दुच्चिओ दि बुओसेग्ना

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दुच्चिओ दि बुओसेग्ना (१२५५-१३१८) सियना स्कूल का इतालीय चित्रकार था।

परिचय[संपादित करें]

१२७८ में उसने दस्तावेज और कागज रखने के १२ डिब्बों की अत्यंत कलापूर्ण सज्जा प्रस्तुत की। तत्पश्चात् फ्लोरेंस के सेंट मेरिया नोवेला चर्च की एक वेदिका के चित्रण का कार्य उसे सौंपा गया। कुछ अर्से तक वह पुस्तकों के आवरणचित्रों के डिजाइन और अन्य स्फुट कार्यों में व्यस्त रहा। फिर ज्यों ही उसने सियना में पालाज़ो पब्लिको शैपल की वेदिका पर 'संतों सहित बालक ईसा और देवी मरियम' का चित्रण समाप्त किया, स्थानीय कैथड्रल की उच्च वेदिका पर भी उसे इसी विषय पर चित्र बनाने का आदेश हुआ।

जीवन भर दुच्चिओ पौराणिक एवं धार्मिक विषयों को लेकर विभिन्न गिरजाघरों की सुसज्जा में प्रयत्नशील रहा। सूक्ष्म संरचना, व्यापक निर्माण प्रक्रिया और रंगों की वैयक्तिक अंतराभूति में वह बेजोड़ था। वस्तु को चित्रित करने के पूर्व वह उसकी पूरी रूपरेखा हृदयंगम कर लेता था। तत्कालीन कलाकार जिओवान्नी पिसानो और चिमाबुए का भी उसपर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ा। सियना गिरजाघर की पूर्व दिशा की ओर की खिड़की में चिमाबुए के अनुकरण पर ही दृश्य एवं आकृतियाँ निर्मित की गई। किंतु उसकी परवर्ती कृतियों में उक्त प्रभाव शनै: शनै: लुप्त होता गया और बैज़टाइन एवं गौथिक कलादर्श हावी हो गए।

दुच्चिओ द्वारा निर्मित कुछ वेदिकाएँ अप्राप्य हैं। सियना की एक दुतर्फा चित्रित चौखट में लगभग ५९ दृश्यांकन हैं। जिओत्तो की कला की तुलना में उसके चित्र यत्र तत्र रूढ़ एवं परंपरागत से प्रतीति होते हैं, पर १४ शताब्दी में अपने समकालीनों के बीच वह बड़ा प्रभावशाली सिद्ध हुआ। उसकी विशिष्ट कलापद्धति और टेकनीक लगभग १५० वर्षों तक प्रेरणास्त्रोत बने रहे।


सन्दर्भ[संपादित करें]