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क्रिस्टोफर वॉकर (जिसे कई बार कहानियों में किस्टोफर स्टेंडिश भी कहा गया) कोलंबस के जहाज पर काम करते थे। एक बार वे अपने युवा पुत्र क्रिस्टोफर वॉकर के साथ समुद्री यात्रा पर थे। अचानक डाकू उन पर हमला बोल देते हैं। हमला इतना तेज था कि क्रिस्टोफर वॉकर अचेत हो जाता है। समुद्र की तेज लहरें उसे दूर किसी कबीलाई गांव में बहा ले जाती हैं। लेकिन उसके जेहन में अपने पिता की दर्दनाक मौत की यादें ताजा हैं। उन्हें डाकुओं के सरदार ने मारा था। आखिरकार उसे पिता के शव के साथ हत्यारे डाकू का शव भी मिलता है। इसे वह चील-कौवों के हवाले कर देता हैं और उसकी खोपडी को उठाकर ताउम्र बुराइयों से लडने की शपथ लेता हैं। वह इतना आहत होता है कि अपनी पीढी-दर-पीढी को इसी कार्य में समर्पित करने की कसम भी खाता है। यह कोई और नहीं, 20वींसदी के कॉमिक्स का महानायक फैंटम है, जिसे पहली बार देखा गया वर्ष 1936 में एक अमेरिकी अखबार में। इसके प्रकाशक थे किंग फीचर्स सिंडिकेट और फैंटम जैसे किरदार को जन्म दिया था ली फाक ने।
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रंगमंच की झलक

ली फाक मूलत: कॉमिक्स के रचनाकार नहीं थे। कॉमिक्स तो वे शौकिया लिखते थे। उनका जुनून था रंगमंच। उन्होंने खुद कहा था कि मैं अपना ज्यादातर समय नाटक और रंगमंच को देता हूं , फिर उसके बाद जो समय बचता है, उसे कॉमिक्स रचने में लगाता हूं। अपने जीवन-काल में ली फाक ने अलग-अलग समय पर पांच नाटक कंपनियां चलाई। दर्जनों नाटकों का निर्माण और निर्देशन भी किया। मौलिक नाटक लिखे। उन्होंने मार्लन ब्रांडो, पॉल न्यूमैन जैसे अभिनेताओं को रंगमंच पर मौका दिया और उन्हें निर्देशित किया था। शायद रंगमंच से लगाव की वजह से ही उनकी रचनाओं में नाटकीयता का इतना पुट होता था कि लोग खूब लुत्फ उठाते थे और किसी कल्पना लोक में खो जाते।
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बहुमुखी प्रतिभा के धनी

सेंट लुईस, अमेरिका में जन्मे ली फाक का बचपन पिता के प्यार से अछूता रहा। परी कथाएं उन्हें खूब लुभाती थीं। चित्रांकन में भी उनका जवाब नहीं था। साहित्य में उनकी गहरी रुचि को देखते हुए स्कूली दिनों में ही उन्हें स्कूल के अखबार का संपादक बना दिया गया था। जब अमेरिका में हैरी हुदिनी जैसे जादूगर के अविश्वसनीय प्रतीत होने वाले चमत्कारिक किस्सों का जोर था, ली फाक भी उस प्रभाव से खुद को बचा नहीं पाए। स्टेज पर जादूगरी देखने में वे इस कदर मशगूल होते कि इस दौरान पूरे शो का चित्र उकेर डालते थे।
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कमाल की कल्पनाशीलता
[[चित्र:How to search for pages.JPG|centre|800px|]]
चित्रांकन के शौकीन ली एक बार जादू का शो देख रहे थे। उन्हें जो कुछ सामने नजर आया, उसे उन्होंने हूबहू कागज पर उतारना शुरू कर दिया.. और जब यह पूरा हुआ, तो सामने थी एक मजेदार कॉमिक स्ट्रिप। हालांकि ली इस बात से अनजान थे कि उन्होंने क्या कर डाला है। कॉलेज के एक खास मित्र ने उन्हें कॉमिक स्ट्रिप की रचना करने की सलाह दे डाली। खास बात यह है कि यही ली की पहली कॉमिक स्ट्रिप थी मैंड्रिक द मैजीशियन, जिसकी रचना हुई महज दो हफ्तों में। इसका राज जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने मजेदार ढंग से अपनी बात रखी-मैं आईने के सामने अकेले बैठकर यह बनाता हूं और हू-ब-हू वही शक्लें बन जाती हैं, जो जेहन में होती हैं।

बन गए रोल मॉडल
==इन्हें भी देखें==
ली फाक बीसवीं शताब्दी के लोकप्रिय कॉमिक्स के रचनाकार माने जाते हैं। उनकी रचना मैंड्रिक और फैंटम के बाद ही बुराई से लडने वाले पात्रों के एक के बाद एक नए महानायकों का जन्म हुआ। अमीरों के दुश्मन और गरीबों के मसीहा रॉबिनहुड, मैंड्रेक, फैंटम ने दुश्मनों के खिलाफ केवल हथियारों द्वारा लडाई नहीं लडी। इन पात्रों में एक आम मनुष्य की तरह ही संवेदनाएं थीं। वे अपनी बुद्धि, आत्मविश्वास, कौशल के बल पर ही अधिनायकवादी दुश्मनों का अंत करते थे, आम जनता को उनका वाजिब हक दिलवाते थे। इन अनूठी खूबियों के कारण ली फाक के पात्र किशोरों के रोल मॉडल रहे हैं। आज भी ये पाठकों के प्रिय किरदार हैं।
*[[विकिपीडिया:लेख का नाम कैसे रखें]]
लेखन पर प्रभाव
*[[विकिपीडिया:योगदान]]
अलग-अलग रूपों में फैंटम के जितने अवतार सामने आए, उतने 20वीं शताब्दी के किसी और नायक के नहीं। ली फाक ने फैंटम के रूप में दुनिया को बीसवीं शताब्दी का सबसे बडा नायक दिया। महज 20-25 साल की छोटी उम्र में कॉमिक्स की दुनिया के इन अमर पात्रों की रचना करने वाले ली फाक के बारे में यह कहा जाता है कि भले ही उनके ये चरित्र यूरोपीय प्रतीत होते रहे हों, लेकिन इनकी प्रेरणा उन्हें पूर्व संस्कृतियों, प्रचलित लोक-कथाओं और मिथकों से मिलीं। उन्होंने कुछ एशियाई देशों की यात्रा भी की, जहां के कथारूपों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। इसकी झलक उनके कॉमिक्स और पात्रों में भी मिलती है।
*[[विकिपीडिया:सहायता]]
एक अंतहीन नायक

ली फाक अपने पात्रों के माध्यम से जीवन भर बुराई से संघर्ष करते रहे। 88 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। करीब 65 वर्षो तक उन्होंने लगातार इन दोनों पात्रों के नए-नए किस्सों से पाठकों को जोडा। अंतिम समय तक फैंटम व मैंड्रेक जादूगर के किस्से पाठकों तक पहुंचाते रहे। जब तक समाज में बुराई रहेगी, तब तक इससे लडने वाले फैंटम और ली फाक जैसे उसके रचयिता को दुनिया याद रखेगी।
[[श्रेणी:विकिपीडिया सहायता]]

14:33, 26 अगस्त 2011 का अवतरण

क्रिस्टोफर वॉकर (जिसे कई बार कहानियों में किस्टोफर स्टेंडिश भी कहा गया) कोलंबस के जहाज पर काम करते थे। एक बार वे अपने युवा पुत्र क्रिस्टोफर वॉकर के साथ समुद्री यात्रा पर थे। अचानक डाकू उन पर हमला बोल देते हैं। हमला इतना तेज था कि क्रिस्टोफर वॉकर अचेत हो जाता है। समुद्र की तेज लहरें उसे दूर किसी कबीलाई गांव में बहा ले जाती हैं। लेकिन उसके जेहन में अपने पिता की दर्दनाक मौत की यादें ताजा हैं। उन्हें डाकुओं के सरदार ने मारा था। आखिरकार उसे पिता के शव के साथ हत्यारे डाकू का शव भी मिलता है। इसे वह चील-कौवों के हवाले कर देता हैं और उसकी खोपडी को उठाकर ताउम्र बुराइयों से लडने की शपथ लेता हैं। वह इतना आहत होता है कि अपनी पीढी-दर-पीढी को इसी कार्य में समर्पित करने की कसम भी खाता है। यह कोई और नहीं, 20वींसदी के कॉमिक्स का महानायक फैंटम है, जिसे पहली बार देखा गया वर्ष 1936 में एक अमेरिकी अखबार में। इसके प्रकाशक थे किंग फीचर्स सिंडिकेट और फैंटम जैसे किरदार को जन्म दिया था ली फाक ने। रंगमंच की झलक ली फाक मूलत: कॉमिक्स के रचनाकार नहीं थे। कॉमिक्स तो वे शौकिया लिखते थे। उनका जुनून था रंगमंच। उन्होंने खुद कहा था कि मैं अपना ज्यादातर समय नाटक और रंगमंच को देता हूं , फिर उसके बाद जो समय बचता है, उसे कॉमिक्स रचने में लगाता हूं। अपने जीवन-काल में ली फाक ने अलग-अलग समय पर पांच नाटक कंपनियां चलाई। दर्जनों नाटकों का निर्माण और निर्देशन भी किया। मौलिक नाटक लिखे। उन्होंने मार्लन ब्रांडो, पॉल न्यूमैन जैसे अभिनेताओं को रंगमंच पर मौका दिया और उन्हें निर्देशित किया था। शायद रंगमंच से लगाव की वजह से ही उनकी रचनाओं में नाटकीयता का इतना पुट होता था कि लोग खूब लुत्फ उठाते थे और किसी कल्पना लोक में खो जाते। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सेंट लुईस, अमेरिका में जन्मे ली फाक का बचपन पिता के प्यार से अछूता रहा। परी कथाएं उन्हें खूब लुभाती थीं। चित्रांकन में भी उनका जवाब नहीं था। साहित्य में उनकी गहरी रुचि को देखते हुए स्कूली दिनों में ही उन्हें स्कूल के अखबार का संपादक बना दिया गया था। जब अमेरिका में हैरी हुदिनी जैसे जादूगर के अविश्वसनीय प्रतीत होने वाले चमत्कारिक किस्सों का जोर था, ली फाक भी उस प्रभाव से खुद को बचा नहीं पाए। स्टेज पर जादूगरी देखने में वे इस कदर मशगूल होते कि इस दौरान पूरे शो का चित्र उकेर डालते थे। कमाल की कल्पनाशीलता चित्रांकन के शौकीन ली एक बार जादू का शो देख रहे थे। उन्हें जो कुछ सामने नजर आया, उसे उन्होंने हूबहू कागज पर उतारना शुरू कर दिया.. और जब यह पूरा हुआ, तो सामने थी एक मजेदार कॉमिक स्ट्रिप। हालांकि ली इस बात से अनजान थे कि उन्होंने क्या कर डाला है। कॉलेज के एक खास मित्र ने उन्हें कॉमिक स्ट्रिप की रचना करने की सलाह दे डाली। खास बात यह है कि यही ली की पहली कॉमिक स्ट्रिप थी मैंड्रिक द मैजीशियन, जिसकी रचना हुई महज दो हफ्तों में। इसका राज जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने मजेदार ढंग से अपनी बात रखी-मैं आईने के सामने अकेले बैठकर यह बनाता हूं और हू-ब-हू वही शक्लें बन जाती हैं, जो जेहन में होती हैं। बन गए रोल मॉडल ली फाक बीसवीं शताब्दी के लोकप्रिय कॉमिक्स के रचनाकार माने जाते हैं। उनकी रचना मैंड्रिक और फैंटम के बाद ही बुराई से लडने वाले पात्रों के एक के बाद एक नए महानायकों का जन्म हुआ। अमीरों के दुश्मन और गरीबों के मसीहा रॉबिनहुड, मैंड्रेक, फैंटम ने दुश्मनों के खिलाफ केवल हथियारों द्वारा लडाई नहीं लडी। इन पात्रों में एक आम मनुष्य की तरह ही संवेदनाएं थीं। वे अपनी बुद्धि, आत्मविश्वास, कौशल के बल पर ही अधिनायकवादी दुश्मनों का अंत करते थे, आम जनता को उनका वाजिब हक दिलवाते थे। इन अनूठी खूबियों के कारण ली फाक के पात्र किशोरों के रोल मॉडल रहे हैं। आज भी ये पाठकों के प्रिय किरदार हैं। लेखन पर प्रभाव अलग-अलग रूपों में फैंटम के जितने अवतार सामने आए, उतने 20वीं शताब्दी के किसी और नायक के नहीं। ली फाक ने फैंटम के रूप में दुनिया को बीसवीं शताब्दी का सबसे बडा नायक दिया। महज 20-25 साल की छोटी उम्र में कॉमिक्स की दुनिया के इन अमर पात्रों की रचना करने वाले ली फाक के बारे में यह कहा जाता है कि भले ही उनके ये चरित्र यूरोपीय प्रतीत होते रहे हों, लेकिन इनकी प्रेरणा उन्हें पूर्व संस्कृतियों, प्रचलित लोक-कथाओं और मिथकों से मिलीं। उन्होंने कुछ एशियाई देशों की यात्रा भी की, जहां के कथारूपों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। इसकी झलक उनके कॉमिक्स और पात्रों में भी मिलती है। एक अंतहीन नायक ली फाक अपने पात्रों के माध्यम से जीवन भर बुराई से संघर्ष करते रहे। 88 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। करीब 65 वर्षो तक उन्होंने लगातार इन दोनों पात्रों के नए-नए किस्सों से पाठकों को जोडा। अंतिम समय तक फैंटम व मैंड्रेक जादूगर के किस्से पाठकों तक पहुंचाते रहे। जब तक समाज में बुराई रहेगी, तब तक इससे लडने वाले फैंटम और ली फाक जैसे उसके रचयिता को दुनिया याद रखेगी।