"समस्तीपुर": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो Bot: Migrating 2 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q1925191 (translate me)
पंक्ति 35: पंक्ति 35:
; महत्वपूर्ण व्यक्तित्वः
; महत्वपूर्ण व्यक्तित्वः
* दार्शनिकः गदाधर पंडित, शंकर, वाचास्पति मिश्र, [[उदयनाचार्य]], अमर्त्यकार, अमियकर आदि
* दार्शनिकः गदाधर पंडित, शंकर, वाचास्पति मिश्र, [[उदयनाचार्य]], अमर्त्यकार, अमियकर आदि
* स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ: पंडित यमुना कर्जी (किसान नेता [[स्वामी सहजानन्द सरस्वती]] के सहयोगी), सत्य नारायण सिन्हा (पूर्व राज्यपाल एवं चार बार लोक सभा सदस्य), [[कर्पूरी ठाकुर]] (दो बार [[बिहार]] के [[मुख्यमंत्री]]), [[बलिराम भगत]] (पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं [[लोकसभा]] अध्यक्ष), [[रामविलास पासवान]] ([[हाजीपुर]] से चार बार [[लोकसभा]] सदस्य एवं [[लोक जनशक्ति पार्टी]] के अध्यक्ष), सैय्यद शाहनवाज हुसैन ([[भारतीय जनता पार्टी]] नेता एवं सांसद), रामनाथ ठाकुर (कर्पूरी ठाकुर के पुत्र एवं विधायक)
* स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ: पंडित यमुना कर्जी (किसान नेता [[स्वामी सहजानन्द सरस्वती]] के सहयोगी), सत्य नारायण सिन्हा (पूर्व राज्यपाल एवं चार बार लोक सभा सदस्य), [[कर्पूरी ठाकुर]] (दो बार [[बिहार]] के [[मुख्यमंत्री]]), [[बलिराम भगत]] (पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं [[लोकसभा]] अध्यक्ष), [[गया प्रसाद शर्मा]] (स्वतंत्रता संग्राम में ११ बार जेल गये), [[रामविलास पासवान]] ([[हाजीपुर]] से चार बार [[लोकसभा]] सदस्य एवं [[लोक जनशक्ति पार्टी]] के अध्यक्ष), सैय्यद शाहनवाज हुसैन ([[भारतीय जनता पार्टी]] नेता एवं सांसद), रामनाथ ठाकुर (कर्पूरी ठाकुर के पुत्र एवं विधायक)
* साहित्यकार एवं कलाकारः महान मैथिली कवि [[विद्यापति]], बिहार कोकिला मैथिली गायिका [[शारदा सिन्हा]]
* साहित्यकार एवं कलाकारः महान मैथिली कवि [[विद्यापति]], बिहार कोकिला मैथिली गायिका [[शारदा सिन्हा]]



== शिक्षा ==
== शिक्षा ==

15:48, 29 अप्रैल 2013 का अवतरण

समस्तीपुर
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
जनसंख्या
घनत्व
३३,९४,७९३ (२००१ के अनुसार )
• ११६९
क्षेत्रफल २९०४ sq. kms कि.मी²

निर्देशांक: 25°54′N 86°05′E / 25.90°N 86.08°E / 25.90; 86.08 समस्तीपुर भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त मे दरभंगा प्रमंडल स्थित एक शहर एवं जिला है। समस्तीपुर के उत्तर में दरभंगा, दक्षिण में गंगा नदी और पटना जिला, पश्चिम मे मुजफ्फरपुर एवं वैशाली, तथा पुरब में बेगूसराय एवं खगड़िया जिले है। यहाँ शिक्षा का माध्यम हिंदी और उर्दू है लेकिन बज्जिका और मैथिली बोली जाती है। मिथिला क्षेत्र के परिधि पर स्थित यह जिला उपजाऊ कृषि प्रदेश है। समस्तीपुर पूर्व मध्य रेलवे का मंडल भी है।

नामाकरण

समस्तीपुर का परंपरागत नाम सरैसा है। इसका वर्तमान नाम मध्य काल में बंगाल एवं उत्तरी बिहार के शासक हाजी शम्सुद्दीन इलियास ((१३४५-१३५८ ईस्वी) के नाम पर पड़ा है। कुछ लोगों का मानना है कि इसका प्राचीन नाम सोमवती था जो बदलकर सोम वस्तीपुर फिर समवस्तीपुर और समस्तीपुर हो गया।

इतिहास

समस्तीपुर राजा जनक के मिथिला प्रदेश का अंग रहा है। विदेह राज्य का अंत होने पर यह वैशाली गणराज्य का अंग बना। इसके पश्चात यह मगध के मौर्य, शुंग, कण्व और गुप्त शासकों के महान साम्राज्य का हिस्सा रहा। ह्वेनसांग के विवरणों से यह पता चलता है कि यह प्रदेश हर्षवर्धन के साम्राज्य के अंतर्गत था। १३ वीं सदी में पश्चिम बंगाल के मुसलमान शासक हाजी शम्सुद्दीन इलियास के समय मिथिला एवं तिरहुत क्षेत्रों का बँटवारा हो गया। उत्तरी भाग सुगौना के ओईनवार राजा (1325-1525 ईस्वी) के कब्जे में था जबकि दक्षिणी एवं पश्चिमी भाग शम्सुद्दीन इलियास के अधीन रहा। समस्तीपुर का नाम भी हाजी शम्सुद्दीन के नाम पर पड़ा है। शायद हिंदू और मुसलमान शासकों के बीच बँटा होने के कारण ही आज समस्तीपुर का सांप्रदायिक चरित्र समरसतापूर्ण है। ओईनवार राजाओं को कला, संस्कृति और साहित्य का बढावा देने के लिए जाना जाता है। शिवसिंह के पिता देवसिंह ने लहेरियासराय के पास देवकुली की स्थापना की थी। शिवसिंह के बाद यहाँ पद्मसिंह, हरिसिंह, नरसिंहदेव, धीरसिंह, भैरवसिंह, रामभद्र, लक्ष्मीनाथ, कामसनारायण राजा हुए। शिवसिंह तथा भैरवसिंह द्वारा जारी किए गए सोने एवं चाँदी के सिक्के यहाँ के इतिहास ज्ञान का अच्छा स्त्रोत है। अंग्रेजी राज कायम होने पर सन १८६५ में तिरहुत मंडल के अधीन समस्तीपुर अनुमंडल बनाया गया। बिहार राज्य जिला पुनर्गठन आयोग के रिपोर्ट के आधार पर इसे दरभंगा प्रमंडल के अंतर्गत १४ नवम्बर १९७२ को जिला बना दिया गया। अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध हुए स्वतंत्रता आंदोलन में समस्तीपुर के क्रांतिकारियों ने महती भूमिका निभायी थी। यहाँ के कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं।

भूगोल

समस्तीपुर २५.९० उत्तरी अक्षांश एवं ८६.०८ पूर्वी देशांतर पर अवस्थित है | सारा जिला उपजाऊ मैदानी क्षेत्र है किंतु हिमालय से निकलकर बहनेवाली नदियाँ बरसात के दिनों में बाढ लाती है।

  • नदियाँ: समस्तीपुर जिले के मध्य से बुढी गंडक नदी, उत्तर में बागमती नदी एवं दक्षिणी तट पर गंगा बहती है| इसके अलावे यहाँ से बाया, जमुआरी, नून, करेह और शान्ति नदी भी बहती है जो बरसात के दिनों में उग्र रुप धारण कर लेती है।
  • प्रशासनिक विभाजन: यह जिला ४ तहसीलो (अनुमंडल), २० प्रखंडों, ३८० पंचायतों तथा १२४८ गाँवों में बँटा है।

अनुमंडल- दलसिंह सराय, शाहपुर पटोरी, रोसड़ा, समस्तीपुर सदर
प्रखंड- दलसिंहसराय, उजियारपुर, विद्यापतिनगर, पटोरी, मोहनपुर, मोईनुद्दीननगर, रोषड़ा, हसनपुर, बिथान, सिंघिया, विभूतीपुर, शिवाजीनगर, समस्तीपुर, कल्यानपुर, वारिसनगर, खानपुर, पूसा, ताजपुर, मोरवा, सरायरंजन

जनसांख्यिकी

२००१ की जनगणना के अनुसार इस जिले की जनसंख्या ३३,९४,७९३ है जिसमें पुरुष की आबादी १७,६०,६९२ एवं १६,३४,१०१ स्त्रियाँ है। [1] १८·५२% जनसंख्या अनुसूचित जाति की तथा ०·१% जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है। मानव विकास सूचिकांक काफी नीचे है जिसकी पुष्टि इन आँकड़ो से होती है:-

  • साक्षरता: ४५·१३% (पुरुष-५७·५९%, स्त्री- ३१·६७%)
  • जनसंख्या वृद्धि दरः २·५२% (वार्षिक)
  • स्त्री-पु‍रुष अनुपातः ९२८ प्रति १०००
  • घनत्वः ११६९ प्रति वर्ग किलोमीटर
महत्वपूर्ण व्यक्तित्वः

शिक्षा

राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय [2] समस्तीपुर जिले में पूसा नामक स्थान पर है, इसके आलावा कोई अन्य उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा संस्थान यहाँ नहीं है । प्राथमिक शिक्षा की स्थिति संतोषजनक है । २००१ की जनगणना के अनुसार जिले मे साक्षरता दर [3] ४५.६७% (पुरुष: ५७.८३, स्त्री: ३२.६९) है । समस्तीपुर तथा पूसा में केन्द्रीय विद्यालय तथा बेरौली में जवाहर नवोदय विद्यालय स्थित है। ललित नारायनण मिथिला विश्वविद्यालय दरभन्गा के अंतर्गत जिले में निम्नलिखित अंगीभूत डिग्री महाविद्यालय हैं:

  • आचार्य नरेन्द्रदेव महाविद्यालय शाहपुर पटोरी
  • बलिराम भगत महाविद्यालय समस्तीपुरज
  • समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर
  • महिला महाविद्यालय समस्तीपुर
  • आर एन ए आर कॉलेज समस्तीपुर
  • डा लोहिया कर्पूरी विशेश्वरदास महाविद्यालय ताजपुर
  • डी बी के एन महाविद्यालय नरहन
  • आर बी कॉलेज दलसिंहसराय
  • जी एम आर डी कॉलेज मोहनपुर
  • आर बी एस कॉलेज मोहिउद्दीननगर
  • उमा पांडे कॉलेज पूसा
  • यू आर कॉलेज रोषड़ा
  • सिंघिया कॉलेज सिंघिया

पर्यटन स्थल

  • morwara
  • विद्यापतिनगर: शिव के अनन्य भक्त एवं महान मैथिल कवि विद्यापति ने यहाँ गंगा तट पर अपने जीवन के अंतिम दिन बिताए थे। ऐसी मान्यता है कि अपनी बिमारी के कारण विद्यापति जब गंगातट जाने में असमर्थ थे तो गंगा ने अपनी धारा बदल ली और उनके आश्रम के पास से बहने लगी। वह आश्रम लोगों की श्रद्धा का केंद्र है।
  • करियनः महामहिषी कुमारिलभट्ट के शिष्य महान दार्शनिक उदयनाचार्य का जन्म ९८४ ईस्वी में शिवाजीनगर प्रखंड के करियन गाँव में हुआ था। उदयनाचार्य ने न्याय, दर्शन एवं तर्क के क्षेत्र में लक्षमणमाला, न्यायकुशमांजिली, आत्मतत्वविवेक, किरणावली आदि पुस्तकें लिखी जिनपर अनगिनत संस्थानों में शोध चल रहा है। दुर्भाग्य से यह महत्वपूर्ण स्थल सरकार की उपेक्षा का शिकार है। [4]
  • मालीनगर: यहाँ १८४४ में बना शिवमंदिर है जहाँ प्रत्येक वर्ष रामनवमी को मेला लगता है। मालीनगर हिंदी साहित्य के महान साहित्यकार बाबू देवकी नन्दन खत्री एवं शिक्षाविद राम सूरत ठाकुर की जन्म स्थली भी है। [5]
  • मंगलगढ: यह स्थान हसनपुर से १४ किलोमीटर दूर है जहाँ प्राचीन किले का अवशेष है। यहाँ के स्थानीय शासक मंगलदेव के निमंत्रण पर महात्मा बुद्ध संघ प्रचार के लिए आए थे। उन्होंने यहाँ रात्रि विश्राम भी किया था। जिस स्थान पर बुद्ध ने अपना उपदेश दिया था वह बुद्धपुरा कहलाता था जो अब अपभ्रंश होकर दूधपुरा हो गया है।
  • जगेश्वरस्थान (बिभूतिपुर): नरहन रेलवे स्टेशन से १५ किलोमीटर की दूरी पर बिभूतिपुर में जगेश्वरीदेवी का बनवाया शिव मंदिर है। अंग्रेजों के समय का नरहन एक रजवाड़ा था जिसका भव्य महल बिभूतिपुर में मौजूद है। जगेश्वरी देवी नरहन स्टेट के वैद्य भाव मिश्र की बेटी थी।
  • मोरवा अंचल में कुंदनेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना एक मुस्लिम द्वारा यहाँ शिवलिंग मिलने पर की गयी थी। मंदिर के साथ ही महिला मुस्लिम संत की मजार हिंदू और मुस्लिम द्वारा एक साथ पूजित है
  • मुसरीघरारी: राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर स्थित यह एक कस्बा है जहाँ का मुहरर्म तथा दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन होता है।
  • singhia hanuman mandir
  • संत दरियासाहेब का आश्रम: बिहार के सूफी संत दरिया साहेब का आश्रम जिले के दक्षिणी सीमा पर गंगा तट पर बसा गाँव धमौन में बना है। यहाँ निरंजन स्वामी का मंदिर भी है।
  • थानेश्वर शिवमंदिर, खाटू-श्याम मंदिर एवं कालीपीठ समस्तीपुर जिला मुख्यालय का महत्वपूर्ण पूजा स्थल है।

यातायात सुविधाएँ

सड़क मार्ग

समस्तीपुर बिहार के सभी मुख्य शहरों से राजमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है। यहाँ से वर्तमान में दो राष्ट्रीय राजमार्ग तथा तीन राजकीय राजमार्ग गुजरते हैं। मुजफ्फरपुर, मोतिहारी होते हुए लखनऊ तक जानेवाली राष्ट्रीय राजमार्ग २८ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 103 जिले को चकलालशाही, जन्दाहा, चकसिकन्दर होते हुए वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर से जोड़ता है। हाजीपुर से राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर महात्मा गाँधी सेतु पारकर राजधानी पटना जाया जाता है। जिले में राजकीय राजमार्ग संख्या ४९, ५० तथा ५५ की कुल लंबाई ८७ किलोमीटर है।

रेल मार्गः

समस्तीपुर भारतीय रेल के [नक्शे] का एक महत्वपूर्ण जंक्शन है। यह पूर्व मध्य रेलवे का एक मंडल है। दिल्ली-गुवाहाटी रूट पर स्थित रेललाईनें एक ओर शहर को मुजफ्फरपुर,हाजीपुर, छपड़ा होते हुए दिल्ली से और दूसरी ओर बरौनी, कटिहार होते हुए गुवाहाटी से जोड़ती है। इसके अतिरिक्त यहाँ से मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, जम्मू, अमृतसर, गुवाहाटी तथा अन्य महत्वपूर्ण शहरों के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध है।

वायु मार्गः

समस्तीपुर का निकटस्थ हवाई अड्डा ६५ किलोमीटर दूर पटना में स्थित है। लोकनायक जयप्रकाश हवाई क्षेत्र पटना (IATA कोड- PAT) से अंतर्देशीय तथा सीमित अन्तर्राष्ट्रीय उड़ाने उपलब्ध है। इंडियन, किंगफिशर, जेट एयर, स्पाइस जेट तथा इंडिगो की उडानें दिल्ली, कोलकाता और राँची के लिए उपलब्ध हैं।

संदर्भ

  1. [1] समस्तीपुर एक नजर में
  2. राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जालपृष्ठ
  3. बिहार मे साक्षरता दर
  4. [2] उदयनाचार्य की जन्मभूमि पर जागरण समाचार
  5. [3] अंग्रेजी विकिपीडिया पर समस्तीपुर

बाहरी कड़ियाँ

समस्तीपुर जिला का आधिकारिक बेवजाल
अंग्रेजी विकिपीडिया पर समस्तीपुर
पथ निर्माण विभाग (बिहार सरकार) का आधिकारिक बेवजाल
बीआरबी कॉलेज समस्तीपुर
पूसा कृषि विश्वविद्यालय का आधिकारिक बेवजाल