"सूर्य ग्रहण": अवतरणों में अंतर

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'''[[सूर्यग्रहण]]''' में [[चन्द्रमा]] [[सूरज]] व [[पृथ्वी]] एक ही सीध में होते हैं और चाँद पृथवी और सूर्य के बीच होने की वजह से चाँद की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। ऐसा अक्सर [[पूर्णिमा]] और [[अमावस्या]] के एक दिन बाद यानि [[एकादशी]] के दिन होता है।
जब घूमते-घूमते [[चन्द्रमा]], [[सूरज]] व [[पृथ्वी]] एक ही सीध में होते हैं तथा इस कारण चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है तो इसे '''सूर्यग्रहण''' कहते हैं। ऐसा अक्सर [[पूर्णिमा]] और [[अमावस्या]] के एक दिन बाद यानि [[एकादशी]] के दिन होता है।

[[श्रेणी:ग्रहण]]
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==यह भी देखें==
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*[[ग्रहण]]
*[[ग्रहण]]
*[[चंद्रग्रहण]]
*[[चंद्रग्रहण]]

10:20, 14 मई 2008 का अवतरण

जब घूमते-घूमते चन्द्रमा, सूरजपृथ्वी एक ही सीध में होते हैं तथा इस कारण चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है तो इसे सूर्यग्रहण कहते हैं। ऐसा अक्सर पूर्णिमा और अमावस्या के एक दिन बाद यानि एकादशी के दिन होता है।

यह भी देखें