"आदिपर्व": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
KamikazeBot (वार्ता | योगदान) छो r2.7.1) (robot Adding: en:Adi Parva, ru:Адипарва, te:ఆది పర్వము |
||
पंक्ति 72: | पंक्ति 72: | ||
[[श्रेणी:स्मृति]] |
[[श्रेणी:स्मृति]] |
||
[[श्रेणी:वैदिक धर्म]] |
[[श्रेणी:वैदिक धर्म]] |
||
[[en:Adi Parva]] |
|||
[[ru:Адипарва]] |
|||
[[te:ఆది పర్వము]] |
06:02, 1 मई 2011 का अवतरण
महाभारत के आदि पर्व के अन्तर्गत कुल १९ उपपर्व और २३३ अध्याय हैं।
पर्व | शीर्षक | उप-पर्व संख्या | उप-पर्व सुची | अध्याय एवम श्लोक संख्या | विषय-सूची |
१ | आदिपर्व | १-१९ |
|
२२७/७९०० |
आदि पर्व के प्रारम्भ में महाभारत के पर्वों, उपपर्वों और उनके विषयों का संक्षिप्त संग्रह है। इसमें सर्वप्रथम महर्षि उत्तंग का महात्म्य, भृगुवंश का विस्तार , नागों का वंश, कद्रू और विनता की कथा, देवों-दानवों द्वारा समुद्र मंथन, जनमेजय के सर्पसत्र की सूचना,व्यास आदि की उत्पत्ति, देवताओं के अंशावतरण, दुष्यन्त-शकुन्तला की कथा, भरत का चरित्र, ययाति के चरित्र का वर्णन, शान्तनु और गंगा की कथा, महर्षि वसिष्ठ से शापित वसुओं का भीष्म के रुप में का जन्म, भीष्म प्रतिज्ञा, कौरवों तथा पाण्डवों की उत्पत्ति, लाक्षागृह का वृत्तान्त, हिडिम्ब का वध और हिडिम्बा का विवाह, बकासुर का वध, धृष्टद्युम्न और द्रौपदी की उत्पत्ति, द्रौपदी-स्वयंवर और विवाह, पाण्डव का हस्तिनापुर में आगमन, सुन्द-उपसुन्द की कथा, नियम भंग के कारण अर्जुन का वनवास, सुभद्राहरण और विवाह, खाण्डव वन का दहन और इन्द्रप्रस्थ की स्थापना वर्णित है। चित्र दीर्घा
|
बाहरी कडियाँ
- वेद-पुराण - यहाँ चारों वेद एवं दस से अधिक पुराण हिन्दी अर्थ सहित उपलब्ध हैं। पुराणों को यहाँ सुना भी जा सकता है।
- महर्षि प्रबंधन विश्वविद्यालय-यहाँ सम्पूर्ण वैदिक साहित्य संस्कृत में उपलब्ध है।
- ज्ञानामृतम् - वेद, अरण्यक, उपनिषद् आदि पर सम्यक जानकारी
- वेद एवं वेदांग - आर्य समाज, जामनगर के जालघर पर सभी वेद एवं उनके भाष्य दिये हुए हैं।
- जिनका उदेश्य है - वेद प्रचार
- वेद-विद्या_डॉट_कॉम