"भीम": अवतरणों में अंतर

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11:22, 12 फ़रवरी 2013 का अवतरण

भीम
दुशासन की छाती चीरते हुए भीमसेन
दुशासन की छाती चीरते हुए भीमसेन
हिंदू पौराणिक कथाओं के पात्र
नाम:भीम
अन्य नाम:भीमसेन, वृकोदर
संदर्भ ग्रंथ:महाभारत, श्रीमद्भगवद्गीता, पुराण
जन्म स्थल:हस्तिनापुर
व्यवसाय:क्षत्रिय, कुरु राजकुमार
मुख्य शस्त्र:{{{मुख्य शस्त्र}}}
राजवंश:कुरु
माता-पिता:कुन्ती और पाण्डु
भाई-बहन:{{{भाई-बहन}}}
जीवनसाथी:{{{जीवनसाथी}}}
संतान:{{{संतान}}}


हिन्दू धर्म के महाकाव्य महाभारत के अनुसार भीम पाण्डवों में दूसरे स्थान पर थे। वे पवनदेव के वरदान स्वरूप कुन्ती से उत्पन्न हुए थे, लेकिन अन्य पाण्डवों के विपरीत भीम की प्रशंसा पाण्डु द्वारा की गई थी। सभी पाण्डवों में वे सर्वाधिक बलशाली और श्रेष्ठ कद-काठी के थे।

उनके पौराणिक बल का गुणगान पूरे काव्य में किया गया है। जैसे:- "सभी गदाधारियों में भीम के समान कोई नहीं है, और ऐसा भी कोई को गज की सवारी करने में इतना योग्य हो और बल में तो वे दस हज़ार हाथियों के समान है। युद्ध कला में पारंगत और सक्रिय, जिन्हे यदि क्रोध दिलाया जाए जो कई धृतराष्ट्रों को वे समाप्त कर सकते हैं। सदैव रोषरत और बलवान, युद्ध में तो स्वयं इन्द्र भी उन्हें परास्त नहीं कर सकते।"

महाभारत के युद्ध में भीम ने ही सारे कौरव भाईयों का वध किया था।

संदर्भ

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