"तनाव (चिकित्सा)": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो r2.7.1) (robot Modifying: vi:Xúc kích |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''तनाव''' (Stress) मनःस्थिति से उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है। उससे मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करते हैं। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास यात्रा में व्यवधान आता है। |
{{वार्ता शीर्षक}}'''तनाव''' (Stress) मनःस्थिति से उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है। उससे मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करते हैं। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास यात्रा में व्यवधान आता है। |
||
== कुछ सरल उपाय == |
== कुछ सरल उपाय == |
||
* किसी प्रकार का नशा-सेवन न करें; |
* किसी प्रकार का नशा-सेवन न करें; |
||
* यथासम्भव एक समय में एक काम करें और मन लगाकर करें; |
* यथासम्भव एक समय में एक काम करें और मन लगाकर करें; |
||
* आवश्यक नींद और विश्राम पर ध्यान दें; |
* आवश्यक नींद और विश्राम पर ध्यान दें; |
||
* आज हो सकने वाले काम को कल पर न डालें; |
* आज हो सकने वाले काम को कल पर न डालें; |
||
* संसार के कष्ट को अपने सिर पर न लादें; |
* संसार के कष्ट को अपने सिर पर न लादें; |
||
* जिम्मेदार लोगों पर ही जिम्मेदारी डालें; |
* जिम्मेदार लोगों पर ही जिम्मेदारी डालें; |
||
* काम को व्यवस्थित ढंग से करें; |
* काम को व्यवस्थित ढंग से करें; |
||
* कुछ कष्ट सहने के लिए मन को तैयार रखें; |
* कुछ कष्ट सहने के लिए मन को तैयार रखें; |
||
* वस्तुओं को सही स्थान पर रखें; |
* वस्तुओं को सही स्थान पर रखें; |
||
* बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखें किन्तु उन्हें झिड़कने की आदत न डालें; |
* बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखें किन्तु उन्हें झिड़कने की आदत न डालें; |
||
* गम्भीर र्निणय खूब सोच-विचार और जांच-पड़ताल कर करें; |
* गम्भीर र्निणय खूब सोच-विचार और जांच-पड़ताल कर करें; |
||
* न तो किसी व्यक्ति पर अत्यधिक विश्वास करें न ही किसी व्यक्ति पर अत्यधिक शंका करें; |
* न तो किसी व्यक्ति पर अत्यधिक विश्वास करें न ही किसी व्यक्ति पर अत्यधिक शंका करें; |
||
* सुख के पीछे न दौड़ें; नकारात्मक सोच वालों से दूर रहें; |
* सुख के पीछे न दौड़ें; नकारात्मक सोच वालों से दूर रहें; |
||
* बिना आवश्यकता के खरीद न करें; |
* बिना आवश्यकता के खरीद न करें; |
||
* घर की फालतू चीजें निकाल दें; |
* घर की फालतू चीजें निकाल दें; |
||
* पुस्तकें अधिक पढ़ें पत्रिकाऍं कम; |
* पुस्तकें अधिक पढ़ें पत्रिकाऍं कम; |
||
* भोजन की पर्याप्तता पर ध्यान दें; |
* भोजन की पर्याप्तता पर ध्यान दें; |
||
* कटु अतीत को केवल सबक लेने के लिए याद रखें; |
* कटु अतीत को केवल सबक लेने के लिए याद रखें; |
||
* दूसरों को सुनना सीखें; |
* दूसरों को सुनना सीखें; |
||
* काम को पूर्ण कर उसका आनन्द उठायें; |
* काम को पूर्ण कर उसका आनन्द उठायें; |
||
* बड़े काम में भी छोटी-छोटी कमियों अथवा हानियों पर ध्यान दें; |
* बड़े काम में भी छोटी-छोटी कमियों अथवा हानियों पर ध्यान दें; |
||
* क्रोध को त्यागें और क्षमाशील बनें; |
* क्रोध को त्यागें और क्षमाशील बनें; |
||
* मानवता को लात मार कर धनार्जन न करें; |
* मानवता को लात मार कर धनार्जन न करें; |
||
* काम की प्राथमिकताऍं तय करें; |
* काम की प्राथमिकताऍं तय करें; |
||
* कम से कम उधार दें, कम से कम उधार लें; |
* कम से कम उधार दें, कम से कम उधार लें; |
||
* जब समय मिले बच्चों के साथ खेलें; |
* जब समय मिले बच्चों के साथ खेलें; |
||
* जीवन साथी के साथ आपसी समझ उत्पन्न करें; |
* जीवन साथी के साथ आपसी समझ उत्पन्न करें; |
||
* समय हो तो कुछ समय मौन रह कर प्रार्थना करें; |
* समय हो तो कुछ समय मौन रह कर प्रार्थना करें; |
||
* कुछ समय योगासन के लिए दें। |
* कुछ समय योगासन के लिए दें। |
||
11:43, 24 अप्रैल 2011 का अवतरण
तनाव (Stress) मनःस्थिति से उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है। उससे मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करते हैं। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास यात्रा में व्यवधान आता है।
कुछ सरल उपाय
- किसी प्रकार का नशा-सेवन न करें;
- यथासम्भव एक समय में एक काम करें और मन लगाकर करें;
- आवश्यक नींद और विश्राम पर ध्यान दें;
- आज हो सकने वाले काम को कल पर न डालें;
- संसार के कष्ट को अपने सिर पर न लादें;
- जिम्मेदार लोगों पर ही जिम्मेदारी डालें;
- काम को व्यवस्थित ढंग से करें;
- कुछ कष्ट सहने के लिए मन को तैयार रखें;
- वस्तुओं को सही स्थान पर रखें;
- बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखें किन्तु उन्हें झिड़कने की आदत न डालें;
- गम्भीर र्निणय खूब सोच-विचार और जांच-पड़ताल कर करें;
- न तो किसी व्यक्ति पर अत्यधिक विश्वास करें न ही किसी व्यक्ति पर अत्यधिक शंका करें;
- सुख के पीछे न दौड़ें; नकारात्मक सोच वालों से दूर रहें;
- बिना आवश्यकता के खरीद न करें;
- घर की फालतू चीजें निकाल दें;
- पुस्तकें अधिक पढ़ें पत्रिकाऍं कम;
- भोजन की पर्याप्तता पर ध्यान दें;
- कटु अतीत को केवल सबक लेने के लिए याद रखें;
- दूसरों को सुनना सीखें;
- काम को पूर्ण कर उसका आनन्द उठायें;
- बड़े काम में भी छोटी-छोटी कमियों अथवा हानियों पर ध्यान दें;
- क्रोध को त्यागें और क्षमाशील बनें;
- मानवता को लात मार कर धनार्जन न करें;
- काम की प्राथमिकताऍं तय करें;
- कम से कम उधार दें, कम से कम उधार लें;
- जब समय मिले बच्चों के साथ खेलें;
- जीवन साथी के साथ आपसी समझ उत्पन्न करें;
- समय हो तो कुछ समय मौन रह कर प्रार्थना करें;
- कुछ समय योगासन के लिए दें।
बाहरी कड़ियाँ
- हर बीमारी की जड़ है तनाव
- तनावमुक्ति के 20 उपाय
- तनाव को कहें बाय-बाय
- तनाव प्रबंधन के कुछ सटीक सूत्र
- University of Massachusetts Medical School Stress Reduction Program
- "Research on Work-Related Stress", European Agency for Safety and Health at Work (EU-OSHA)
- "Working on Stress", European Agency for Safety and Health at Work (EU-OSHA)
- "Taming Stress", Scientific American, September 2003
- Self help guide (NHS Direct)