"वरदराज": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
छो Bot: अंगराग परिवर्तन |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''वरदराज''' [[संस्कृत]] [[व्याकरण]] के महापण्डित थे। वे महापण्डित [[भट्टोजि दीक्षित]] के शिष्य थे। भट्टोजि दीक्षित की [[सिद्धान्तकौमुदी]] पर आधारित उन्होने तीन ग्रन्थ रचे : [[मध्यसिद्धान्तकौमुदी]] , [[लघुसिद्धान्तकौमुदी]] तथा [[सारकौमुदी]] । |
'''वरदराज''' [[संस्कृत]] [[व्याकरण]] के महापण्डित थे। वे महापण्डित [[भट्टोजि दीक्षित]] के शिष्य थे। भट्टोजि दीक्षित की [[सिद्धान्तकौमुदी]] पर आधारित उन्होने तीन ग्रन्थ रचे : [[मध्यसिद्धान्तकौमुदी]] , [[लघुसिद्धान्तकौमुदी]] तथा [[सारकौमुदी]] । |
||
==इन्हें भी देखें== |
== इन्हें भी देखें == |
||
*[[संस्कृत व्याकरण का इतिहास]] |
* [[संस्कृत व्याकरण का इतिहास]] |
||
==बाहरी कड़ियाँ== |
== बाहरी कड़ियाँ == |
||
*[http://books.google.co.in/books?id=T-evs_ZqvkMC&printsec=frontcover#v=onepage&q=&f=false लघुसिद्धान्तकौमुदी (तिङन्त प्रकरण) (लेखक - केके आनन्द] |
* [http://books.google.co.in/books?id=T-evs_ZqvkMC&printsec=frontcover#v=onepage&q=&f=false लघुसिद्धान्तकौमुदी (तिङन्त प्रकरण) (लेखक - केके आनन्द] |
||
*[http://literature.awgp.org/hindibook/ShortStories/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%20%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%20%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81-10/%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%AC%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BF_%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C मंदबुद्धि वरदराज] |
* [http://literature.awgp.org/hindibook/ShortStories/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%20%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%20%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81-10/%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%AC%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BF_%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C मंदबुद्धि वरदराज] |
||
[[श्रेणी:संस्कृत]] |
[[श्रेणी:संस्कृत]] |
17:36, 15 फ़रवरी 2013 का अवतरण
वरदराज संस्कृत व्याकरण के महापण्डित थे। वे महापण्डित भट्टोजि दीक्षित के शिष्य थे। भट्टोजि दीक्षित की सिद्धान्तकौमुदी पर आधारित उन्होने तीन ग्रन्थ रचे : मध्यसिद्धान्तकौमुदी , लघुसिद्धान्तकौमुदी तथा सारकौमुदी ।