"सी (प्रोग्रामिंग भाषा)": अवतरणों में अंतर

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14:12, 24 अगस्त 2012 का अवतरण

चित्र:सीरचियताओकीपुस्तक.jpeg
सी प्रोग्रामन भाषा के रचयिताओं की लिखी पुस्तक का मुखपृष्ठ।

सी (C) एक सामान्य उपयोग में आने वाली कम्प्यूटर की प्रोग्रामन भाषा है। इसका विकास डेनिस रिची (Dennis Ritchie) ने बेल्ल टेलीफोन प्रयोगशाला (Bell Labs) में सन् १९७२ में किया था जिसका उद्देश्य यूनिक्स संचालन तंत्र (Unix operating system) का निर्माण करना था।

इस समय (२००९ में) 'सी' पहली या दूसरी सर्वाधिक लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है। यह भाषा विभिन्न सॉफ्टवेयर फ्लेटफार्मों पर बहुतायत में उपयोग की जाती है। शायद ही कोई कम्प्यूटर-प्लेटफार्म हो जिसके लिये सी का कम्पाइलर उपलब्ध न हो। सी++, जावा, सी# आदि अनेक प्रोग्रामन भाषाओं पर सी भाषा का गहरा प्रभाव देखा जा सकता है।

सी Language का इतिहास

सन १९६० मे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने एक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा का विकास किया जिसे उन्होने BASIC COMBINED PROGRAMMING LANGUAGE (BCPL) नाम दिया। इसे सामान्य बोल-चाल की भाषा मे बी (B) कहा गया। ’बी’ भाषा को सन १९७२ मे बेल्ल प्रयोगशाला में कम्प्यूटर वैज्ञानिक डेनिश रिची द्वारा संशोधित किया गया। ’सी’ प्रोग्रामिंग भाषा ’बी’ प्रोग्रामिंग भाषा का ही संशोधित रूप है। ’सी’ को यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम और डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम दोनो मे प्रयोग किया जा सकता है, अन्तर मात्र कम्पाइलर का होता है। यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ’सी’ मे लिखा गया ऑपरेटिंग सिस्स्टम है। यह विशेषत: ’सी’ को प्रयोग करने के लिये ही बनाया गया है अत: अधिकतर ’सी’ का प्रयोग यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही किया गया है।

सी-भाषा मामूली अन्तर के साथ कई उपभाषाओं (dilects) के रूप में मिलती है। अमेरिकी राष्ट्रीय मानक संस्थान (अमेरिकन नेशनल स्टैण्डर्ड्स इंस्टीट्यूट) (ANSI) द्वारा विकसित ANSI C को अधिकतर मानक माना जाता है।

’सी’ प्रोग्रामिंग भाषा की विशेषताएं

(१) इस प्रोग्रामिंग भाषा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमे उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा के समस्त गुण तो है ही, साथ ही इसमे निम्न स्तरीय भाषा के समस्त गुण पाए जाते है। उच्च स्तरीय भाषाएं FORTRAN, COBOL भी है लेकिन इसमे निम्न स्तरीय भाषा के गुण नही पाए जाते।

(२) इस प्रोग्रामिंग भाषा मे तैयार किये गये प्रोग्राम की गति अपेक्षाकृत तीव्र होती है। यह ० से १५००० तक गिनने मे लगभग एक सेकण्ड का समय लगाती है जबकि बेसिक मे इस कार्य मे लगभग ५० सेकण्ड लगते है।

(३) ’सी’ प्रोग्रामिंग भाषा मे प्रोग्राम मे प्रयोग करने हेतु अनेक functions परिभाषित होते है परन्तु इसमे एक अतिरिक्त सुविधा यह भी है कि प्रोग्रामर अपनी आवश्यकतानुसार नए functions भी परिभाषित कर सकता है।

(४) इसमे मात्र ३२ की शब्दों का प्रयोग होता है इसके साथ ही इसमे अनेक अन्य सहायक प्रोग्राम भी होते है जिसकी सहायता से जटिल functions भी सफलतापूर्वक किए जा सकते है।

(५) यह मुख्यत: गणित, विज्ञान एवं सिस्टम संबंधित कार्यो के काम आती है।

(६) इस भाषा मे निर्देश देते समय lower case letters का ही प्रयोग किया जाता है।

उपरोक्त विशेषताओ के कारण ही ’सी’ एक अत्यधिक लोकप्रिय कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है।

सी प्रोग्राम की संरचना और इसके घटक

  • Header Files
  • Compiler Directives
  • Function Prototypes
  • Function Definition
  • Main function

प्रोग्राम लिखने की विधि

’सी’ प्रोग्रामिंग भाषा मे किसी भी प्रोग्राम का निष्पादन (execution) करने के लिये हमे एक main() फंक्शन अवश्य लिखना होता है। क्योंकि ’सी’ कम्पाइलर किसी भी प्रोग्राम को निष्पादित करना main() फंक्शन से आरंभ करता है। एक संचिका अथवा एक प्रोग्राम मे एक से अधिक main() फंक्शन नही हो सकते ।

main()
{
.........
.........
}

यह एक प्रयोगकर्ता द्वारा परिभाषित फंक्शन है। main() फंक्शन को ’{’ कोष्ठक द्वारा आरंभ किया जाता है। प्रोग्राम संचिका के निष्पादन के समय ’{’ यह बताता है कि निष्पादन यहाँ से आरंभ करना है। इसी प्रकार ’}’ यह बताता है कि निष्पादन यहाँ समाप्त होना है। एक प्रोग्राम मे main() फंक्शन तो एक ही रहता है परन्तु अन्य फंक्शन का प्रयोग किया जा सकता है। प्रत्येक फंक्शन के लिये { और } के मध्य उपप्रोग्राम दिया जाता है। प्रत्येक निर्देश का अन्त सेमीकालन ’;’ द्वारा होना आवश्यक है।

सी-प्रोग्राम का एक उदाहरणः
main()
{
printf("/nMY NAME IS......./n");
}

इस प्रोग्राम को चलाने पर इसका आउटपुट निम्नवत होगा:

MY NAME IS....... 

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ