भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम
प्रकार सार्वजनिक प्रतिष्ठान
उद्योग वित्त
स्थापना 2008
मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र, भारत[1]
प्रमुख व्यक्ति

ए पी होता, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ[2][3]

दीलिप अस्बे, चेयरमैन[3]
उत्पाद

नैशनल फाईनैंशियल स्विच(NFS),
इंटरबैंक मोबाईल भुगतान सेवा(IMPS),
रुपे,
चैक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS),

आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS), ACH
वेबसाइट www.npci.org.in[4]

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्थापित एक निगम है जिसे भारत में विभिन्न खुदरा भुगतान प्रणालियों के लिए एक मातृसंस्था के रूप में कल्पित किया गया है। इसकी स्थापना 2008 में हुई और यह कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी संगठन है। प्रमुख बैंकों का एक संघ इसका स्वामी है।[5]

संगठन[संपादित करें]

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम की उपयोगिता और इसके उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए कम्पनी अधिनियम १९५६ की धारा २५ के अन्दर इसे "लाभ के लिए नहीं" संस्था के रूप में पंजीकृत किया गया है। NPCI को अप्रैल 2009 में व्यवसाय का प्रमाण पत्र जारी किया गया था। अधिकृत पूंजी को 3 अरब (US$43.8 मिलियन) और भुगतान की गई पूंजी 1 अरब (US$14.6 मिलियन) आंकी गई है।

वर्तमान में, दस कोर प्रमोटर बैंक (भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, सिटी बैंक और एचएसबीसी) हैं। बोर्ड में बिस्वमोहन महापात्रा गैर कार्यकारी अध्यक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक से नामांकित और दस कोर प्रवर्तक बैंकों से नामांकित होते हैं। [6] दिलीप अस्बे, ए पी होटा के बाद NPCI के वर्तमान प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जो 10 अगस्त, 2017 को पद से सेवानिवृत्त हुए थे। [7]

विभिन्न उत्पाद[संपादित करें]

रु-पे कार्ड[संपादित करें]

8 मई 2014 को भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारत का अपना भुगतान कार्ड ‘रुपे’ राष्ट्र को समर्पित किया।[3] भारतीय रिजर्व बैंक ने 2005 में ऐसी स्वदेशी सेवा की आवश्यकता की परिकल्पना की थी और यह कार्य 2010 में इसके संचालन के तुरंत बाद भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को सौंप दिया था। एनपीसीआई ने रुपे सेवा को अप्रैल, 2013 में ही शुरू कर दिया था जबकि कार्ड भुगतान नेटवर्क को पूरी तरह कार्य रूप देने में सामान्यत: पाँच से सात वर्ष लग जाते हैं। उक्त तिथि तक इस नेटवर्क में 70 लाख कार्ड जारी किए जा चुके थे। रुपे कार्ड परियोजना में 17 बैंकों ने सहयोग दिया है।

एकीकृत भुगतान अन्तराफलक[संपादित करें]

एकीकृत भुगतान अन्तराफलक (अंग्रेज़ी: Unified Payment Interface या UPI, देवनागरीकृत : यूनिफ़ाइड पेमेण्ट इण्टरफ़ेस या यूपीआई) भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रारम्भ की गई ऑनलाइन भुगतान की एक नयी प्रणाली है जो अन्तर-बैंक लेनदेन को सुविधाजनक बनाती है। अन्तराफलक (अंग्रेज़ी: Interface या इण्टरफ़ेस ) को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियन्त्रित किया जाता है और मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर दो बैंक खातों के बीच तुरन्त धनराशि स्थानान्तरित करने का कार्य करता है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "National Payments Corporation of India". Npci.org.in. मूल से 6 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-03-16.
  2. "Mobile money transfer fee cut to 10p". Indianexpress.com. मूल से 10 अप्रैल 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-03-16.
  3. "राष्ट्रपति ने भुगतान कार्ड 'रुपे' राष्ट्र को समर्पित किया". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 8 मई 2014. मूल से 9 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मई 2014.
  4. https://m.rbi.org.in/Scripts/PublicationsView.aspx?id=19361
  5. "Watal Report, December 2016" (PDF). Ministry of Finance. Ministry of Finance. मूल (PDF) से 18 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 December 2018.
  6. "B Sambamurthy appointed as NPCI interim Board chairman". Economic Times. 21 September 2017. मूल से 20 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 December 2018.
  7. "NPCI names Dilip Asbe as interim CEO, AP Hota retires". Business Standard News. 14 August 2017. मूल से 15 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 December 2018.