कानजी स्वामी

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कानजी स्वामी
जन्म 1889
उम्राला, भावनगर राज्य, ब्रितानी भारत
मौत नवम्बर 28, 1980
मुम्बई, भारत
पेशा जैन विद्वान, दार्शनिक और आध्यात्मिक नेता
धर्म जैन
माता-पिता उजम्बा & मोतीचन्द भाई
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

कानजी स्वामी (गुजराती:કાનજીસ્વામી ; 1889 - 1980) आध्यात्मिक जैन गुरु थे।[1] वो [[दिगम्बर परम्परा में मूल आम्नाय के प्रचारक थे।उन्होंने कोई नया पंथ नहीं चलाया था वरन तत्कालीन समय में प्रचलित रूढ़िवादिता और हठधर्मिता के स्थान पर विशुद्ध आध्यात्म का जिनागम अनुसार प्रतिपादन किया था। [2] उन्होंने जैन धर्मावलम्बियों में स्वाध्याय (ग्रंथों के अध्ययन) को प्रतिष्ठित किया।

उनका जन्म एक स्थानकवासी जैन के रूप में हुआ। उन्होने स्थानकवासी संत के रूप में जीवन शुरू किया। वे १९३२ में आचार्य कुन्दकुन्द के पण्डित टोडरमल और समयसार के कार्यों से बहुत प्रभावित हुए। उसके बाद उन्होंने इन दिगम्बर जैन सिद्धान्तों को अपने दर्शन में अपनाया। उनके समर्थकों का समूह बाद में एक उप-समुदाय के रूप में उभरा जो दिगम्बर जैन सिद्धान्तों का अनुसरण करते हैं।[3]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Jestice, Phyllis G. (2004). Holy People of the World: A Cross-Cultural Encyclopedia. 1. ABC-CLIO. पृ॰ 464. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781576073551. मूल से 4 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 नवंबर 2013.
  2. Jain, Ravindra K. (1999). The Kanji Swami Panth, The universe as audience: metaphor and community among the Jains of North India. Indian Institute of Advanced Study. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8185952647.
  3. Dundas. "Kanji swami Panth". University of Cumbria. Division of Religion and Philosophy. पपृ॰ 231–2. मूल से 29 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि February 21, 2013.