"जिराफ़": अवतरणों में अंतर

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'''जिराफ़''' (जिराफ़ा कॅमेलोपार्डेलिस) [[अफ़्रीका]] के जंगलों मे पाया जाने वाला एक [[शाकाहारी]] पशु है। यह सभी थलीय पशुओं मे सबसे ऊँचा होता है तथा जुगाली करने वाला सबसे बड़ा जीव है। इसका वैज्ञानिक नाम ऊँट जैसे मुँह तथा तेंदुए जैसी त्वचा के कारण पड़ा है। जिराफ़ अपनी लंबी गर्दन तथा टांगें और अपने विशिष्ट सींगों के लिये भी जाना जाता है। यह औसतन ५-६ मी. ऊँचा होता है तथा नर का औसतन वज़न १,२०० कि. और मादा का ८३० कि. होता है। यह जिराफ़िडे परिवार का है तथा इसका सबसे नज़दीकी रिश्तेदार इसी कुल का अफ़्रीका में पाया जाने वाला [[ओकापी]] नामक प्राणी है। इसकी नौ प्रजातियाँ हैं जो कि आकार, रंग, त्वचा के धब्बों तथा पाये जाने वाले क्षेत्रों में एक दूसरे से भिन्न हैं।
'''जिराफ़''' (जिराफ़ा कॅमेलोपार्डेलिस) [[अफ़्रीका]] के जंगलों मे पाया जाने वाला एक [[शाकाहारी]] पशु है। यह सभी थलीय पशुओं मे सबसे ऊँचा होता है तथा जुगाली करने वाला सबसे बड़ा जीव है। इसका वैज्ञानिक नाम ऊँट जैसे मुँह तथा तेंदुए जैसी त्वचा के कारण पड़ा है।
==विवरण==
जिराफ़ अपनी लंबी गर्दन तथा टांगें और अपने विशिष्ट सींगों के लिये भी जाना जाता है। यह औसतन ५-६ मी. ऊँचा होता है तथा नर का औसतन वज़न १,२०० कि. और मादा का ८३० कि. होता है। यह जिराफ़िडे परिवार का है तथा इसका सबसे नज़दीकी रिश्तेदार इसी कुल का अफ़्रीका में पाया जाने वाला [[ओकापी]] नामक प्राणी है। इसकी नौ प्रजातियाँ हैं जो कि आकार, रंग, त्वचा के धब्बों तथा पाये जाने वाले क्षेत्रों में एक दूसरे से भिन्न हैं।
==आवास एवं व्यवहार==
जिराफ़ अफ़्रीका में उत्तर में [[चैड]] से दक्षिण में [[दक्षिण अफ़्रीका]] तथा पश्चिम में [[नाइजर]] से पूर्व में [[सोमालिया]] तक पाया जाता है। अमूमन जिराफ़ खुले मैदानों तथा छितरे जंगलों में पाये जाते हैं। जिराफ़ उन स्थानों में रहना पसन्द करते हैं जहाँ प्रचुर मात्रा में [[बबूल]] या [[कीकर]] के पेड़ हों क्योंकि इनकी पत्तियाँ जिराफ़ का प्रमुख आहार है। अपनी लंबी गर्दन के कारण इन्हें ऊँचे पेड़ों से पत्तियाँ खाने में कोई परेशानी नहीं होती है। वयस्क परभक्षियों का कम ही शिकार होते हैं लेकिन इनके शावकों का शिकार [[शेर]], [[तेंदुआ|तेंदुए]], [[लकड़बग्घा|लकड़बग्घे]] तथा जंगली [[कुत्ता|कुत्ते]] करते हैं। आम तौर पर जिराफ़ कुछ समय के लिये एकत्रित होते हैं तथा कुछ घण्टों के पश्चात अपनी-अपनी राह चल देते हैं। नर अपना दबदबा बनाने के लिये एक दूसरे से अपनी गर्दनें लड़ाते हैं।
जिराफ़ अफ़्रीका में उत्तर में [[चैड]] से दक्षिण में [[दक्षिण अफ़्रीका]] तथा पश्चिम में [[नाइजर]] से पूर्व में [[सोमालिया]] तक पाया जाता है। अमूमन जिराफ़ खुले मैदानों तथा छितरे जंगलों में पाये जाते हैं। जिराफ़ उन स्थानों में रहना पसन्द करते हैं जहाँ प्रचुर मात्रा में [[बबूल]] या [[कीकर]] के पेड़ हों क्योंकि इनकी पत्तियाँ जिराफ़ का प्रमुख आहार है। अपनी लंबी गर्दन के कारण इन्हें ऊँचे पेड़ों से पत्तियाँ खाने में कोई परेशानी नहीं होती है। वयस्क परभक्षियों का कम ही शिकार होते हैं लेकिन इनके शावकों का शिकार [[शेर]], [[तेंदुआ|तेंदुए]], [[लकड़बग्घा|लकड़बग्घे]] तथा जंगली [[कुत्ता|कुत्ते]] करते हैं। आम तौर पर जिराफ़ कुछ समय के लिये एकत्रित होते हैं तथा कुछ घण्टों के पश्चात अपनी-अपनी राह चल देते हैं। नर अपना दबदबा बनाने के लिये एक दूसरे से अपनी गर्दनें लड़ाते हैं।
=== शब्द की व्युत्पत्ति ===
=== शब्द की व्युत्पत्ति ===

04:30, 9 मई 2013 का अवतरण

जिराफ़
जिराफ़
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: जंतु
संघ: रज्जुकी
वर्ग: स्तनपायी
गण: द्विखुरीयगण
कुल: जिराफ़िडी
वंश: जिराफ़ा
जाति: जी. कॅमलोपारडॅलिस
द्विपद नाम
जिराफ़ा कॅमलोपारडॅलिस
(लिनेअस, १७५८)
पाये जाने वाले क्षेत्र

जिराफ़ (जिराफ़ा कॅमेलोपार्डेलिस) अफ़्रीका के जंगलों मे पाया जाने वाला एक शाकाहारी पशु है। यह सभी थलीय पशुओं मे सबसे ऊँचा होता है तथा जुगाली करने वाला सबसे बड़ा जीव है। इसका वैज्ञानिक नाम ऊँट जैसे मुँह तथा तेंदुए जैसी त्वचा के कारण पड़ा है।

विवरण

जिराफ़ अपनी लंबी गर्दन तथा टांगें और अपने विशिष्ट सींगों के लिये भी जाना जाता है। यह औसतन ५-६ मी. ऊँचा होता है तथा नर का औसतन वज़न १,२०० कि. और मादा का ८३० कि. होता है। यह जिराफ़िडे परिवार का है तथा इसका सबसे नज़दीकी रिश्तेदार इसी कुल का अफ़्रीका में पाया जाने वाला ओकापी नामक प्राणी है। इसकी नौ प्रजातियाँ हैं जो कि आकार, रंग, त्वचा के धब्बों तथा पाये जाने वाले क्षेत्रों में एक दूसरे से भिन्न हैं।

आवास एवं व्यवहार

जिराफ़ अफ़्रीका में उत्तर में चैड से दक्षिण में दक्षिण अफ़्रीका तथा पश्चिम में नाइजर से पूर्व में सोमालिया तक पाया जाता है। अमूमन जिराफ़ खुले मैदानों तथा छितरे जंगलों में पाये जाते हैं। जिराफ़ उन स्थानों में रहना पसन्द करते हैं जहाँ प्रचुर मात्रा में बबूल या कीकर के पेड़ हों क्योंकि इनकी पत्तियाँ जिराफ़ का प्रमुख आहार है। अपनी लंबी गर्दन के कारण इन्हें ऊँचे पेड़ों से पत्तियाँ खाने में कोई परेशानी नहीं होती है। वयस्क परभक्षियों का कम ही शिकार होते हैं लेकिन इनके शावकों का शिकार शेर, तेंदुए, लकड़बग्घे तथा जंगली कुत्ते करते हैं। आम तौर पर जिराफ़ कुछ समय के लिये एकत्रित होते हैं तथा कुछ घण्टों के पश्चात अपनी-अपनी राह चल देते हैं। नर अपना दबदबा बनाने के लिये एक दूसरे से अपनी गर्दनें लड़ाते हैं।

शब्द की व्युत्पत्ति

जिराफ़ शब्द की व्युत्पत्ति अरबी भाषा के (الزرافة) अल-ज़िराफ़ा से हुयी है। यह नाम अरबी भाषा में शायद किसी अफ्री़की भाषा के नाम से पहुँचा है। सन् १५९० के लगभग अरबी भाषा के ज़रिए जिराफ़ा शब्द इतालवी भाषा में प्रविष्ट हुआ।

उप-जातियाँ

विशेषज्ञों ने आकार, रंग, धब्बों तथा पाये जाने वाले क्षेत्रों के आधार पर जिराफ़ की नौ उप-जातियाँ निर्धारित की हैं। यह इस प्रकार हैं-

  • नूबिआई जिराफ़
  • सोमाली जिराफ़
  • अंगोलाई या नमीबिआई जिराफ़
  • कोरडोफ़न जिराफ़
  • मसाई या किलिमनजारो जिराफ़
  • रॉथचाइल्ड, बॅरिंगो या उगांडाई जिराफ़
  • दक्षिण अफ्री़काई जिराफ़
  • थॉरनिक्रॉफ़्ट या रोडेशिआई जिराफ़
  • पश्चिम अफ्री़काई जिराफ़

संदर्भ

  1. Fennessy, J.; Brown, D. (2008). Giraffa camelopardalis. 2008 संकटग्रस्त प्रजातियों की IUCN लाल सूची. IUCN 2008. Retrieved on 2009-03-13.