"पश्चिम बंगाल": अवतरणों में अंतर

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== संस्कृति ==
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[[नृत्य]], [[संगीत]] तथा चलचित्रों की यहां लम्बी तथा सुव्यवस्थित परम्परा रही है ।[[दुर्गापूजा]] ([[बांग्ला भाषा|बांग्ला]]: দুর্গাপূজা ''दुर्गापुजा'') यहां अति उत्साह तथा व्यापक जन भागीदारी के साथ मनाई जाती है। [[क्रिकेट]] तथा [[फुटबॉल]] यहां के लोकप्रियतम खेलों में से हैं । [[सौरभ गांगुली]] जैसे खिलाङी तथा [[मोहन बगान]] एवं [[इस्ट बंगाल]] जैसी टीम इसी प्रदेश से हैं। अगर आंकङों पर जांय तो ''[[नक्सलवाद]]'' जैसे शब्दों का जन्म यहीं हुआ, पर यहां के लोगों की शांतिप्रियता ही वो चीज है जो सर्वत्र दर्शास्पद (देखने लायक) है। परस्पर बातचीत में ''तूइ''(बांग्ला - তুই) (हिन्दी के [[तू]] के लगभग समकक्ष), ''तूमि'' (बांग्ला - তুমি) (हिन्दी के [[तुम]] के लगभग समकक्ष), तथा ''आपनि'' (बांग्ला - আপনি) (हिन्दी के [[आप]] के समकक्ष), का प्रयोग द्वितीय पुरूष की वरिष्ठता के आधार पर किया जाता है। शहरों में लोग प्रायः छोटे परिवारों में रहते हैं। यहां के लोग मछली-भात ([[बांग्ला]] - মাছ ভাত (माछ-भात)) बहुत पसंद करते हैं । यह प्रदेश अपनी मिठाईयों के लिये काफी प्रसिद्ध है - रसगुल्ले का आविष्कार भी यहीं हुआ था ।
[[नृत्य]], [[संगीत]] तथा चलचित्रों की यहां लम्बी तथा सुव्यवस्थित परम्परा रही है ।[[दुर्गापूजा]] ([[बांग्ला भाषा|बांग्ला]]: দুর্গাপূজা ''दुर्गापुजा'') यहां अति उत्साह तथा व्यापक जन भागीदारी के साथ मनाई जाती है। [[क्रिकेट]] तथा [[फुटबॉल]] यहां के लोकप्रियतम खेलों में से हैं । [[सौरभ गांगुली]] जैसे खिलाङी तथा [[मोहन बगान]] एवं [[इस्ट बंगाल]] जैसी टीम इसी प्रदेश से हैं। अगर आंकङों पर जांय तो ''[[नक्सलवाद]]'' जैसे शब्दों का जन्म यहीं हुआ, पर यहां के लोगों की शांतिप्रियता ही वो चीज है जो सर्वत्र दर्शास्पद (देखने लायक) है। परस्पर बातचीत में ''तूइ''(बांग्ला - তুই) (हिन्दी के [[तू]] के लगभग समकक्ष), ''तूमि'' (बांग्ला - তুমি) (हिन्दी के [[तुम]] के लगभग समकक्ष), तथा ''आपनि'' (बांग्ला - আপনি) (हिन्दी के [[आप]] के समकक्ष), का प्रयोग द्वितीय पुरूष की वरिष्ठता के आधार पर किया जाता है। शहरों में लोग प्रायः छोटे परिवारों में रहते हैं। यहां के लोग मछली-भात ([[बांग्ला]] - মাছ ভাত (माछ-भात)) बहुत पसंद करते हैं । यह प्रदेश अपनी मिठाईयों के लिये काफी प्रसिद्ध है - रसगुल्ले का आविष्कार भी यहीं हुआ था ।
==साहित्य आंदोलन==
बांग्ला भाषा में एकही साहित्य आंदोलन हुये हैं और वो है '''भुखी पीढी''' आंदोलन जो साठके दशक में [[शक्ति चट्टोपाध्याय]], [[मलय रायचौधुरी]], [[देबी राय]], [[सुबिमल बसाक]], [[समीर रायचौधुरी]] प्रमुख कविगण बिहार के [[पटना]] शहर से शुरु किये थे एवम जो पुरे बंगाल में तहलका मचा दिया था; यंहा तक की आंदोलनकारईयों के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया गया था। बाद में सब बाइज्जत बरी हो गये थे, परन्तु उनलोगों का ख्याति पुरे भारत में तथा अमरिका योरोप में भी फैल गया था।
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== राजनीति ==
== राजनीति ==

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{{{राज्य का नाम}}}
भारत का राज्य

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भारत के मानचित्र पर
भारत के मानचित्र पर

राजधानी कोलकाता
सबसे बड़ा शहर कोलकाता
जनसंख्या 80 221 171 (2001)
 - घनत्व 904 /किमी²
क्षेत्रफल {{{क्षेत्रफल}}} किमी² 
 - ज़िले {{{ज़िले}}}
राजभाषा बांग्ला
गठन {{{गठन}}}
सरकार
 - राज्यपाल ऐस. के. नारायणन
 - मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य
 - विधानमण्डल {{{विधानमण्डल}}}
 - भारतीय संसद {{{भारतीय संसद}}}
 - उच्च न्यायालय {{{उच्च न्यायालय}}}
डाक सूचक संख्या {{{डाक सूचक संख्या}}}
वाहन अक्षर {{{वाहन अक्षर}}}
आइएसओ 3166-2 {{{आइएसओ}}}
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पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) (बांग्ला: পশ্চিমবঙ্গ पोश्चिम बोंगो) भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है । इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, उड़ीसा, झारखंड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य मे १८ ज़िले है। यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है।

बंगाल का इतिहास

बंगाल पर इस्लामी शासन १३ वीं शताब्दी से प्रारंभ हुआ तथा १६ वीं शताब्दी में मुग़ल शासन में व्यापार तथा उद्योग का एक समृद्ध केन्द्र में विकसित हुआ। १५ वीं शताब्दी के अन्त तक यहाँ यूरोपीय व्यापारियों का आगमन हो चुका था तथा १८ वीं शताब्दी के अन्त तक यह क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नियन्त्रण में आ गया था। भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का उद्गम यहीं से हुआ। १९४७ में भारत स्वतंत्र हुआ और इस्के साथ ही बंगाल, मुस्लिम प्रघान पूर्व बंगाल (जो बाद में बांग्लादेश बना) तथा हिंदू प्रघान पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) में विभाजित हुआ।

भूगोल

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) के राज्य प्रतीक
स्थापना दिवस 18 अगस्त (भारत
में विलय)
राज्य पशु बंगाल बाघ चित्र:A tiger in Pilibhit Tiger Reserve.jpg
राज्य पक्षी श्वेतकंठ कौड़िल्ला
राज्य वृक्ष चितौन [1]
राज्य पुष्प हरसिंगार [1]

यह राज्य भारत के पूर्वी भाग में 88,853 वर्ग किमी के भूखंड पर फैला है । इसके उत्तर में सिक्किम, उत्तर-पूर्व में असम, पूर्व में बांग्लादेश, दक्षिण में बंगाल की खाड़ी तथा उड़ीसा तथा पश्चिम में बिहार तथा झारखंड है ।

उत्तर में हिमालय पर्वत श्रेणी का पूर्वी हिस्सा से लेकर दक्षिण में बंगाल की खाड़ी तक प्रदेश की भौगोलिक दशा में खासी विविधता नजर आती है । उत्तर में दार्जिलिंग के शिखर, हिमालय पर्वतश्रेणी के अंग हैं । इसमें संदक्फू चोटी आती है जो राज्य का सर्वोच्च शिखर है । दक्षिण की ओर आने पर, एक छोटे तराई के बाद मैदानी भाग आरंभ होता है । यह मैदान दक्षिण में गंगा के डेल्टा के साथ खत्म होता है । यही मैदानी क्षेत्र, पूर्व में बांग्लादेश में भी काफी विस्तृत है । पश्चिम की ओर का भूखंड पठारी है ।

गंगा की धारा मुख्य शाखा यहां कई भागों में बंट जाती है - एक शाखा बांग्लादेश में प्रवेश करती है जिसे पद्मा (पॉद्दा ) नाम से जाना जाता है, दूसरी शाखाएं पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) में दक्षिण की ओर भागीरथी तथा हुगली नामों के साथ बहती हैं । उपरोक्त सभी शाखाएं दक्षिण की ओर बंगाल की खाड़ी में विसर्जित होती हैं । गंगा नदी का मुहाना (सुंदरवन) विश्व का सबसे बड़ा मुहाना (डेल्टा) है । उत्तरी पर्वतीय भाग में तीस्ता, महानंदा, तोरसा आदि नदियां बहती हैं । पश्चिमी पठारी भाग में दामोदर, अजय, कंग्साबाती आदि प्रमुख धाराएं हैं ।

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) का मौसम मुख्यतः उष्णकटिबंधीय है।

जिले

चित्र:पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) के जिले.jpg
पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) के जिले

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) के जिलों की कुल संख्या 19 है. नीचे बायीं ओर दी गयी छवि के अनुसार जिलों के नाम सूचीबद्ध हैं.[2]

  1. दार्जिलिंग
  2. जलपाईगुड़ी
  3. कूचबिहार
  4. उत्तर दिनाजपुर
  5. दक्षिण दिनाजपुर
  6. मालदा
  7. बीरभूम
  8. मुर्शिदाबाद
  9. बर्धमान
  10. नदिया
  1. पुरुलिया
  2. बांकुड़ा
  3. हुगली
  4. उत्तर 24 परगना
  5. पूर्व मेदिनीपुर
  6. हावड़ा
  7. कोलकाता
  8. दक्षिण २४ परगना
  9. पश्चिम मेदिनीपुर

संस्कृति

नृत्य, संगीत तथा चलचित्रों की यहां लम्बी तथा सुव्यवस्थित परम्परा रही है ।दुर्गापूजा (बांग्ला: দুর্গাপূজা दुर्गापुजा) यहां अति उत्साह तथा व्यापक जन भागीदारी के साथ मनाई जाती है। क्रिकेट तथा फुटबॉल यहां के लोकप्रियतम खेलों में से हैं । सौरभ गांगुली जैसे खिलाङी तथा मोहन बगान एवं इस्ट बंगाल जैसी टीम इसी प्रदेश से हैं। अगर आंकङों पर जांय तो नक्सलवाद जैसे शब्दों का जन्म यहीं हुआ, पर यहां के लोगों की शांतिप्रियता ही वो चीज है जो सर्वत्र दर्शास्पद (देखने लायक) है। परस्पर बातचीत में तूइ(बांग्ला - তুই) (हिन्दी के तू के लगभग समकक्ष), तूमि (बांग्ला - তুমি) (हिन्दी के तुम के लगभग समकक्ष), तथा आपनि (बांग्ला - আপনি) (हिन्दी के आप के समकक्ष), का प्रयोग द्वितीय पुरूष की वरिष्ठता के आधार पर किया जाता है। शहरों में लोग प्रायः छोटे परिवारों में रहते हैं। यहां के लोग मछली-भात (बांग्ला - মাছ ভাত (माछ-भात)) बहुत पसंद करते हैं । यह प्रदेश अपनी मिठाईयों के लिये काफी प्रसिद्ध है - रसगुल्ले का आविष्कार भी यहीं हुआ था ।

साहित्य आंदोलन

बांग्ला भाषा में एकही साहित्य आंदोलन हुये हैं और वो है भुखी पीढी आंदोलन जो साठके दशक में शक्ति चट्टोपाध्याय, मलय रायचौधुरी, देबी राय, सुबिमल बसाक, समीर रायचौधुरी प्रमुख कविगण बिहार के पटना शहर से शुरु किये थे एवम जो पुरे बंगाल में तहलका मचा दिया था; यंहा तक की आंदोलनकारईयों के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया गया था। बाद में सब बाइज्जत बरी हो गये थे, परन्तु उनलोगों का ख्याति पुरे भारत में तथा अमरिका योरोप में भी फैल गया था।

चित्र:Hungry Generation.jpg
भुखी पीढी आंदोलन का मैगजिन कवर

राजनीति

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) मे साम्यवादी सरकार है। भारत में पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) और केरल ही वो दो राज्य हैं जहां पर साम्यवादी सरकारों का शासन है। पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) के मुख्य मंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य हैं और पिछले २३ सालों से (१९७७ से)यहां वाम मोर्चे की सरकार है। अन्य लोकप्रिय स्थानीय नेताओं में ममता बनर्जी का नाम शामिल है।

राज्य में वाममोर्चा सरकार के साथ ही मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी(माकपा) के काडरों की समानांतर सरकार चल रही है। राज्य के घटनाक्रम में कब और कैसा फेरबदल करना है इस पर सरकार की अनुमति लेना उन्हें जरूरी नहीं लगता। हाल ही हुई नंदीग्राम की घटना इस बात का जव्लंत उदाहरण है। नंदीग्राम में लोगों पर बर्बर अत्याचार हुए हैं। माकपा काडरों ने महिलाओं के साथ दुराचार किया और लोगों की बर्बरता से हत्या कर डाली। वर्तमान में मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य भी इस मामले से यह कहकर पल्ला झाड़ चुके हैं कि सरकार मानती है कि नंदीग्राम में बड़ी भूल हुई है। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और लेखिका महश्वेता देवी ने इस बात के सबूत भी मुहैया करा दिए लेकिन सरकार ने दोषियों केखिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ितों को अब तक कोई राहत नहीं मिली है। हालांकि उनके पुनर्वास के लिए कई गैर सरकारी संगठन लगतार कार्यरत हैं लेकिन सरकारी सुस्ती के चलते कुछ भी नहीं हो पा रहा है।

समाजवाद पर आधारित राजनीति करने वाली सरकार आर्थिक उदारवाद के दौर में पुंजीगत निवेश के लिए तैयार हो गई है। राज्य में राजनीति की जड़ें श्रम संगठनों से जुड़ी हैं जो अपने पूर्वाग्रहों के चलते नहीं चाहते कि औद्योगिकीकरण हो। इसलिए टाटा मोटर्स की बहुप्रतीक्षित कार नौनो का कारखाना खटाई में पड़ गया है। किसानों और कुछ अवसरवादी नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। मौकापरस्ती की राजनीति के दौर में अपनी राजनीति चमकाने वालों की कोई कमी नहीं है, इसलिए लगे हाथ तृणमूल कांग्रेस अध्यक्षा ममता बनर्जी ने भूमि उच्छेद प्रतिरोध के सुर में सुर मिला दिया है। राज्य में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का सपना देख रहे भट्टाचार्य की परेशानियां बढ़ गई हैं। टाटा ने भी इस बाबत सरकार को चेता दिया है। कभी भी नैनो प्लांट को कहीं और शिफ्ट किया जा सकता है। बंगाल में मार्क्सवाद को प्रचारित करने वालों के लिए ही यह सरदर्द साबित हो रहा है। मार्क्सवाद वहां के लोगों में इतना गहरा समा गया है कि अब सरकार का औद्योगिकीकरण विरोधी रुख लोगों ने अपना लिया है।

प्रसिद्ध व्यक्ति

बाहरी कड़ियाँ

  1. "State Trees and Flowers of India". Flowersofindia.net. अभिगमन तिथि 2010-07-18.
  2. "Directory of District, Sub division, Panchayat Samiti/ Block and Gram Panchayats in West Bengal, March 2008". West Bengal. National Informatics Centre, India. 2008-03-19. अभिगमन तिथि 2008-11-19.

साँचा:Link FA