अफई

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अफई
Echis carinatus
अफई साँप
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: जंतु
संघ: रज्जुकी (Chordata)
वर्ग: सरीसृप (Reptilia)
अधिगण: लेपिडोसोरिया (Lepidosauria)
गण: स्क्वमाटा (Squamata)
उपगण: सर्प (Serpentes)
कुल: वाइपरिडाए (Viperidae)
उपकुल: वाइपरिनाए (Viperinae)
वंश: एकिस (Echis)
जाति: E. carinatus
द्विपद नाम
Echis carinatus
(श्नाइडर, १८०१)

अफई (Echis carinatus) छोटा और विषैला साँप है जिसका सिर तिकोना और जिसकी सफेद रंग की भूरी पृष्ठभूमि पर एक तीर का निशान बना रहता है। शरीर धूसरपन लिए हुए भूरा और उसपर पीले चिह्नों की एक शृंखला होती है। उक्त शृंखला देह के ऊपर एक वक्र बनाती है। अफई की लंबाई ५५० मि.मि. तक पाई गई है। जंतु विज्ञान में इसका नाम एकिस कैरिनैटस है।[1]

इस साँप का आहार छोटे मेढक, छिपकलियाँ, साँप, बिच्छु तथा अनेक प्रकार के कीट हैं। इन्हे अक्सर खुली चट्टानों पर भी देखा गया है। राजस्थान के रेगिस्तानों में रात के समय इन्हें चलते पाया गया है। महाराष्ट्र के रत्नगिरि जिले में ये साँप बहुत संख्या में पकड़े गए हैं। देखने में ये बहुत सुंदर होते हैं। इनका रंग बाहरी वातावरण के रंग जैसा होता है इसलिए इन्हें देखने से पहले ही, अधिकांश लोग इसके शिकार हो जाते हैं। मृत्यु कई दिन बाद होती है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Whitaker Z. 1990. Snakeman. London: Penguin Books Ltd. 192 pp. ISBN 0-14-014308-4.