सदस्य:Violapires97/प्रयोगपृष्ठ

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परिचय
मेरा नाम वियोला आइरीन पिरिस है। मेरे माता-पिता ने मेरे पर्वरिश और शिक्षा में कोई कमी नहीं की। उन्होंने मुझे कभी भी किसी चीज़ के लिए इनकार या वंचित नहीं किया।
जीवन में मेरी उपलब्धियाँ
जैसे ही मैंने वयस्कता की ओर अपना कदम रखा, मेरे लक्ष्य, महत्वाकांक्षा और दृष्टिकोण में बदलाव आया। यह बदलाव तब आया जब मैंने १३ साल एक ही संस्था में शिक्षा प्रप्त की और अपने उच्च शिक्षा के लिए दूसरी संस्था में प्रवेश किया। यह मेरा पहला निर्णय था, जो मैंने अपने दम पर लीया था। जैसे पक्षीशावक अपनी पहली उड़ान के लिए घोंसले के कगार पर खड़ा हो। मुझे इस संस्था में एक बहुत अलग वातावरण से अनावृत होना पड़ा, जैसे छात्रों और शिक्षक अलग- अलग सांस्कृतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से थे। लेकिन इसके बावजूद मैंने अपने आप को इस अव्यवस्था में अनुकूल किया और अपने लिये एक स्थान बना लिया। यह मेरे जीवन का बहुत महत्वपूर्ण सामाजिक मोड़ था क्योन्कि मैं शर्मीली और आरक्षित व्यक्ति से सहभागी और मिलनसार व्यक्ति बन गई।
मेरे शौक
मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया और इसी कारण कीसी भी प्रतियोगिता में मैं पीछे नहीं हठी। जैसे ड्राइंग, गायन, लेखन, खेल-कुद इत्यादि। शिक्षा के अलावा मेरा मानना है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम दो शौक होने चाहिए। मैं ड्राइंग, नृत्य, गायन, पढ़ना, संगीत सुनना, पियानो खेलना, नई भाषाएँ सीखना, चलचित्र देखना और यात्रा करना।
मेरे जीवन की प्रेरणाएँ
मैंने कॉलेज में पत्रकारिता चुना क्योन्कि इस क्षेत्र के माध्यम से मैं अपनी तीन पसंदीदा गतिविधियों को पूरा करने की तमन्ना रखती हूँ- लेखन, यात्रा करना और पद-दलितों के सेवा करना। मेरा यह विश्वास है कि 'कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है' और इसी 'कलम' के बल पर मैं समाज के डरे, दबे चीखों और कुचले हुए व्यक्तियों को आवाज़ देना चाहती हूँ। यह परिवर्तन लाने के लिए मुझे अपने माता पिता, अपने धर्म, मदर टेरेसा, निकोलस वुजीसिक, रोज़ा पार्क्स, नेल्सन मंडेला और कई अन्य लोगों से प्रेरणा मिलती है। मेरे जीवन का उद्देश्य यह है कि मैं समाज में अपनी एक छाप बना सकूँ जिससे मेरे माता-पिता का सर गर्व से ऊँचा हो।