"ट्रिकलिंग फ़िल्टर": अवतरणों में अंतर
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ट्रिकलिंग फ़िल्टर जेविक मल(शहरो और फक्ट्रियो से निकलने वाली ) के अन्दर से जिवाद्दुओ की मात्र कम से कम करने के लिए प्रयोग मे लाया जाता है |इसके द्वारा हम |
ट्रिकलिंग फ़िल्टर जेविक मल(शहरो और फक्ट्रियो से निकलने वाली ) के अन्दर से जिवाद्दुओ की मात्र कम से कम करने के लिए प्रयोग मे लाया जाता है |इसके द्वारा हम गंदे पानी के अन्दर से सूक्ष्मजीवो की मात्रा बहुत कम कर सकते है |इसके बाद फेक्त्रियो से निकला पानी नदियों या समुन्द्र मे डाला जा सकता है | |
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==निर्माण== |
==निर्माण== |
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ट्रिकलिंग फ़िल्टर |
ट्रिकलिंग फ़िल्टर जमीन से ऊपर बनाया जाता है ,इनका आकार या तो गोलाकार या आयात होता है |१.८ मीटर से २.४ मीटर इसकी ऊंचाई होती है जिसमे मोती पथ्ररो का प्प्रियोग किया जाता है ,उसके बाद नोजल की मदत से गंदे पानी को इसके ऊपर स्प्रे किया जाता है ,जिसके बाद गंदगी की एक परत पथारो के ऊपर जम जाती है हो धीरे धीरे ये परत मोटी होने लगती है इसके अन्दर एरोबिक प्रिक्रिया होता है (वह प्रिक्रिया जो ऑक्सीजन की उपस्थिथि मे होती है उन्हे एरोबिक प्रिक्रिया कहते है ) |
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पद्थ्रो के ऊपर गंदगी की एक मोटी परत जम जाने के बाद परत की निचली |
पद्थ्रो के ऊपर गंदगी की एक मोटी परत जम जाने के बाद परत की निचली सतह मे ऑक्सीजन की कमी हनी लगती है जिसके कारन परत धीरे धीरे टूटने लगती है |
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==बाहरी कडिया== |
==बाहरी कडिया== |
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10:03, 3 नवम्बर 2013 का अवतरण
ट्रिकलिंग फ़िल्टर जेविक मल(शहरो और फक्ट्रियो से निकलने वाली ) के अन्दर से जिवाद्दुओ की मात्र कम से कम करने के लिए प्रयोग मे लाया जाता है |इसके द्वारा हम गंदे पानी के अन्दर से सूक्ष्मजीवो की मात्रा बहुत कम कर सकते है |इसके बाद फेक्त्रियो से निकला पानी नदियों या समुन्द्र मे डाला जा सकता है |
निर्माण
ट्रिकलिंग फ़िल्टर जमीन से ऊपर बनाया जाता है ,इनका आकार या तो गोलाकार या आयात होता है |१.८ मीटर से २.४ मीटर इसकी ऊंचाई होती है जिसमे मोती पथ्ररो का प्प्रियोग किया जाता है ,उसके बाद नोजल की मदत से गंदे पानी को इसके ऊपर स्प्रे किया जाता है ,जिसके बाद गंदगी की एक परत पथारो के ऊपर जम जाती है हो धीरे धीरे ये परत मोटी होने लगती है इसके अन्दर एरोबिक प्रिक्रिया होता है (वह प्रिक्रिया जो ऑक्सीजन की उपस्थिथि मे होती है उन्हे एरोबिक प्रिक्रिया कहते है ) पद्थ्रो के ऊपर गंदगी की एक मोटी परत जम जाने के बाद परत की निचली सतह मे ऑक्सीजन की कमी हनी लगती है जिसके कारन परत धीरे धीरे टूटने लगती है
बाहरी कडिया
[[श्रेणी:पानी की सफाई ]]