जयती घोष

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जयती घोष एक विकास अर्थशास्त्री हैं।

जयती घोष

वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। उनकी विशिष्टताओं में वैश्वीकरण, अंतर्राष्ट्रीय वित्त, विकासशील देशों में रोजगार पैटर्न, व्यापक आर्थिक नीति और लिंग और विकास से जुड़े मुद्दों शामिल हैं।

शिक्षा[संपादित करें]

घोष ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक कर मास्टर डिग्री जेएनयू से प्राप्त की। पीएचडी के लिए उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से जुड़ गयी। उनकी १९८४ की डॉक्टरेट की थीसिस का नाम "गैर पूंजीवादी भूमि का किराया था: सिद्धांत और उत्तर भारत का मामला" डॉ टी बयरेस की देखरेख में।

करियर[संपादित करें]

वह पहले टफट्स विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पदों को संभाला, इस बीच पूरे भारत में अकादमिक संस्थानों में व्याख्यान देटी थी। वह नयी दिल्ली में आर्थिक अनुसन्धान के संस्थापको में से एक हैं। फरवरी २०११ में प्रोफेसर ईव लैंडो के साथ उन्हें अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के सभ्य कार्य अनुसंधान पुरस्कार मिला।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Department of Communication (DCOMM) (16 February 2011). "ILO Decent Work Research Prize awarded to two distinguished scholars" (Press release). International Labour Organization. Retrieved 4 November 2014.