दिल ही दिल में (2000 फ़िल्म)
दिल ही दिल में | |
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दिल ही दिल में का पोस्टर | |
निर्देशक | कातिर |
लेखक | कातिर |
निर्माता | ए॰ एम॰ रातनम |
अभिनेता |
कुणाल सिंह, सोनाली बेंद्रे, नास्सर, अनुपम खेर, जॉनी लीवर, राजू श्रेष्ठ |
छायाकार | पी॰ सी॰ श्रीराम |
संगीतकार | ए॰ आर॰ रहमान |
प्रदर्शन तिथियाँ |
09 जुलाई 1999 (तमिल संस्करण) 21 अप्रैल, 2000 (हिन्दी संस्करण) |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
दिल ही दिल में 2000 में जारी हुई हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। यह एक ऐसे रिश्ते पर आधारित है जो इंटरनेट से चैट के माध्यम से शुरू होता है और नायक का रिश्ते के बारे में बदलते विचारों के बाद एक नया मोड़ लेता है। इस फिल्म में प्रमुख भूमिकाओं में नवागंतुक कुणाल सिंह और सोनाली बेंद्रे शामिल थे। मूल रूप से तमिल भाषा में निर्मित इस फ़िल्म को हिन्दी में जारी करने के लिये इसका आंशिक रूप से दोबारा फिल्मांकन किया गया। संगीत ए॰ आर॰ रहमान द्वारा निर्मित किया गया है।
संक्षेप
[संपादित करें]राजा और रोजा (सोनाली बेंद्रे) की मुलाक़ात इंटरनेट से होती है। अपने बारे में काफी कुछ बताने के बाद वे दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगते हैं। वे दोनों अपनी अपनी तस्वीर ईमेल से एक दूसरे को भेजते हैं। दोनों नेट कैफे में जाते हैं और एक दूसरे को वहाँ देख कर हैरान रह जाते हैं। रोजा अपने आप को अमेरिका में रहने वाली बताए रहती है तो राजा उसे लंदन में रहता है, बताए रहता है। जबकि दोनों ही भारत में एक ही कॉलेज में पढ़ते रहते हैं। ठीक उसके दूसरे दिन, राजा और रोजा की मुलाक़ात ट्रेन स्टेशन में होती है। दोनों एक दूसरे को देख कर हैरान रह जाते हैं और कुछ बोल नहीं पाते हैं। राजा जानने की कोशिश करते रहता है कि रोजा उसे पसंद करती है या नहीं, और वो उसे गुलाब का फूल सिर पर लगाने बोलता है, पर वो अगले दिन जब आती है, तब बीच में ही उसके सिर से गुलाब गिर जाता है और राजा को लगता है कि वो उसे पसंद नहीं करती है।
राजा की मुलाक़ात रामचन्द्र (नास्सर) से होती है, वो उसे प्रेम पत्र लिखने को कहता है। पर राजा को खत लिखना नहीं आता है। रामचन्द्र उसकी खत लिखने में मदद करता है और अनजाने में रोजा भी अपने पिता, रामचन्द्र की खत लिखने में मदद करती है। अगले दिन, राजा और उसकी मुलाक़ात वहीं ट्रेन स्टेशन में होती है। राजा उस खत को पुस्तक में रख कर रोजा को दे देता है। लेकिन गलती से वो रोजा को मिलने से पहले ही हवा में उड़ जाता है। हालांकि रोजा भी उसे प्रेम पत्र लिखती है, और पुस्तक में रख कर उसे दे देती है। उसी दिन राजा को उसका बहुत पुराना दोस्त मिलता है, वो अपने दोस्त को अपना पता देने के लिए उसी पुस्तक के पहले पन्ने में अपना पता लिख कर उसे दे देता है।
राजा को लगता है कि रोजा उससे प्यार नहीं करती है, इस कारण उस पर ध्यान ही नहीं देता है। जिससे रोजा को लगता है कि राजा उससे प्यार नहीं करता है। रामचन्द्र फिर से राजा से मिलता है और उसे एक और बार अपने प्यार का इजहार पत्र लिख कर करने बोलता है। उसकी बात मान कर राजा फिर से पत्र लिख कर उसके पास जाता है, और ये देख कर हैरान रह जाता है कि रोजा असल में रामचन्द्र की बेटी है, और रामचन्द्र ने उसकी शादी राजेश गुप्ता के साथ तय कर दी है। राजेश के पिता का भारत का दूसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है और रामचन्द्र उस विश्वविद्यालय के साथ अपने वाले को भी जोड़ना चाहते हैं।
रोजा ये जानने की आखिरी बार कोशिश करती है कि राजा उससे प्यार करता है या नहीं, और वो उसे ईमेल करती है कि वो उससे प्यार करती है। राजा एक शिक्षक और एक अच्छे मार्गदर्शक के रूप में रोजा के पिता की बहुत इज्जत करते रहता है। इस कारण वो जवाब में लिख देता है कि वो उससे प्यार नहीं कर सकता है। ये जान कर कि राजा उससे कभी प्यार नहीं करेगा, वो शादी के लिए मान जाती है। राजा उसके शादी वाले जगह से निकल जाता है और वापस अपने घर जाने की सोचता है। जब राजा अपने दोस्त के साथ इस बारे में बात करते रहता है, तभी रामचन्द्र इस बातचीत को सुन लेता है और उसे एहसास होता है कि वो उसकी बेटी से प्यार करता है। राजा ट्रेन से अपने घर जाने को निकल जाता है, पर रामचन्द्र उसे रोक लेता है और उसे उसकी बेटी से अपने प्यार का इजहार करने बोलता है। वे दोनों शादी की जगह पर जाते हैं और शादी रोकने की कोशिश करते रहते हैं, पर तब तक रोजा ख़ुदकुशी करने के लिए जहर खा लिए रहती है और बेहोश हो जाती है। (हिन्दी संस्करण में ख़ुदकुशी वाला दृश्य नहीं है)
तमिल संस्करण में उन दोनों की शादी हो जाती है और हिन्दी संस्करण में वे दोनों एक दूसरे से प्यार का इजहार करते हुए दिखाई देते हैं और उसी के साथ फिल्म समाप्त हो जाती है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- कुणाल सिंह — राजा
- सोनाली बेंद्रे — रोज़ा
- नास्सर — प्रोफेसर राम चन्द्रा
- अनुपम खेर — कर्नल एनायाथुल्ला
- जॉनी लीवर - प्रोफेसर
- रंभा — "ओ मारिया" गीत में
- राजू श्रेष्ठ - राजू
- चिन्नी जयंत — मदन
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत महबूब द्वारा लिखित; सारा संगीत ए॰ आर॰ रहमान द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "ऐ नाज़नीन सुनो ना" | अभिजीत | 5:51 |
2. | "चाँद आया है जमीन पे" | उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति | 7:47 |
3. | "डोला डोला डोला" | श्रीनिवास, स्वर्णलता | 6:41 |
4. | "ओ मारिया तू चली आ" | रेमो फर्नांडीस, देवन | 6:22 |
5. | "रोज़ा रोज़ा मेरी रोज़ा" | हरिहरन | 6:46 |
6. | "सँवर गई सँवर गई" | उदित नारायण, श्रीनिवास | 7:44 |