"प्रवेशद्वार:झारखंड/चयनित जीवनी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
आशीष भटनागर (वार्ता | योगदान) No edit summary |
clean up, replaced: Birsa2.jpg → Birsa Munda, photograph in Roy (1912-72).JPG using AWB |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[Image: |
[[Image:Birsa Munda, photograph in Roy (1912-72).JPG|thumb|right|120px]] सुगना मुंडा और करमी हातू के पुत्र '''बिरसा मुंडा''' का जन्म 15 नवंबर 1875 को [[झारखंड|झारखंड प्रदेश]] में[[राँची]] के[[उलीहातू]] गाँव में हुआ था। साल्गा गाँव में प्रांभिक पढाई के बाद वे [[चाईबासा]] इंग्लिश मिडिल स्कूल में पढने आये। इनका मन हमेशा अपने समाज की [[ब्रिटिश]] शासकों द्वारा की गयी बुरी दशा पर सोचता रहता था। उन्होंने [[मुंडा]] लोगों को अंग्रेजों से मुक्ति पाने के लिये अपना नेतृत्व प्रदान किया। 1894 में [[मानसून]] के [[छोटानागपुर]] में असफल होने के कारण भयंकर [[अकाल]] और [[महामारी]] फैली हुई थी। बिरसा ने पूरे मनोयोग से अपने लोगों की सेवा की। {{अधिक|बिरसा मुंडा}} |
20:13, 7 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण
सुगना मुंडा और करमी हातू के पुत्र बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड प्रदेश मेंराँची केउलीहातू गाँव में हुआ था। साल्गा गाँव में प्रांभिक पढाई के बाद वे चाईबासा इंग्लिश मिडिल स्कूल में पढने आये। इनका मन हमेशा अपने समाज की ब्रिटिश शासकों द्वारा की गयी बुरी दशा पर सोचता रहता था। उन्होंने मुंडा लोगों को अंग्रेजों से मुक्ति पाने के लिये अपना नेतृत्व प्रदान किया। 1894 में मानसून के छोटानागपुर में असफल होने के कारण भयंकर अकाल और महामारी फैली हुई थी। बिरसा ने पूरे मनोयोग से अपने लोगों की सेवा की।