"श्रोडिंगर समीकरण": अवतरणों में अंतर

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क्वांटम यांत्रिकी में,स्क्रोडिंगर समीकरण हमे यह बतती है की किसी फिज़िकल सिस्टम की क्वेंटम अवस्था समय के अनुसार कैसे बदलती है|यह १९२५ मे तैयार तथा १९२६ मे ऑस्ट्रिया के भौतिक विज्ञानी इरविन श्रोडिंगर. द्वारा प्रकासित की गयी|
क्वांटम यांत्रिकी में,स्क्रोडिंगर समीकरण हमे यह बतती है की किसी फिज़िकल सिस्टम की क्वेंटम अवस्था समय के अनुसार कैसे बदलती है|यह १९२५ मे तैयार तथा १९२६ मे ऑस्ट्रिया के भौतिक विज्ञानी इरविन श्रोडिंगर. द्वारा प्रकासित की गयी|
क्लॅसिकल यांत्रिकी मे समेय की समीकरण(ईक्वेशन ऑफ मोशन)<ref name = sch>
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न्यूटन के दूसरे नियम मे,एउलेर लग्रअंजी समीकरण हमे टेम प्रारंभिक सेटिंग्स और सिस्टम के विन्यास के बारे मे बताता है|
न्यूटन के दूसरे नियम मे,एउलेर लग्रअंजी समीकरण हमे टेम प्रारंभिक सेटिंग्स और सिस्टम के विन्यास के बारे मे बताता है|
क्वांटम यांत्रिकी के मानक व्याख्या में वेवफंकशन हमे फिज़िकल स्टेट की पूर्ण जानकारी देता है |श्रोडिंगर समीकरण ना केवल परमाणु, आणविक और उपपरमाण्विक अवस्था की जानकारी देता है बल्कि मैक्रो सिस्टम(सुछ्म) ,सम्भवतिए पूरे ब्रह्मांड की जानकारी भी देता है|
क्वांटम यांत्रिकी के मानक व्याख्या में वेवफंकशन हमे फिज़िकल स्टेट की पूर्ण जानकारी देता है |श्रोडिंगर समीकरण ना केवल परमाणु, आणविक और उपपरमाण्विक अवस्था की जानकारी देता है बल्कि मैक्रो सिस्टम(सुछ्म) ,सम्भवतिए पूरे ब्रह्मांड की जानकारी भी देता है|
==समीकरण==
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===समय - निर्भर समीकरण===
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सबसे सामान्य रूप मे समय पर निर्भर समीकरण है, जो एक समय के साथ विकसित प्रणाली का विवरण देती है |<ref>
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जहां Ψ क्वांटम प्रणाली का वेव फॅंगशेन है|i काल्पनिक इकाई है, ħ कम प्लैंक स्थिरांक है|<math>\hat{H} </math>हमीलटोनियँ ऑपरेटर है|
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सबसे प्रसिद्ध उदाहरण एक गैर - रेलेटिविस्टिक श्रोडिंगर समीकरण एक कण(एलेक्ट्रिक फिलेड के लिए) के लिए (लेकिन एक चुंबकीय क्षेत्र के लिए नही)
सबसे प्रसिद्ध उदाहरण एक गैर - रेलेटिविस्टिक श्रोडिंगर समीकरण एक कण(एलेक्ट्रिक फिलेड के लिए) के लिए (लेकिन एक चुंबकीय क्षेत्र के लिए नही)
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* [http://www.colorado.edu/UCB/AcademicAffairs/ArtsSciences/physics/TZD/PageProofs1/TAYL07-203-247.I.pdf The Schrödinger Equation in One Dimension] as well as the [http://www.colorado.edu/UCB/AcademicAffairs/ArtsSciences/physics/TZD/PageProofs1/ directory of the book].
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* [http://hyperphysics.phy-astr.gsu.edu/hbase/hframe.html All about 3D Schrödinger Equation ]
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*Mathematical aspects of Schrödinger equations are discussed on the [http://tosio.math.toronto.edu/wiki/index.php/Main_Page Dispersive PDE Wiki].
* Mathematical aspects of Schrödinger equations are discussed on the [http://tosio.math.toronto.edu/wiki/index.php/Main_Page Dispersive PDE Wiki].
* [http://www.nanotechnology.hu/online/web-schroedinger/index.html Web-Schrödinger: Interactive solution of the 2D time dependent Schrödinger equation ]
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* [http://behindtheguesses.blogspot.com/2009/06/schrodinger-equation-corrections.html An alternate derivation of the Schrödinger Equation ]
* [http://behindtheguesses.blogspot.com/2009/06/schrodinger-equation-corrections.html An alternate derivation of the Schrödinger Equation ]

14:46, 12 फ़रवरी 2013 का अवतरण

क्वांटम यांत्रिकी में,स्क्रोडिंगर समीकरण हमे यह बतती है की किसी फिज़िकल सिस्टम की क्वेंटम अवस्था समय के अनुसार कैसे बदलती है|यह १९२५ मे तैयार तथा १९२६ मे ऑस्ट्रिया के भौतिक विज्ञानी इरविन श्रोडिंगर. द्वारा प्रकासित की गयी| क्लॅसिकल यांत्रिकी मे समेय की समीकरण(ईक्वेशन ऑफ मोशन)[1] न्यूटन के दूसरे नियम मे,एउलेर लग्रअंजी समीकरण हमे टेम प्रारंभिक सेटिंग्स और सिस्टम के विन्यास के बारे मे बताता है| क्वांटम यांत्रिकी के मानक व्याख्या में वेवफंकशन हमे फिज़िकल स्टेट की पूर्ण जानकारी देता है |श्रोडिंगर समीकरण ना केवल परमाणु, आणविक और उपपरमाण्विक अवस्था की जानकारी देता है बल्कि मैक्रो सिस्टम(सुछ्म) ,सम्भवतिए पूरे ब्रह्मांड की जानकारी भी देता है|

समीकरण

समय - निर्भर समीकरण

सबसे सामान्य रूप मे समय पर निर्भर समीकरण है, जो एक समय के साथ विकसित प्रणाली का विवरण देती है |[2] :

समय - निर्भर श्रोडिंगर समीकरण (सामान्य)

जहां Ψ क्वांटम प्रणाली का वेव फॅंगशेन है|i काल्पनिक इकाई है, ħ कम प्लैंक स्थिरांक है|हमीलटोनियँ ऑपरेटर है|

ईक वेव फनगश्न

सबसे प्रसिद्ध उदाहरण एक गैर - रेलेटिविस्टिक श्रोडिंगर समीकरण एक कण(एलेक्ट्रिक फिलेड के लिए) के लिए (लेकिन एक चुंबकीय क्षेत्र के लिए नही)

'समय - निर्भर श्रोडिंगर समीकरण ( गैर - रेलेटिविस्टिक श्रोडिंगर समीकरण एक कण(एलेक्ट्रिक फिलेड के लिए) के लिए)

सन्दर्भ

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. Shankar, R. (1994). Principles of Quantum Mechanics (2nd संस्करण). Kluwer Academic/Plenum Publishers. पृ॰ 143. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-306-44790-7.

बाहरी लिंक