"डेल्फी": अवतरणों में अंतर

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युनेस्को विश्व धरोहर स्थल
Archaeological Site of Delphi
विश्व धरोहर सूची में अंकित नाम

The theatre, seen from above
देश  यूनान
प्रकार Cultural
मानदंड i, ii, iii, iv, v and vi
सन्दर्भ 393
युनेस्को क्षेत्र Europe
शिलालेखित इतिहास
शिलालेख 1987 (11th सत्र)

डेल्फी (ग्रीक Δελφοί, [ðelˈfi][1]) ग्रीस का एक पुरातात्विक स्थल व आधुनिक नगर दोनों है, जो फोसिस (Phocis) की घाटी में माउंट पर्नासस के दक्षिण-पश्चिमी पर्वत स्कंध पर स्थित है. डेल्फी ग्रीक पौराणिक कथाओं में, डेल्फी की ऑरेकल (Delphic Oracle), प्राचीन ग्रीक विश्व में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ऑरेकल, का स्थान और देवता अपोलो, एक देवता, जिन्होंने वहां निवास किया और पृथ्वी की नाभि की रक्षा की, द्वारा अजगर का वध कर दिये जाने के बाद उनकी उपासना का एक मुख्य स्थल था. कुछ लोगों का दावा है कि इस स्थल का मूल नाम पाइथन (Python) (क्रिया पाइथीन (pythein), "सड़ना" से व्युत्पन्न) ही है, जो कि उस अजगर की पहचान है, जिसे अपोलो ने परास्त किया था (मिलर, 95). होमेरिक हिम टू डेल्फिक अपोलो (Homeric Hymn to Delphic Apollo) याद दिलाती है कि इस स्थल का प्राचीन नाम क्रिसा (Krisa) था.[2] डेल्फी में उनका पवित्र स्थान एक पैनहेलेनिक (panhellenic) गर्भगृह था, जहां 586 ई.पू. (मिलर, 96) से, प्रत्येक चार वर्षों बाद पूरे ग्रीक विश्व से आये खिलाड़ी पाइथियन गेम्स, चार पैनहेलेनिक (या स्टीफैनिटिक) खेलों में से एक, में प्रतिस्पर्धा किया करते थे, जो कि आधुनिक ओलिम्पिक के पूर्ववर्ती खेल थे. डेल्फी के विजेताओं को लॉरेल का एक ताज पहनाया जाता था, जिसे अजगर के वध का पुनराभिनय करने वाला एक लड़का मंदिर में स्थित एक पेड़ से एक आयोजन के द्वारा काटकर लाता था (मिलर, 96). खेल के आयोजन के अन्य स्थलों से डेल्फी इसलिये भिन्न था क्योंकि यह संगीत स्पर्धाओं, मौसिकोस एगॉन (mousikos agon), की मेजबानी भी करता था (मिलर, 95). कालानुक्रमिक रूप से और महत्व के आधार पर इन पाइथियन गेम्स का स्थान चार स्टीफैनिटिक (stephanitic) खेलों में दूसरा था (मिलर, 96). हालांकि ये खेल ओलिम्पिया से इस रूप में भिन्न थे कि वे डेल्फी नगर के लिये उतने अधिक महत्वपूर्ण नहीं थे, जितने कि ओलिम्पिया में होने वाले खेल ओलिम्पिया शहर के लिये महत्वपूर्ण थे. चाहे डेल्फी ने इन खेलों की मेजबानी की होती या न की होती, तब भी यह एक प्रसिद्ध शहर ही रहा होता; यहां कुछ अन्य आकर्षण थे, जिनके परिणामस्वरूप इसे पृथ्वी का “ओम्फेलॉस (omphalos)” (नाभि), दूसरे शब्दों में विश्व का केंद्र कहा गया (मिलर, 96–7). अपोलो के मंदिर के आंतरिक हेस्तिया (hestia) ("हार्थ [hearth]") में एक अनन्त ज्योति प्रज्वलित की गई. प्लाटिया के युद्ध के बाद, ग्रीक शहरों ने अपनी अग्नियों को बुझा दिया और ग्रीस के हार्थ से नई अग्नि लेकर डेल्फी आये; विभिन्न ग्रीक बस्तियों की स्थापना-कथाओं में, संस्थापक उपनिवेशियों को पहले डेल्फी को समर्पित किया गया था.[3]

अवस्थिति

डेल्फी (बाएं बीच में) केंद्रीय ग्रीस में कुरिन्थुस की खाड़ी के उत्तर में है.

डेल्फी का स्थल निचले केंद्रीय ग्रीस में,माउंट पर्नासस के ढलान पर अनेक पठारों/छतों पर स्थित है, और इसमें अपोलो का गर्भगृह, प्राचीन ऑरेकल का स्थल, शामिल है. इस अर्ध-वृत्ताकार पर्वत स्कंध को फीड्रिएड्स (Phaedriades) कहा जाता है, और यह प्लीस्टोस घाटी (Pleistos Valley) के ऊपर दिखाई देता है. डेल्फी के दक्षिण-पश्चिम में, लगभग 15 कि॰मी॰ (9.3 मील) दूर, कोरिन्थियाई खाड़ी में बंदरगाह-शहर किर्हा (Kirrha) स्थित है. डेल्फी माउंट पर्नासस के पर्वत-स्कंध के भी दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है.

अपोलो के प्रति समर्पण

डेल्फोई (Delphoi) शब्द का मूल वही है, जो δελφύς delphys , "गर्भ (womb)" का है और संभव है कि यह उस स्थल पर गाइया, दादी पृथ्वी, और देवी पृथ्वी के पुरातन प्रति पुरातन श्रद्धा को सूचित करता हो.[4][5] इस स्थल के साथ अपोलो का संबंध उनकी उपाधि Δελφίνιος Delphinios , "डेम्फियाई (Delphinian)" के द्वारा जोड़ा गया है. यह उपाधि होमेरिक हिम टू अपोलो (Homeric Hymn to Apollo ) (पंक्ति 400) में डॉल्फिनों (ग्रीक δελφίς,-ῖνος) के साथ जुड़ी हुई है, जो कि उस पौराणिक कथा की याद दिलाती है, जिसके अनुसार अपोलो पहली बार डॉल्फिन के अवतार में अपनी पीठ पर क्रेटन पुजारियों को बिठाकर डेल्फी आये थे. इस ऑरेकल का होमेरिक नाम पाइथो (Pytho) (Πυθώ ) है.[6]

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार अपोलो उत्तर की ओर से चलते हुए डेल्फी आये और थेसली (Thessaly) में स्थित एक नगर, टेंपे (Tempe), में लॉरेल (जिसे अंग्रेज़ी में बे ट्री (bay tree) भी कहा जाता है) के पौधे को लेने के लिये रुके, जो कि उनके लिये पवित्र था. इस कथा की स्मृति में पाइथियन गेम्स के विजेताओं को मंदिर से तोड़े गए लॉरेल (बे वृक्ष के पत्तों) की माला पहनाई जाती थी.

अपोलो के मंदिर का पूर्वी छोर के नीचे से दिखने वाला दृश्य
पाइथियन खेलों के प्रयोग के लिए डेल्फी अभयारण्य में माउन्टेन-टॉप स्टेडियम का दृश्य.दाहिनी ओर दिखाई दे रही पत्थर की सीढ़ियां/आसन रोमन लोगों शासन-काल में जोड़े गए थे.

डेल्फी फोनेबस अपोलो (Phoebus Apollo) के एक प्रमुख मंदिर, व साथ ही पाइथियन गेम्स तथा प्रसिद्ध पूर्व ऐतिहासिक ऑरेकल का एक स्थल बन गया. यहां तक कि रोमन काल में भी, मन्नत की सैकड़ों मूर्तियां बचीं रहीं, जिनका वर्णन प्लाइनी द यंगर (Pliny the Younger) ने किया और जिन्हें पॉसेनियस (Pausanias) द्वारा देखा गया था. ऐसा माना जाते है कि मंदिर में तीन वचन:γνωθι σεαυτόν (gnōthi seautón = "स्वयं को जानो") और μηδέν άγαν (mēdén ágan = "अधिकता में कुछ नहीं "), और Εγγύα πάρα δ'ατη (engýa pára d'atē = "एक शपथ लो और हानि निकट है "),[7] तथा साथ ही एक बड़ा वर्ण E उकेरे गये थे.[8] अन्य वस्तुओं में एप्सिलोन अंक 5 का प्रतीक है. “डेल्फी में बने E (E at Delphi)” के अर्थ के बारे में प्लुटार्क (Plutarch) का निबंध इस शिलालेख के बारे में एकमात्र साहित्यिक स्रोत है. प्राचीन काल में, इन वचनों का मूल ग्रीस के सात विद्वानों (Seven Sages of Greece) में से एक या अनेक को माना जाता था,[9] हालांकि प्राचीन व साथ ही आधुनिक विद्वानों ने ऐसे आरोपणों की वैधता पर संदेह जाहिर किया है.[10] विद्वानों के एक जोड़े के अनुसार, “डेल्फियाई मंदिर पर बने तीन वचनों के वास्तविक लेखकत्व को अनिश्चित छोड़ा जा सकता है. सर्वाधिक संभावना इस बात की है कि वे लोकप्रिय मुहावरे थे, जिनका श्रेय बाद में विशिष्ट विद्वानों को दे दिया गया." [11]

बाद में प्रचलित एक मिथक, जो कि पुराने मिथकों से भिन्न है, के अनुसार अपोलो ने अपने बचपन में भूमिगत (chthonic) सर्प पाइथन, जिसे प्राचीन मिथकों में पाइथिया नाम दिया गया था, का वध किया, लेकिन बाद के कुछ वर्णनों के अनुसार उनकी पत्नी, पाइथिया, जो कि कैस्टेलियाई झरने के पास रहती थी, कुछ के अनुसार इसलिये क्योंकि पाइथन ने लेटो के साथ बलात्कार का प्रयास किया, जब वह अपोलो और आर्टेमिस से गर्भवती थी. इस जोड़े के शव उसकी छड़ के चारों ओर आच्छादित थे, जिसके साथ पंखों को जोड़कर ईश्वर के कैडुशियस (caduceus) प्रतीक का निर्माण हुआ. यह झरना मंदिर की ओर बहता था, लेकिन इसके नीचे अदृश्य हो जाता था, जिससे एक दरार का निर्माण हुआ, जिसमें से वाष्प उत्सर्जित होती थी, जिसके कारण डेल्फी की ऑरेकल अपनी भविष्यवाणियां किया करती थी. अपोलो ने पाइथन का वध किया, लेकिन उन्हें इसकी सजा दी जानी थी क्योंकि वह गाइया की संतान थी. अपोलो को समर्पित मंदिर मूलतः गाइया को और फिर संभवतः पॉसीडॉन (Poseidon) को समर्पित था. पाइथिया नाम डेल्फी की ऑरेकल का शीर्षक बना रहा. इस हत्या की सज़ा के रूप में अपोलो को आठ वर्षों तक निम्न श्रेणी के कार्य करने के लिये भेजा गया. सर्प के वध, उड़ान, प्रायश्चित और ईश्वर की वापसी को प्रदर्शित करनेवाला एक त्यौहार, सेप्टेरिया (Septeria), प्रतिवर्ष मनाया जाता था. इस जीत का स्मरणोत्सव मनाने के लिये प्रत्येक चार वर्षों में पाइथियन गेम्स का आयोजन किया जाता था.[12] डेल्फी में होने वाला एक अन्य नियमित आयोजन "थियोफेनिया (Theophania)" (Θεοφάνεια), शरद ॠतु में होने वाला एक वार्षिक आयोजन, था, जो हाइपरबोरिया (Hyperborea) के शीत निवास से अपोलो की वापसी की खुशी में मनाया जाता था. इस आयोजन समापन भक्तों को देवताओं के एक चित्र, जो कि सामान्यतः गर्भगृह में छिपाकर रखा जाता था, के प्रदर्शन के साथ होता था.[13] प्रत्येक गर्मियों में "थियोक्सेनिया (Theoxenia)" का आयोजन किया जाता था, जो कि “अन्य राज्यों के देवताओं व राजदूतों” के लिये आयोजित एक भोज पर केंदित होता था.[14]

इरविन ह्रोड (Erwin Rohde) ने लिखा है कि पाइथन पृथ्वी की आत्मा थी, जिस पर अपोलो ने विजय प्राप्त की, और उसे ओम्फेलॉस के नीचे दफना दिया, और यह कि ये एक देवता द्वारा दूसरे दूसरे की कब्र पर एक मंदिर बनाने का मामला था.[15] एक अन्य दृष्टिकोण के अनुसार, अपोलो ग्रीक देव-समूह, जो मूलतः लाइडिया (Lydia) से आता है, में काफी हालिया जुड़ाव है. उत्तरी एनाटोलिया से आने वाले एट्रुस्कान (Etruscans) लोग भी अपोलो की उपासना किया करते थे और हो सकता है कि मूलतः वह मेसोपोटेमियाई आप्लु (Aplu), “पुत्र” के अर्थ वाला एक अक्काडियाई (Akkadian) शीर्षक, जो कि मूलतः एन्लिल (Enlil) के पुत्र, प्लेग देवता नर्गल (plague God Nergal), को दिया गया था. अपोलो स्मिन्थियस (Apollo Smintheus) (ग्रीक Απόλλων Σμινθεύς), चूहे का हत्यारा,[16] चूहों को नष्ट करता है, जो कि इस बीमारी का प्राथमिक कारण हैं, अतः वह निरोधक दवा को प्रोत्साहित करता है.

ऑरेकल

डेल्फी संभवतः उस गर्भगृह, जो प्राचीन काल में अपोलो को समर्पित था, में स्थित ऑरेकल के लिये सर्वाधिक प्रसिद्ध है. यूमेनिडेस (Eumenides) की प्रस्तावना में एशीलस (Aeschylus) लिखते हैं कि इसका मूल पूर्व-ऐतिहासिक काल और गाइया की उपासना में था. आठवीं सदी ईसा पूर्व के अंतिम चतुर्थांश में डेल्फी के औपनिवेशिक स्थल पर मिली शिल्पाकृतियों में नियमित वृद्धि हुई है, जो कि नवीं सदी का एक नया, उत्तर-माइसिनियाई काल का उपनिवेश था. मिट्टी के बर्तनों और कांसे का काम व साथ ही तिपाई समर्पण ओलिम्पिया की तुलना में एक नियमित प्रवाह में जारी रहे. न तो वस्तुओं की श्रेणी और न ही प्रतिष्ठित समर्पण यह साबित करते हैं कि उपासकों की एक व्यापक श्रेणी के लिये डेल्फी आकर्षण का केंद्र था, लेकिन उच्च मूल्य वाली वस्तुओं की एक बड़ी मात्रा, जो कि मुख्य-भूमि के किसी भी अन्य गर्भगृह में नहीं मिलती, अवश्य ही इस दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करती है.

अपोलो अपनी ऑरेकल के माध्यम से संदेश दिया करते थे: डेल्फी स्थित ऑरेकल की सिबिल या पुजारिन को पाइथिया कहा जाता था; आवश्यक रूप से वह उस क्षेत्र के किसानों के बीच से चुनी गई एक ऐसी बूढ़ी महिला होती थी, जिसका जीवन बेदाग़ रहा हो. वह पृथ्वी में बने एक छिद्र के ऊपर पर तिपाई पर बैठा करती थी. दन्तकथा के अनुसार, जब अपोलो ने अजगर का वध किया, तो उसका शरीर इस दरार में गिर गया और उसके जलते हुए शरीर से धुआं उठा. इस धुएं की चपेट में आकर सिबिल बेहोश हो गई, जिससे अपोलो ने उसकी आत्मा पर अधिकार कर लिया. इस अवस्था में उसने भविष्यवाणी की. ऐसा माना जाता रहा है कि इस छिद्र से एथिलीन की उच्च मात्रा वाली एक गैस निकली, जिसे भीषण बेहोशी उत्पन्न करने के लिये जाना जाता है, हालांकि यह सिद्धांत अभी भी विवादित बना हुआ है.[17][18] बेहोशी के दौरान पाइथिया ने “प्रलाप” – संभवतः समाधि-मग्न भाषण का एक रूप – किया और उनके प्रलाप-वचनों को मंदिर के पुजारियों द्वारा सहज हेक्ज़मेटर (hexameters) में उनका “अनुवाद” किया गया. लोग सार्वजनिक नीतियों से जुड़े महत्वपूर्ण मसलों से लेकर व्यक्तिगत मामलों तक प्रत्येक बात के लिये डेल्फी की ऑरेकल से परामर्श लिया करते थे. शीत-काल के महीनों में ऑरेकल से परामर्श नहीं लिया जा सकता है क्योंकि पारंपरिक रूप से यह वह समय था, जब अपोलो हाइपरबोरियाई लोगों (Hyperboreans) के बीच निवास किया करते थे. उनकी अनुपस्थिति में मंदिर में डायोनिसस (Dionysus) का निवास रहा करता था.[19]

एच. डब्ल्यू. पार्क (H.W. Parke) लिखते हैं कि डेल्फी और इसकी ऑरेकल की आधारशिला दर्ज इतिहास के पूर्व रखी गई और इसका मूल अज्ञात है, लेकिन इसका काल-निर्धारण टाइटन, गाइया की उपासना के काल के रूप में किया गया है.[20]

पूरे ग्रीक विश्व पर ऑरेकल का पर्याप्त प्रभाव था, और सभी मुख्य कार्यों के पूर्व उनकी सलाह ली जाती थी: युद्ध, उपनिवेशों की स्थापना आदि. ग्रीक विश्व के आस-पास स्थित अर्ध-हेलेनियाई (semi-Hellenic) देशों, जैसे लाइडिया, कैरिया व यहां तक कि मिस्र में भी उन्हें सम्मान दिया जाता था.

पाइथिया की कुछ सर्वाधिक उल्लेखनीय घोषणाओं की सूची के लिये, डेल्फी के प्रसिद्ध ऑरेकल कथनों (Famous Oracular Statements from Delphi) पर जाएं.

ऑरेकल को मेसेडोनिया के राजाओं से लाभ प्राप्त होता था. बाद में इसे एटोलियाइयों (Aetolians) के संरक्षण में रख दिया गया. कुछ ही समय बाद, रोमन लोगों का प्रभाव बढ़ना प्रारंभ हो गया और उन्होंने 109 ईसा पूर्व तथा 105 ईसा पूर्व में खतरनाक बर्बर आक्रमणों से ऑरेकल की रक्षा की. एक व्यापक पुनर्गठन की शुरुआत हुई, लेकिन मिथ्रिडेटिक युद्धों (Mithridatic Wars) और सुला के युद्धों (wars of Sulla), जिनमें ऑरेकल को चढ़ाई गई अनेक मूल्यवान वस्तुएं छिन गईं, ने इसमें व्यवधान उत्पन्न कर दिया. बर्बर आक्रमणकारियों के हमलों में मंदिर को जला दिया गया, जो 83 ईसा पूर्व में आए एक भूकंप के कारण भीषण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका था. इस प्रकार ऑरेकल का अपकर्ष होने लगा और आस-पास का क्षेत्र कंगाल बन गया. स्थानीय जनसंख्या विरल होने के कारण आवश्यक पदों को भरने में कठिनाइयां उत्पन्न होने लगीं. शंकास्पद भविष्वाणियों के कारण ऑरेकल की विश्वसनीयता घट गई. 66 ईसवी में जब नीरो ग्रीस में आया, तो वह 500 से अधिक सर्वश्रेष्ठ मूर्तियों को डेल्फी से रोम ले गया. उत्तरवर्ती फ्लावियाई (Flavian) राजवंश के रोमन सम्राटों नें इसके जीर्णोद्धार में उल्लेखनीय योगदान दिया. हैड्रियन (Hadrian) ने इसे पूर्ण स्वायत्तता प्रदान की. साथ ही, मुख्य पुजारी के रूप में प्लुटार्क (Plutarch) की उपस्थिति के द्वारा वे भी एक महत्वपूर्ण कारक थे. हालांकि मार्कस ऑरेलियस के काल में हुए बर्बरों के आक्रमणों और कॉन्स्टेन्टाइन प्रथम (Constantine I) के काल में मूर्तियों तथा अन्य संपत्ति को हटाए जाने (वस्तुतः लूट लेने) के कारण इसका पतन हो गया. जुलियन (Julian) का संक्षिप्त शासन-काल स्थितियों में कोई सुधार नहीं ला सका. हालांकि, 395 ईसवी में सम्राट थियोडोसियस प्रथम (Theodosius I) द्वारा बंद किये जाने तक ऑरेकल जारी रहा. लगभग 100 वर्षों तक यह स्थल वीरान बना रहा, जब तक कि ईसाइयों ने इस स्थान पर स्थायी रूप से बसना शुरु नहीं किया: उन्होंने लगभग 600 ईसवी में कास्री (Kastri) नामक एक छोटा-सा नगर बसाया.

"डेल्फी की सिबिल"

डेल्फी की सिबिल (Delphic Sibyl) एक पौराणिक पैगंबरीय व्यक्तित्व थी, जिसके बारे में कहा जाता था कि ट्रॉजन युद्ध के कुछ ही समय बाद उसने में भविष्यवाणियां कीं थीं. जिन भविष्यवाणियों का श्रेय उसे दिया जाता है, वे पैगंबरीय वचनों के एक लिखित संग्रह में बाकिस (Bakis) जैसे अन्य व्यक्तियों के ऑरेकल के साथ वितरित कीं गईं. सिबिल का अपोलो के ऑरेकल से कोई संबंध नहीं था और भ्रमवश इसे इसे पाइथिया नहीं समझा जाना चाहिये.[21]

इमारतें व ढांचे

डेल्फी में अपोलो के गर्भगृह-स्थल की योजना

व्यवसाय माइसिनियाई काल (1600–1100 ई.पू.). आज उपस्थित अधिकांश अवशेष छठी सदी ईसा पूर्व में इस स्थल पर हुई सर्वाधिक भीषण गतिविधि के काल के हैं.[22]

अपोलो का मंदिर

डेल्फी के मंदिर के आज दिखाई देने वाले अवशेष चौथी सदी ईसा पूर्व की एक डोरिक (Doric) इमारत के हैं, जो चारों ओर से स्तंभों से घिरी हुई थी. इसे इसके पूर्व, छठी सदी ईसा पूर्व में बने एक मंदिर के अवशेषों पर खड़ा किया गया था, जो कि स्वयं सातवीं सदी ईसा पूर्व के एक निर्माण स्थल पर बनाया गया था, जिसका श्रेय वास्तुविदों ट्रोफोनियोस (Trophonios) व आगामिडेस (Agamedes) को दिया जाता था.[23]

डेल्फी में टेम्पल ऑफ़ अपोलो

छठी सदी ईसा पूर्व के मंदिर को “एल्कमियोनाइडी का मंदिर” नाम दिया गया, जो कि उस एथेनियाई परिवार के प्रति श्रद्धांजलि थी, जिसने आग में नष्ट हो चुकी इसकी मूल संरचना के पुनर्निर्माण के लिये धन दिया था. यह नई इमारत एक डोरिक हेक्सा-शैली का मंदिर था, जिसमें 6 गुणा 15 (6 by 15) स्तंभ थे. 373 ईसा पूर्व में आये एक भूकंप के कारण यह मंदिर नष्ट हो गया और 330 ईसा पूर्व में इस स्थल पर एक तीसरे मंदिर का निर्माण-कार्य पूरा हुआ. इस तीसरे मंदिर का श्रेय कोरिन्थियाई वास्तुविदों स्पिन्थेरॉस (Spintharos), ज़ेनोडोरस (Xenodoros) और अगाथन (Agathon) को दिया जाता है.[23]

डेल्फी, ग्रीस में टेम्पल ऑफ़ अपोलो के कॉलम

त्रिकोणिका की नक्काशी एथेन्स के प्राक्सियास (Praxias) व एन्ड्रोस्थीनेस (Androsthenes) को समर्पित है. दूसरे मंदिर के ही अनुपात में इसने स्टाइलोबेट (stylobate) के आस-पास 6 गुणा 15 स्तंभों के पैटर्न को बनाए रखा.[23] इसके भीतर एडिटोन (adyton), डेल्फी की ऑरेकल और पाइथिया का आसन, था. 1938–1300 के दौरान इस स्मारक का आंशिक रूप से जीर्णोद्धार किया गया.

यह मंदिर 390 ईसवी तक बचा रहा, जब ईसाई शासक थियोडोसियस प्रथम (Theodosius I) ने ईसाइयत के नाम पर मंदिर तथा अधिकांश मूर्तियों व कलात्मक वस्तुओं को नष्ट करके ऑरेकल को मौन कर दिया.[24] पैगनवाद (Paganism) के सभी चिह्नों को नष्ट करने के एक प्रयास में उत्साही ईसाइयों ने इस स्थल को पूरी तरह नष्ट कर दिया.[24]

एम्फिक्टियोनिक परिषद

एम्फिक्टियोनिक परिषद (Amphiktyonic Council) डेल्फी को व साथ प्रत्येक चार वर्षों में होने वाले पाइथियन गेम्स पर नियंत्रण रखने वाले बारह ग्रीक कबीलों के प्रतिनिधियों की एक परिषद थी. वे वर्ष में दो बार मिला करते थे और थेसली (Thessaly) तथा मध्य ग्रीस से आते थे. समय के साथ-साथ, डेल्फी नगर ने स्वयं का अधिक नियंत्रण प्राप्त कर लिया और इस परिषद ने अपना अधिकांश प्रभाव खो दिया.

कोषागार

मैराथन के युद्ध में जीत को श्रद्धांजलि देने के लिए ट्रेज़री ऑफ़ एथेंस का पुनर्निर्माण

इस स्थल के प्रवेश-द्वार से, ढलान पर लगभग मंदिर तक आगे बढ़ते हुए, मन्नत की अनेक मूर्तियां और कुछ कोषागार हैं. इनका निर्माण ग्रीक के विभिन्न नगर-राज्यों — समुद्रपारीय तथा साथ ही मुख्य-भूमि पर स्थित — द्वारा विजय के स्मारकों के रूप में तथा ऑरेकल की सलाह के लिये उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिये किया गया था क्योंकि उनका विश्वास था कि विजय में ऑरेकल की सलाह का भी योगदान था. उन्हें “कोषागार” इसलिये कहा जाता है क्योंकि उनमें अपोलो को समर्पित चढ़ावा रखा जाता था; अक्सर ये युद्ध की लूट का एक “दशमांश (tithe)" या दसवां हिस्सा हुआ करते थे. इनमें से सर्वाधिक प्रभावी हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया एथेनियाई कोषागार (Athenian Treasury) है, जिसका निर्माण सलामिस के युद्ध में एथेनियाई पक्ष की विजय के स्मारक के रूप में किया गया था. पॉसेनियस (Pausanias) के अनुसार, एथेनियाई लोगों को ऑरेकल द्वारा पूर्व में अपनी “लकड़ी की दीवारों” पर विश्वास करने की सलाह दी गई थी — इस सलाह को अपनी नौसेना के प्रयोग की सलाह के रूप में लेते हुए, उन्होंने सलामिस के प्रसिद्ध युद्ध में जीत हासिल की. इन कोषागारों में से अनेक की पहचान की जा सकती है, जिनमें सिफनियाई कोषागार (Siphnian Treasury) भी है, जो कि सिफनॉस (Siphnos) नगर द्वारा समर्पित है, जिसके नागरिक सोने की खानों से प्राप्त आय का दशमांश तब तक देते रहे, जब तक की समुद्र का पानी भर जाने के कारण उनका कार्य बंद हो जाने से खानें नष्ट नहीं हो गईं.

पहचाने जा सकने वाले अन्य कोषागारों में सिक्योनियाई (Sikyonians), बोयेटियाई (Boetians) तथा थेबनों (Thebans) के कोषागार हैं. आर्गोस (Argos) का कोषागार विशालतम कोषागारों में से एक था. डोरिक काल के अंतिम भाग में निर्मित, आर्गिवों (Argives) ने अन्य नगर-राज्यों के बीच अपना स्थान बनाने में महान गर्व का अनुभव किया. सन 380 में पूर्ण किया गया यह कोषागार अधिकांशतः आर्गोलिस (Argolis), शहर के एक्रोपोलिस (acropolis), में स्थित हेरा के मंदिर (Temple of Hera) से प्रेरित है. हालांकि इस कोषागार के प्राचीन तत्वों का हालिया विश्लेषण बताता है कि उसकी स्थापना का काल इससे भी पुराना है.

इन कोषागारों के परिणामस्वरूप, एम्फिक्टियोनिक लीग के संरक्षण के माध्यम से, डेल्फी वस्तुतः प्राचीन ग्रीक के केंद्रीय बैंक (Central Bank of Ancient Greece) के रूप में कार्य करने लगा. मेसेडोन के फिलिप द्वारा इन कोषागारों के दुरुपयोग और बाद में इन कोषागारों की लूट, पहले सेल्ट्स (Celts) द्वारा और इसके बाद रोमन तानाशाह सुल्ला (Sulla) के द्वारा, के कारण ग्रीक सभ्यता जो ग्रहण लग गया और परिणामस्वरूप रोम का उदय हुआ.

चियानों की वेदी (Altar of the Chians)

अपोलो के मंदिर के सामने स्थित, गर्भगृह की मुख्य वेदी का निर्माण एवं खर्च चिऑस (Chios) के लोगों द्वारा उठाया जाता था. इसके शिखर पर स्थित शिलालेख के द्वारा इसका काल पांचवी सदी ईसा पूर्व निर्धारित किया गया है. आधार व शिखर के अतिरिक्त पूरी तरह काले संगमरमर से निर्मित इस वेदी का एक अदभुत प्रभाव रहा होगा. 1920 में इसका जीर्णोद्धार किया गया.[25]

एथेनियाइयों का स्टोआ (Stoa of the Athenians)

स्टोआ (stoa) मुख्य गर्भगृह से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ता है. इसका निर्माण एक आयनिक क्रम में किया गया था और यह लंबी धारियों वाले सात स्तंभों से मिलकर बना है, जो कि असामान्य रूप से पत्थर के एक ही टुकड़े को काटकर बनाए जाते थे (अधिकांश स्तंभों को आपस में जुड़ी हुई तश्तरियों की एक श्रृंखला से निर्मित किया गया था). स्टाइलोबेट (stylobate) पर स्थित शिलालेख सूचित करता है कि इसका निर्माण एथेनियाई लोगों द्वारा 478 ईसा पूर्व फारसियों पर उनकी नौसैनिक विजय के बाद युद्ध के जयचिह्नों को रखने के लिये किया गया था.[25] स्टोआ (stoa) की पिछली दीवार पर लगभग एक हज़ार शिलालेख हैं; ऐसा माना जाता है कि एथेन्स में दासता से मुक्त किये गये प्रत्येक गुलाम के लिये एक संक्षिप्त जीवनी दर्ज करवाना आवश्यक होता था, जिसमें वह इस बात का वर्णन करता था कि वह अपनी स्वतंत्रता के योग्य क्यों था.

बलिष्ठ मूर्तियां

डेल्फी इसकी अनेक संरक्षित बलिष्ठ मूर्तियों के लिये प्रसिद्ध है. यह ज्ञात है कि मूल रूप से ओलिम्पिया में इससे भी अधिक मूर्तियां थीं, लेकिन समय ने उनमें से अनेक को नष्ट कर दिया, जिससे डेल्फी ही बलिष्ठ मूर्तियों का मुख्य स्थल बन गया (मिलर, 98). क्लेओबिस (Kleobis) और बाइटन (Biton), अपनी शक्ति के लिये प्रसिद्ध दो भाई, डेल्फी के प्राचीनतम ज्ञात बलिष्ठ मूर्तियों में से दो में गढ़े गए हैं. ये मूर्तियां बैलों की अनुपस्थिति में उन दोनों के द्वारा अपनी मां की गाड़ी को अनेक मील खींचकर हेरा के गर्भगृह तक ले जाने के उनके अदभुत कार्य की याद में बनाईं गईं हैं. पड़ोसी सर्वाधिक प्रभावित हुए थे और उनकी माता ने हेरा से उन्हें सर्वोच्च उपहार देने को कहा. जब वे हेरा के मंदिर में पहुंचे, तो उन्हें झपकी लग गई और फिर वे कभी नहीं उठे, अपनी प्रशंसा के शिखर पर रहते हुए मृत्यु होना, सबसे सटीक उपहार था (मिलर, 98). डेल्फी का सारथी एक अन्य प्राचीन अवशेष है, जो सदियों से खड़ा है. यह प्राचीन-काल की सर्वश्रेष्ठ ज्ञात मूर्तियों में से एक है. यह सारथी अपनी अनेक विशेषताएं खो चुका है, जिनमें उसका रथ और बायीं बांह शामिल हैं, लेकिन यह प्राचीन काल की बलिष्ठ कला के प्रति एक श्रद्धांजलि के रूप में खड़ा है (मिलर, 98).

बहुभुजी दीवार

आज भी कायम दीवार का निर्माण 548 ईसा पूर्व अपोलो के दूसरे मंदिर के निर्माण के दौरान छत को सहारा देने के लिये किया गया था. इसका नाम उस बहुभुजी राजगीरी से लिया गया है, जिससे इसका निर्माण हुआ है.[25]

व्यायामशाला

व्यायामशाला, जो कि मुख्य गर्भगृह से आधा मील की दूरी पर स्थित है, डेल्फी के युवाओं द्वारा प्रयोग की जाने वाली इमारतों की एक श्रृंखला थी. इस इमारत में दो स्तर थे: ऊपरी स्तर पर खुली जगह प्रदान करने वाला एक स्टोआ (stoa), और निचले तल पर एक प्रशिक्षण-स्थल (palaestra), तालाब और स्नानागार. कहा जाता है कि ये तालाब और स्नानागार जादुई शक्तियों से युक्त थे, और स्वतः अपोलो से संवाद स्थापित करने की क्षमता प्रदान करते थे.[25]

टेक्नोड्रोम (Technodrome)

डेल्फी का हिप्पोड्रोम (hippodrome) वह स्थान था, जहां पाइथियन गेम्स के दौरान दौड़ की प्रतियोगितायें आयोजित होतीं थीं. इसके कोई चिह्न नहीं मिले हैं, लेकिन स्टेडियम की अवस्थिति तथा बची हुई दीवारों के कुछ अवशेषों से यह निष्कर्ष निकला है कि इसे शहर के मुख्य भाग से अलग और अपोलो के पेरिबोलोस (Peribolos) से पर्याप्त दूरी पर स्थित एक मैदान पर बनाया गया था (मिलर, 101)

कैस्टेलियाई झरना (Castalian spring)

मंदिरों और थिएटर से दूर डेल्फी में माउन्टेन-टॉप स्टेडियम.
डेल्फी में एथेना प्रोनाये अभयारण्य
डेल्फी में थिएटर (शीर्ष सीटों के पास से दिखाई देने वाला दृश्य)
माउंट पर्नासस की तराई में थोलोस: 20 में से 3 डोरिक कॉलम

डेल्फी का पवित्र झरना फीड्रिएडों (Phaedriades) की घाटी में स्थित है. स्मरणार्थ बने दो फव्वारों, जिन्हें इस झरने से पानी मिलता था, के संरक्षित अवशेष आर्काइक (Archaic) काल तथा रोमन काल के हैं, जिनमें से बाद वाला पत्थरों को काटकर बनाया गया है.

स्टेडियम

स्टेडियम पहाड़ी पर और ऊपर, वाया साक्रा (via sacra) और थियेटर से भी परे, स्थित है. मूलतः इसका निर्माण पांचवी सदी ईसा पूर्व किया गया था, लेकिन बाद वाली सदियों में इसमें परिवर्तन किया गया. आखिरी बार बड़ा परिवर्तन दूसरी सदी ईसवी में हेरोडस एटिकस (Herodus Atticus) के संरक्षण में हुआ, जब पत्थर का आसन और (मेहराब युक्त) प्रवेश-द्वार का निर्माण किया गया. यहां 6500 दर्शक बैठ सकते थे और इसका ट्रैक 177 मीटर लंबा तथा 25.5 मीटर चौड़ा था.[26]

रंगमंच

डेल्फी का प्राचीन रंगमंच अपोलो के मंदिर से ऊपर पहाड़ी पर बनाया गया था, जो दर्शकों को पूरे गर्भगृह तथा नीचे स्थित घाटी का दृश्य प्रदान करता था. मूल रूप से यह चौथी सदी ईसा पूर्व में बना था, लेकिन उसके बाद से अनेक अवसरों पर इसमें परिवर्तन किया गया था. इसकी 35 पंक्तियों में 5,000 दर्शक बैठ सकते थे.[23]

थोलोस (Tholos)

एथीना प्रोनाइया के गर्भगृह में स्थित थोलोस (Tholos) एक वृत्ताकार इमारत है, जिसका निर्माण 380 और 360 ईसा पूर्व के बीच किया गया था. इसमें 20 डोरिक स्तंभ थे, जिन्हें 14.76 मीटर के बाहरी व्यास में व्यवस्थित किया गया था, तथा आंतरिक भाग में 10 कोरिन्थियाई स्तंभ थे.

थोलोस डेल्फी के मुख्य खंडहरों से लगभग आधा मील (800 मी) की दूरी पर स्थित है. डोरिक स्तंभों में से तीन का जीर्णोद्धार किया जा चुका है, जिससे पर्यटकों के बीच यह फोटोग्राफ लेने के लिये डेल्फी का सबसे लोकप्रिय स्थल बन गया है.

विट्रुवियस (Vitruvius) (vii, परिचय) ने डेल्फी में स्थित वृत्ताकार इमारत के वास्तुविद के रूप में थियोडोरस फोसियन (Theodorus the Phocian) का उल्लेख किया है.

सिबिल शिला

सिबिल शिला डेल्फी के पुरातात्विक क्षेत्र में अपोलो के मंदिर की ओर जाने वाले पवित्र पथ पर एथेनियाई कोषागार तथा एथेनियाई लोगों के स्टोआ के बीच स्थित शिला का पुरोहितासन-जैसा चट्टानी अंश है. ऐसा दावा किया जाता है कि इसी स्थान पर बैठकर सिबिल अपनी भविष्यवाणियां किया करतीं थीं.

खुदाई

यह स्थल मध्य-काल से ही कास्री (Kastri) गांव के अधीन है. इस स्थल की एक व्यवस्थित खुदाई प्रारंभ किये जा सकने से पूर्व, इस गांव का पुनर्स्थापित किया जाना आवश्यक था, लेकिन यहां के निवासियों ने इसका पर्याप्त विरोध किया. इस गांव को पुनर्स्थापित करने का अवसर तब मिला, जब एक भूकंप के कारण इस गांव को बहुत अधिक क्षति पहुंची, और ग्रामीणों को पुराने स्थल के बदले एक पूरी तरह नया गांव बसाने का प्रस्ताव दिया गया. सन 1893 में फ्रेंच आर्किअलॉजिकल स्कूल (French Archaeological School) ने विभिन्न भूस्खलनों के कारण जमा हो चुकी मिट्टी की बड़ी मात्रा को हटाकर अपोलो के गर्भगृह तथा एथीना प्रोआइया दोनों की अनेक प्रमुख इमारतों व संरचनाओं के साथ ही हज़ारों वस्तुओं, शिलालेखों तथा शिल्पाकृतियों को उजागर किया.[25]

आधुनिक डेल्फी

साँचा:Infobox Greek Dimos आधुनिक डेल्फी इस पुरातात्विक स्थल के ठीक पश्चिम में स्थित है और इस कारण यह एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है. यह इटीया (Itea) और आराकोवा (Arachova) के साथ एम्फिसा (Amfissa) को जोड़ने वाले एक प्रमुख राजमार्ग पर है. नगर में अनेक होटल और गेस्ट हाउस तथा अनेक शराबखाने व बार हैं. प्रमुख सड़कें संकरी, तथा अक्सर एकल-मार्ग, हैं. डेल्फी में एक स्कूल, एक सामुदायिक भवन (lyceum), एक चर्च और एक चौक (प्लातीया ) हैं. ट्रांस यूरोपियन फुटपाथ ई4 (Trans European Footpath E4) इस नगर के पूर्वी छोर से गुज़रता है. पुरातात्विक रुचि के अतिरिक्त, डेल्फी पर्नासस स्की सेंटर (Parnassus Ski Center) तथा इस क्षेत्र के लोकप्रिय तटीय नगरों की यात्रा करने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करता है. इस नगर की जनसंख्या 2,373 है, जबकि क्रिसो (Chrisso) (प्राचीन क्रिसा (Krissa)) सहित नगरपालिका क्षेत्र की कुल जनसंख्या 3,511 है.

मध्यनयुगीन काल में डेल्फी को कास्री (Kastri) भी कहा जाता था और इसका निर्माण पुरातात्विक स्थल पर किया गया था. यहां के निवासी अपने अस्थायी घरों की छतों और बीम के रूप में संगमरमर के स्तंभों और संरचनाओं का प्रयोग किया था, जो कि आंशिक रूप से या पूरी तरह नष्ट हो चुके नगरों, विशेषतः 1580 के भूकंप, जिसने फोसिस (Phocis) में अनेक नगरों को तबाह कर दिया, के बाद, इनके पुनर्निर्माण का एक आम तरीका था. सन 1893 में एकोल फ्रैंकाइस डी’एथेनेस (École française d'Athènes) से आये पुरातत्वविदों ने अंततः प्राचीन डेल्फी के वास्तविक स्थल की पहचान कर ली[27] और इस गांव को मंदिरों के स्थल से पश्चिम में एक नये स्थान पर बसाया गया.

डेल्फी आर्किअलॉजिकल म्यूज़ियम (Delphi Archaeological Museum) मुख्य पुरातात्विक परिसर के निचले छोर पर, गांव के पूर्वी भाग में तथा मुख्य सड़क के उत्तरी भाग में स्थित है. इस संग्रहालय में प्राचीन डेल्फी से जुड़ा एक प्रभावी संकलन रखा गया है, जिसमें एक धुन के सर्वाधिक प्राचीन ज्ञात संकेत, प्रसिद्ध सारथी, पवित्र मार्ग (Sacred Way) खोजा गया सोने का ख़जाना, और सिफिनियाई कोषागार से प्राप्त सहायता कोष के अंश शामिल हैं. इसके निर्गम-द्वार के बिल्कुल बगल में (और अधिकांश पर्यटक गाइडों द्वारा छोड़ दिया जाने वाला) एक शिलालेख है, जो कि रोमन प्रांत के प्रमुख अधिकारी (proconsul) गैलियो (Gallio) का उल्लेख करता है.

संग्रहालय व मुख्य परिसर के प्रवेश-द्वार अलग-अलग तथा आदेय हैं और एक कम दर वाला टिकट दोनों में प्रवेश देता है. संग्रहालय के साथ एक छोटा कैफे तथा एक डाक-घर है. पूर्व में थोड़ा आगे, मुख्य मार्ग के दक्षिणी भाग में व्यायामशाला व थोलोस हैं. इनमें प्रवेश मुफ्त है.

मीडिया

डेल्फी के मुख्य स्थलों को दर्शाता हुआ एक संक्षिप्त वीडियो

इन्हें भी देखें

  • यूनानी कला
  • पारंपरिक ग्रीक जगह के नामों की सूची
  • एरिस्टोक्ली - 6वीं शताब्दी बी.सी. के डेल्फिक पुजारिन., पाइथागोरस को ट्यूटर के नाम से जाना जाता था.
  • डेल्फी पुरातात्त्विक संग्रहालय
  • एथिलीन

नोट्स

  1. डेल्फी शब्द का उच्चारण या तो आईपीए: /ˈdɛlfaɪ/ के रूप में, या एक अधिक ग्रीक-जैसी पद्धति में, /ˈdɛlfiː के रूप में किया जाता है. ग्रीक हिज्जे का लिप्यंतरण “डेल्फोई (Delphoi) " (अंग्रेजी अक्षर ओ (o) के साथ) होता है; इसके बोली रूपों में “बेल्फोई (Belphoi) – ईयोलियाई (Aeolian) रूप, डाल्फोई (Dalphoi) – फोसियाई (Phocian) रूप, तथा साथ ही अन्य ग्रीक बोलियों के विविध रूप शामिल हैं.
  2. हिम टू द पाइथियन अपोलो (Hymn to Pythian Apollo) , l. 254–74: टेल्फाउसा अपोलो से “पर्नासस (Parnassus) के वन-मार्ग के नीचे क्रिसा (Krisa)” के स्थल पर अपना देववाणी मंदिर बनाने की अनुशंसा करता है.
  3. बर्कर्ट 1985, पीपी 61, 84.
  4. फोंटेरोज़, जोसेफ एडी, द डेल्फिक ऑरेकल, इट्स रेस्पौन्सेस एंड ऑपरेशंस, विथ अ कैटलौग ऑफ़ रेस्पौन्सेस (1978). पीपी. 3-4. "इसकी प्रतिष्ठा कुछ ऐसी था कि 500 ई. पू. के बाद के अधिकांश यूनानियों ने विश्व के प्रारंभिक दिनों में इसकी नींव रखी: अपोलो द्वारा इस पर अधिकार किये जाने से पूर्व, वे कहते थे कि गी (Ge) (पृथ्वी) (गाइया (Gaia) ) और उसकी पुत्री थेमिस (Themis) ने पाइथो में देववाणी सुनाई थी. इस परंपरा की शक्ति कुछ ऐसी रही है कि अनेक इतिहासकारों और अन्य लोगों ने इस प्राचीन कथन को एक ऐतिहासिक तथ्य के रूप में स्वीकार किया है कि अपोलो का संस्थापन बनने से पूर्व (Ge) और थेमिस (Themis) ने यहां देववाणी सुनाई थी. लेकिन केवल पौराणिक कथा ही इस कथन का समर्थन करती है. डेल्फी की देववाणियों के प्रारंभ का जो प्राचीनतम वृतांत हमारे पास है, होमेरिक हिम टू अपोलो (Homeric Hymn to Apollo) (281–374) में मिलने वाली कथा, में अपोलो के आगमन और उसके द्वारा पाइथो के एकमात्र निवासी, विशाल मादा-ड्रैगन, का वध किये जाने से पूर्व तक कोई देववाणी नहीं हुई थी. यह छठी सदी की डेल्फी की पौराणिक कथा प्रतीत होती है ".
  5. फार्नेल (Farnell), लुईस रिचर्ड (Lewis Richard), द कल्ट्स ऑफ द ग्रीक स्टेट्स (The Cults of the Greek States), खंड III, पीपी. 8–10, से आगे. "पृथ्वी मृतकों का निवास-स्थान है, अतः भूत-प्रेतों की दुनिया पर देवी पृथ्वी का शासन चलता है: सपनों के आकार, जो अक्सर भविष्य का पूर्वाभास कराते थे, के बारे में यह माना जाता था कि वे निचली दुनिया से ऊपर आते हैं, अतः देवी पृथ्वी देववाणी जैसा कोई कार्य हासिल कर सकती थी, विशेषतः उष्मायन की प्रक्रिया के माध्यम से, जिसमें परामर्शदाता पवित्र मंदिर में अपने कानों को भूमि से सटाकर लेट जाता था. गाइया (Gaia) से जुड़ी एक ऐसी अवधारणा डेल्फी (Delphi), एथेन्स (Athens) और एगी (Aegae) में उसके संप्रदायों के अभिलेखों द्वारा दर्शाई गई है. हाल ही में खोजा गया एक शिलालेख डेल्फी स्थित गी (Ge) के मंदिर के बारे में बताता है. ... गाइया (Gaia) के संदर्भ में, हम भी इसे स्वीकार कर सकते हैं. डेल्फी की बाद की भविष्यवाणियों के विशिष्ट लक्षणों के द्वारा, और साथ ही पाइथन की कथा के द्वारा इसकी पुष्टि हुई है."
  6. ओडिसी, VIII, 80
  7. प्लेटो, कार्मिडिज़ 164d–165a.
  8. हॉज, ए ट्रेवर. "द मिस्ट्री ऑफ़ अपोलो इ एट डेल्फी," अमेरिकन जर्नल ऑफ़ आर्कियोलॉजी , खंड 85, नं 1. (जनवरी 1981), पीपी. 83-84.
  9. प्लेटो, प्रोटागोरस 343a–b.
  10. एच. पार्के और डी. वोर्मेल, द डेल्फिक ऑरेकल , (बेसिल ब्लैकवेल, 1956), खंड 1, पीपी. 387-389.
  11. पार्के और वोर्मेल, पृष्ठ. 389.
  12. Cf. सिफ्फर्ट, डिक्शनेरी ऑफ़ क्लासिक एंटीक्युटिज़ , "डेल्फिक ऑरेकल" में लेख
  13. जेम्स हॉल, अ हिस्ट्री ऑफ़ आइडियास एंड इमेजेस इन इटैलियन आर्ट , पीपी 70 -71, 1983, जॉन मूर्रे, लंडन, ISBN 0-7195-3971-4
  14. गूगल बुक्स (Google books) स्टेहले, एवा. परफौरमेंस एंड जेंडर इन एशियंट ग्रीस: नंड्रामाटिक पोएट्री इन इट्स सेटिंग , पृष्ठ 138, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस, 1996, ISBN 0-691-03617-9, 9780691036175
  15. रोधे, इ (1925), "साइकी: द कल्ट ऑफ़ सोल्स एंड द बिलिफ इन इंमौरटैलिटी अमंग द ग्रीक्स", ट्रांस. फ्रॉम द 8थ एडिशन बाइ डब्ल्यू. बी. हिल्स (लंडन: रूटलेज एंड केगन पॉल, 1925; रिप्रिंटेड बाइ रूटलेज, 2000). पृष्ठ 97.
  16. प्रवेश: σμινθεύς एट हेनरी जॉर्ज लिडेल, रॉबर्ट स्कॉट, अ ग्रीक इंग्लिश लेक्सिकोन
  17. स्पिलर, हेल, और डे बोएर (2000) को देखें.
  18. John Roach (2001-08-14). "Delphic Oracle's Lips May Have Been Loosened by Gas Vapors". National Geographic. अभिगमन तिथि March 8, 2007.
  19. उदाहरण देखें फियर्न 2007, 182.
  20. हर्बर्ट विलियम पार्के, द डेल्फिक ऑरेकल , खंड 1, पृष्ठ 3. "डेल्फी और इसकी देववाणी की स्थापना दर्ज इतिहास के काल से पहले हुई. इसके मूल के बारे में कोई स्पष्ट कथन किसी भी प्राचीन प्राधिकार में ढूंढना मूर्खतापूर्ण होगा, लेकिन हम प्राचीन परंपराओं का एक सामान्य उल्लेख प्राप्त कर पाने की आशा कर सकते हैं. वास्तव में, यह वह नहीं है, जो हमें मिलता है. देववाणी की स्थापना का वर्णन तीन प्रारंभिक लेखकों द्वारा किया गया है: होमेरिक हिम टू अपोलो (Homeric Hymn to Apollo) के लेखक, यूमेनिडेस (Eumenides) की प्रस्तावना में एशीलस (Aeschylus), और इफिजेनिया इन टॉरिस (Iphigeneia in Tauris) में एक सह-गान में यूरिपाइड्स (Euripides). तीनों संस्करण, सरल व पारंपरिक होने के बजाय, पहले से ही चयनात्मक और पक्षपातपूर्ण हैं. मूलतः वे एक दूसरे से असहमत हैं, लेकिन उन्हें पारंपरिक काल के अंतिम दौर के परंपरागत संस्करण में ऊपरी तौर पर संयोजित किया गया है." पार्क आगे कहते हैं, स्पष्ट रूप से यह संस्करण [यूरिपाइड्स (Euripides)] प्राचीन परंपरा को एक परिष्कृत रूप में पुनः प्रस्तुत करता है, जिसका खण्डन करने में एशीलस को अपने कुछ स्वार्थों के चलते कष्ट हो रहा है: यह विश्वास कि अपोलो एक हमलावर के रूप में डेल्फी आए और पृथ्वी के एक पहले से मौजूद ऑरेकल के रूप में स्वयं को उपयुक्त बताया. सर्प की हत्या विजय का कार्य है, जो उनकी संपत्ति को सुरक्षित करता है; वैसा नहीं, जैसा कि होमेरिक हिम (Homeric Hymn) , इस स्थल के बारे में सुधार का मात्र एक द्वितीयक कार्य, में वर्णित है. जैसा कि हमने देखा, होमेरिक हिम (Homeric Hymn) , में यह उपलक्षित होता है कि भविष्यवाणी के लिये प्रयुक्त विधि डोडोना (Dodona) में प्रयुक्त विधि के समान थी: एशीलस (Aeschylus) और यूरिपाइड्स (Euripides) दोनों, पांचवी सदी के लेखन में, डेल्फी में प्रयुक्त विधियों जैसी ही विधियों का प्रयोग उनके काल में किये जाने का श्रेय आदिम काल को देते हैं. तिपाइयों और पैगंबर के आसन के प्रति उनके संकेतों में बहुत कुछ अंतर्निहित है. "पृष्ठ 6 पर जारी रहते हुए, "डेल्फी का एक अन्य बहुत प्राचीन लक्षण भी देवी-पृथ्वी के साथ इस स्थल के संबंध की पुष्टि करता है. यह ऐतिहासिक काल में मंदिर के सबसे अंदरूनी गर्भगृह में स्थित एक अंडाकार पत्थर ऑम्फेलोस (Omphalos) था. पौराणिक कथाओं के अनुसार यह ‘नाभि’ (ऑम्फेलोस) अथवा पृथ्वी के केंद्र का प्रतीक था और इस स्थान का निर्धारण ज़ूस (Zeus) द्वारा किया था, जिन्होंने पृथ्वी के दो विपरीत भागों से दो चील उड़ाईं और ठीक इसी स्थान के ऊपर उनका मिलन हुआ ". पृष्ठ 7 पर वे आगे लिखते हैं, "अतः मूल रूप से डेल्फी देवी पृथ्वी की पूजा के प्रति समर्पित था, जिन्हें ग्रीक लोग गी (Ge), अथवा गिया (Gaia) (पौराणिक कथा) कहते थे. थेमिस (Themis), जो इस परंपरा में पुत्री तथा भागीदार या उत्तराधिकारी के रूप में उनसे संबंधित है, वास्तव में उसी देवी का एक अन्य प्रदर्शन है: एक पहचान, जिसकी पहचान स्वयं एशीलस ने एक अन्य संदर्भ में की थी. इन दोनों की उपासना, एक या भिन्न के रूप में, अपोलो के आगमन के बाद प्रचलन से बाहर हो गई. उसका मूल विद्वानों के बीच बहुत विवाद का विषय रहा है: हमारे उद्देश्य के लिये उसे उस रूप में स्वीकार करना पर्याप्त है, जिस रूप में होमेरिक हिम (Homeric Hymn) ने उसे प्रदर्शित किया है – एक उत्तरी आक्रमणकारी – और उसका आगमन अवश्य ही माइसीनियाई तथा हेलेनियाई काल के बीच के अंधकार भरे अंतराल में हुआ होगा. संप्रदाय-स्थल पर आधिपत्य के लिये गी (Ge) के साथ उसके टकराव को उसके द्वारा सर्प की हत्या किये जाने की पौराणिक कथा के अंतर्गत प्रस्तुत किया गया था."
  21. बोडेन, ह्यू, क्लासिकल एथेंस एंड द डेल्फिक ऑरेकल. डिवाइनेशन एंड डेमोक्रेसी . कैम्ब्रिज: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 2005. ISBN 0-521-53081-4. Cf. पृष्ठ 14. "वे डेल्फी के रहस्यमय सिबील (Sibyl), स्वतः भविष्यवाणी की परंपराओं से असंबद्ध एक पौराणिक महिला पैगंबर, के बारे में जान सकते हैं."
  22. डेल्फी आर्क्युलॉजिकल साइट, Ancient-Greece.org
  23. टेम्पल ऑफ़ अपोलो एट डेल्फी, Ancient-Greece.org सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "b" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  24. ट्रुडी रिंग, रॉबर्ट एम्. सैल्किन, शैरोन ला बोड, इंटरनैशनल डिक्शनेरी ऑफ़ हिसटॉरिक प्लेसेस: साउदर्न यूरोप ; पृष्ठ 185; [1]
  25. डेल्फी, हेलेनिक मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर.
  26. डेल्फी स्टेडियम एट Ancient-Greece.org.
  27. (लिंक देखें)

संदर्भ

आगे पढ़ें

  • मॉर्गन, कैथरीन, एथलीट्स एंड ऑरेकल: द ट्रांसफॉरमेशन ऑफ़ ओलिम्पिया एंड डेल्फी इन द एथ सेंच्युरी बीसी (BC) , कैम्ब्रिज [इंग्लैंड]; न्यूयॉर्क: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 1990. ISBN 0-521-37451-0
  • टेम्पल, रॉबर्ट, "फेबल्स, रिडेल्स, एंड मिस्ट्रिज़ ऑफ़ डेल्फी", प्रोसीडिंग्स ऑफ़ 4थ फिलोजौफ़ीकल मीटिंग ऑन कन्टेम्पोरेरी प्रौब्लम्स , नं 4, 1999 (एथेंस, ग्रीस) इन ग्रीक एंड इंग्लिश.

बाहरी लिंक्स

सामान्य

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