"निःयुद्ध": अवतरणों में अंतर
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'''नियुद्ध''' एक प्राचीन भारतीय युद्ध कला (मार्शल आर्ट) है। यह एक निःशस्त्र युद्ध कला है जिसमें हाथ और पाँव के प्रहार शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य आत्मरक्षा है। [[महाभारत]] आदि प्राचीन ग्रन्थों में नियुद्ध का उल्लेख मिलता है। |
'''नियुद्ध''' एक प्राचीन भारतीय युद्ध कला (मार्शल आर्ट) है। नियुद्ध का शाब्दिक अर्थ है '''बिना हथियार युद्ध'''। यह एक निःशस्त्र युद्ध कला है जिसमें हाथ और पाँव के प्रहार शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य आत्मरक्षा है। [[महाभारत]] आदि प्राचीन ग्रन्थों में नियुद्ध का उल्लेख मिलता है। |
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वर्तमान में नियुद्ध का अभ्यास मुख्यतः [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] एवं इसके आनुषांगिक संगठनों द्वारा अपने प्रशिक्षण शिविरों में किया जाता है। इसके निर्देश [[संस्कृत]] में होते हैं। |
वर्तमान में नियुद्ध का अभ्यास मुख्यतः [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] एवं इसके आनुषांगिक संगठनों द्वारा अपने प्रशिक्षण शिविरों में किया जाता है। इसके निर्देश [[संस्कृत]] में होते हैं। |
11:56, 12 सितंबर 2012 का अवतरण
फोकस | आघात |
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Hardness | फुल कॉंटैक्ट, सेमी कॉंटैक्ट, लाइट कॉंटैक्ट |
मूल देश | भारत |
Parenthood | ऐतिहासिक |
ओलम्पिक खेल | नहीं |
Part of a series on |
भारतीय युद्धकलाएँ |
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शैलियाँ |
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ऐतिहासिक व्यक्तित्व |
Notable Practitioners |
संबंधित |
नियुद्ध एक प्राचीन भारतीय युद्ध कला (मार्शल आर्ट) है। नियुद्ध का शाब्दिक अर्थ है बिना हथियार युद्ध। यह एक निःशस्त्र युद्ध कला है जिसमें हाथ और पाँव के प्रहार शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य आत्मरक्षा है। महाभारत आदि प्राचीन ग्रन्थों में नियुद्ध का उल्लेख मिलता है।
वर्तमान में नियुद्ध का अभ्यास मुख्यतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं इसके आनुषांगिक संगठनों द्वारा अपने प्रशिक्षण शिविरों में किया जाता है। इसके निर्देश संस्कृत में होते हैं।
नियुद्ध को अन्य मार्शल आर्ट खेलों के समान स्थापित करने के लिये वर्ष १९९५ में एक खेल संस्था द्वारा महाशिवरात्रि के दिन वर्ल्ड नियुद्ध फैडरेशन का गठन किया गया। हालाँकि इस फैडरेशन के खेल की शैली रा॰ स्व॰ संघ की नियुद्ध शैली से अलग है।