सदस्य:Amanswami786/प्रयोगपृष्ठ

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मेरा नाम अमन है। में क्राइस्ट यूनिवर्सिटी का छात्र हूँ। में बीए की ट्रिपल मेजर डीग्री कर रहा हूँ। मेरे मेजर विषय इकोनॉमिक्स, पोलिटिकल साइंस और सोशियोलॉजी है। यह क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में मेरा पेहला वर्ष है। मेैंने इस यूनिवर्सिटी मे अपने सपनो कि तरफ एक और कदम आगे बड़ाने के लीए दाखीला लीया था। मेरा सपना है कि मैं एक इकोनॉमिस्ट बनु। मुझे उच्च विद्यालय से ही इकोनॉमिक्स में बड़ी दिलचस्पी थी। इकोनॉमिक्स मेरा सबसे मनपसंद विषय था। मेरे बाकी विषयो में चाहे अछे अंक न आते परंतु इकोनॉमिक्स में हमेसा मेरे अछे अंक आते थे। यह इस विषय कि खासियत है की इसमें आप पहले ही दिन से इतना डूब जाते है की आप को इस से लगाव हो जाता है। मेने मेरे मनपसंद विषय के बारे में तो बता दिया परंतु मुझे इकोनॉमिस्ट क्यों बनना है उसपे प्रकाश ही नहीं डाला। एक इकोनॉमिस्ट देश कि अर्थ व्यवस्था के बारे मे जानकारी हासिल करता है और देश की अर्थ व्यवस्था सुधारने मे देश कि मदद करता है। लोग देश कि सेना और देश के किसानो को बहुत महत्व देते हैं, मेरा मानना है कि जिस देश की अर्थ व्यवस्था अछि न हो उस देश कि सेना और उस देश के किसान दोनों ही नीहते हो जाते है, तो में हमारे देश कि अर्थ व्यवस्था को सुधार कर हमारी सेना और हमारे किसानो को वो सब सुभिधाएं देना चाहता हूँ जिससे की वो अपनी काबिलियत का सम्पूर्ण इस्तमाल कर सके। इसके साथ ही आम आदमी आज कल बडी आर्थिक परेशानियों से गुजर रहा है, अगर देश कि आर्थिक व्यवस्था सुधरे गी तो आम आदमी की परेशानियां भी कम होंगी, उनको रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिक व्यवस्था सुधर जाएगी। मेरे सबसे मनपसंद इकोनॉमिस्ट मन मोहन सिंह हैं। उन्होंने सन १९९१ में उदारीकरण कर के पुरे देश की बिगड़ी हुई आर्थिक व्यवस्था को फिर से अपने पैरो पे ला खडा कर दिया, वह आगे चल कर देश के प्रधान मंत्री भी बने और देश की और सेवा की। में उनसे बहुत प्रभावित हूँ और उन्ही की तरह हमारे भारत देश के लिए कुछ अच्छा करना चाहता हूँ। में भी हर युवा की तरह सपने देखता हूँ, यह था मेरा सपना जो मेरे लक्ष्य, आकांक्षा में बदल गया, अब समय के साथ यह देखना है की क्या मेरा लक्ष्य प्राप्त होगा? क्या मेरी मेहनत रंग लाएगी? क्या में इकोनॉमिस्ट बन पाउँगा?