"पुरुषार्थ": अवतरणों में अंतर
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10:53, 28 मई 2011 का अवतरण
मनुष्य के लिये वेदों में चार पुरुषार्थों का नाम लिया गया है - धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष ।
पुरुषार्थ का अर्थ मनुष्य का कर्तव्य कहलाता है। धर्म के अन्तर्गत माता-पिता शरीर आदि आते है; अर्थ के अन्दर व्यवसाय और धन कमाने के साधन आते है; काम के अन्दर पत्नी पति और पुत्र पुत्री आदि आते है, मोक्ष के अन्तर्गत अन्तिम शांति का मार्ग आता है।