"हाथी": अवतरणों में अंतर

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'''हाथी''' ज़मीन में रहने वाला एक विशाल प्राणी है। दरअसल हाथी ज़मीन में रहने वाला सबसे विशाल [[स्तनपायी]] है। आज [[:en:Elephantidae|ऍलिफ़ॅन्टिडी]] कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ''ऍलिफ़स'' तथा ''लॉक्सोडॉण्टा''। तीसरी प्रजाति ''मॅमथस'' [[विलुप्त]] हो चुकी है।<ref>{{cite web |url= |title= Phylogenetic position of Elephas, Loxodonta and Mammuthus, based on molecular evidence |author = U. Joger and G. Garrido |year = 2001 |pages 544–547 |publisher = The World of Elephants - International Congress, Rome 2001}}</ref>जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- ''लॉक्सोडॉण्टा'' प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) ([[:en:African bush elephant|African bush elephant]]) तथा अफ़्रीकी जंगलों का हाथी ([[:en:African forest elephant|African forest elephant]]) - और ''ऍलिफ़स'' प्रजाति का भारतीय या [[एशियाई हाथी]]।<ref>http://www.bbc.co.uk/nature/life/Elephantidae</ref>हालांकि कुछ शोधकर्ता दोनों अफ़्रीकी जातियों को एक ही मानते हैं,<ref name="African Elephant Specialist Group"/>अन्य मानते हैं की [[पश्चिमी अफ़्रीका]] का हाथी चौथी जाति है।<ref>{{cite news|last=Somerville|first=Keith|title=W African elephants 'separate' species|url=http://news.bbc.co.uk/1/hi/sci/tech/2282801.stm|publisher=BBC|date=2002-09-26}}</ref>ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। अधिकतम तो पिछले [[हिमयुग]] में ही विलुप्त हो गई थीं, हालांकि [[मैमथ]] का बौना स्वरूप सन् २००० ई.पू. तक जीवित रहा हो।<ref>{{cite journal | first=S. L. | last=Vartanyan | first2=V. E. | last2=Garutt | first3=A. V. | last3=Sher | title=Holocene dwarf mammoths from Wrangel Island in the Siberian Arctic | journal=Nature | volume=362 | pages=337–340 | date=25 March 1993 | url= http://blogs.nature.com/nautilus/Dwarf%20mammoths.pdf | doi=10.1038/362337a0 | issue=6418}}</ref><br/>
'''हाथी''' ज़मीन में रहने वाला एक विशाल प्राणी है। दरअसल हाथी ज़मीन में रहने वाला सबसे विशाल [[स्तनपायी]] है। आज [[:en:Elephantidae|ऍलिफ़ॅन्टिडी]] कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ''ऍलिफ़स'' तथा ''लॉक्सोडॉण्टा''। तीसरी प्रजाति ''मॅमथस'' [[विलुप्त]] हो चुकी है।<ref>{{cite web |url= |title= Phylogenetic position of Elephas, Loxodonta and Mammuthus, based on molecular evidence |author = U. Joger and G. Garrido |year = 2001 |pages 544–547 |publisher = The World of Elephants - International Congress, Rome 2001}}</ref>जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- ''लॉक्सोडॉण्टा'' प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) ([[:en:African bush elephant|African bush elephant]]) तथा अफ़्रीकी जंगलों का हाथी ([[:en:African forest elephant|African forest elephant]]) - और ''ऍलिफ़स'' प्रजाति का भारतीय या [[एशियाई हाथी]]।<ref>http://www.bbc.co.uk/nature/life/Elephantidae</ref>हालांकि कुछ शोधकर्ता दोनों अफ़्रीकी जातियों को एक ही मानते हैं,<ref name="African Elephant Specialist Group"/>अन्य मानते हैं की [[पश्चिमी अफ़्रीका]] का हाथी चौथी जाति है।<ref>{{cite news|last=Somerville|first=Keith|title=W African elephants 'separate' species|url=http://news.bbc.co.uk/1/hi/sci/tech/2282801.stm|publisher=BBC|date=2002-09-26}}</ref>ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। अधिकतम तो पिछले [[हिमयुग]] में ही विलुप्त हो गई थीं, हालांकि [[मैमथ]] का बौना स्वरूप सन् [[२०००]] ई.पू. तक जीवित रहा हो।<ref>{{cite journal | first=S. L. | last=Vartanyan | first2=V. E. | last2=Garutt | first3=A. V. | last3=Sher | title=Holocene dwarf mammoths from Wrangel Island in the Siberian Arctic | journal=Nature | volume=362 | pages=337–340 | date=25 March 1993 | url= http://blogs.nature.com/nautilus/Dwarf%20mammoths.pdf | doi=10.1038/362337a0 | issue=6418}}</ref><br/>
आज हाथी ज़मीन का सबसे बड़ा जीव है।<ref name="NationalGeographicAfricanElephant">{{cite web|url=http://www3.nationalgeographic.com/animals/mammals/african-elephant.html|title=African Elephant|publisher=National Geographic | accessdate = 2007-06-16}}</ref>हाथी का [[गर्भ काल]] २२ महीनों का होता है, जो कि ज़मीनी जीवों में सबसे लम्बा है।<ref name="birds.cornell.edu">http://www.birds.cornell.edu/brp/elephant/sections/cyclotis/families/babies.html</ref> जन्म के समय हाथी का बच्चा क़रीब १०५ कि. का होता है।<ref name="birds.cornell.edu"/> हाथी अमूमन ५० से ७० वर्ष तक जीवित रहता है, हालांकि सबसे दीर्घायु हाथी ८२ वर्ष का दर्ज किया गया है।<ref>[http://www.animalcorner.co.uk/wildlife/elephants/elephant_about.html Elephants]&nbsp;– Animal Corner</ref> आज तक का दर्ज किया गया सबसे विशाल हाथी सन् १९५५ ई. में [[अंगोला]] में मारा गया था।<ref>{{Cite news| last = Fenykovi| first = Jose| title = The Biggest Elephant Ever Killed By Man| location = USA| page = 7| publisher = CNN| date = June 4, 1956| url = http://sportsillustrated.cnn.com/vault/article/magazine/MAG1069744/7/index.htm| accessdate = <!-----03 April 2009----->}}</ref>इस [[नर]] का वज़न लगभग १०,९०० कि. था, और कन्धे तक की ऊँचाई ३.९६ मी. थी जो कि एक सामान्य अफ़्रीकी हाथी से लगभग एक मीटर ज़्यादा है।<ref>{{cite web|url=http://www.sandiegozoo.org/animalbytes/t-elephant.html|title=Animal Bytes: Elephant|publisher=San Diego Zoo | accessdate = 2007-06-16}}</ref> इतिहास के सबसे छोटे हाथी [[यूनान]] के [[क्रीट]] [[द्वीप]] में पाये जाते थे और [[गाय]] के [[बछड़ा|बछड़े]] अथवा [[सूअर]] के आकार के होते थे।<ref>[[Dorothea Bate|Bate, D.M.A.]] 1907. On Elephant Remains from Crete, with Description of ''Elephas creticus'' sp.n. Proc. zool. Soc. London: 238–250.</ref><br/>
आज हाथी ज़मीन का सबसे बड़ा जीव है।<ref name="NationalGeographicAfricanElephant">{{cite web|url=http://www3.nationalgeographic.com/animals/mammals/african-elephant.html|title=African Elephant|publisher=National Geographic | accessdate = 2007-06-16}}</ref>हाथी का [[गर्भ काल]] २२ महीनों का होता है, जो कि ज़मीनी जीवों में सबसे लम्बा है।<ref name="birds.cornell.edu">http://www.birds.cornell.edu/brp/elephant/sections/cyclotis/families/babies.html</ref> जन्म के समय हाथी का बच्चा क़रीब १०५ कि. का होता है।<ref name="birds.cornell.edu"/> हाथी अमूमन ५० से ७० वर्ष तक जीवित रहता है, हालांकि सबसे दीर्घायु हाथी ८२ वर्ष का दर्ज किया गया है।<ref>[http://www.animalcorner.co.uk/wildlife/elephants/elephant_about.html Elephants]&nbsp;– Animal Corner</ref> आज तक का दर्ज किया गया सबसे विशाल हाथी सन् [[१९५५]] ई. में [[अंगोला]] में मारा गया था।<ref>{{Cite news| last = Fenykovi| first = Jose| title = The Biggest Elephant Ever Killed By Man| location = USA| page = 7| publisher = CNN| date = June 4, 1956| url = http://sportsillustrated.cnn.com/vault/article/magazine/MAG1069744/7/index.htm| accessdate = <!-----03 April 2009----->}}</ref>इस [[नर]] का वज़न लगभग १०,९०० कि. था, और कन्धे तक की ऊँचाई ३.९६ मी. थी जो कि एक सामान्य अफ़्रीकी हाथी से लगभग एक मीटर ज़्यादा है।<ref>{{cite web|url=http://www.sandiegozoo.org/animalbytes/t-elephant.html|title=Animal Bytes: Elephant|publisher=San Diego Zoo | accessdate = 2007-06-16}}</ref> इतिहास के सबसे छोटे हाथी [[यूनान]] के [[क्रीट]] [[द्वीप]] में पाये जाते थे और [[गाय]] के [[बछड़ा|बछड़े]] अथवा [[सूअर]] के आकार के होते थे।<ref>[[Dorothea Bate|Bate, D.M.A.]] 1907. On Elephant Remains from Crete, with Description of ''Elephas creticus'' sp.n. Proc. zool. Soc. London: 238–250.</ref><br/>
एशियाई सभ्यताओं में हाथी बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है, और अपनी स्मरण शक्ति तथा बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ उनकी बुद्धिमानी [[डॉल्फिन|डॉल्फ़िन]]<ref name=ABCScience>{{cite web| title = Elephants smart as chimps, dolphins| author = Jennifer Viegas| work = ABC Science | year = 2011 | url = http://www.abc.net.au/science/articles/2011/03/08/3158077.htm | accessdate = 2011-03-08 }}</ref><ref>{{cite web| title = Elephants Outwit Humans During Intelligence Test| author = Jennifer Viegas| work = Discovery News | year = 2011 | url = http://news.discovery.com/animals/elephants-intelligence-test-110307.html| accessdate = 2011-03-19 }}</ref><ref name=DolphinGuide>{{cite web| title = What Makes Dolphins So Smart?| work = The Ultimate Guide: Dolphins| year = 1999| url = http://tursiops.org/dolfin/guide/smart.html| accessdate = 2007-10-30 }}</ref><ref name=Friendsoftheelephant>{{cite web| title = Mind, memory and feelings| work = Friends Of The Elephant| url = http://www.elephantfriends.org/mind.html| accessdate = 2007-12-20 }}</ref> तथा [[वनमानुष|वनमानुषों]] के बराबर मानी जाती है।<ref name=Hart>{{cite journal| last = Hart| first = B.L.| coauthors = L.A. Hart, M. McCoy, C.R. Sarath| title = Cognitive behaviour in Asian elephants: use and modification of branches for fly switching| journal = Animal Behaviour| volume = 62| issue = 5| pages = 839–847| publisher = Academic Press| month = November | year = 2001| url = http://www.ingentaconnect.com/content/ap/ar/2001/00000062/00000005/art01815| accessdate = 2007-10-30 | doi = 10.1006/anbe.2001.1815 }}</ref><ref name=Scott>{{cite news| last = Scott| first = David| title = Elephants Really Don't Forget| publisher = Daily Express| date = 2007-10-19| url = http://express.lineone.net/posts/view/22474/Elephants-really-don-t-forget| accessdate = 2007-10-30 }}</ref>
एशियाई सभ्यताओं में हाथी बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है, और अपनी स्मरण शक्ति तथा बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ उनकी बुद्धिमानी [[डॉल्फिन|डॉल्फ़िन]]<ref name=ABCScience>{{cite web| title = Elephants smart as chimps, dolphins| author = Jennifer Viegas| work = ABC Science | year = 2011 | url = http://www.abc.net.au/science/articles/2011/03/08/3158077.htm | accessdate = 2011-03-08 }}</ref><ref>{{cite web| title = Elephants Outwit Humans During Intelligence Test| author = Jennifer Viegas| work = Discovery News | year = 2011 | url = http://news.discovery.com/animals/elephants-intelligence-test-110307.html| accessdate = 2011-03-19 }}</ref><ref name=DolphinGuide>{{cite web| title = What Makes Dolphins So Smart?| work = The Ultimate Guide: Dolphins| year = 1999| url = http://tursiops.org/dolfin/guide/smart.html| accessdate = 2007-10-30 }}</ref><ref name=Friendsoftheelephant>{{cite web| title = Mind, memory and feelings| work = Friends Of The Elephant| url = http://www.elephantfriends.org/mind.html| accessdate = 2007-12-20 }}</ref> तथा [[वनमानुष|वनमानुषों]] के बराबर मानी जाती है।<ref name=Hart>{{cite journal| last = Hart| first = B.L.| coauthors = L.A. Hart, M. McCoy, C.R. Sarath| title = Cognitive behaviour in Asian elephants: use and modification of branches for fly switching| journal = Animal Behaviour| volume = 62| issue = 5| pages = 839–847| publisher = Academic Press| month = November | year = 2001| url = http://www.ingentaconnect.com/content/ap/ar/2001/00000062/00000005/art01815| accessdate = 2007-10-30 | doi = 10.1006/anbe.2001.1815 }}</ref><ref name=Scott>{{cite news| last = Scott| first = David| title = Elephants Really Don't Forget| publisher = Daily Express| date = 2007-10-19| url = http://express.lineone.net/posts/view/22474/Elephants-really-don-t-forget| accessdate = 2007-10-30 }}</ref>
पर्यवेक्षण से पता चला है कि हाथी का कोई प्राकृतिक [[परभक्षी]] नहीं होता है,<ref name="Joubert et al.">Joubert D. 2006. Hunting behaviour of lions (''Panthera leo'') on elephants (''Loxodonta africana'') in the Chobe National Park, Botswana. African Journal of Ecology 44:279–281.</ref> हालांकि [[सिंह]] का समूह शावक या कमज़ोर जीव का शिकार करते देखा गया है।<ref>{{cite journal | doi = 10.1111/j.1469-7998.2006.00181.x | last1 = Loveridge | first1 = A. J. | last2 = Hunt | first2 = J. E. | last3 = Murindagomo | first3 = F. | last4 = Macdonald | first4 = D. W. | year = 2006 | title = Influence of drought on predation of elephant (''Loxodonta africana'') calves by lions (''Panthera leo'') in an African wooded [[savannah]] | url = | journal = Journal of Zoology | volume = 270 | issue = 3| pages = 523–530 }}</ref><ref name="PlanetEarthEpisode7">{{cite episode | title = Great Plains | series = Planet Earth | airdate = November 2006 | number = 7 | serieslink = Planet Earth (TV series) | url = http://www.bbc.co.uk/sn/tvradio/programmes/planetearth/prog_summary.shtml}}</ref> अब यह मनुष्य की दखल तथा [[अवैध शिकार]] के कारण संकट में है।
पर्यवेक्षण से पता चला है कि हाथी का कोई प्राकृतिक [[परभक्षी]] नहीं होता है,<ref name="Joubert et al.">Joubert D. 2006. Hunting behaviour of lions (''Panthera leo'') on elephants (''Loxodonta africana'') in the Chobe National Park, Botswana. African Journal of Ecology 44:279–281.</ref> हालांकि [[सिंह]] का समूह शावक या कमज़ोर जीव का शिकार करते देखा गया है।<ref>{{cite journal | doi = 10.1111/j.1469-7998.2006.00181.x | last1 = Loveridge | first1 = A. J. | last2 = Hunt | first2 = J. E. | last3 = Murindagomo | first3 = F. | last4 = Macdonald | first4 = D. W. | year = 2006 | title = Influence of drought on predation of elephant (''Loxodonta africana'') calves by lions (''Panthera leo'') in an African wooded [[savannah]] | url = | journal = Journal of Zoology | volume = 270 | issue = 3| pages = 523–530 }}</ref><ref name="PlanetEarthEpisode7">{{cite episode | title = Great Plains | series = Planet Earth | airdate = November 2006 | number = 7 | serieslink = Planet Earth (TV series) | url = http://www.bbc.co.uk/sn/tvradio/programmes/planetearth/prog_summary.shtml}}</ref> अब यह मनुष्य की दखल तथा [[अवैध शिकार]] के कारण संकट में है।
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==वर्गीकरण तथा क्रमिक विकास==
==वर्गीकरण तथा क्रमिक विकास==
[[अफ़्रीकी हाथी]] [[प्रजाति]] में दो या तीन (विवादित) जीवित [[जाति|जातियाँ]] हैं; जबकि एशियाई हाथी प्रजाति के अंतर्गत केवल एशियाई हाथी ही जीवित जाति है, लेकिन इसे तीन या चार (विवादित) [[उपजाति|उपजातियों]] में विभाजित किया जा सकता है। अफ़्रीकी तथा एशियाई हाथी समान पूर्वज से क़रीब ७६ लाख वर्ष पूर्व विभाजित हो गये थे।<ref>[http://news.bbc.co.uk/2/hi/science/nature/6913934.stm Scientists map elephant evolution]. BBC News. July 24, 2007.</ref>
[[अफ़्रीकी हाथी]] [[प्रजाति]] में दो या तीन (विवादित) जीवित [[जाति|जातियाँ]] हैं; जबकि एशियाई हाथी प्रजाति के अंतर्गत केवल एशियाई हाथी ही जीवित जाति है, लेकिन इसे तीन या चार (विवादित) [[उपजाति|उपजातियों]] में विभाजित किया जा सकता है। अफ़्रीकी तथा एशियाई हाथी समान पूर्वज से क़रीब ७६ लाख वर्ष पूर्व विभाजित हो गये थे।<ref>[http://news.bbc.co.uk/2/hi/science/nature/6913934.stm Scientists map elephant evolution]. BBC News. जुलाई २४, २००७</ref>


===अफ़्रीकी हाथी===
===अफ़्रीकी हाथी===

00:46, 19 जुलाई 2012 का अवतरण

अफ़्रीकी हाथी अफ़्रीकी हाथी
अफ़्रीकी हाथी
एशियाई हाथी
अफ़्रीकी हाथी का पंजर

हाथी
सामयिक शृंखला: Pliocene–Recent
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पशु
संघ: Chordata
उपसंघ: Vertebrata
वर्ग: स्तनपायी
गण: Proboscidea
कुल: Elephantidae
ग्रे, 1821

हाथी ज़मीन में रहने वाला एक विशाल प्राणी है। दरअसल हाथी ज़मीन में रहने वाला सबसे विशाल स्तनपायी है। आज ऍलिफ़ॅन्टिडी कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ऍलिफ़स तथा लॉक्सोडॉण्टा। तीसरी प्रजाति मॅमथस विलुप्त हो चुकी है।[1]जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- लॉक्सोडॉण्टा प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) (African bush elephant) तथा अफ़्रीकी जंगलों का हाथी (African forest elephant) - और ऍलिफ़स प्रजाति का भारतीय या एशियाई हाथी[2]हालांकि कुछ शोधकर्ता दोनों अफ़्रीकी जातियों को एक ही मानते हैं,[3]अन्य मानते हैं की पश्चिमी अफ़्रीका का हाथी चौथी जाति है।[4]ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। अधिकतम तो पिछले हिमयुग में ही विलुप्त हो गई थीं, हालांकि मैमथ का बौना स्वरूप सन् २००० ई.पू. तक जीवित रहा हो।[5]
आज हाथी ज़मीन का सबसे बड़ा जीव है।[6]हाथी का गर्भ काल २२ महीनों का होता है, जो कि ज़मीनी जीवों में सबसे लम्बा है।[7] जन्म के समय हाथी का बच्चा क़रीब १०५ कि. का होता है।[7] हाथी अमूमन ५० से ७० वर्ष तक जीवित रहता है, हालांकि सबसे दीर्घायु हाथी ८२ वर्ष का दर्ज किया गया है।[8] आज तक का दर्ज किया गया सबसे विशाल हाथी सन् १९५५ ई. में अंगोला में मारा गया था।[9]इस नर का वज़न लगभग १०,९०० कि. था, और कन्धे तक की ऊँचाई ३.९६ मी. थी जो कि एक सामान्य अफ़्रीकी हाथी से लगभग एक मीटर ज़्यादा है।[10] इतिहास के सबसे छोटे हाथी यूनान के क्रीट द्वीप में पाये जाते थे और गाय के बछड़े अथवा सूअर के आकार के होते थे।[11]
एशियाई सभ्यताओं में हाथी बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है, और अपनी स्मरण शक्ति तथा बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ उनकी बुद्धिमानी डॉल्फ़िन[12][13][14][15] तथा वनमानुषों के बराबर मानी जाती है।[16][17] पर्यवेक्षण से पता चला है कि हाथी का कोई प्राकृतिक परभक्षी नहीं होता है,[18] हालांकि सिंह का समूह शावक या कमज़ोर जीव का शिकार करते देखा गया है।[19][20] अब यह मनुष्य की दखल तथा अवैध शिकार के कारण संकट में है।

व्युत्पत्ति

वर्गीकरण तथा क्रमिक विकास

अफ़्रीकी हाथी प्रजाति में दो या तीन (विवादित) जीवित जातियाँ हैं; जबकि एशियाई हाथी प्रजाति के अंतर्गत केवल एशियाई हाथी ही जीवित जाति है, लेकिन इसे तीन या चार (विवादित) उपजातियों में विभाजित किया जा सकता है। अफ़्रीकी तथा एशियाई हाथी समान पूर्वज से क़रीब ७६ लाख वर्ष पूर्व विभाजित हो गये थे।[21]

अफ़्रीकी हाथी

हाथी केन्या में नदी पार करता हुआ
अफ़्रीकी बुश हाथी नामीबिया के ऍतोशा राष्ट्रीय उद्यान में
जंगली परिवेष में हाथी का वीडियो

वे हाथी जो लॉक्सोडॉण्टा प्रजाति के अंतर्गत आते हैं और सामूहिक रूप से अफ़्रीकी हाथी कहलाते हैं, वर्तमान में ३७ अफ़्रीकी देशों में पाया जाता है। अफ़्रीकी हाथी एशियाई हाथी से कई प्रकार से भिन्न होते हैं, जिनमें सबसे स्पष्ट उनके बड़े कान होते हैं।[22] अफ़्रीकी हाथी एशियाई हाथी से आकार में बड़े होते हैं और उनकी अवतल पीठ होती है। अफ़्रीकी हाथी में नर और मादा दोनों के हाथीदांत होते हैं और उनकी त्वचा में बाल भी कम होते हैं।
अफ़्रीकी हाथी परंपरागत रूप से एक जाति के अंतर्गत दो उपजातियों में विभाजित किया गया है:-सवाना का हाथी या अफ़्रीकी बुश हाथी तथा अफ़्रीकी जंगली हाथी, लेकिन हाल के डी एन ए परीक्षण बताते हैं कि वास्तव में यह दो अलग जातियाँ हो सकती हैं। [23] लेकिन सभी विशेशज्ञों द्वारा यह तर्क मान्य नहीं है।[3] अफ़्रीकी हाथी की एक तीसरी जाति भी प्रस्तावित की गई है जिसे पश्चिमी हाथी (Western Elephant) की संज्ञा दी गई है।[24]
अफ़्रीकी बुश हाथी, अफ़्रीकी जंगली हाथी, एशियाई हाथी, विलुप्त अमरीकी मॅस्टोडॉन तथा मैमथ के डी एन ए विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिकों सन् २०१० ई. में इस निष्कर्ष में पहुँचे कि यकीनन अफ़्रीकी बुश हाथी तथा अफ़्रीकी जंगली हाथी दो अलग जातियाँ हैं। उन्होंने लिखा :
"We unequivocally establish that the Asian elephant is the sister species to the woolly mammoth. A surprising finding from our study is that the divergence of African savanna and forest elephants—which some have argued to be two populations of the same species—is about as ancient as the divergence of Asian elephants and mammoths. Given their ancient divergence, we conclude that African savanna and forest elephants should be classified as two distinct species."[25]
इस पुनःवर्गीकरण का संरक्षण की दृष्टि से बहुत महत्व है। अभी तक हाथियों को एक ही जाति का मानकर पूरी आबादी का एक साथ ही आंकलन किया जाता था। लेकिन पुनःवर्गीकरण के बाद किसी जाति विशेष के हाथी की आबादी आंककर यह पता लगाने में सुविधा हो जायेगी कि किस जाति के हाथी को संरक्षण अधिक आवश्यकता है, क्योंकि जिस हाथी की आबादी संकटग्रस्त की परिभाषा की परिधि में आती है उसके संरक्षण के लिए क़ानून और सख़्त करने पड़ेंगे और अवैध शिकारियों और तस्करों को संकटग्रस्त उस जाति के जानवरों या उनके शरीर के अंगों के व्यापार में रोक लगेगी।
अफ़्रीकी जंगली हाथी तथा अफ़्रीकी बुश हाथी परस्पर प्रजनन कर सकते हैं, हालांकि जंगल में उनके पृथक् परिवेषों को अपनाये जाने के कारण ऐसे मौके कम ही मिलते हैं। किन्तु बन्दी अवस्था में यह बात लागू नहीं होती है। क्योंकि अफ़्रीकी हाथी को हाल ही में दो अलग जातियों का दर्जा मिला है, ऐसा संभव है कि बन्दी हालत के अफ़्रीकी हाथी संकर (hybrid) हों।
दो नई प्रजातियों के वर्गीकरण के अंतर्गत, लॉक्सोडॉण्टा ऍफ़्रिकाना केवल अफ़्रीकी बुश हाथी या सवाना हाथी को इंगित करता है, जो भू-प्राणियों में सबसे विशाल है। नर कंधे तक ३.२ मी. से ४ मी. तक का होता है और वज़न में ३,५०० कि. से (सूचित) १२,००० कि. तक का हो सकता है।[26] मादा थोड़ी छोटी होती है, और कंधे तक क़रीब ३ मी. तक ऊँची होती है।[27] अमूमन, सवाना हाथी घास के खुले मैदानों, दलदल और झील के किनारे पाये जाते हैं। यह सवाना के पूरे क्षेत्र में पाया जाता है जो कि सहारा के दक्षिण में है।]]. दूसरी तथाकथित जाति, अफ़्रीकी जंगली (जंगल का) हाथी लॉक्सोडॉण्टा साइक्लॉटिस सवाना हाथी से आमतौर पर छोटा और गठीला होता है, तथा उसके हाथीदांत पतले और कम घुमावदार होते हैं। जंगल के हाथी का वज़न ४,५०० कि. तक और कंधे तक की ऊँचाई क़रीब ३ मी. हो सकते हैं। अपने सवाना संबन्धियों की तुलना में इनके बारे में बहुत कम जानकारी है क्योंकि पर्यावरण और राजनीतिक कारणों से इसमें बाधा आती है। प्रायः यह मध्य और पश्चिमी अफ़्रीका के घने वर्षावनों में रहते हैं, लेकिन कभी-कभी वनों की सीमाओं में भी विचरण करते हैं जिससे उनका आवासीय क्षेत्र सवाना हाथी के क्षेत्र से मिल जाता है जिससे संकरण हो सकता है। सन् १९७९ ई. में यह अनुमान लगाया गया कि अफ़्रीकी हाथियों की आबादी १३ लाख की है। [28] यह अनुमान विवादास्पद है और यह मानना है कि यह अध्यागणन है,[29] लेकिन इसी तथ्य का व्यापक रूप से उल्लेख किया जाता है और अब यह वसुसतुतः आंकलन का आधार बन गया है जिसको ग़लत ढंग से दिखलाकर जाति का निरंतर पतन परिमाणित किया जाता है। सन् १९८० के दशक में अज्फ़्रीकी हाथियों कोअथी ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया क्योंकि अवैध शिकार के कारण पूर्वी अफ़्रीका में इनकी आबादी निरंतर घटती चली गई। आइ यू सी एन की सन् २००७ ई. की रिपोर्ट के मुताबिक, [30] जंगली परिवेष में लगभग ४,७०,००० से ६,९०,००० के बीच में अफ़्रीकी हाथी हैं। हालांकि यह आंकड़ा भी हाथियों के कुल आवासीय क्षेत्र का लगभग आधा हिस्सा ही समाविष्ट करता है, विशेषज्ञ यह मानते हैं कि असली आंकड़ा इससे अधिक नहीं होगा क्योंकि इसकी संभावना कम है कि इसके अलावा हाथियों की कोई बड़ी आबादी खोजी जायेगी। [31] आजकल इनकी सबसे ज़्यादा आबादी दक्षिण तथा पूर्वी अफ़्रीका में पाई जाती है जो कुल मिलाकर महाद्वीप की अधिकांश आबादी है। आइ यू सी एन के विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण तथा पूर्वी अफ़्रीका की बड़ी आबादी स्थिर है और १९९० के दशक के मध्य से प्रति वर्ष औसतन ४.५% की दर से बढ़ती भी जा रही है।[31][32]

दूसरी तरफ़ पश्चिमी अफ़्रीका में हाथी की आबादी छोटी तथा बंटी हुयी है और महाद्वीप के बहुत छोटे अनुपात को दर्शाती है। [33] मध्य अफ़्रीका की आबादी के बारे में बहुत अनिश्चित्ता बनी हुयी है, जहाँ जंगलों के कारण आबादी का सर्वेक्षण करना कठिन कार्य है, परन्तु यह ज्ञात है कि वहाँ हाथीदांत के अवैध शिकार तथा हाथी के मांस के लिए उनका धड़ल्ले से शिकार किया जा रहा है।[34] दक्षिण अफ़्रीका में हाथी की आबादी दुगुने से ज़्यादा हो गयी है और यह संख्या सन् १९९५ में हाथीदांत के व्यापार में पाबन्दी लगाने के बाद ८,००० से बढ़कर २०,००० से अधिक हो गई है[35] दक्षिण अफ़्रीका (अन्य जगह नहीं) में यह पाबन्दी फरवरी २००८ को हटा दी गई जो पर्यावरण गुटों में विवाद का विषय बन गया है।[उद्धरण चाहिए]

एशियाई हाथी

एशियाई हाथी, ऍलिफ़स मैक्सिमस, अफ़्रीकी हाथी से छोटा होता है। इसके कान छोटे होते हैं और अधिकांश रूप से केवल नर में हाथीदांत पाये जाते हैं।

दुनिया भर में एशियाई हाथी की - जिनहें भारतीय हाथी भी कहा जाता है - आबादी ६०,००० आंकी गई है जो अफ़्रीकी हाथी का दसवां भाग है। अधिक सटीक यह अनुमान लगाया गया है कि एशिया में जंगली हाथी क़रीब ३८,००० से ५३,००० हैं तथा पालतू हाथी १४,५०० से लेकर १५,३०० हैं और तक़रीबन १,००० हाथी दुनिया भर के चिड़ियाघरों में हैं।[36] एशियाई हाथी की आबादी का पतन अफ़्रीकी हाथी की तुलना में धीरे हुआ है और इसके प्रमुख कारण हैं अवैध शिकार तथा मनुष्यों द्वारा उनके क्षेत्रों को हड़प जाना।[उद्धरण चाहिए]

जयपुर, भारत में एक सुसज्जित हाथी
श्री लंका में हाथियों का अनाथाश्रम

एशियाई हाथी की कई उपजातियाँ मौर्फ़ोमीट्रिक तथा मौलिक्यूलर डाटा प्रणालियों द्वारा पहचानी गई हैं। ऍलिफ़स मैक्सिमस मैक्सिमस (श्री लंकाई हाथी) केवल श्री लंका के द्वीप में पाया जाता है। वह एशियाई हाथियों में सबसे बड़ा है। एक अनुमान के मुताबिक इनकी जंगलों में संख्या ३,००० से ४,५०० तक आंकी गई है हालांकि हाल में कोई सर्वेक्षण नहीं हुआ है। बड़े नर हाथी ५,४०० कि. के लगभग वज़नी होते हैं तथा कंधे तक ३.४ मी. तक ऊँचे होते हैं। नरों के माथे पर बहुत बड़े उभार होते हैं और दोनों लिंगों में अन्य एशियाई हाथियों की तुलना में रंजकता (pigmentation) क्षीण होती है। विशेषतयः इनके सूंड़, कान, मुँह तथा पेट में हल्के ग़ुलाबी रंग के चित्ते पड़े होते हैं। पिन्नावाला, श्री लंका में हाथियों का अनाथाश्रम है जो इनको विलुप्त होने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ऍलिफ़स मैक्सिमस इन्डिकस (भारतीय हाथी) एशियाई हाथी की आबादी का बड़ा हिस्सा बनाता है। क़रीब ३६,००० की आबादी वाले ये हाथी हल्के स्लेटी रंग के होते हैं, तथा इनके केवल कानों और सूंड में रंजकता क्षीण होती है। बड़े नर अमूमन ५,००० कि. वज़नी होते हैं लेकिन श्री लंकाई हाथी जितने ऊँचे होते हैं। मुख्य भू-भागीय हाथी भारत से लेकर इंडोनेशिया तक ११ एशियाई देशों में पाया जाता है। इनको जंगली इलाके परिवर्ती अंचल, जो कि जंगलों और घास के मैदानों के बीच होते हैं, पसन्द हैं क्योंकि वहाँ इनको भोजन में अधिक विविधता मिल जाती है।
ऍलिफ़स मैक्सिमस सुमात्रेनस, या सुमात्रा का हाथी केवल सुमात्रा ही में पाया जाता है। यह भारतीय हाथी से छोटा होता है। इनकी संख्या २,१०० से ३,००० के बीच आंकी गई है। यह भारतीय हाथी से भी हल्के रंग का होता है और इसकी रंजकता अन्य एशियाई हाथियों की तुलना में कम क्षीण होती है तथा सिर्फ़ कानों पर ग़ुलाबी धब्बे होते हैं। वयस्क सुमात्राई हाथी अमूमन कंधे तक केवल १.७ से २.६ मी. ऊँचा होता है तथा वज़न में ३,००० कि. से कम होता है। यह अपने एशियाई तथा अफ़्रीकी रिशतेदारों से काफ़ी छोटा होता है और केवल सुमात्रा द्वीप के उन क्षेत्रों में पाया जाता है जहाँ या तो जंगल हों या पेड़ों की झुरमुट हो।
सन् २००३ ई. में बोर्नियो द्वीप में एक अन्य उपजाति पहचानी गई है। इसको बोर्नियो पिग्मी हाथी के नाम से नवाज़ा गया है, और अन्य एशियाई हाथियों की तुलना में यह ज़्यादा छोटा और कम आक्रामक होता है। इसके अपेक्षाकृत बड़े कान और पूँछ होते हैं और इसके हाथीदांत भी अधिक सीधे होते हैं।

शारीरिक लक्षण

सूंड

हाथी अपनी सूंड या तो चेतावनी देने के लिए या फिर मित्र अथवा शत्रु सूंघने के लिए उठाता है।
हाथी की सूंड के रेखाचित्र
हाथी अपनी सूंड का इस्तेमाल कई कार्यों के लिए करता है। यहाँ पर हाथी अपनी आँख पोंछते हुए।
एशियाई हाथी की आँख।

सूंड हाथी की नाक और उसके ऊपरी होंठ की संधि है,[37] और लंबी हो जाने के कारण यह हाथी का सबसे महत्वपूर्ण तथा कार्यकुशल अंग बन गया है। अफ़्रीकी हाथियों की सूंड के छोर में दो अंगुलिनुमा उभार होते हैं, जबकि एशियाई हाथियों में केवल एक ही उभार होता है। एक तरफ़ तो हाथी की सूंड इतनी संवेदनशील होती है कि घास का एक तिनका भी उठा लेती है तो दूसरी तरफ़ इतनी मज़बूत भी होती है कि पेड़ की टहनियाँ भी उखाड़ ले।
अधिकांश शाकाहारी पशुओं के दाँतों की संरचना इस प्रकार की होती है कि वह पौधे के विभिन्न भागों को काट-फाड़ सकें। जबकि हाथियों में बीमार और बहुत छोटे बच्चों के अलावा, हाथी पहले अपनी सूंड से खाना फाड़ता है और फिर उस निवाले को अपने मुँह में पहुँचाता है। वह सूंड के द्वारा घास चरता है या फिर ऊपर पेड़ से पत्तियाँ, फल या समूची शाखायें तोड़ लेता है। अगर पेड़ में भोजन उसकी सूंड की पहुँच से भी परे है तो हाथी अपनी सूंड पेड़ के तने या शाखा में लपेटकर ज़ोर से झिंझोड़ता है ताकि फल इत्यादि नीचे टपक जाये या कभी-कभी पूरे का पूरा पेड़ ही उखाड़ देता है।
हाथी सूंड का इस्तेमाल पानी पीने के लिए भी करता है। हाथी पहले अपनी सूंड में एक बार में करीब १४ लीटर पानी खींच लेता है और फिर उसे अपने मुँह में उड़ेल देता है। नहाने के लिए भी हाथी इसी विधि का इस्तेमाल करता है। नहाने के बाद अपने गीले शरीर में हाथी सूंड से मिट्टी छिड़क लेता है जो सूखकर उसकी त्वचा के ऊपर पपड़ी का रूप ले लेती है और उसकी तेज़ धूप तथा परजीवियों से सुरक्षा करती है। अन्य स्तनपाइयों की तरह — सिवाय इन्सान और वनमानुष के, जिन्हे सीखना पड़ता है — हाथी भी बहुत अच्छा तैराक होता है।[38] तैरते समय हाथी अपनी सूंड का इस्तेमाल स्नॉरकॅल की तरह करता है।[39][40]
सूंड हाथी के सामाजिक कार्यकलापों के ऊपर भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। संबन्धी अपनी सूंडें एक दूसरे से लपेटकर अभिवादन करेंगे, जैसा मनुष्य हाथ मिलाकर करते हैं। इसका इस्तेमाल वह खेल करते हुए कुश्ती में, मिलन से पहले, माँ तथा बच्चे के सम्बन्ध में तथा अन्य कार्यकलापों में भी करते हैं। उठी हुयी सूंड चेतावनी या धमकी हो सकती है जबकि सिर नीचे करके झुकी हुयी सूंड समर्पण का संकेत हो सकती है। दुश्मन को हाथी अपनी सूंड से लपेटकर फेंक सकता है।
हाथी की सूंड में मनुष्य से कई गुणा अधिक घ्राण शक्ति होती है और वह अपनी सूंड ऊपर उठाकर तथा दाहिने बायें समुद्री दूरबीन (पॅरिस्कोप) की तरह लहराकर अपने खाद्य स्रोत, मित्र तथा शत्रु का पता लगा लेता है।

हाथी दाँत

अफ़्रीकी तथा एशियाई हाथी के हाथीदाँत

हाथी के हाथीदाँत उसके दूसरी ऊपरी छेदक दाँत होते हैं। हाथीदाँत हाथी के जीवनकाल में निरन्तर बढ़ते रहते हैं। एक वयस्क नर के हाथीदाँत लगभग एक वर्ष में १८ से. मी. की दर से बढ़ते रहते हैं। हाथीदाँत पानी, लवण तथा मूल खोदने के काम आते हैं। इसके अलावा पेड़ों की छाल छीलने, और अपने लिए रास्ता तैयार करने में भी हाथीदाँत का बड़ा योगदान होता है। इसके अलावा हाथीदाँत अपनी परिधि जताने के लिए पेड़ों में निशानदेही के लिए तथा कभी कभार अस्त्र-शस्त्र के लिए भी इस्तेमाल में लाए जाते हैं।
जैसे मनुष्य दायाँ या बायाँ हाथ का इस्तेमाल करने वाला होता है, उसी प्रकार हाथी भी आमतौर पर दायाँ या बायाँ हाथीदाँत इस्तेमाल करता है। मुख्य हाथीदाँत अमूमन थोड़ा छोटा होता है और उसके छोर कुछ गोल होते हैं क्योंकि उस हाथीदाँत का ज़्यादा इस्तेमाल हुआ होता है। नर और मादा अफ़्रीकी हाथी के लम्बे हाथीदाँत होते हैं जो वयस्क अवस्था में ३ मी. तक लम्बे और ९० कि. तक वज़नी हो सकते हैं। एशियाई हाथियों में सिर्फ़ नर के लम्बे हाथीदाँत होते हैं। मादा के बहुत छोटे या अमूमन नहीं होते हैं। एशियाई नर के अफ़्रीकी नर जितने लम्बे हाथीदाँत हो सकते हैं लेकिन वह बहुत पतले और हल्के होते हैं। आज तक सबसे वज़नी ३९ कि. का आंका गया है। हाथीदाँत में नक्काशी सरलतापूर्वक हो जाती है अतः कलाकारों ने इसे महत्ता दी जिसके कारण भारी सङ्ख्या में विश्व में हाथियों का विनाश हुआ।

दाँत

अन्य स्तनपाइयों की तुलना में हाथी के दाँतों की रचना बिल्कुल अलग होती है। पूरी उम्र भर उनके २८ दाँत होते हैं। यह हैं:–

  • दो ऊपरी द्वितीय छेदक: यही हाथीदाँत कहलाते हैं।
  • हाथीदाँत से पूर्व विकसित दूध के दाँत।
  • १२ अग्रचर्वणक, जबड़े के हर तरफ़ तीन।
  • १२ चर्वणक, जबड़े के हर तरफ़ तीन।
एशियाई हाथी के चर्वणक दाँत का प्रतिरूप

अन्य स्तनपाइयों के विपरीत, जिनके दूध के दाँत झड़ने के बाद स्थाई दाँत आ जाते हैं, हाथी के दाँत निरन्तर बदली होते रहते हैं। लगभग एक वर्ष की आयु में हाथीदाँत के अग्रगामी दूध के दाँत झड़ जाते हैं और हाथीदाँत उगने लग जाते हैं। किन्तु चबाने वाले दाँत (अग्रचर्वणक तथा चर्वणक) एक हाथी की आयु में क़रीब पांच बार[41] या बहुत विरले ही छः बार[42]बदली होते हैं।
एक बार में केवल चार चबाने वाले दाँत (अग्रचर्वणक तथा/अथवा चर्वणक), एक-एक दोनों जबड़ों के दोनों तरफ़, प्रयोग में लाये जाते हैं (या केवल दो क्योंकि जबड़े के हर हिस्से में दूसरा दाँत पहले को बदली कर रहा होता है)। मानव दाँतों के विपरीत पक्के दाँत दूध के दाँतों को ऊपर की तरफ़ से नहीं धकेलते हैं। वरन् नये दाँत मुख के पिछले भाग में उगते हैं तथा पुराने दाँतों को आगे की तरफ़ धकेलते हैं जहाँ पुराने दाँत टूट-टूट कर गिर जाते हैं। अफ़्रीकी हाथियों में जन्म से ही चबाने वाले दाँतों का पहला समूह (सॅट) (अग्रचर्वणक) मौजूद होता है। जब शावक दो वर्ष का होता है तो दोनों जबड़ों के दोनों तरफ़ का पहला चबाने वाला दाँत गिर जाता है। यही प्रक्रिया दूसरे चबाने वाले दाँतों के समूह के साथ छः वर्ष की आयु में होती है। १३ से १५ वर्ष की आयु तक तीसरा दाँतों का समूह भी जाता रहता है, तथा चौथा समूह २८ वर्ष की आयु में झड़ जाता है। पाँचवा समूह हाथी की ४० वर्ष की आयु तक चलता है। कदाचित छठा समूह हाथी के जीवन के अन्त तक चलता है। यदि हाथी ६० वर्ष की आयु से अधिक जीवित रह जाता है तो चर्वणक का आख़िरी समूह भी घिस-घिस कर ठूंठ भर रह जाता है तथा हाथी भली भांति खा भी नहीं सकता है।[43]

त्वचा

अफ़्रीकी हाथी की त्वचा (बाँये) और एशियाई हाथी की त्वचा (दाँये)
अफ़्रीकी हाथी नहाते हुये

हाथियों को बोलचाल की भाषा में हाथी (अपने मूल वैज्ञानिक वर्गीकरण से) कहा जाता है, जिसका अर्थ मोटी चमड़ी के जानवरों से है। एक हाथी कि त्वचा २.५ सेंटीमीटर तक मोटी होती है। इसके शरीर का अधिकांश भाग अत्यंत कठोर होता है। हालांकि, मुंह और कान के भीतर के चारों ओर त्वचा काफ़ी पतली होती है। आम तौर पर, एक एशियाई हाथी की त्वचा में अपने अफ्रीकी रिश्तेदार से अधिक बाल होते हैं। युवा हाथी में यह फ़र्क अधिक नज़र आता है। एशियाई शावकों की त्वचा अमूमन कत्थई रंग के बालों से ढकी रहती है। उम्र के साथ बाल गाढ़े रंग के होने के साथ-साथ कम होने लगते हैं लेकिन उसके सिर और पूँछ में वह सदा रहते हैं।
हाथी यों तो स्लेटी रंग के होते हैं, लेकिन अफ़्रीकी हाथी अलग-अलग रंग की मिट्टी में लोटकर लाल या भूरे रंग के प्रतीत होते हैं। गीली मिट्टी में लोटना हाथी समाज की दिनचर्या का एक अभिन्न अंग होता है। न केवल लोटना सामाजिकरण के लिए अहम है बल्कि मिट्टी धूपरोधक का काम भी करती है और उसकी त्वचा को पराबैंगनी किरणों से बचाती है। हाथी की त्वचा कठोर होने के बावजूद संवेदनशील होती है। यदि वह नियमित रूप से मिट्टी का स्नान न करे तो उसकी त्वचा को जलने से, कीटदंश से और नमी निकल जाने से काफ़ी नुक़सान हो सकता है। मिट्टी में लोटने से त्वचा को हाथी के शरीर का तापमान नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हाथी को अपनी त्वचा से शरीर की गर्मी निकालने में मुश्किल होती है, क्योंकि शरीर के अनुपात में त्वचा बहुत कम होती है। हाथी के वज़न और उसकी त्वचा के सतही क्षेत्रफल का अनुपात मनुष्य की तुलना में बहुत अधिक होता है। हाथियों को अपनी टांग उठाकर पैर के तालुओं को हवा देकर संभवतः ठण्डा रखने की कोशिश करते देखा गया है।

पैर

हाथी तरबूज़ को खाने से पहले अपने पैरों से कुचलता हुआ
संग्रहालय में रखा हाथी के पैर का नाखून

हाथी के पैरों कि बनावट मोटे स्तंभों या खंभों के समान होती है। हाथी को अपनी सीधी टांगों और बड़े गद्देदार पैरों की वजह से खड़े रहने में मांसपेशियों से कम शक्ति की आवश्यकता होती है। इसी कारण, हाथी बिना थके बहुत लंबे समय तक खड़े रह सकते हैं। वास्तव में, अफ़्रीकी हाथियों को शायद ही कभी लेटे हुए देखा जाता हो, सामान्यत: वे बीमार या घायल होने पर ही लेटते है। इसके विपरीत एशियाई हाथी अक्सर लेटना पसन्द करते हैं। हाथी के पैर लगभग गोल होते हैं। अफ़्रीकी हाथियों के प्रत्येक पिछले पैर पर तीन नाखून, और प्रत्येक सामने के पैर पर चार नाखून होते हैं। भारतीय हाथियों के प्रत्येक पिछले पैर पर चार नाखून और प्रत्येक सामने के पैर पर पांच नाखून होते हैं। पैर की हड्डियों के नीचे एक कड़ा, श्लेषी पदार्थ होता है जो एक गद्दे या शॉकर के रूप में कार्य करता है। हाथी के वज़न से पैर फूल जाता है, लेकिन वज़न हट जाने से यह पहले जैसा हो जाता है। इसी कारण से गीली मिट्टी में गहरा धँस जाने के बावजूद हाथी अपनी टांगों को आसानी से बाहर खींच लेता है।

कान

जीवविज्ञान और व्यवहार

विकास

सामाजिक व्यवहार

संभोग

प्रज्ञता

चेतना

आत्म जागरूकता

संप्रषण

आहार

निद्रा

पुनरुत्पत्ति और जीवन चक्र

हाथी के बछड़े

पर्यावरण का प्रभाव

संकट

शिकार

निवास का नष्ट

राष्ट्रीय उद्यान

उर्वरक

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अन्य जानकारी

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  • Wikisource: "The Blindmen and the Elephant" by John Godfrey Saxe
  • Williams, Heathcote (1989). Sacred Elephant. New York: Harmony Books. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-517-57320-2.

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