"समूह (गणितशास्त्र)": अवतरणों में अंतर
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[[गणित|गणितशास्त्र]] में '''समूह''' एक [[बीजगणित|बीजगणितीय]] संरचना है, जिसमें एक अंतर्निहित [[समुच्चय सिद्धान्त|समुच्चय]] व उसपर कार्य करने वाली एक द्विआधारी संक्रिया होते हैं, जो कि समुच्चय के किन्हीं दो अवयवों को जोडने पर एक तीसरा अवयव देती है। एक समूह कहलाने के लिए किसी समुच्चय और संक्रिया पर चार प्रतिबंध होते हैं जिन्हें समूह [[अभिगृहीत]] कहते हैं। यह इस प्रकार हैं - संवृति, सहचारिता, तत्समक एवं व्युत्क्रमणीयता। कई सुपरिचित गणितीय [[संरचना|संरचनाएँ]] इन अभिगृहीतों का पालन करती हैं, उदाहरणार्थ [[पूर्णांक]] योगफल करने की संक्रिया के तहत एक समूह बनाते हैं। |
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08:34, 20 जुलाई 2012 का अवतरण
गणितशास्त्र में समूह एक बीजगणितीय संरचना है, जिसमें एक अंतर्निहित समुच्चय व उसपर कार्य करने वाली एक द्विआधारी संक्रिया होते हैं, जो कि समुच्चय के किन्हीं दो अवयवों को जोडने पर एक तीसरा अवयव देती है। एक समूह कहलाने के लिए किसी समुच्चय और संक्रिया पर चार प्रतिबंध होते हैं जिन्हें समूह अभिगृहीत कहते हैं। यह इस प्रकार हैं - संवृति, सहचारिता, तत्समक एवं व्युत्क्रमणीयता। कई सुपरिचित गणितीय संरचनाएँ इन अभिगृहीतों का पालन करती हैं, उदाहरणार्थ पूर्णांक योगफल करने की संक्रिया के तहत एक समूह बनाते हैं।