"गीतरामायणम्": अवतरणों में अंतर

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गीतरामायणम्  
आवरण
गीतरामायणम् का आवरण पृष्ठ, प्रथम संस्करण
लेखक जगद्गुरु रामभद्राचार्य
मूल शीर्षक गीतरामायणम्
देश भारत
भाषा संस्कृत, हिन्दी
प्रकाशक जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय
प्रकाशन तिथि जनवरी १४, २०११
मीडिया प्रकार मुद्रित (सजिल्द)
पृष्ठ ९९८ पृष्ठ (प्रथम संस्करण)

गीतरामायणम् (२०११), वस्तुतः गीतों में रामायण, २००९ और २०१० ई में जगद्गुरु रामभद्राचार्य (१९५०-) द्वारा रचित गीतकाव्य शैली की एक संस्कृत महाकाव्य है। इसमें संस्कृत के १००८ गीत हैं जो की सात कांडों में विभाजित हैं - प्रत्येक कांड एक अथवा अधिक सर्गों में उप विभाजित है। कुल मिलाकर काव्य में २८ सर्ग हैं, और हर सर्ग में ३६-३६ गीत हैं। इस महाकाव्य के गीत भारतीय लोक संगीत और भारतीय शास्त्रीय संगीत के विभिन्न गीतों की ढाल, लय, धुन अथवा राग पर आधारित है। हर गीत रामायण के एक अथवा एकाधिक पात्र या कवि द्वारा गाया गया है। गीत एकालाप और संवादों के माध्यम से क्रमानुसार रामायण की कथा सुनाते हैं। गीतों के बीच में कुछ संस्कृत छंद हैं, जो कथा को आगे ले जाते है।

कविता की एक प्रतिलिपि, कवि द्वारा हिन्दी टीका के साथ, जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित की गई थी। पुस्तक जनवरी १४, २०११ के मकर संक्रांति दिन को संस्कृत कवि अभिराज राजेंद्र मिश्रा द्वारा प्रकाशित हुई थी।[1][2]

सन्दर्भ

  1. शर्मा, सुशील (फ़रवरी 2011). "गीतरामायणप्रशस्तिः". श्रीतुलसीपीठ सौरभ. गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत: श्री तुलसी पीठ सेवा न्यास. 14 (9): 14. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  2. रामभद्राचार्य 2011, प्र. 96.

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