राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा

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राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा या 'यूजीसी नेट' भारत में एक राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा है। ये स्नातकोत्तर प्रतियोगियों के लिये विश्वविद्यालयों में शिक्षण प्रवेश हेतु अर्हक परीक्षा होती हैं। इसका आयोजन अर्ध-वार्षिक रूप से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जाता है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009 के दिशानिर्देश के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कालेजों में प्रोफेसर बनने के लिए इस परीक्षा की पात्रता को अनिवार्य बना दिया था।

फेलोशिप[संपादित करें]

इसमें तीन प्रकार की फ़ेलोशिप मिलती हैं:

=== व्याख्याता फेलोशिप

कनिष्ठ शोध फेलोशिप[संपादित करें]

श्याम प्रसाद मुखर्जी फेलोशिप[संपादित करें]

योग्यता (Qualification)[संपादित करें]

व्याख्याता (लेक्चररशिप) के लिए किसी भी प्रकार की आयु सीमा नहीं रखी गई है, जेआरएफ के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अभी तक अधिकतम आयु 28 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए थी लेकिन अब इसके लिए अधिकतम आयु 30 वर्ष निर्धारित कर दी गयी है। अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण नीति के तहत आयुसीमा में छूट दी जाती है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 55 प्रतिशत अंकों के साथ मास्टर डिग्री अनिवार्य है, जबकि अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 50 प्रतिशत अंक जरूरी हैं।

  • विषय चयन (Subject Selection)

नेट में पोस्ट ग्रेजुएट के विषय के साथ ही परीक्षा में शामिल हुआ जा सकता है। यूजीसी के आ‌र्ट्स विषयों में मास्टर डिग्री के कुल 94 विषयों को नेट में शामिल होने के लिए चयनित किया गया है। विषयों की पूरी सूची की जानकारी भी www.ugc.ac.in/www.cbse.nic.in पर लॉग इन करके ली जा सकती है। इनमें विदेशी भाषा को भी शामिल किया गया है।

परीक्षा योजना (Exam Planning)[संपादित करें]

नेट में दो पाली में कुल दो पेपरों की परीक्षा आयोजित की जाती है। प्रथम पेपर सामान्य समझ बोध पर आधारित क्वालिफाइंग नेचर का होता है। प्रथम पेपर में कुल 100 अंकों के 50 वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके लिए 1 घंटे का समय दिया जाता है। इसमें टीचिंग एप्टीट्यूड तथा जनरल अवेयरनेस से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों के ही मेरिट लिस्ट निर्धारित करने वाले अन्य एक पेपर जांचा जाता हैं। यूजीसी ने क्वालिफाइंग पेपर में 40 प्रतिशत अंकों की प्राप्ति की अनिवार्यता तय की है। दूसरा पेपर भी वस्तुनिष्ठ प्रकार का होता है। इसमें विषय से संबंधित कुल 200 अंकों के 100 प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके लिए अभ्यर्थियों को कुल 2 घंटे का समय दिया जाता है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]