"वर्णक्रम": अवतरणों में अंतर

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'''वर्णक्रम''' या '''स्पॅकट्रम''' (spectrum) किसी चीज़ की एक ऐसी व्यवस्था होती है जिसमें उस चीज़ की विविधताएँ किसी गिनती की श्रेणियों में सीमित न हों बल्कि किसी [[संतात्यक (सिद्धांत)|संतात्यक]] (कन्टिन्यम) में अनगिनत तरह से विविध हो सके। "स्पॅकट्रम" शब्द का इस्तेमाल सब से पहले [[दृग्विद्या]] (ऑप्टिक्स) में किया गया था जहाँ [[इन्द्रधनुष]] के रंगों में अनगिनत विविधताएँ देखी गयीं।
'''वर्णक्रम''' या '''स्पॅकट्रम''' (spectrum) किसी चीज़ की एक ऐसी व्यवस्था होती है जिसमें उस चीज़ की विविधताएँ किसी गिनती की श्रेणियों में सीमित न हों बल्कि किसी [[संतात्यक (सिद्धांत)|संतात्यक]] (कन्टिन्यम) में अनगिनत तरह से विविध हो सके। "स्पॅकट्रम" शब्द का इस्तेमाल सब से पहले [[दृग्विद्या]] (ऑप्टिक्स) में किया गया था जहाँ [[इन्द्रधनुष]] के रंगों में अनगिनत विविधताएँ देखी गयीं।


==भौतिकी में प्रयोग==
== भौतिकी में प्रयोग ==
भौतिकी में किसी वस्तु से उभरने वाले प्रकाश का वर्णक्रम उस प्रकाश में शामिल सारे रंगों का फैलाव होता है। यह देखा गया है के किसी भी [[रासायनिक तत्व|तत्व]] को यदि गरम किया जाए तो वह अनूठे वर्णक्रम से प्रकाश छोड़ता है। इस वर्णक्रम की जांच से पहचाना जा सकता है के या कौन से तत्व से आ रहा है और वह तत्व किस तापमान पर है। इस चीज़ का प्रयोग [[पृथ्वी]] से करोड़ों-अरबों [[प्रकाश-वर्ष]] तक की दूरी पर स्थित [[खगोलीय वस्तुओं]] की बनावट और तापमानों का अनुमान करने के लिए किया जाता है।
भौतिकी में किसी वस्तु से उभरने वाले प्रकाश का वर्णक्रम उस प्रकाश में शामिल सारे रंगों का फैलाव होता है। यह देखा गया है के किसी भी [[रासायनिक तत्व|तत्व]] को यदि गरम किया जाए तो वह अनूठे वर्णक्रम से प्रकाश छोड़ता है। इस वर्णक्रम की जांच से पहचाना जा सकता है के या कौन से तत्व से आ रहा है और वह तत्व किस तापमान पर है। इस चीज़ का प्रयोग [[पृथ्वी]] से करोड़ों-अरबों [[प्रकाश-वर्ष]] तक की दूरी पर स्थित [[खगोलीय वस्तुओं]] की बनावट और तापमानों का अनुमान करने के लिए किया जाता है।


==इन्हें भी देखें==
== इन्हें भी देखें ==
*[[दृग्विद्या]]
* [[दृग्विद्या]]
*[[रंग]]
* [[रंग]]
*[[संतात्यक (सिद्धांत)]]
* [[संतात्यक (सिद्धांत)]]


[[श्रेणी:भौतिकी]]
[[श्रेणी:भौतिकी]]

17:41, 15 फ़रवरी 2013 का अवतरण

एक इन्द्रधनुष के अनगिनत रंग एक वर्णक्रम में व्यवस्थित होते हैं
एक तारे के प्रकाश के वर्णक्रम से उस तारे का तापमान और बनावट अनुमानित किया जा सकता है

वर्णक्रम या स्पॅकट्रम (spectrum) किसी चीज़ की एक ऐसी व्यवस्था होती है जिसमें उस चीज़ की विविधताएँ किसी गिनती की श्रेणियों में सीमित न हों बल्कि किसी संतात्यक (कन्टिन्यम) में अनगिनत तरह से विविध हो सके। "स्पॅकट्रम" शब्द का इस्तेमाल सब से पहले दृग्विद्या (ऑप्टिक्स) में किया गया था जहाँ इन्द्रधनुष के रंगों में अनगिनत विविधताएँ देखी गयीं।

भौतिकी में प्रयोग

भौतिकी में किसी वस्तु से उभरने वाले प्रकाश का वर्णक्रम उस प्रकाश में शामिल सारे रंगों का फैलाव होता है। यह देखा गया है के किसी भी तत्व को यदि गरम किया जाए तो वह अनूठे वर्णक्रम से प्रकाश छोड़ता है। इस वर्णक्रम की जांच से पहचाना जा सकता है के या कौन से तत्व से आ रहा है और वह तत्व किस तापमान पर है। इस चीज़ का प्रयोग पृथ्वी से करोड़ों-अरबों प्रकाश-वर्ष तक की दूरी पर स्थित खगोलीय वस्तुओं की बनावट और तापमानों का अनुमान करने के लिए किया जाता है।

इन्हें भी देखें