दूधसागर जलप्रपात

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दूधसागर जलप्रपात
दूधसागर धब्धबो
ದೂದ್ ಸಾಗರ್ ಜಲಪಾತ
दूधसागर जलप्रपात इन अगस्त
अवस्थितिकर्नाटक स्टेट एंड गोवा स्टेट बॉर्डर इंडिया
निर्देशांक15°18′46″N 74°18′51″E / 15.31277°N 74.31416°E / 15.31277; 74.31416निर्देशांक: 15°18′46″N 74°18′51″E / 15.31277°N 74.31416°E / 15.31277; 74.31416
प्रकारत्येरेड
कुल ऊँचाई310 metres (1017 feet)
प्रपात संख्या5
औसत चौड़ाई30 metres (100 feet)
जलमार्गमंडोवी रिवर
लोअर हाफ ऑफ़ दूधसागर जलप्रपात

दूधसागर जलप्रपात (शाब्दिक अर्थ दूध का सागर) एक चार स्तरों वाला एक जलप्रपात हैं जो भारतीय राज्य कर्नाटक और गोवा की सीमा पर स्थित हैं। यह सड़क मार्ग से पणजी से 60 किलोमीटर दूर है और मडगांव-बेलगाम रेल मार्ग पर मडगांव से 46 किमी पूर्व में और बेलगाम से 80 किमी दक्षिण मडगांव-बेलगाम में स्थित है। दूधसागर जलप्रपात भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक हैं इसकी ऊंचाई 310 मीटर (1017 फुट) और औसत चौड़ाई 30 मीटर (100 फुट) के बीच है। [1][2]

यह जलप्रपात पश्चिमी घाट के फॉल्स भगवान महावीर अभयारण्य और मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान के बीच स्थित है। यह झरना कर्नाटक और गोवा राज्यों के बीच सीमा रेखा का काम करता है। पर्णपाती जंगलों से घिरा हुआ यह जलप्रपात एक समृद्ध जैव विविधता से भरा हुआ है। यदयपि शुष्क मौसम के दौरान, यह जलप्रपात बहुत ही सुखा दिखता हैं लेकिन मानसून के मौसम में जब इसमें पानी की अधिकता हो जाती हैं तब यह काफी भव्य दीखता हैं।

फॉल्स तक पहुँचने के रास्ते[संपादित करें]

इस झरने तक पहुँचने का सबसे निकटम रेलवे स्टेशन कैसल रॉक स्टेशन हैं। जहा पर सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।आगंतुक यहाँ से ट्रेन पकड़ सकते हैं और दूधसागर स्टॉप पर उतर सकते हैं। यहाँ की उल्लेखनीय बात यह हैं कि दूधसागर रेल स्टॉप एक स्टेशन नहीं हैं जहा यात्रीगण प्लेटफार्म की उम्मीद कर सकते हैं। यात्रियों और पर्यटकों को एक खड़ी सीढ़ी पर चढ़ाई कर रेल के डिब्बे तक पहुंचना पड़ता है। जहा इसका 1-२ मिनट के अनिर्धारित स्टॉप होता हैं। अभी हाल में भारतीय रेलवे ने दुध्सागर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के चढ़ने/उतरने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है [3] इस झरने के आस पास न तो शुद्ध पेयजल की न ही साफ़ शौचालय की व्यवस्था हैं। इस लोकेशन पर मोबाइल के सिगनल भी नहीं पकड़ में आते हैं।

दूधसागर झरने तक पहुँचने का एक मार्ग भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य के टैक्सी मार्ग जाता हैं इस रास्ते से जाने का एकमात्र रास्ता हरे भरे जंगल और कलकल बह रही नदियों से हो कर जाता हैं। जो काफी मनमोहक होते हैं। वर्तमान में यही मार्ग झरने तक पहुँचने के एकमात्र रास्ता है।

यहाँ पर रुकने के भी कई जगह उपलब्ध है दूध सागर ईको एवं वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट (अजुसका रिट्रीट) जिनमे सबसे प्रसिद्द हैं, जो इसी झरने के पास हैं। जो लोग पक्षीं के विभीन प्रजाति देखने में रूचि रखते है उनके लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है। इसके अलावा यहाँ के जंगलों में आपको कई तरह के पशु पक्षी देखने को मिल जायेंगे।

नोट्स[संपादित करें]

  1. "वर्ल्ड'स हाईएस्ट वाटरफॉल्स". वर्ल्ड वॉटरफॉल डेटाबेस. मूल से 11 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २००६-११-११.
  2. "दूधसागर जलप्रपात – वर्ल्ड वॉटरफॉल डेटाबेस: वर्ल्ड'स टॉलेस्ट वाटरफॉल्स". www.वर्ल्ड-वाटरफॉल्स.कॉम. मूल से 11 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २००८-०६-०८.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अगस्त 2016.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]