"निज़ाम-उल-मुल्क आसफजाह": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
छो Robot: Adding de:Asaf Jah I.,ml:അസഫ് ജാ ഒന്നാമൻ,ja:ミール・カマルディン,mr:मीर कमरुद्दीन खान सिद्दीकी,fa:آصف جاه,ru,fr,ur,no,ca,it |
||
पंक्ति 38: | पंक्ति 38: | ||
{{इतिहास-आधार}} |
{{इतिहास-आधार}} |
||
[[श्रेणी:हैदराबाद के निज़ाम]][[श्रेणी:मध्यकालीन भारत का इतिहास]] |
[[श्रेणी:हैदराबाद के निज़ाम]][[श्रेणी:मध्यकालीन भारत का इतिहास]] |
||
[[ca:Asaf Jah I]] |
|||
[[de:Asaf Jah I.]] |
|||
[[en:Qamar-ud-din Khan, Asaf Jah I]] |
[[en:Qamar-ud-din Khan, Asaf Jah I]] |
||
[[fa:آصف جاه]] |
|||
[[fr:Asaf Jah Ier]] |
|||
[[it:Qamar-ud-din Khan, Asaf Jah I]] |
|||
[[ja:ミール・カマルディン]] |
|||
[[ml:അസഫ് ജാ ഒന്നാമൻ]] |
|||
[[mr:मीर कमरुद्दीन खान सिद्दीकी]] |
|||
[[no:Asaf Jah I]] |
|||
[[ru:Асаф Джах I]] |
|||
[[ur:نظام الملک آصف جاہ اول]] |
12:38, 21 जुलाई 2012 का अवतरण
मीर क़मर-उद-दीन ख़ान सिद्दिक़ी | |
---|---|
चिंक़िलिच ख़ान, निज़ाम-उल-मुल्क, आसफ जाह | |
शासनावधि | ३१ जुलाई १७२0 – १ जून १७४८ |
राज्याभिषेक | ३१ जुलाई १७२0 |
पूर्ववर्ती | कोई नहीं |
उत्तरवर्ती | नासिर जंग मीर अहमद |
जन्म | 20 August 1671 आगरा |
निधन | 1 June 1748 (Age 76) बुरहानपुर |
समाधि | ख़ुल्दाबाद, समीप औरंगाबाद |
संतान | ६ पुत्र, ७ पुत्रियाँ |
घराना | आसफ जाही राजवंश |
पिता | नवाब ग़ाज़ी उद-दिन ख़ान फ़िरोज़ जंग सिद्दिक़ी बहादुर (फ़र्ज़ंद-ए-अर्ज़ुमंद) ग़ाज़ी उद्दीन सिद्दिक़ी |
माता | वज़ीर उन-निसा बेग़म |
मीर क़मर-उद-दीन ख़ान सिद्दिक़ी उर्फ़ निजाम-उल-मुल्क आसफजाह (२0 अगस्त, १६७१- १ जून, १७४८) मुग़ल शासक औरंगजेब के बाद के हैदराबाद का प्रसिद्ध निज़ाम था, जिसने आसफ़जाही राजवंश की नींव रखी। उसने १७२४ में हैदराबाद राज्य की स्थापना की तथा ३१ जुलाई १७२0 से लेकर १ जून १७४८ (मृत्युपर्यंत) तक शासन किया।[2] औरंगज़ेब ने उसे चिंकिलिच ख़ान (१६९0-९१)[3]), फ़र्रूख़सियर ने निज़ाम-उल-मुल्क (१७१३)[4] तथा मुहम्मद शाह ने आसफ़जाह (१७२५)[5]आदि उपाधियाँ प्रदान की।
आरंभिक जीवन
निज़ाम उल मुल्क आसफ़जाह, ग़ाज़ी उद्दीन ख़ान सिद्दिक़ी फ़िरोज़ जंग प्रथम और उसकी पहली बीवी वज़ीरुन्निसा बेग़म की संतान के तौर पर २0 अगस्त १६७१ को आगरा में पैदा हुआ। आसफ़जाह प्रथम के बचपन का नाम मीर क़मरुद्दीन ख़ान सिद्दिक़ी था।[6] उसका नामकरण मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने किया था।[7]
राजनीतिक जीवन
१७२0 से २२ तक निज़ामुल मुल्क आसफजाह ने दक्कन में अपनी स्थिति सुदृढ़ कर ली थी। वह १७२२ से १७२४ तक साम्राज्य का वजीर रहा। सैय्यद बंधुओं को गद्दी से हटाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उन्हें दक्कन का वायसराय भी कहा गया। बादशाह मुहम्मद शाह के शासन में वज़ीर के काम से तंग आकर दक्कन वापस लौट गया और हैदराबाद राज्य की नींव रखी। उनके मरणोपरांत १७४८ में हैदराबाद दिल्ली शासक के अधीन हो गया।[8]
सन्दर्भ
- ↑ Mir Qamaruddin Chin Qilij Khan Asaf Jah I - Nizam I
- ↑ Asaf Jahis
- ↑ William Irvine (1922). Later Mughals . Vol. 2, 1719-1739. पृ॰ 271. OCLC 452940071.
- ↑ Jaswant Lal Mehta (2005). Advanced study in the history of modern India 1707-1813. Sterling. पृ॰ 143. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781932705546.
- ↑ Raghunath Rai. History. FK Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788187139690.
- ↑ "The Asaf Jahi Dynasty : Genealogy".
- ↑ "Hyderabad on the Net : The Nizams".
- ↑ The Golden Book of India: A Genealogical and Biographical Dictionary of the Nizam ul Mulk Asafjah.-By Sir Roper Lethbridge
बाहरी कड़ियाँ
यह इतिहास -सम्बन्धी लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |