इस्लाम में धर्मत्याग

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वर्ष २०१३ में विश्व के विभिन्न देशों में धर्मत्याग से सम्बन्धित नियमों की स्थिति

इस्लाम में धर्मत्याग (अरबी : ردة‎‎ रिद्दा या ارتداد इर्तिदाद) का अर्थ किसी मुस्लिम द्वारा सोच-समझकर इस्लाम का त्याग करने से है।[1] इसके अन्तर्गत किसी दूसरे धर्म को अपनाना, भी सम्मिलित है।[2] इस्लाम का त्याग की परिभाषा तथा उसके लिये निर्धारित दण्ड अत्यन्त विवादास्पद हैं तथा इस पर इस्लामी विद्वानों के अलग-अलग विचार हैं।[3]

१९वीं शताब्दी के अन्तिम चरण तक अधिकांश सुन्नी और शिया न्यायविद यही राय रखते थे कि वयस्क पुरुष द्वारा इस्लाम का त्याग एक अपराध के साथ-साथ एक पाप है और धर्मद्रोह है और इसके लिए उसे जान से मार दिया जाना चाहिए।[4]

सेक्युलर आलोचकों [5]का तर्क है कि इस्लाम-त्यागने के लिए जान से मारना या अन्य दण्ड देना सार्वभौम मानवाधिकारों का उल्लंघन है।[6]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "No God, not even Allah". मूल से 26 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2018.
  2. "कैसा लगता है एक एक्स-मुस्लिम लड़की होना?". मूल से 11 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2018.
  3. "Pakistan's secret atheists".
  4. Peters, Rudolph; Vries, Gert J. J. De (1976). "Apostasy in Islam". Die Welt des Islams. 17 (1/4): 1–25. doi:10.2307/1570336. JSTOR 1570336. "By the murtadd or apostate is understood as the Moslem by birth or by conversion, who renounces his religion, irrespective of whether or not he subsequently embraces another faith"
  5. "UN rights office deeply concerned over Sudanese woman facing death for apostasy". UN News Centre. 16 May 2014. Archived from the original on 17 April 2017. Retrieved 17 April 2017.
  6. Ibrahim, Hassan (2006). Abu-Rabi', Ibrahim M. (ed.). The Blackwell Companion to Contemporary Islamic Thought. Blackwell Publishing. pp. 167–69. ISBN 978-1-4051-2174-3.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

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