राजश्री

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1966

राजश्री हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। वह जानवर (1965) और ब्रह्मचारी (1968) जैसी फिल्मों में अपने काम के लिए जानी जाती हैं। हालांकि उन्होंने कई और सफल फिल्मों में भी काम किया है।

व्यक्तिगत जीवन[संपादित करें]

राजश्री प्रसिद्ध फिल्म निर्माता शन्ताराम और उनकी दूसरी पत्नी, अभिनेत्री जयश्री की पुत्री हैं।[1] उनके भाई किरण शन्ताराम मुम्बई के पूर्व नगरपाल (एक नाममात्र का पद) थे। फिल्म अराउंड द वर्ल्ड (1967) के लिए अमेरिका में राज कपूर के साथ फिल्मांकन के दौरान उनकी मुलाकात अमेरिकी छात्र ग्रेग चैपमैन से हुई। दोनों ने तीन साल बाद पाँच दिनों तक चलने वाले भारतीय समारोह में शादी की। वह अपने पति के साथ स्थायी रूप से अमेरिका में रहने चली गई। उनकी एक बेटी है। वे लॉस एंजिल्स में रहते हैं।

फ़िल्मी सफर[संपादित करें]

राजश्री को उनके पिता ने गीत गाया पत्थरों ने (1964) के जरिये फिल्मों में उतारा था। यह अभिनेता जितेन्द्र की भी पहली फ़िल्म थी।[1]

प्रमुख फिल्में[संपादित करें]

वर्ष फ़िल्म चरित्र टिप्पणी
1965 जानवर सपना
1968 ब्रह्मचारी शीतल चौधरी
1967 एराउन्ड द वर्ल्ड रीटा
1967 गुनाहों का देवता
1964 गीत गाया पत्थरों ने
1968 सुहागरात रज्जो

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "रागदारी : 'पंख होते तो उड़ आती रे' जैसे हिट गाने बनाने वाले संगीतकार की कहानी". फर्स्टपोस्ट. 20 अगस्त 2017. मूल से 2 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 मार्च 2019.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]