जिसने संभवतः तिकाल की पराजय में भी सहायता की थी) और ग्वाटेमाला के पेतेक्सबातुन क्षेत्र में दौस पिलास अगुअतेका तथा कैंक्युएं शामिल थे. 710 डीसी के आसपास, तिकाल का फिर से उदय हुआ और इसने मजबूत गठबंधन बनाना तथा अपने सबसे कट्टर विरोधियों को हराना शुरू किया. माया क्षेत्र में उत्तर प्राचीन काल का अंत तथाकथित माया "विध्वंस" के साथ हुआ, यह एक संक्रमण काल था जो दक्षिणी निचले क्षेत्र के निर्जनीकरण और उत्तरी निचले क्षेत्र में केन्द्रों के विकसित होने और फलने-फूलने के काल को जोड़ता है.

अंत प्राचीन काल

आमतौर पर माया क्षेत्र के लिए लागू, अंत प्राचीन काल लगभग 800/850 ईसवी और सीए (ca) के बीच की अवधि है. 1000 ईसवी. कुल मिलाकर, यह आमतौर पर उत्तरी निचले माया क्षेत्र में पक (Puuc) बस्तियों के विशिष्टता के उदय के परस्पर सम्बन्ध को व्यक्त करता है, इसीलिए इसका नाम उन्ही पहाड़ियों के नाम पर रखा गया है जहां यह मुख्य रूप से पाए जाते हैं. पक समझौते विशेष रूप से एक विशिष्ट वास्तु शैली ("पक वास्तु शैली") से सम्बद्ध थे जो पिछली निर्माण तकनीकों से तकनीकी विचलन प्रदर्शित करती थी. प्रमुक पक स्थानों में उक्स्मल, साईल, लाब्ना, काबा और औक्स्किन्तोक शामिल थे. हालांकि आमतौर पर पक पहाड़ियों के क्षेत्र के अन्दर और आसपास के इलाकों पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा था, पर यह शैली पूर्व में चिचेन इतजा और दक्षिण में एद्ज्ना जैसे दूर स्थानों तक प्रमाणित थी.

चिचेन इतजा मूलतः उत्तरी निचले माया क्षेत्र के उत्तर प्राचीन स्थल के रूप में माना जाता था. पिछले कुछ दशकों में किये गए शोध से यह प्रमाणित हुआ है कि इसकी स्थापना शुरूआती/अंतिम प्राचीन संक्रमण के दौरान हुई थी लेकिन यह प्राचीन काल के अंत या उत्तर प्राचीनकाल की शुरुआत के दौरान विख्यात हुआ. इसकी पराकाष्ठा के दौरान, यह विख्यात स्थान आर्थिक व् राजनीतिक रूप से उत्तरी निचले क्षेत्रों को शासित करता था. सर्कम-पेनिन्सुलर विनिमय मार्ग, जो इसकेइस्ला सेरितोस, पोर्ट स्थल द्वारा ही संभव था, में इसकी भागीदारी द्वारा चिचेन इतजा को केन्द्रीय मेक्सिको और केन्द्रीय अमेरिका जैसे स्थानों से उच्च संपर्क स्थापित किये रहने का मौका मिला. चिचेन इतजा में वास्तुकला के स्पष्ट "मेक्सिकोकरण" के फलस्वरूप शोधकर्ता यह मानने लगे कि चिचेन इतजा का अस्तित्व टोल्तेक साम्राज्य के अंतर्गत था. कालानुक्रम आंकड़े इस प्रारंभिक व्याख्या की निंदा करते हैं और यह ज्ञात है कि चिचेन इतजा का अस्तित्व टोल्तेक से पूर्व था; मेक्सिको की वास्तु शैलियां अब इन दोनों क्षेत्रों के मध्य सुदृढ़ आर्थिक और वैचारिक संबंधों के सूचक के रूप में प्रयोग की जाती हैं.

उत्तर प्राचीन काल

उत्तर प्राचीन काल (900-1000 इसवी के बीच प्रारंभ) भी, प्राचीन काल के उत्तरार्ध के समान ही अनेकों राजतंत्रों के चक्रीय क्रिस्टलीकरण और विखंडन द्वारा पहचाना जाता है. मुख्य माया केन्द्र उत्तरी निचले क्षेत्रों में स्थित थे. चिचेन इतजा के बाद, जिसका राजनीतिक ढांचा उत्तर प्राचीन काल के प्रारंभ में ही ध्वस्त हो गया था, उत्तर प्राचीन काल के मध्य में मायापान उभर कर आया और उत्तरी क्षेत्र पर c. 200 वर्षों तक शासन किया. मायापान के विखंडन के बाद, उत्तरी निचले क्षेत्रों में राजनीतिक ढांचा अनेकों बड़े शहरों या नगरीय-राज्यों के चारों और घूमने लगा, जैसे कि ओक्स्कुत्ज्कैब और ति'हो (मेरिडा, युकाटन), जो एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते थे.

चियापास के ऊंचे क्षेत्रों में स्थित टोनिना और केन्द्रीय गवतामाला के ऊंचे क्षेत्रों में स्थित कामिनाल्जुयु, ऊंचाई पर स्थित प्रमुख दक्षिणी माया केंद्र थे. कामिनाल्जुयु, मेसोअमेरिका के सर्वाधिक लम्बे अधिकृत स्थानों में से है और यह लगातार 800 ईपू से लगभग 1200 ई. तक अधिकृत था. उच्चभूमि पर स्थित अन्य प्रमुख माया समूहों में उतातलान का किचे (K'iche' of Utatlán), ज़कुलियो में माम (Mam in Zaculeu), मिक्स्को विएजो में पोकोमाम (Poqomam in Mixco Viejo) और ग्वाटेमाला के ऊंचे क्षेत्र इक्सिम्चे में काकचिल्केल,(Iximche in the Guatemalan highlands) आते थे. पिपिल एल सल्वाडोर में रहते थे, जबकि द च'ओर्ती' पूर्वी ग्वाटेमाला और उत्तरपश्चिमी हौंड्यूरॉस में रहते थे.

केन्द्रीय मेक्सिको में, उत्तर प्राचीन काल का प्रारंभिक भाग टोल्टेक और इसकी राजधानी पर अवस्थित एक साम्राज्य, टुला (जिसे तोल्लन के नाम से भी जाना जाता है) के उदय से सम्बद्ध है. चोलुला, जो प्रारंभ में टियोतिहुआकान के समकालीन एक प्रमुख प्राचीन केंद्र था, ने अपना राजनैतिक ढांचा बनाये रखा (यह समाप्त नहीं हुआ) और उत्तर प्राचीन काल के दौरान एक क्षेत्रीय दृष्टि से प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करता रहा. उत्तर प्राचीन काल का बाद का हिस्सा आमतौर पर मेक्सिका और एज़्टेक साम्राज्य के उदय से जुड़ा हुआ है. मेसोअमेरिका का एक सर्वाध्क प्रचलित सांस्कृतिक समूह, द एज़्टेक, लगभग संपूर्ण केंद्रीय मेक्सिको, द गल्फ कोस्ट, मेक्सिको के दक्षिणी प्रशांत महासागरीय तट (चियापास और ग्वाटेमाला में), ओक्साका और गुरेरो को राजनीतिक रूप से शासित कर रहा था.

द तारास्कैन (जिन्हें पुर्हेपेचा के नाम से भी जाना जाता है) मिशोकेन और गुरेरो में स्थित थे. उनकी राजधानी ज़िंतज़ंतज़ान में स्थित थी, तरस्कान राज्य उन कुछ राज्यों में से एक था जो उत्तर प्राचीन काल के बाद के समय में लगातार और सक्रिय रूप से एज़्टेक के शासन का विरोध करते थे. मेसोअमेरिका में अन्य प्रमुख उत्तर प्राचीन कालीन संस्कृतियों में पूर्वी तट (वेराक्रुज़, प्युएब्ला और हिदाल्गो के आधुनिक राज्यों में) के साथ ही टोटोनैक भी शामिल थे. द ह्युएस्टेक टोटोनैक के उत्तर में रहते थे, मुख्यतः तामौलिपास और उत्तरी वेराक्रुज़ के आधुनिक राज्यों में. मिक्स्टेक और ज़ेपोटेक संस्कृतियां, जो क्रमशः मितला और जाचिला में केन्द्रित हैं, ओक्साका में रहती थीं

उत्तर प्राचीन काल स्पेन के आगमन और 1519 तथा 1521 के बीच एज़्टेक की अन्य उत्तरवर्ती विजय के आगमन पर समाप्त हुआ. कई अन्य सांस्कृतिक समूहों ने काफी देर तक इसे सहमति नहीं दी थी. उदाहरण के लिए, पेटेन क्षेत्र के माया समूह, जिनमें तयासाल स्थित इतजा और जैक्पेतें स्थित कोवोज, शामिल हैं, 1697 तक स्वतंत्र रहे.

कुछ मेसोअमेरिकी संस्कृतियों को कभी भी प्रभावशाली दर्जा नहीं मिला या उन्होंने प्रभावशाली पुरातन अवशेष छोड़े किन्तु उन्हें स्मरणीय के रूप में उल्लिखित किये जाना चाहिए. इसमें ओटोमी, मिक्से-जोक समूह (जो ऑल्मेक्स के साथ समबद्ध हो भी सकते हैं या नहीं भी), उत्तरी यूटो-एज़्टेकान समूह, जिनका उल्लेख प्रायः चिचिमेका के रूप में किया जाता है, जोकि कोर और हुइचोल को सम्मिलित करता है, द चोंतेल्स, द हावेस और द पिपील, क्सिंकैं और केन्द्रीय अमेरिका के लेनकान लोग, सम्मिलित हैं.

पैलियो-इन्डियन 10,000-3500 ई.पू. हौंड्यूरॉस, ग्वाटेमाला, बेलाइज, ओब्सीडियन और पाइराईट प्वाइंट, इज्तापन,
पुरातन 3500-1800 ई.पू. कृषि बस्तियां, तेहूअकैन
पुराप्रचीन (प्रारंभिक) 2000 ईसा पूर्व - 250 ई. ला ब्लांका और उजुक्स्ते, मोंटे एल्टो संस्कृति में अज्ञात संस्कृति
प्रारंभिक पुराप्रचीन 2000-1000 ई.पू. ऑल्मेक क्षेत्र: सैन लोरेंजो तेनोच्टितलैन; केंद्रीय मैक्सिको: शैल्कटजिंगो; ओक्साका की घाटी: सैन जोस मोगोते. माया क्षेत्र: नकबे, सेर्रोस
मध्य पुराप्राचीन 1000-400 ई.पू. ऑल्मेक क्षेत्र: ला वैन्ता/0}, ट्रेस जैपोतेस; माया क्षेत्र: एल मिरादोर, इजापा, लामनी, ज़ुनान्तुनिच, नाज तुनिच, तकालिक अबज, कमिनाल्जुयु, उअक्साकतन, ओक्साका की घाटी: मोंटे एल्बन
उत्तर पुराप्रचीन काल 400 ईसा पूर्व - 200 ई. माया क्षेत्र: उक्साकतन, तिकाल, एड्ज्ना, सिवल, सैन बर्टोलो, आल्टर डे सैक्रिफिसियोज़, पिड्रस नेग्रास, सीबल, रियो अजुल, केंद्रीय मैक्सिको: टियोतिहुआकैन; खाड़ी तट: एपी ऑल्मेक संस्कृति, पश्चिमी मैक्सिको: शिफ्ट टॉम्ब ट्रेडिशन
प्राचीन 200-900 ई. प्राचीन माया केंद्र, टियोतिहुआकैन, ज़िपोतेक
प्रारंभिक पुराप्रचीन काल 200-600 ई. माया क्षेत्र: कलाक्मुल, कराकोल, चुन्चुक्मिल, कोपन, नारान्जो, पालेंक, किरिगुआ, तिकाल, उक्साकतन, याक्स्हा, केंद्रीय मैक्सिको: टियोतिहुआकैन परक्काष्ठ, जैपोतेक पराकाष्ठा, पश्चिमी मैक्सिको: तियुचितलैन परंपरा
उत्तर प्राचीनकाल 600-900 ई. माया क्षेत्र: उक्स्मल, टोनिना, कोबा, वाका, पुसिल्हा, ज़ुल्तुन, दौस पिलास, कैंक्युएं, अगुआतेका; केंद्रीय मैक्सिको: ज़ोचिकलको, ककाक्स्तला; खाड़ी तट: अल ताजिन और प्राचीन वेराक्रुज़ संस्कृति, पश्चिमी मैक्सिको: त्युचितलैन परंपरा
अंत प्राचीनकाल 800-900/1000 ई. माया क्षेत्र: पाक स्थल - उक्स्मल, लाब्ना, साईल, काबह
उत्तर प्राचीन काल 900-1519 ई. एज़्टेक, तरस्कैंस, मिक्स्टेक, टोटोनैक, पिपिल, इतजा, कोवोज, किशे', कैक्चिकेल, पोकोमाम, माम
प्रारंभिक उत्तर प्राचीनकाल 900-1200 ई. चोलुला, टुला, मितला, एल ताजिन, तुलुम, तोपोज्ते, कमिनाल्जुयु, जोया डी सेरेन
उत्तर प्राचीनकाल का अंत समय 1200-1519 ई. तेनोच्टितलैन, केम्पोला, त्ज़िन्त्ज़ुन्त्ज़ं, मायापान, टी'हो, उतात्लन, इक्सिम्चे, मिक्स्को विएजो, ज़कुलेऊ
विजय के बाद 1697 ई. तक मध्य पेटेन: तयासल, जैक्पेतें

सामान्य विशेषताएं

जीविका

मकई की विविधता का उदाहरण.

लगभग 6000 इ. के दौरान, मेसोअमेरिका के ऊंचे क्षेत्रों और निचले क्षेत्रों में रहने वाले शिकारी-संग्रहकर्ता कृषि का अभ्यास करने लगे, जिसमे कुम्हड़े और चिली की प्रारंभिक खेती की गयी. मक्के की खेती का सबसे प्रारंभिक उदाहरण गिला नैक्युइत्स से, मिलता है, जो ओक्साका में स्थित एक गुफा है और .c 4000 ईपू पुराना है. हालांकि इस बात पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है कि प्रारंभिक मक्के के नमूने पनामा, ca. के 5500 इ. के गुफा स्थल लॉस लैद्रोंस से प्राप्त हुए थे.[3]पीडीऍफ इसके कुछ समय बाद, संपूर्ण मेसोअमेरिका में अर्ध-कृषि समुदायों द्वारा अन्य फसलों की खेती की जाने लगी.[10] हालांकि, मक्का सबसे प्रचलित घरेलू खेती है, तेपारी बीन, स्कारलेट रनर बीन, जिकामा, टमाटर और कुम्हड़ा सभी 3500 ई.पू तक सामान्य खेती के अंतर्गत आने लगे. इसी समय कपास, युक्का और अगेव का रुक्षांश और कपड़ा संबंधी सामग्री के लिए दोहन किया जाने लगा.[11] 2000 ई.पू तक मक्का इस क्षेत्र में मुख्य उपज में आने लगा और आधुनिक काल तक इसकी गिनती मुख्य उपज में होती रही. द रेमन या ब्रेड्नट ट्री (Brosimum alicastrum ) आटा बनाने के लिए कभी कभी मक्के के स्थान पर प्रयुक्त होता था. मेसोअमेरिका की रोजमर्रा की भोजन संस्कृति में फलों का स्थान भी महत्वपूर्ण था. खाए जाने वाले कुछ प्रमुख फलों में एवोकैडो, पपीता, अमरूद, मामे, ज़पोते और अनोना थे.

मेसोअमेरिका में पालतू जानवरों की कमी थी, मुख्यतया बड़े खुरयुक्त पालतू जानवरों की- मेसोअमेरिकी और दक्षिणी अमेरिकी अंदेस की संस्कृतियों के बीच एक प्रमुख अंतर मेसोअमेरिका में परिवहन में उपयोगी श्रमिक पशुओं का अभाव है. अन्य पशु, जिनमें बत्तख, हिरन,[उद्धरण चाहिए] कुत्ते और पेरू पक्षी शामिल थे, को पाला जाता था. इनमें से भी पेरू पक्षी पहला पाले जाने वाला पक्षी था, यक लगभग 3500 ई.पू के आसपास की बात है.[12] हालांकि, प्राचीन मेसोअमेरिका में कुत्ते पशु प्रोटीन के प्रमुख स्रोत थे,[13] और उनकी हड्डियां इस संपूर्ण क्षेत्र में घरेलू अपव्यय में पायी जाती हैं.

इस क्षेत्र के लोग अपने भोजन के पूरक के रूप में कुछ खास प्रजातियों का शिकार करते थे. इन पशुओं में हिरन, खरगोश, चिड़िया और कई प्रकार के कीड़े होते थे. वे विलासितापूर्ण वस्तुओं के लिए भी शिकार करते थे जैसे बिल्ली का फर और चिड़िया के पंख.[14]

मेसोअमेरिकी संस्कृतियां जो निचले क्षेत्रों और तटीय मैदानोंमें रहती थीं, वे कृषि समुदाय में जाकर बस गयीं, यह ऊंचे क्षेत्र में रहने वाले लोगों के वहां बसने के बाद हुआ, इसके पीछे कारण यह था कि इन क्षेत्रों में पशुओं और फलों की प्रचुरता थी जो एक शिकारी-संग्रहकर्ता जीवनशैली को और भी आकर्षक बनाती थी.[15] निचले क्षेत्रों में रहने वालों और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले मेसोअमेरिकी लोगों के लिए मछली पकड़ना भी भोजन का एक प्रमुख स्रोत था, जो स्थायी समुदायों के साथ बसने के विचार को और भी निरुत्साहित करता था.

हाल की रिपोर्ट[16] यह जानकारी देती हैं कि केन्द्रीय अमेरिका में मेसोअमेरिकी बीयर (मदिरा) के उत्पादन के लिए कोकोआ बीन्स का प्रयोग करते थे: चॉकलेट इस बीयर को किण्वन से प्राप्त होने वाला एक सहउत्पाद होता है. यह अभ्यास आज से कम से कम 3,100 से लेकर 3,200 वर्ष प्राचीन है.[17] यह भी स्पष्ट है कि चबाये हुए कोकोआ बीन्स किण्वन के बाद पीसे जाते थे और बियर में मिलाये जाते थे, जो इसे चॉकलेट का स्वाद देते थे.

वास्तुकला

राजनीतिक संगठन

किनिच कैन बैलम II, पैलेनके के शास्त्रीय अवधि के शासक, को स्टेले पर दर्शाया गया.

औपचारिक केंद्र मेसोअमेरिकी समझौतों के केंद्र थे. देवालय स्थानिक अनुस्थापन प्रदान करते थे, जो आसपास के कस्बों तक पहुंच जाता था. शहर उनके व्यापारिक और धार्मिक केंद्र होते थे और ये हमेशा राजनीतिक संस्थाएं होती थीं, जो कुछ हद तक यूरोपीय नगरीय-राज्य के समान होते थे और जिससे प्रत्येक व्यक्ति उस शहर के साथ तादात्म्य स्थापित कर पाता था जिसमें वह रहता था.साँचा:Citequote

औपचारिक केंद्र सदैव दृश्यता के उद्देश्य से बनाये जाते थे. अपने ईश्वर और उसकी शक्तियों को प्रदर्शित करने के लिए इसके पिरामिड शेष शहर से अलग दिखायी पड़ते थे. औपचारिक केन्द्रों का अन्य प्रमुख लक्षण इनकी ऐतिहासिक परतें होती थीं. सभी आनुष्ठानिक इमारतें विभिन्न चरणों में, एक दूसरे के ऊपर, उस बिंदु तक बनाई जाती थीं, जिसे अब हम सामान्यतः निर्माण के अंतिम चरण के रूप में देखते हैं. अंततः, आनुष्ठानिक केंद्र प्रत्येक शहर की वास्तुकला को अनुवादित करते थे, जैसा उनके ईश्वरों और स्वामियों की श्रद्धा द्वारा प्रदर्शित होता है.साँचा:Citequote संपूर्ण मेसोअमेरिका में स्टेला सामान्य सार्वजनिक स्मारक चिन्ह होते थे जो शासकों तथा विभिन्न स्थानों के महात्म्य से सम्बंधित उल्लेखनीय विजयों, घटनाओं और तारीखों को श्रद्धांजलि देते थे.

अर्थव्यवस्था

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मेसोअमेरिका अनेकों और भिन्न पारिस्थितिक स्थलों में टूट चूका है, वहां रहने वाला कोई भी समाज स्वावलंबी नहीं था.साँचा:Citequote इस कारणवश, पुरातन काल की पूर्व शताब्दियों से, क्षेत्र कुछ ख़ास प्राकृतिक संसाधनों के निष्कर्षण में विशेषज्ञता प्राप्त करने के द्वारा और फिर प्रतिष्ठित व्यापारिक संजाल के माध्यम से आवश्यक संसाधनों के बदले में उनका सौदा करने के द्वारा पर्यावरणीय अपर्याप्तताओं की क्षतिपूर्ति कर रहे थे.

नीचे मेसोअमेरिका के विभिन्न उप-क्षेत्रों से और पर्यावरणीय प्रकरणों से व्यापार में प्रयोग किये जाने वाले संसाधनों की एक सूची दी जा रही है:

  • प्रशांत महासागरीय निचले क्षेत्र - कपास और खाने को रंगने हेतु प्रयुक्त लाल पदार्थ.
  • निचले माया क्षेत्र और खाड़ी तट - कोकोआ, वैनिला, तेंदुए की खाल, चिडियां और उनके पंख (विशेषतः क्वेत्ज़ल और मकाउ).
  • केन्द्रीय मेक्सिको - औब्सीडियन (पाचुका).
  • ग्वाटेमाला के ऊंचे क्षेत्र - औब्सिडियन (सैन मार्टिन जिलोतेपेक, एल चायल और लेक्स्तेपेक), पाइराइट और मोटागुआ नदी घाटी से जेड.
  • तटीय क्षेत्र - नमक, सूखी मछली, सीप और रंग.

मुद्रा

पूर्व प्राचीन काल में दोनों तटीय क्षेत्रों के समुद्र से प्राप्त सीप मुद्रा के रूप में प्रयोग किये जाते थे.[उद्धरण चाहिए] बाद में, विभिन्न व्यापारिक लेनदेन में काकाओ का प्रयोग किया जाने लगा. उत्तर प्राचीन काल के माया में, 20 कोको बीन्स के द्वारा एक स्पॉन्डिलस सीप खरीदा जा सकता था, 20 स्पौंडाईलस द्वारा एक जेड बीड (डिएगो दे लेनदा, रेलाकियन दे लस कोसस दे युकाटन) खरीदी जा सकती थी, मेसोअमेरिका के उत्तर प्राचीन काल से भी पूर्व के पुरातन भण्डार में धातुविज्ञान और स्वर्ण कार्य नहीं पाए जाते हैं. उत्तर प्राचीन काल के दौरान ताम्बे, कांसे, चांदी और/या सोने के बने आभूषण काफी प्रचलित थे (बर्नेल डियाज़ डेल कैस्टिलो, ला कौन्क्विस्टा दे न्युएवा एस्पाना, कासो, 193x: ला टिम्बा सियेट दे मोंटे एल्बान, आईएनआईएएच. लोथोर्प, 194x: बलिदान कुंड से प्राप्त धातु, कार्नेगी व्यवस्था). स्वर्ण मानक स्पेन के आक्रमण के पूर्व तक नहीं दिखायी पड़ता था. एज़्टेक साम्राज्य में इसकी केन्द्रीय रूप से नियंत्रित अर्थव्यवस्था के साथ, सभी वस्तुओं का मूल्य मानक था और किसी भी वस्तु को किसी भी अन्य वस्तु के बदले में आधिकारिक मूल्य पर विनियमित किया जा सकता था (बर्नल दियाज देल कैस्टिलो, ला कौन्क्विस्ता दे न्युएवा एस्पना).

मेसोअमेरिकी संस्कृति के सामान्य लक्षण

पंचांगीय प्रणाली

चित्र:Maya days.jpg
माया के दिनों के लिए "हेड वेरियंट" या "पैट्रन गॉड्स" ग्लिफ़

कृषि पर आधारित लोगों के लिए, ऐतिहासिक रूप से वर्ष को चार ऋतुओं में बांटा गया था. इसमें दो अयनांत और दो विषुव थे जिन्हें चार "दिशासूचक खम्भों" के रूप में समझा जा सकता है जो वर्ष का समर्थन करते हैं. वर्ष के ये चार काल, महत्वपूर्ण माने जाते थे क्योंकि वे उन मौसम संबंधी परिवर्तनों के सूचक थे जो मेसोअमेरिका के किसानों को सीधे प्रभावित करते थे.

माया ने सूक्ष्मतापूर्वक और यथासंभव मौसम के इन चिह्नांकों को रिकॉर्ड करने का प्रयास किया. उन्होंने हाल के और पूर्व के सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण, चन्द्रमा की कलाओं, शुक्र और मंगल की अवधि अन्य अनेकों ग्रहों की गतिशीलता और आकाशीय पिंडों के संयोजन को रिकॉर्ड करने के लिए पंचांगों को बनाया. यह पंचांग आकाशीय घटनाओं के सम्बन्ध में भविष्यवाणी भी करते थे. यह सारणियां दी गयी तकनीक की उपलब्धता के आधार पर आश्चर्यजनक रूप से सटीक हैं और माया खगोलविदों के ज्ञान के विशेष स्तर की ओर संकेत करती हैं. [4]पीडीऍफ (46.8 KiB)

कई प्रकार के पोषित माया कैलेंडरों के बीच, जो सबसे प्रमुख था वह 260 दिनों के चक्र वाला था, 360 दिन के चक्र या 'वर्ष', 365 दिन के चक्र या वर्ष, एक चन्द्रमा चक्र और एक शुक्र चक्र, जो शुक्र के सिनोडिक काल का अनुसरण कर रहे थे. माया के अनुसार पूर्व को जानने से वर्तमान को समझने और भविष्य की भविष्यवाणी दोनों में ही सहायता मिलती है.

260 दिनों वाला कैलेण्डर कृषि के नियंत्रण, धार्मिक छुट्टियों के निर्धारण, आकाशीय पिंडों की गति को ध्यान में रखने के लिए और जनता के अधिकारियों के स्मरण उत्सव के लिए था. 260 दिनों वाले कैलेण्डर का प्रयोग भविष्यवाणी और (जैसे संतों का कैथोलिक कैलेण्डर) नवजात शिशुओं के नामकरण (बर्नार्डिनो दे सहगुन, हिस्टोरिय दे अल्स कोसस दे न्युएवा एस्पाना. डिएगो ड्यूरैन, द बुक ऑफ द गॉड्स एंड राइट्स. ओक्लाहोमा. द बुक्स ऑफ चिलम बालम ऑफ मनी, काउआ एंड चुमयेल).

मेसोअमेरिकी कैलेण्डर में दिनों, महीनों और वर्षों को दिए गए नाम अधिकांशतः पशुओं, फूलों, खगोलीय पिंडों और सांस्कृतिक सिद्धांतों से लिए गए हैं जो मेसोअमेरिकी संस्कृति में महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं. इस कैलेण्डर का प्रयोग संपूर्ण मेसोअमेरिकी इतिहास में लगभग सभी संस्कृतियों द्वारा किया गया है. यहां तक कि आज भी, ग्वाटेमाला में अनेकों माया समूह जिनमें किचे, क्वैशी और कैक्चिकेल तथा ओक्साका के मिक्से लोग शामिल हैं, मेसोअमेरिकी कैलेण्डर के आधुनिक संस्करण का ही प्रयोग करते हैं.

ड्रेसडेन कोडेक्स का पृष्ठ 9 (1880 फोर्स्टरमैन संस्करण से)

लेखन प्रणाली

टिकल (मुताल) के प्रतीक ग्लिफ़.

अभी तक समझी गई मेसोअमेरिकी लिपि लोगोसिलैबिक (प्रतीक चिन्हों का प्रयोग करने वाली) है जोकि अक्षरमाला के साथ लोगोग्राम (प्रतीक) के प्रयोग का संयोजन करती है और इसे प्रायः हायरोग्लाइफिक लिपि कहते हैं. मेसोअमेरिका में 5 या 6 अलग अलग लिपियां प्रमाणित हैं लेकिन पुरातात्विक काल-निर्धारण प्रणाली और कुछ हद तक स्वरुचि के कारण प्रथिमक्त के निर्धारण में समस्याएं हो रही हैं और इस प्रकार इनकी पूर्वज लिपियों के निर्धारण में भी कठिनाई आ रही है. अब तक सबसे भली प्रकार से समझी गयी मेसोअमेरिकी लेखन प्रणाली और जो सर्वाधिक प्रचलित भी है, वह प्राचीन माया लिपि है. अन्य में ऑल्मेक, ज़िपोतेक और एपी-ऑल्मेक/इस्थ्मियन लेखन प्रणालियां हैं. एक विस्तृत मेसोअमेरिकी साहित्य को आंशिक रूप से देशज लिपि में और आंशिक रूप से आक्रमण के पश्चात प्रतिलेखन में लैटिन लिपि में संरक्षित किया गया है.

मेसोअमेरिका का अन्य ग्लाइफिक लेखन प्रणाली और उसका स्पष्टीकरण काफी विवाद का विषय रहा है. इस सम्बन्ध में एक सतत विवाद का विषय यह है कि क्या माया मेसोअमेरिकी लेखन को वास्तविक लेखन के उदहारण के रूप में देखा जा सकता है या गैर-माया मेसोअमेरिकी लेखन को समझने का सबसे अच्छा तरीका प्रतीक प्रणाली है जिसका प्रयोग विचारों, विशेष रूप से धार्मिक विचारों कि अभिवयक्ति के लिए किया जाता है, लेकिन यह उन भाषाओँ के स्वरविज्ञान को व्यक्त नहीं करता जिनमे इस पढ़ा जाता है.

मेसोअमेरिल लेखन अनेकों भिन्न शैलियों में पाए जाते हैं, जिनमें स्टीले जैसे विशाल स्मारक भी आते हैं, इनमे सीधे वस्तु पर नक्काशी की गयी होती है, अस्तरकारी पर गढ़े गए या रंगे गए चित्र (जैसे दीवार पर की गयी चित्रकारी) और मिटटी के बर्तनों पर की गयी चित्रकारी. किसी भी पूर्व कोलंबियाई समाज में व्यापक साक्षरता का पता नहीं लगा है और संभवतः साक्षरता कुछ विशेष वर्ग तक ही सीमित थी जिसमे लेखक, शिक्षक, चित्रकार, व्यापारी और श्रेष्ठ व्यक्ति सम्मिलित होते थे.

मेसोअमेरिकी किताब फिक्स अमैकस की आतंरिक छल से बनाये गए कागज़ पर विशिष्ट रूप से ब्रश और रंगीन स्याही से लिखी जाती थी. इस किताब में बनायी गयी छल की एक लम्बी पट्टी थी, जो प्रत्येक पन्ने को सीमांकित करने के लिए एक स्क्रीनफोल्ड के रूप में मोड़ी जाती थी. पन्ने प्रायः अलंकृत नक्काशीदार पुस्तक पट्टी से ढके व बोर्डों द्वारा सुरक्षित होते थे. कुछ पुस्तकों के पन्ने वर्गाकार होते थे जबकि अन्य पुस्तकें आयताकार पन्नों पर लिखी गयी थीं. पुस्तक स्वयं में एक पवित्र वस्तु थी जो प्रधान पुजारी द्वारा नए पुजारियों (डियागो दे लंडा, रिलैकियन. पेद्रो मरितिरियो, लॉस डिकेड्स) को देने हेतु अधिकृत थी.

बॉलगेम

युजैकटन पर एक छोटा सा औपचारिक बॉलकोर्ट.

मेसोअमेरिकी बॉल गेम पारंपरिक सम्मेलनों वाला एक खेल था जो मेसोअमेरिका के लगभग सभी पूर्व कोलंबियाई लोगों द्वारा पिछले 3000 वर्षों से भी अधिक समय से खेला जा रहा था. सहस्त्राब्दी के दौरान विभिन्न स्थानों पर इस खेल के विभिन्न संस्करण खेले जाते थे और कुछ स्थानों पर इस खेल का आधुनिक संस्करण, उलमा, निरंतर खेला जाता रहा है.

संपूर्ण मेसोअमेरिका में 1300 से भी अधिक बॉलकोर्ट पाए गए हैं.[18] आकर में ये काफी भिन्न हैं लेकिन इस सभी में लम्बे संकरे गलियारे होते हैं और किनारे पर दीवारें होती हैं जिनसे टकराकर गेंद उछलती है.

बॉल गेम के नियम ज्ञात नहीं हैं, लेकिन यह संभवतः वॉलीबॉल के सामान थे जिसमे उद्देश्य यह होता है कि बॉल को बराबर खेलते रहा जाये. इस खेल के सबसे प्रचलित संस्करण में, खिलाड़ी अपनी कमर से गेंद को मारते हैं, हालांकि कुछ संस्करणों में अग्र भुजा या रैकेट, बल्ले अथवा हैण्डस्टोन का प्रयोग भी मान्य होता है. यह गेंद ठोस रबड़ की बनी होती थी और इसका वज़न 4 किलोग्राम या इससे अधिक होता था, आकृति में यह समय के साथ या खेल के संस्करण के अनुसार काफी भिन्न भिन्न होती थी.[19]

यह खेल अनौपचारिक रूप से सामान्य मनोरंजन के लिए खेला जाता था, जिसमें बच्चे और शायद महिलाएं भी शामिल होती थीं, इस खेल के महत्त्वपूर्ण पारंपरिक पहलू भी थे और विशाल औपचारिक बॉल गेम पारंपरिक आयोजनों के रूप में खेले जाते थे, जिसमे प्रायः मानव बलि भी दी जाती थी.

चिकित्सा और विज्ञान

चिकित्साशास्त्र

मेसोअमेरिकी विज्ञान प्राकृतिक घटनाओं के निरीक्षण और धार्मिक सिद्धांतों से बहिर्वेशन के आधार पर आगे बढ़ता है (डियैगो डी लैंडा, रिलैकियन).

मेसोअमेरिकी चिकित्साशास्त्र में दो प्रकार की बीमारी होती हैं, ईश्वर या मनुष्य द्वारा दिए गए रोग और पूर्णतया शारीरिक रोग (टेडलॉक, 1981: टाइम एंड द हाइलैंड माया, यू ऍन मेक्सिको). ईश्वर या मनुष्य द्वारा दिए गए रोग पिछले कर्मों के लिए मिले सार्वजनिक सेवा या दंड के रूप में देखे जाते हैं. पूर्णतया शारीरक रोगों का उपचार कई पद्धतियों से किया जाता है जिसमे सर्वाधिक प्रचलित जड़ी बूट संबंधी नुस्खे, मालिश और सॉना (गुतियेरेज़ होम्स, मेडिसिन इन हाइलैंड चियापास. ब्रिकर एंड मारिम, एन्काउंतर ऑफ तू वर्ल्ड्स, द बुक ऑफ चिलम बालम ऑफ कुआ).

(इनमे से एक शमानिक परंपरा भी थी, जहां शामन को एक दैवीय आरोग्यकर्ता माना जाता था जो कुछ निश्चित रोगों का उपचार करता था, जिनमे सर्वाधिक पाया जाने वाला रोग आत्मा का विलुप्त हो जाना था. अपने रोगियों के उपचार के लिए, शामन मानसिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने वाली औषधियों (पियोट, टोबैको, मेस्कलिन मिश्रित रेड बीन्स, सिलोसिबिन मशरूम) और जादुई छलसाधन (मंत्रोच्चार, चढ़ाव) का प्रयोग करता था.

चिकित्साशास्त्र के अन्य मत व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित थे.साँचा:Citequote

मेसोअमेरिकी उपचारकर्ता अभिघाती चोटों का उपचार करते थे जिसमे पंचर, काटने और टूटने से हुई चोटों का उपचार होता था. मेसोअमेरिकी दाइयां औरतों की उनके पूर्ण गर्भकाल के दौरान देखभाल करती थीं जिसमे प्रसव के उपरान्त का समय भी शामिल होता था. मेसोअमेरिकी औषधविज्ञानी पौधों की सहायता से अनेकों प्रकार की बाह्य एवम आतंरिक व्याधियों का उपचार करते थे, जिसमें विलो पौधा भी शामिल था जो दर्द में ली जाने वाली एस्पिरिन का एक स्रोत है.

उपचारकर्ताओं में वे पुजारी भी शामिल होते थे, जिन्हें अपना पद उत्तराधिकार में मिलता था और जिनकी शिक्षा व्यापक स्तर की होती थी, साथ ही साथ हड्डी बैठने वाले/अभिघती चोटों के विशेषज्ञ, दाइयां और औसधिविग्यानी, शामिल होते थे.

माया समाज के लोग मनुष्यों के बालों द्वारा घावों को सिलते थे, हड्डी का विभंजन ठीक करते थे और सांचे का प्रयोग करते थे. वे कुशल दन्त चिकित्सक भी थे और जेड व पीरोजा की सहायता से कृत्रिम दांत बनाते थे और दाँतों को भरने के लिए लौह पाइराइट का प्रयोग करते थे. पश्चिमी चिक्त्सशास्त्र द्वारा मान्यता प्राप्त रोग-विषयक निदान जिसमे पिंटा, लेइश्मनियसिस और पीत ज्वर तथा अन्य कई मनोविकारी लक्षण शामिल थे, का वर्णन किया गया था.

एरिजोना राज्य विश्वविद्यालय के एके विल्बुर, जे.इ. बुइक्स्ट्रा द्वारा किये गए एक हालिया अध्ययन के अनुसार, हालांकि उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका दोनों में ही क्षय रोग काफी फैला हुआ था किन्तु इसके मेसोअमेरिका में कोई प्रमाण नहीं मिले हैं, मात्र आज के मेक्सिको सिटी के पास से प्राप्त तीन कंकालों को छोड़कर, ऐसा मेसोअमेरिकी लोगों में व्यापक रूप से प्रचलित आयरन की कमी के कारण हो सकता है.

बौनों का चित्रण करते हुए सेरेमिक की आकृति और अन्य अजीब प्रकार से बने लोग, सामान्य हैं (कोर्सों, जानिया कैम्पेश द्वारा बनाये गयी सिरेमिक मूर्तिका).

चित्र:Mayannumbersystem.png
कई मेसोअमेरिकी प्रणालियों की तरह माया अंकगणित प्रणाली नंबर 20 पर आधारित है.

अंकगणित

मेसोअमेरिकी अंकगणित संख्याओं को शाब्दिक और प्रतीकात्मक दोनों रूपों में महत्व देते थे, यह उस द्वैतवादी प्रकृति के फलस्वरूप था जो मेसोअमेरिकी विचारधारा की विशेषता है.साँचा:Citequote. जैस कि बताया गया है, मेसोअमेरिकी संख्या पद्धति वाइजेसिमल (बीस पर आधारित) थी.

इन संख्याओं को व्यक्त करने में, पंक्तियों और बिन्दुओं की एक श्रृंखला का प्रयोग किया जाता था. बिन्दुओं का मान एक होता था, और पंक्तियों का मान पांच होता था. इस प्रकार का अंकगणित प्रतीकात्मक संख्याविज्ञान के साथ संयोजित था: '2' मूल से सम्बद्ध था, जैसा कि सभी मूलों को दुगने होने के रूप में समझा जा सकता है; '3' घरेलू अग्नि से सम्बंधित था; '4' ब्रह्माण्ड के 4 कोनों से सम्बंधित था; '5' अस्थायित्व को व्यक्त करता था; '9' रात्रि और अधोलोक से सम्बंधित था; '13' प्रकाश की संख्या थी, '20' प्रचुरता का सूचक था और '400' अनन्त का सूचक था. शून्य की अवधारणा का भी प्रयोग किया जाता था और पूर्व प्राचीनकाल के उत्तरार्ध में ट्रेस ज़िप्तोस उपजीविका में इसका प्रकाशन मानव इतिहास में शून्य के प्रयोगों की सबसे प्रारंभिक घटना है.

अंकगणित में सबसे महान योगदान, मैक्सिका के योगदान से भी ऊपर, नेपोहुआल्टज़िट्ज़िन का आविष्कार था, जोकि शीघ्रता से गणितीय संक्रियाओं को हल करने वाला एक अबैकस (गिनतारा) था. यह उपकरण लकड़ी, डोरी और मक्के के दानों से बना होता है और "एज़्टेक कंप्यूटर" के रूप में भी जाना जाता है.

पौराणिक विशवास और वैश्विक दृष्टिकोण

मेसोअमेरिकी पौराणिक मत के सहभाजी लक्षण अपने उभयनिष्ठ धार्मिक आधार के लिए प्रसिद्ध हैं जो अनेकों मेसोअमेरिकी समूहों में एक जटिल बहुईश्वरवाद धार्मिक प्रणाली के रूप में विकसित हो गए, किन्तु फिर भी उनमे कुछ शामनवादी तत्त्व बरकरार रहे.[20]

मेसोअमेरिकी देवगणों के समूह की महान व्यापकता अग्नि, पृथ्वी, जल और प्रकृति के प्रथम प्राथमिक धर्म के सैद्धांतिक और धार्मिक तत्वों के समावेश के फलस्वरूप है. तारकीय देवताओं (सूर्य, तारे, तारामंडल और शुक्र) को अंगीकृत किया गया और उन्हें मानवरूपी, पशुरूपी और मानवपशुरूपी मूर्तियों और रोजमर्रा की वस्तुओं के माध्यम से व्यक्त किया गया.

समय के साथ और अन्य मेसोअमेरिकी समूहों के सांस्कृतिक प्रभावों में बदलाव के साथ इन देवताओं के गुण और उनकी विशेषताएं भी बदलती रहीं. फिर इन देवतों की संख्या तीन हो गयी. भिन्न लौकिक अस्तित्व हैं और उसी समय केवल एक भी हैं. मेसोअमेरिकी धर्म की एक प्रमुख विशेषता दैवीय अस्तित्वों के मध्य द्वैतवाद था. ईश्वर विपरीत ध्रुवों के मध्य संघर्ष के द्योतक थे: सकारात्मक, जोकि प्रकाश, पौरुष, शक्ति, युद्ध, सूर्य आदि के द्वारा उद्धृत था; और नकारात्मक जो अंधेरे, स्त्रियोचित, विश्राम, शांति, चन्द्रमा आदि के द्वारा उद्धृत था.यूरोपीय विचारधारा, मनिचैइस्म)साँचा:Citequote

ज़ोलौएट्ज़कुइंटल भगवान कुइट्ज़लकोट के नैगुअलेस में से एक हैं.इस रूप में, यह मृत लोगों को चिक्नाहुपन, नदी को पर करने में मदद करता है जो मृत दुनिया से जीवित दुनिया को अलग करता है.

आदर्श मेसोअमेरिकी ब्रह्माण्ड-विज्ञान विश्व को दिन के विश्व जोकि सूर्य द्वारा देखा जाता है और रात्री के विश्व जोकि चन्द्रमा के द्वारा देखा जाता है, के रूप में अलग-अलग देखता है. इससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण, विश्व के तीन एक दूसरे के ऊपर स्थित स्तर एक सीबा वृक्ष (मायन में येक्स्चे) द्वारा एकीकृत हैं. भौगोलिक दृष्टि भी मुख्य बिन्दुओं से जुड़ी है.

कुछ ख़ास भौगोलिक विशेषताएं इस ब्रह्माण्डीय दृष्टि के भिन्न भागों से जुड़ी हैं. अतः पर्वत और लम्बे वृक्ष मध्य और ऊपरी विश्व को जोड़ते हैं, गुफाएं मध्य और निचले विश्व को जोड़ती हैं.

बलि

आमतौर पर, बलि को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है: आत्मबलि और मानव बलि मेसोअमेरिका में सैद्धांतिक संरचना और सामजिक-सांस्कृतिक संगठनों का आह्वान करने में प्रयोग किये जाने वाले चित्रों में बलि के भिन्न रूप दिखायी पड़ते हैं. उदहारण के लिए, माया क्षेत्र में, स्टीले कुलीन शासक द्वारा रक्त बहाए जाने की परंपरा को चित्रित करता है, मानव ह्रदय का भक्षण करते हुए गिद्ध और तेंदुए, हरिताश्म वृत्त या माला जो ह्रदय की प्रतीक थी और पौधे तथा फूल जो प्रकृति और जीवन प्रदान करने वाले रक्त दोनों के ही प्रतीक थे. साँचा:Citequote चित्र वर्षा या रक्त के लिए की जाने वाली विनातियों को भी प्रदर्शित करते हैं. जिसका उद्देश्य एक ही होता था- दैवीय शक्ति की पुनः पूर्ति.

आत्मबलि

आत्मबलि, जिसे रक्तपात भी कहते हैं, स्वयं के रक्त को बहाने की एक पारंपरिक प्रथा है. इसे सामान्य तौर पर महत्वपूर्ण पारंपरिक समाराहों में प्रधान कुलीन व्यक्तियों द्वारा करते हुए देखा जा सकता है या व्यक्त किया जा सकता है लेकिन इसका प्रयोग साधारण सामाजिक-सांस्कृतिक क्रियाओं के दौरान भी सामान्य है (जैसे, गैर-कुलीन व्यक्ति भी स्वबलिदान कर सकते हैं). यह क्रिया आदर्शतः औब्सीडियन प्रिस्मैटिक ब्लेड या स्टिंग्रे (एक विशाल मछली) की रीढ़ की हड्डी से लिया जाता था और जीभ, लोलकी और/या जननांग (अन्य स्थानों के साथ) में छेद करके या काटकर द्वारा रक्त निकला जाता था. एक अन्य प्रकार का स्वबलिदान जीभ या लोलकी द्वारा कांटे लगी रस्सी को खींचने द्वारा किया जाता था. इस प्रकार से निकला रक्त कटोरे में रखे गए कागज़ पर एकत्र किया जाता था.

स्वबलिदान मात्र पुरुष शासकों तक ही सीमित नहीं था क्योंकि उनकी महिला समकक्ष भी प्रायः इन पारंपरिक प्रथाओं का पालन करती थीं. उन्हें कांटे लगी रस्सी को खींचते हुए विशिष्ट रूप से दिखाया गया है. वाका (एल पेरू के नाम से भी प्रचलित) के प्राचीन माया स्थल में हाल में प्राप्त किये गए एक महारानी के गुम्बद में महारानी के जननांग के स्थान पर स्टिंग्रे की रीढ़ रखी हुई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि महिलाएं भी अपने जननांगों के माध्यम से रक्तप्रवाह की यह प्रथा निभाती थीं.[21]

मानव बलि

मेसोअमेरिका के सामाजिक और धार्मिक संस्कृति में बलि का बहुत महत्व था. पहला, यह मृत्यु की परिणति दिव्य रूप में करता था. मृत्यु मानव बलि का परिणाम थी, लेकिन यह उसकी समाप्ति नही थी; अपितु यह लौकिक चक्र की एक अवस्थिति थी.साँचा:Citequote मृत्यु ही जीवन की निर्माता है - मृत्यु के द्वारा दैवीय शक्ति मुक्त होती है और पुनः ईश्वर के पास जाती है, जो इस प्रकार और जीवों की रचना में समर्थ होते हैं. दूसरे, यह युद्ध को उचित ठहरती है, क्योंकि संघर्ष के द्वारा ही सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण बलिदान प्राप्त होते हैं. एक योद्धा की मृत्यु सबसे बड़ा बलिदान है और इससे देवताओं को अपनी प्रतिदिन की क्रियाओं के निष्पादन के लिए शक्ति मिलती है, जैसे कि वर्षा करना. युद्ध और बंदियों को पकड़ना सामाजिक प्रगति और धार्मिक हित का एक माध्यम बन गया. अंततः, यह दो प्रधान वर्गों, पुजारी और योद्धा, द्वारा शक्ति के नियंत्रण को भी न्यायसंगत ठहराती है. पुजारी धार्मिक सिद्धांतों को नियंत्रित करते हैं और योद्धा बलिदान की पूर्ति करते हैं.

खगोल विज्ञान

मेसोअमेरिकी खगोलशास्त्र ग्रहों और अन्य आकाशीय पिंडों के चक्र के व्यापक बोध को समावेशित करता था. सूर्य, चन्द्रमा और शुक्र को सुबह एवं शाम के तारों के रूप में विशेष महत्व दिया गया था.

कई स्थानों पर निरीक्षण केंद्र बनाये गए थे, जिनमें सीबल स्थित गोल निरीक्षण केंद्र और ज़िक्सोचिकाएलको स्थित "औब्सर्वेटोरियो" भी सम्मिलित थे. प्रायः, मेसोअमेरिकी स्थलों का वास्तु संगठन खगोलीय अवलोकनों से निरुपित सूक्ष्म गणनाओं पर आधारित होता था. इसके प्रचलित उदहारण के रूप में चिचेन इतजा स्थित एल कैस्टिलो पिरामिड और ज़िक्सोचिकाएलको स्थित औब्सर्वेटोरियो को लिया जा सकता है. एक विशिष्ट और प्रचलित वास्तु कॉम्प्लेक्स जो कई मेसोअमेरिकी स्थानों पर पाए जाते हैं, वह ई-ग्रुप्स (समूह) हैं, जोकि खगोलीय अवलोकनों के कार्य के लिए संरेखित हैं. इस कॉम्प्लेक्स का नाम उक्साकतन के "ग्रुप ई," के नाम पर रखा गया है जोकि माया क्षेत्र का पहला ज्ञात अवलोकन केंद्र था. यह संभवतः मेसोअमेरिका में मोंटे एल्टो संस्कृति का सबसे पहला प्रमाणित अवलोकन केंद्र था. इस ईमारत में 3 समतल स्टीले और प्लेईएड्स के सम्मान हेतु एक मंदिर है.

स्थान व काल का प्रतीकवाद

ट्युटिह्युकन में मृत मार्ग, दिशात्मकता की अवधारणाओं के अनुसार मेसोअमेरिकी के योजना निपटान का एक उदाहरण.

इस बात पर विवाद रहा है कि मेसोअमेरिकी समाजों के मध्य स्थान और समय की अवधारणा चार मुख्य दिक्सूचक बिन्दुओं से जुड़ी रही है और यह आपस में कैलेण्डर (दुवर्गर 1999) द्वारा जुड़े रहे हैं. तारीखें या घटनाएं सदैव एक दिक्सूचक की दिशा से सम्बद्ध थीं और कैलेण्डर उस काल की विशिष्ट प्रतीकात्मक भौगोलिक विशेषता को स्पष्ट करता था. मुख्य दिशाओं के महत्व के फलस्वरूप कई मेसोअमेरिकी वास्तु संबंधी विशेषताएं, यदि पूर्णरूपण नहीं तो भी कुछ सीमा तक, की योजना और उनका विन्यास देशों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया.

माया पौराणिक मत में, प्रत्येक प्रधान दिशा एक विशिष्ट रंग और एक विशिष्ट तेंदुए रुपी देवता (बकाब) के प्रति निर्दिष्ट थी. जो इस प्रकार हैं:

  • हॉबनिल - पूर्व का बकाब, लाल रंग तथा कान वर्षों से सम्बंधित.
  • कैन त्ज़िक्नल - उत्तर का बकाब, सफ़ेद रंग तथा मुलुक वर्षों से सम्बंधित,
  • जैक किमी - पश्चिम का बकाब, काले रंग तथा lx (एलएक्स) वर्षों से सम्बंधित.
  • होजानैक - दक्षिण का बकाब, पीले रंग तथा कैउऐक वर्षों से सम्बंधित.

बाद की संस्कृतियां जैसे कैक्चिकेल और किशे प्रत्येक रंग के साथ प्रधान दिशाओं के सम्बन्ध को बरकरार रखे हैं, लेकिन भिन्न नामों का प्रयोग करते हैं.

एज़्टेक समाज ले लोगों के मध्य, प्रत्येक दिन का नाम एक प्रधान बिंदु से जुड़ा हुआ था (इस प्रकार यह प्रतीक के महत्व का परामर्श देता है), और प्रत्येक प्रधान दिशा प्रतीकों के एक समूह से सम्बंधित थी. नीचे प्रत्येक दिशा से सम्बंधित प्रतीक और सिद्धांत दिए जा रहे हैं:

  • पूर्व - मगरमच्छ, सांप, जल, बेंत और गति. पूर्व दिशा विश्व के पुजारियों और वानस्पतिक उर्वरता, या अन्य शब्दों में, स्थानिक उल्लास से सम्बंधित है.
  • उत्तर - वायु, मृत्यु, श्वान, तेंदुआ और चकमक पत्थर (या चेर्ट). उत्तर इस प्रकार पूर्व से भिन्न है कि इसकी अवधारण शुष्क, ठन्डे और दमनकारी के रूप में है. यह ब्रह्माण्ड का रात्रिचर भाग माना जाता है और इसके अंतर्गत मृत लोगों का निवास स्थल आता है. श्वान (जोलोइत्ज़्कुइन्त्ले) का अर्थ अत्यंत विशिष्ट है, क्योंकि यह मृतक के साथ मृत लोगों की भूमि के भ्रमण के दौरान साथ होता है और मृत्यु की उस नदी को पार करने में सहायता करता है जो व्यक्ति को शून्य में पहुंचाती है. (यह भी देखें, डॉग्स इन मेसोअमेरिकन फोकलोर एंड मिथ) .
  • पश्चिम - गृह, हिरन, बन्दर, गिद्ध और वर्षा. पश्चिम, वानस्पतिक चक्र और मौसम के परिवर्तन से सम्बंधित था, विशेष रूप से समशीतोष्ण ऊंचे मैदान जहां वर्षा कम होती थी.
  • दक्षिण - खरगोश, छिपकली, सूखी जड़ी बूटियां, बाज़ और फूल. एक ओर यह चमकदार सूर्य से और दोपहर की गरमी से सम्बद्ध है और दूसरी ओर मदिरा युक्त वर्षा से. खरगोश, पश्चिम का प्रमुख चिन्ह, जो कृषकों और पल्क से सम्बंधित था.

राजनीतिक और धार्मिक कला

वैचारिक और राजनीतिक अर्थ के साथ कला: रैमिरेज़ कोडेक्स से एज़्टेक ज़ोम्पैन्टली (स्कल-रैक) का चित्रण.

मेसोअमेरिकी कलात्मक अभिव्यक्ति विचारपद्धति द्वारा अनुकूलित थी और सामान्यतया धर्म और/या सामाजिक-राजनीतिक शक्तियों की विषय वस्तु के केन्द्रीकरण से सम्बंधित थी. यह काफी हद तक इस तथ्य पर आधारित है कि अधिकांश कृतियां जो स्पेन की विजय के बाद भी शेष रहीं वे सार्वजनिक इमारतें थीं. ये इमारतें विशिष्ट रूप से उन शासकों द्वारा बनवायी गयी थीं जो दृश्य रूप से अपने सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक ओहदे को वैध ठहराना चाहते थे, ऐसा कर के वे अपनी वंशावली, निजी गुणों और उपलब्धियों एवम अप्नीविरासत को धार्मिक सिद्धांतों के साथ गूंथ रहे थे. जैसा कि यह इमारतें विशिष्ट रूप सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए बनायी गयी थीं और कई रूपों में थीं जैसे, स्टीले, मूर्तियों, वास्तुकला संबंधी नक्काशी और अन्य प्रकार के वास्तुकला संबंधी तत्व (जैसे, रूफकौम्ब्स). अभिव्यक्त अन्य विषय वस्तुओं के अंतर्गत खोज अवधि, शहर की प्रशंसा और देवताओं के प्रति श्रद्धा शामिल थी - जो सभी स्पष्ट रूप से उस शासक की क्षमताओं और शासन की प्रशंसा के लिए बाध्य थे जिसने उस कलात्मक कार्य को मान्यता दी हो.

यह एक अन्य पूर्व हिस्पैनिक प्रकार की कला थी जो अपने बाह्य अर्थ के स्थान पर आतंरिक अर्थ के लिए बनायी गयी थी. यह प्रथम प्रकार से इस रूप में भिन्न है कि इसका महत्व इसके द्वारा दृश्य रूप से चित्रित विषय से सम्बद्ध नहीं है, अपितु उससे सम्बद्ध है जिसकी यह अभिव्यक्ति करती है. मिटटी के बर्तन (सिरेमिक के बर्तन) इस कलात्मक अभिव्यक्ति का एक उदहारण हैं और अपनी स्रोत सामग्री के मूल के कारण प्रतीकात्मक थे;ये प्रायः दफ़नाने किए रिवाज़ और मूर्तियों के अदृश्य चेहरों के रूप में होते थे.[उद्धरण चाहिए]

इन्हें भी देंखे

  • मैक्सिको के स्वदेशीय लोग
  • स्वदेशीय अमेरिनडियन आनुवंशिकी
  • मध्य अमेरिका (अमेरिका)
  • उपनिवेशन से पहले अमेरिका में चित्रकारी

फुटनोट्स

  1. "मेसो-अमेरिका." ऑक्सफोर्ड इंग्लिश रेफरेंस डिक्शनेरी , 2 एड. (रेव.) 2002. (ISBN 0-19-860652-4) ऑक्सफोर्ड, ब्रिटेन: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, पृष्ठ 906.
  2. शब्दावली
  3. (2000): एटलस डेल मैक्सिको प्रिहिसपैनिको. रेविस्टा आर्कियोलॉजिया मेक्सिकाना. न्यूमरो एस्पेशल 5. जूलियो डे 2000. रेसेज़ / इंस्टीट्युटो नैशनल डी इंट्रोपोलॉजिया ए हिस्टोरिया. मैक्सिको.
  4. http://www.uapress.arizona.edu/onlinebks/hohokam/Glossary.htm एरिज़ोना विश्वविद्यालय
  5. मेसो-अमेरिका के भूलायित सभ्यताएं
  6. "Mesoamerica: Our Region". Mesoamerica. अभिगमन तिथि 2006-12-19. Paul Kirchhoff coined the term Mesoamerica in 1943 from the Greek mesos or "center" and America from Amerigo Vespucci, who claimed to have discovered the continent (Christopher Columbus thought he had reached Asia).
  7. विज्ञान प्रदर्शन - 19 अगस्त 2006 - बोसावास बायोरिवर्स निकारागुआ
  8. दिएहल, पृष्ठ. 248.
  9. [1]पीडीऍफ (10.1 KiB)
  10. ओ'ब्रेन (1994), पृष्ठ 25.
  11. डाइमंड (1999), पीपी.126-127.
  12. डाइमंड (1999), पृष्ठ .100.
  13. को (1994), पृष्ठ. 45 ("कुत्ते एक मात्र घरेलू जानवर होते थे - ये अधिकतर पूर्व प्राचीनकाल के लिए मांस का प्रमुख स्रोत थे - और पेरू पक्षी - ये बोधगम्य रूप से दुर्लभ थे क्योंकि यह बहुत अधिक मात्र में मक्के का सेवन करते थे इसलिए इनका पालन महंगा होता था".)
  14. डाइमंड (1999).
  15. ओ'ब्रेन (1994), पृष्ठ 25.
  16. रॉबिन, सिंथिया. "पिपलिंग द पास्ट: न्यू पर्सपेक्टिव्स ऑन द एशियंट माया". प्रोक नैशनल अकादमी साइंस 91(1):18-21. http://www.pubmedcentral.nih.gov/picrender.fcgi?artid=33352&blobtype=pdf
  17. हेच, जेफ़. "एशियंट बियर पौट्स पॉइंट टू ऑरीजिंस ऑफ़ चॉकलेट". Newscientist.com 12/11/2007 http://www.newscientist.com/article/dn12910-ancient-beer-pots-point-to-origins-of-chocolate.html
  18. टालाडौयेर, पृष्ठ 98. यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिकी दक्षिण पूर्व भाग में 200 से भी कुछ अधिक बॉलकोर्ट पाए गए हैं जो इस योग में सम्मिलित नहीं हैं क्योंकि यह मेसोअमेरिका से बहार हैं और इस सम्बन्ध में भी विवाद है कि इन क्षेत्रों का प्रयोग इस खेल के लिए किया जाता था या नहीं.
  19. फिलौय नडाल, पृष्ठ 30 और लेयेनार भी (2001) पीपी 125-126.
  20. बर्नार्ड आर. ओर्टिज़ डे मोंटेलानो एज़्टेक मेडिसिन, हेल्थ, एंड न्यूट्रीशन न्यू ब्रंसविक; रुटगर्स विश्वविद्यालय प्रेस. 1990, पीपी. 67-71 ISBN 0-8135-1563-7
  21. "Archaeologists Announce Discoveries At The Ancient Maya Site Of Waka' In Northern Guatemala". May 6, 2004. अभिगमन तिथि 2 April 2010.

संदर्भ

  • Carmack, Robert M. (1996). Legacy of Mesoamerica, The: History and Culture of a Native American Civilization. New Jersey: Prentice Hall. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-13-337445-9. नामालूम प्राचल |coauthors= की उपेक्षा की गयी (|author= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  • Coe, Michael D. (1994) [1962]. Mexico: from the Olmecs to the Aztecs (4th edition, Revised and Enlarged संस्करण). New York: Thames & Hudson. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-500-27722-2.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  • Diehl, Richard A. (2004). The Olmecs: America's First Civilization. London: Thames & Hudson. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-500-28503-9.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  • Diamond, Jared (1999). Guns, Germs and Steel: The Fates of Human Societies. New York: W W Norton & Co. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-393-31755-2.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  • Duverger, Christian (1999). Mesoamérica, arte y antropología.. Paris.: CONACULTA, Landucci Editores. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 970-18-3751-7.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • Fernández, Tomás (2003). La escultura prehispánica de mesoamérica. Barcelona: Lunwerg Editores. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 84-9785-012-2. नामालूम प्राचल |coauthors= की उपेक्षा की गयी (|author= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • Filloy Nadal, Laura (2001). "Rubber and Rubber Balls in Mesoamerica". प्रकाशित E. Michael Whittington (Ed.) (संपा॰). The Sport of Life and Death: The Mesoamerican Ballgame. New York: Thames & Hudson. पपृ॰ 20–31. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-500-05108-9.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: editors list (link)
  • Fuente, Beatrice de la (2001). De Mesoamérica a la Nueva España. Oviedo, Spain: Consejo de Comunidades Asturianas. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 84-505-9611-4.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • Gamio, Manuel (1922). La Población del Valle de Teotihuacán: Representativa de las que Habitan las Regiones Rurales del Distrito Federal y de los Estados de Hidalgo, Puebla, México y Tlaxcala (2 vols. in 3 संस्करण). Mexico City: Talleres Gráficos de la Secretaría de Educación Pública.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • Kirchhoff, Paul (1943). "Mesoamérica. Sus Límites Geográficos, Composición Étnica y Caracteres Culturales". Acta Americana. 1 (1): 92–107.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • Kuehne Heyder, Nicola (2001). Mesoamérica: acercamiento a una historia. Granada, Spain.: Diputación Provincial de Granada. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 84-7807-008-7. नामालूम प्राचल |coauthors= की उपेक्षा की गयी (|author= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • Leyenaar, Ted (2001). ""The Modern Ballgames of Sinaloa: a Survival of the Aztec Ullamaliztli"". प्रकाशित E. Michael Whittington (Ed.) (संपा॰). The Sport of Life and Death: The Mesoamerican Ballgame. New York: Thames & Hudson. पपृ॰ 97–115. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-500-05108-9.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: editors list (link)
  • López Asutin, Alfredo (1996). El pasado indígena. Mexico City: El Colegio de México. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 968-16-4890-0. नामालूम प्राचल |coauthors= की उपेक्षा की गयी (|author= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • Miller, Mary Ellen (2001). El arte de mesoamérica. "Colecciones El mundo del arte". Barcelona.: Ediciones Destino. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 84-233-3095-8. |isbn= के मान की जाँच करें: invalid character (मदद).सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • O'Brien, Patrick (General Editor) (2005). Oxford Atlas of World History. New York: Oxford University Press.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  • Palerm, Ángel (1972). Agricultura y civilización en Mesoamérica. Mexico: Secretaría de Educación Pública. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 968-13-0994-4.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • Sahagún, Bernardino de (1950–82) [ca. 1540–85]. Florentine Codex: General History of the Things of New Spain, 13 vols. in 12. vols. I-XII. Charles E. Dibble and Arthur J.O. Anderson (eds., trans., notes and illus.) (translation of Historia General de las Cosas de la Nueva España संस्करण). Santa Fe, NM and Salt Lake City: School for American Research and the University of Utah Press. OCLC 276351. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-87480-082-X.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  • Taladoire, Eric (2001). "The Architectural Background of the Pre-Hispanic Ballgame". प्रकाशित E. Michael Whittington (Ed.) (संपा॰). The Sport of Life and Death: The Mesoamerican Ballgame. New York: Thames & Hudson. पपृ॰ 97–115. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-500-05108-9.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: editors list (link)
  • Weaver, Muriel Porter (1993). The Aztecs, Maya, and Their Predecessors: Archaeology of Mesoamerica (3rd संस्करण). San Diego: Academic Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-01-263999-0.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  • West, Robert C. (1989). Middle America: Its Lands and Peoples (3rd संस्करण). Englewood Cliffs, N.J.: Prentice Hall. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-13-582271-8. नामालूम प्राचल |coauthors= की उपेक्षा की गयी (|author= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  • Wolf, Eric Robert (1967). Pueblos y culturas de Mesoamérica. Biblioteca Era.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) (स्पेनिश)
  • Several Authors (1999). Historia General de Guatemala. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 84-88522-07-4 |isbn= के मान की जाँच करें: checksum (मदद).
  • This article draws heavily on the corresponding article in the Spanish-language Wikipedia, which was accessed in the version of 29 May 2006.

बाहरी लिंक्स

साँचा:Link FA