"ख़ुर्द और कलाँ": अवतरणों में अंतर

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[[उत्तर भारत]], [[पाकिस्तान]] और [[अफ़ग़ानिस्तान]] में कई ऐसे गाँव, शहर और मोहल्ले हैं जो एक जगह शुरू हुए और फिर फैलकर उनके दो हिस्से हो गए - एक मुख्य या बड़ा हिस्सा और एक छोटा हिस्सा। ऐसे में बड़े हिस्से के नाम के पीछे "कलाँ" कहा जाने लगा और छोटे हिस्से के पीछे "ख़ुर्द"। इसके इस क्षेत्र में हज़ारों उदहारण हैं -
[[उत्तर भारत]], [[पाकिस्तान]] और [[अफ़ग़ानिस्तान]] में कई ऐसे गाँव, शहर और मोहल्ले हैं जो एक जगह शुरू हुए और फिर फैलकर उनके दो हिस्से हो गए - एक मुख्य या बड़ा हिस्सा और एक छोटा हिस्सा। ऐसे में बड़े हिस्से के नाम के पीछे "कलाँ" कहा जाने लगा और छोटे हिस्से के पीछे "ख़ुर्द"। इसके इस क्षेत्र में हज़ारों उदहारण हैं -


*[[दिल्ली]] का [[दरीबा कलाँ]] का मोहल्ला
* [[दिल्ली]] का [[दरीबा कलाँ]] का मोहल्ला
*[[राजस्थान]] में हिंगोला कलाँ और हिंगोला ख़ुर्द के दो गाँव
* [[राजस्थान]] में हिंगोला कलाँ और हिंगोला ख़ुर्द के दो गाँव
*[[हरयाणा]] के [[रोहतक]] जिले में सुनारियाँ कलाँ और सुनारियाँ ख़ुर्द के दो गाँव
* [[हरयाणा]] के [[रोहतक]] जिले में सुनारियाँ कलाँ और सुनारियाँ ख़ुर्द के दो गाँव
*[[बिहार]] का [[मानिकपुर-खुर्द गाँव, सहकुंड (भागलपुर)|मानिकपुर खुर्द]] गाँव
* [[बिहार]] का [[मानिकपुर-खुर्द गाँव, सहकुंड (भागलपुर)|मानिकपुर खुर्द]] गाँव
*पाकिस्तान के [[ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा]] राज्य के [[अबटाबाद ज़िले]] के बेरोत ख़ुर्द और बेरोत कलाँ गाँव
* पाकिस्तान के [[ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा]] राज्य के [[अबटाबाद ज़िले]] के बेरोत ख़ुर्द और बेरोत कलाँ गाँव


कभी-कभी दो गाँव और बस्तियां (एक ख़ुर्द और दूसरी कलाँ) अलग तो होती हैं लेकिन बढ़-बढ़कर एक दुसरे से मिलकर एक ही हो जाती हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में रिवाज है के यह बात स्पष्ट की जाए के ख़ुर्द और कलाँ दोनों की बात हो रही है और उन्हें "ख़ुर्द कलां कहा जाता है -
कभी-कभी दो गाँव और बस्तियां (एक ख़ुर्द और दूसरी कलाँ) अलग तो होती हैं लेकिन बढ़-बढ़कर एक दुसरे से मिलकर एक ही हो जाती हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में रिवाज है के यह बात स्पष्ट की जाए के ख़ुर्द और कलाँ दोनों की बात हो रही है और उन्हें "ख़ुर्द कलां कहा जाता है -
*[[उत्तर प्रदेश]] के बरेली ज़िले के बिठीरी-चैनपुर मंडल का मऊदी ख़ुर्द कलाँ गाँव
* [[उत्तर प्रदेश]] के बरेली ज़िले के बिठीरी-चैनपुर मंडल का मऊदी ख़ुर्द कलाँ गाँव
*उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के महेवा मंडल का मुरियाना कलाँ ख़ुर्द गाँव
* उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के महेवा मंडल का मुरियाना कलाँ ख़ुर्द गाँव


==अन्य प्रयोग==
==अन्य प्रयोग==
इन दोनों शब्दों का प्रयोग कुछ और सन्दर्भों में भी होता है -
इन दोनों शब्दों का प्रयोग कुछ और सन्दर्भों में भी होता है -
*ख़ुर्दबीन - [[सूक्ष्मबीन]] (माइक्रोस्कोप) के लिए एक और नाम है
* ख़ुर्दबीन - [[सूक्ष्मबीन]] (माइक्रोस्कोप) के लिए एक और नाम है
*ख़ुर्द-ए-शीशा - ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जिसमें बहुत सा छुपा हुआ कमीनापन हो, जिस तरह शीशे का चूरा छूने से वह खाल में घुसकर तक़लीफ़ देता है और निकालना मुश्किल होता है
* ख़ुर्द-ए-शीशा - ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जिसमें बहुत सा छुपा हुआ कमीनापन हो, जिस तरह शीशे का चूरा छूने से वह खाल में घुसकर तक़लीफ़ देता है और निकालना मुश्किल होता है


==इन्हें भी देखें==
==इन्हें भी देखें==
*[[दरीबा कलाँ]]
* [[दरीबा कलाँ]]


==सन्दर्भ==
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[[श्रेणी:शब्द]]
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18:14, 9 नवम्बर 2012 का अवतरण

ख़ुर्द और कलाँ फ़ारसी भाषा के शब्द हैं जो हिन्दी में और भारतीय उपमहाद्वीप में कई सन्दर्भों में पाए जाते हैं, विशेषकर जगहों के नामों में। "ख़ुर्द" का मतलब "छोटा" होता है और "कलाँ" का मतलब बड़ा होता है।[1][2] इन नामों को मुग़लिया ज़माने से प्रयोग किया जा रहा है।

जगहों के नामों में

उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में कई ऐसे गाँव, शहर और मोहल्ले हैं जो एक जगह शुरू हुए और फिर फैलकर उनके दो हिस्से हो गए - एक मुख्य या बड़ा हिस्सा और एक छोटा हिस्सा। ऐसे में बड़े हिस्से के नाम के पीछे "कलाँ" कहा जाने लगा और छोटे हिस्से के पीछे "ख़ुर्द"। इसके इस क्षेत्र में हज़ारों उदहारण हैं -

कभी-कभी दो गाँव और बस्तियां (एक ख़ुर्द और दूसरी कलाँ) अलग तो होती हैं लेकिन बढ़-बढ़कर एक दुसरे से मिलकर एक ही हो जाती हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में रिवाज है के यह बात स्पष्ट की जाए के ख़ुर्द और कलाँ दोनों की बात हो रही है और उन्हें "ख़ुर्द कलां कहा जाता है -

  • उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के बिठीरी-चैनपुर मंडल का मऊदी ख़ुर्द कलाँ गाँव
  • उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के महेवा मंडल का मुरियाना कलाँ ख़ुर्द गाँव

अन्य प्रयोग

इन दोनों शब्दों का प्रयोग कुछ और सन्दर्भों में भी होता है -

  • ख़ुर्दबीन - सूक्ष्मबीन (माइक्रोस्कोप) के लिए एक और नाम है
  • ख़ुर्द-ए-शीशा - ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जिसमें बहुत सा छुपा हुआ कमीनापन हो, जिस तरह शीशे का चूरा छूने से वह खाल में घुसकर तक़लीफ़ देता है और निकालना मुश्किल होता है

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "शब्द का अर्थ खोजें: खुर्द". पुस्तक शब्दकोष. अभिगमन तिथि ४ मई २०११. ... खुर्द वि० [फा०] छोटा। लघु। ‘‘कलाँ’’ का उल्टा। ...
  2. "शब्द का अर्थ खोजें: कलाँ". पुस्तक शब्दकोष. अभिगमन तिथि ४ मई २०११. ... कलाँ वि० [फा०] १. आकार, विस्तार आदि में बड़ा। दीर्घाकार। २. वय में बड़ा। ...