"गैसों का अणुगति सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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* ये अणु लगातार [[यादृच्छ गति]] कर रहे हैं। तेजी से गति करते हुए ये अणु बर्तन की दीवार से लगातार टकराते रहते हैं।
* ये अणु लगातार [[यादृच्छ गति]] कर रहे हैं। तेजी से गति करते हुए ये अणु बर्तन की दीवार से लगातार टकराते रहते हैं।


* बर्तन की दीवारों के साथ गैस के अणुओं का [[संघट्टा]]] पूर्ण प्रत्यास्थ संघट्ट है।
* बर्तन की दीवारों के साथ गैस के अणुओं का [[संघट्ट]] पूर्ण प्रत्यास्थ संघट्ट है।


* अणुओं के बीच परस्पर अन्योन्यक्रिया नगण्य है। संघट्ट को छोड़कर किसी अन्य स्थिति में वे एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगाते ।
* अणुओं के बीच परस्पर अन्योन्यक्रिया नगण्य है। संघट्ट को छोड़कर किसी अन्य स्थिति में वे एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगाते ।
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* [[विशिष्ट आपेक्षिकता|आपेक्षिक प्रभाव]] नगण्य हैं।
* [[विशिष्ट आपेक्षिकता|आपेक्षिक प्रभाव]] नगण्य हैं।


* [[क्वाण्टम यांत्रिकी|क्वाण्टम यांत्रिक]] प्रभाव नगण्य हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि कणों के बीच की दूरी [[डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य]] की तुलना में बहुत अधिक है, और अणुओं को चिरसम्म्त यांत्रिकी के पिण्डॉं की तरह माना जा सकता है।
* [[क्वाण्टम यांत्रिकी|क्वाण्टम यांत्रिक]] प्रभाव नगण्य हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि कणों के बीच की दूरी [[डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य]] की तुलना में बहुत अधिक है, और अणुओं को [[चिरसम्मत यांत्रिकी]] के पिण्डों की तरह माना जा सकता है।


* बर्तन की दीवारों के साथ अणुओं के संघट्ट का समय, दो संघट्टों के बीच के औसत समय की तुलना में नगण्य है।
* बर्तन की दीवारों के साथ अणुओं के संघट्ट का समय, दो संघट्टों के बीच के औसत समय की तुलना में नगण्य है।


* अणुओं के गति के समीकरण काल-व्युत्क्रमणीय (time-reversible) हैं।
* अणुओं के [[गति के समीकरण]] काल-व्युत्क्रमणीय (time-reversible) हैं।


== अणुगति सिद्धान्त का मूलभूत समीकरण ==
== अणुगति सिद्धान्त का मूलभूत समीकरण ==

09:40, 26 अगस्त 2013 का अवतरण

किसी आदर्श एक-परमाणवीय गैस का ताप उसके परमाणुओं की औसत गतिज उर्जा का परोक्ष मापन है। इस एनिमेशन में गैस के परमाणुओ, उनके बीच की दूरी एवं परमाणुओं के चाल को वास्तविक मान से कम या ज्यादा रखा गया है ताकि देखकर समझने में सुविधा हो।

गैसों का अणुगति सिद्धान्त (kinetic theory of gases) गैसों के समष्टिगत (मैक्रोस्कोपिक) गुणों (दाब, ताप आदि) को समझने के लिये एक सरलीकृत मॉडल है। सार रूप में यह सिद्धान्त कहता है कि गैसों का दाब उनके अणुओं के बीच के स्थैतिक प्रतिकर्षण (static repulsion) के कारण नहीं है (जैसा कि न्यूटन का विचार था), बल्कि गतिशील अणुओं के आपसी टकराव (collision) का परिणाम है।

अणुगति सिद्धान्त की मान्यताएँ (Postulates)

आदर्श गैसों के लिये यह सिद्धान्त निम्नलिखित मान्यताओं (assumptions) पर आधारित है-

  • गैस बहुत ही छोटे कणों से मिलकर बनी है जिनका द्रव्यमान शून्य नहीं है।
  • अणुओं की संख्या इतनी अधिक है कि सांख्यिकीय निरूपण का प्रयोग किया जा सकता है।
  • ये अणु लगातार यादृच्छ गति कर रहे हैं। तेजी से गति करते हुए ये अणु बर्तन की दीवार से लगातार टकराते रहते हैं।
  • बर्तन की दीवारों के साथ गैस के अणुओं का संघट्ट पूर्ण प्रत्यास्थ संघट्ट है।
  • अणुओं के बीच परस्पर अन्योन्यक्रिया नगण्य है। संघट्ट को छोड़कर किसी अन्य स्थिति में वे एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगाते ।
  • बर्तन के आयतन की तुलना में गैस के अणुओं का अपना आयतन नगण्य है। दूसरे शब्दों में, गैस के कणों के बीच की औसत दूरी उन कणों के अपने आकार की तुलना में बहुत अधिक है।
  • अणुओं का आकार पूर्णतः गोल है। उनकी प्रकृत्ति पूर्णतः प्रत्यास्थ है।
  • बर्तन की दीवारों के साथ अणुओं के संघट्ट का समय, दो संघट्टों के बीच के औसत समय की तुलना में नगण्य है।

अणुगति सिद्धान्त का मूलभूत समीकरण

जहाँ:

– अणु की औसत गतिज उर्जा
kबोल्ट्जमैन नियतांक
i – वह संख्या है जो गैस के अणुओं की स्वतंत्रता की सीमा (डिग्री आफ फ्रीडम) को व्यक्त करती है।

अणुओं का औसत वेग

अणुगति सिद्धान्त के मूलभूत समीकरण से अणुओं के औसत वेग का समीकरण सीधे निकाला जा सकता है। एक मोल गैस के लिये (गैस के अणुओं का 'डिग्री आफ फ्रीडम' ३ होता है।) :

,

कणों का द्रव्यमान है, तथा कणों का वेग के वर्ग का औसत है।

अत:

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ