"पार्वती नदी (मध्य प्रदेश)": अवतरणों में अंतर

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'''पार्वती नदी''' मध्य प्रदेश की नदी है, जिसे 'पारा' नाम से भी जाना जाता है। यह नदी विन्ध्याचल की पश्चिमी श्रेणियों से निकल कर ग्वालियर प्रदेश में बहती हुई सिन्ध (या काली सिन्ध) में मिल जाती है। पार्वती-सिन्धु संगम पर प्राचीन काल की प्रसिद्ध नगरी पद्मावती बसी हुई थी।
'''पार्वती नदी''' मध्य प्रदेश की नदी है, जिसे 'पारा' नाम से भी जाना जाता है। यह नदी विन्ध्याचल की पश्चिमी श्रेणियों से निकल कर ग्वालियर प्रदेश में बहती हुई सिन्ध (या काली सिन्ध) में मिल जाती है। पार्वती-सिन्धु संगम पर प्राचीन काल की प्रसिद्ध नगरी पद्मावती बसी हुई थी।
महाकवि कालीदास के 'मेघदूत' की निर्विन्ध्या ही पार्वती नदी हो सकती है।
महाकवि कालीदास के 'मेघदूत' की निर्विन्ध्या ही पार्वती नदी हो सकती है।

17:21, 2 सितंबर 2012 का अवतरण

पार्वती नदी मध्य प्रदेश की नदी है, जिसे 'पारा' नाम से भी जाना जाता है। यह नदी विन्ध्याचल की पश्चिमी श्रेणियों से निकल कर ग्वालियर प्रदेश में बहती हुई सिन्ध (या काली सिन्ध) में मिल जाती है। पार्वती-सिन्धु संगम पर प्राचीन काल की प्रसिद्ध नगरी पद्मावती बसी हुई थी। महाकवि कालीदास के 'मेघदूत' की निर्विन्ध्या ही पार्वती नदी हो सकती है। पार्वती नदी का महाभारत, भीष्मपर्व में भी उल्लेख है। कुछ लोगों के मतानुसार निर्विन्ध्या वर्तमान नेवाज नदी है।

उदगम

यह नदी मध्यप्रदेश की विंध्याचल पर्वतमाला के उत्तरी पार्श्व मेँ स्थित सिहोर (म.प्र.) से निकलकर कडैयाहाट (बाँरा) के समीप राजस्थान मेँ प्रवेश करती है।

==नदी की लम्बाई (किलोमीटर मे)==70

अपवाह तन्त्र

यह राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमा बनाते हुए बाँरा जिले मेँ राजस्थान मेँ प्रवेश करती है तथा बाँरा व कोटा जिले मेँ बहने के बाद पाली गाँव (सवाईमाधोपुर) के निकट चम्बल नदी मेँ मिल जाती हैँ।

सहायक नदियां

इसकी सहायक नदियोँ मेँ ल्हासी, अंधेरी, विलास, बरनी, बैँथली आदि प्रमुख हैँ।

मुहाना