मॉडल द्वारा अनुमानित नियंत्रण

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मॉडल द्वारा अनुमानित नियंत्रण (Model predictive control (MPC)) प्रक्रम नियंत्रण का एक उन्नत विधि है जो कुछ शर्तों (constraints) का पालन करते हुए किसी प्रक्रम का नियंत्रण करती है। इसका उपयोग १९८० के दशक से ही रासायनिक संयंत्रों और तेलशोधक कारखानों में हो रहा है। हाल के वर्षों में इसका उपयोग विद्युत-शक्ति प्रणाली के संतुलित प्रचालन के लिये तथा शक्ति इलेक्ट्रॉनिकी में भी किया गया है। मॉडल-अनुमानित नियंत्रण के लिये सम्बन्धित पक्रम के गतिक मॉडल का सहारा लिया जाता है। मॉडल-अनुमानित नियंत्रण का मुख्य लाभ यह है कि यह वर्तमान समयावधि के लिये प्रक्रम के इष्टतम प्रचालन को सम्भव बनाती है। छोटे-छोटे समयान्तरालों पर प्रक्रम के इष्टतम प्राचलों की गणना की जाती है और उन्हें लागू किया जाता है।ध्यातव्य है कि यदि कोई प्रक्रम हर समय पर इष्टतम ढंग से परिचालित होता है तो वह सम्पूर्ण कल में भी इष्टतम ढंग से परिचालित होगा।

यह विधि रैखिक-द्विघाती नियंत्रण (linear–quadratic regulator (LQR)) से भिन्न है। मॉडल-अनुमानित नियंत्रण प्रायः सदा ही अंकीय नियंत्रण के रूप में प्रयोग किया जाता है। कुछ प्रकार के गतिक प्रणालियाँ (जैसे दीर्घ समय विलम्ब और उच्च-ऑर्डर के सिस्टम) PID आदि सरल नियंत्रकों की सहायता से अच्छी तरह नियंत्रित नहीं की जा सकतीं, उनके लिये मॉडल-अनुमनित नियंत्र्ण ही उपयुक्त है।

मॉडल द्वारा अनुमानित नियंत्रण के सिद्धान्त[संपादित करें]

मॉडल-अनुमानित नियंत्रण बहु-चर नियंत्रण की कलनविधि है जो निम्नलिखित का उपयोग करती है-

  • प्रक्रम का आन्तरिक गतिक मॉडल
  • बीते हुए कालावधि के ऊपर J नामक एक लागत फलन
  • J को न्यूनतम करने वाला एक इष्टतमकरण अल्गोरिद्म जो नियंत्रण इनपुट u का उपयोग करता है।

उदाहरण के लिये, लागत फलन का एक उदाहरण निम्नलिखित है (यह एक द्विघाती लागत फलन है)-

निम्नलिखित शर्तों का उल्लंघन किए बिना उपरोक्त लागत फलन को न्यूनीकृत किया जाता है-

: th नियंत्रित चर (जैसे, कमरे का ताप)
: th सन्दर्भित ताप (अर्थात, वांछित ताप)
: th manipulated variable (e.g. control valve)
: weighting coefficient reflecting the relative importance of
: weighting coefficient penalizing relative big changes in

etc.