"कटिहार": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
छो r2.7.3) (Robot: Adding ar:كاتيحار
पंक्ति 72: पंक्ति 72:
[[श्रेणी:पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मंडल]]
[[श्रेणी:पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मंडल]]


[[ar:كاتيحار]]
[[bn:কাতিহার]]
[[bn:কাতিহার]]
[[bpy:কাতিহার]]
[[bpy:কাতিহার]]

22:31, 11 जुलाई 2012 का अवतरण

कटिहार
—  शहर  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य बिहार
ज़िला कटिहार
जनसंख्या 175,169 (2001 के अनुसार )
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)

• 20 मीटर (66 फी॰)
आधिकारिक जालस्थल: katihar.bih.nic.in/

निर्देशांक: 25°32′N 87°35′E / 25.53°N 87.58°E / 25.53; 87.58 पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित कटिहार भारत के बिहार प्रान्त का एक जिला है। बाल्दीबाड़ी, बेलवा, दुभी-सुभी, गोगाबिल झील, नवाबगंज, मनिहारी और कल्याणी झील आदि यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से है। पूर्व समय में यह जिला पूर्णिया जिले का एक हिस्सा था। इसका इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है। इस जिले का नाम इसके प्रमुख शहर दीघी-कटिहार के नाम पर रखा गया था। मुगल शासन के अधीन इस जिले की स्थापना सरकार तेजपुर ने की थी। 13वीं शताब्दी के आरम्भ में यहाँ पर मोहम्मद्दीन शासकों ने राज किया। 1770 ई. में जब मोहम्मद अली खान पूर्णिया के गर्वनर थे, उस समय यह जिला ब्रिटिशों के हाथ में चला गया। अत: काफी लम्बे समय तक इस जगह पर कई शासनों ने राज किया। अत: 2 अक्टूबर 1973 ई. को स्वतंत्र जिले के रूप में घोषित कर दिया गया।

प्रमुख आकर्षण

शान्ति टओला फसीया

यह एक छोटा सा गांव है। मुख्यालय से लगभग ६ किलोमीटर की दूरी पर है।

बाल्दीबाड़ी

गंगा नदी के समीप स्थित मनिहारी से लगभग 2.5 किलोमीटर की दूरी पर बाल्दीबाड़ी गांव स्थित है। इसी जगह पर मुर्शीदाबाद के नवाब सिराज-उद-दौला और पूर्णिया के गर्वनर नवाब शौकत जंग के बीच युद्ध हुआ था।

बेलवा

यह एक छोटा सा गांव है। यह जगह बरसोई के खण्ड मुख्यालय के दक्षिण से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ पर प्राचीन समय की कई इमारतें स्थित है। इसके अतिरिक्त यहाँ एक मंदिर भी है। इस मंदिर में भगवान शिव और देवी सरस्वती की पत्थर की मूर्तियां स्थित है। प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी के अवसर पर यहाँ मेले का आयोजन किया जाता है।

दुभी-सुभी

यह गांव बरसोई खण्ड में स्थित है। इस जगह का सम्बन्ध एक दिलचस्प कहानी के साथ जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि एक नवयुवक ने कुश से अपना गला काटकर प्राणों की आहुति दी थी। यह घटना लगभग 70 वर्ष पूर्व की है। इस कारण धार्मिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

गोगाबिल झील

यह एक खूबसूरत विशाल झील प्रसिद्ध पक्षी अभ्यारण भी है। पूरे वर्ष यहाँ पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां देखी जा सकती है।

नवाबगंज

यह गांव मनिहारी से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मुगल काल के समय में इस जिले के गर्वनर नवाब शौकत गंज के पुराने सिंहासन के लिए यह जगह जानी जाती है।

मनिहारी

कटिहार के दक्षिण से 20 किलोमीट की दूरी पर मनिहारी गांव स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस जगह का नाम एक पौराणिक कथा के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है भगवान कृष्ण से एक मणी (आभूषण) खो गया था, जिसे ढूंढते हुए वह इस जगह पर पहुंचे थे।

कल्याणी झील

झुआ रेलवे स्टेशन के उत्तर से पांच किलोमीटर की दूरी पर कल्याणी झील स्थित है। प्रत्येक वर्ष माघ पूर्णिमा के अवसर पर काफी संख्या में लोग यहाँ स्नान करने के लिए आते हैं। इसके अलावा, कुछ लोग बकरी की बलि भी चढ़ाते हैं।

आवागमन

वायु मार्ग: यहाँ का सबसे निकटतम हवाई अड्डा बागडोग्रा हवाई अड्डा है।

रेल मार्ग: कटिहार में रेलवे स्‍टेशन कटिहार रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग: भारत के कई प्रमुख शहरों से कटिहार सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।


संदर्भ