"नीहार रंजन नाग": अवतरणों में अंतर
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(जन्म-१९३५) अवकाश प्राप्त कार्यक्रम अधिशासी (आकाशवाणी) एवं विशिष्ट रेडियो रुपक लेखक। बांग्ला भाषी होकर हिन्दी में डेढ सौ से ज्यादा रुपकों का लेखन,निर्देशन एवं प्रस्तुतिकरण किया जो भारत में हिन्दी रेडियो रुपकों के क्षेत्र में एक मील का पत्थर माना जाता है। साहित्य के अविस्मरणीय एवं विस्मृत लेखक-लेखिकाओं, राष्ट्र की सांस्कृतिक, सामाजिक समस्याओं एवं उपलब्धियों पर रुपकों का प्रसारण तथा प्रकाशन कर न मात्र हिन्दी की अपितु हिन्दी क्षेत्र के जनसाधारण में साहित्यिक अभिरुचि एवं सामाजिक चेतना के जागरण में उल्लेखनीय सेवा की। |
(जन्म-१९३५) अवकाश प्राप्त कार्यक्रम अधिशासी ([[आकाशवाणी]]) एवं विशिष्ट रेडियो रुपक लेखक। बांग्ला भाषी होकर [[हिन्दी]] में डेढ सौ से ज्यादा रुपकों का लेखन,निर्देशन एवं प्रस्तुतिकरण किया जो भारत में हिन्दी रेडियो रुपकों के क्षेत्र में एक मील का पत्थर माना जाता है। साहित्य के अविस्मरणीय एवं विस्मृत लेखक-लेखिकाओं, राष्ट्र की सांस्कृतिक, सामाजिक समस्याओं एवं उपलब्धियों पर रुपकों का प्रसारण तथा प्रकाशन कर न मात्र [[हिन्दी]] की अपितु हिन्दी क्षेत्र के जनसाधारण में साहित्यिक अभिरुचि एवं सामाजिक चेतना के जागरण में उल्लेखनीय सेवा की। |
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- हिन्दी लेखक (रेडियो रुपक)
(जन्म-१९३५) अवकाश प्राप्त कार्यक्रम अधिशासी (आकाशवाणी) एवं विशिष्ट रेडियो रुपक लेखक। बांग्ला भाषी होकर हिन्दी में डेढ सौ से ज्यादा रुपकों का लेखन,निर्देशन एवं प्रस्तुतिकरण किया जो भारत में हिन्दी रेडियो रुपकों के क्षेत्र में एक मील का पत्थर माना जाता है। साहित्य के अविस्मरणीय एवं विस्मृत लेखक-लेखिकाओं, राष्ट्र की सांस्कृतिक, सामाजिक समस्याओं एवं उपलब्धियों पर रुपकों का प्रसारण तथा प्रकाशन कर न मात्र हिन्दी की अपितु हिन्दी क्षेत्र के जनसाधारण में साहित्यिक अभिरुचि एवं सामाजिक चेतना के जागरण में उल्लेखनीय सेवा की।