पंजाब (भारत)

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पंजाब
ਪੰਜਾਬ
भारत का राज्य

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भारत के मानचित्र पर पंजाब ਪੰਜਾਬ
भारत के मानचित्र पर पंजाब
ਪੰਜਾਬ

राजधानी चण्डीगढ़
सबसे बड़ा शहर लुधियाना
जनसंख्या 2,77,43,338
 - घनत्व 551 /किमी²
क्षेत्रफल 50,362 किमी² 
 - ज़िले 22
राजभाषा पंजाबी[1]
गठन 1 नवम्बर 1966
सरकार पंजाब (भारत) सरकार
 - राज्यपाल विजेन्द्रपाल सिँह बदनौर
 - मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह (कांग्रेस)
 - विधानमण्डल एकसदनीय
विधान सभा (117 सीटें)
 - भारतीय संसद राज्य सभा (7 सीटें)
लोक सभा (13 सीटें)
 - उच्च न्यायालय पंजाब और हरियाणा
उच्च न्यायालय
डाक सूचक संख्या 14 और 15
वाहन अक्षर PB
आइएसओ 3166-2 IN-PB
punjab.gov.in/web/

पंजाब (पंजाबी: ਪੰਜਾਬ) उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है जो वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। राज्य की कुल जनसंख्या 2,77,43,336 है एंव कुल क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है जोकि हरियाणा राज्य की भी राजधानी है। पंजाब के प्रमुख नगरों में अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा हैं।

1947 भारत का विभाजन के बाद बर्तानवी भारत के पंजाब सूबे को भारत और पाकिस्तान दरमियान विभाजन दिया गया था। 1966 में भारतीय पंजाब का विभाजन फिर से हो गया और नतीजे के तौर पर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश वजूद में आए और पंजाब का मौजूदा राज बना। यह भारत का अकेला सूबा है जहाँ सिख बहुमत में हैं।

युनानी लोग पंजाब को पैंटापोटाम्या नाम के साथ जानते थे जो कि पाँच इकठ्ठा होते दरियाओं का अंदरूनी डेल्टा है। पारसियों के पवित्र ग्रंथ अवैस्टा में पंजाब क्षेत्र को पुरातन हपता हेंदू या सप्त-सिंधु (सात दरियाओं की धरती) के साथ जोड़ा जाता है। बर्तानवी लोग इस को "हमारा प्रशिया" कह कर बुलाते थे। ऐतिहासिक तौर पर पंजाब युनानियों, मध्य एशियाईओं, अफ़ग़ानियों और ईरानियों के लिए भारतीय उपमहाद्वीप का प्रवेश-द्वार रहा है।

कृषि पंजाब का सब से बड़ा उद्योग है; यह भारत का सब से बड़ा गेहूँ उत्पादक है। यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं: वैज्ञानिक साज़ों सामान, कृषि, खेल और बिजली सम्बन्धित माल, सिलाई मशीनें, मशीन यंत्रों, स्टार्च, साइकिलों, खादों आदि का निर्माण, वित्तीय रोज़गार, सैर-सपाटा और देवदार के तेल और खंड का उत्पादन। पंजाब में भारत में से सब से अधिक इस्पात के लुढ़का हुआ मीलों के कारख़ाने हैं जो कि फ़तहगढ़ साहब की इस्पात नगरी मंडी गोबिन्दगढ़ में हैं।

नामोत्पत्ति

'पंजाब' शब्द, फ़ारसी के शब्दों 'पंज' (پنج) पांच और 'आब' (آب) पानी के मेल से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ 'पांच नदियों का क्षेत्र' है। यह फ़ारसी शब्द संस्कृत के 'पञ्चनाद' के आधार पर हुआ था जिसका अर्थ वही 'पांच नदियों का क्षेत्र' है।[2][3] ये पांच नदियां हैं: सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम। धार्मिक आधार पर सन् १९४७ में हुए भारत के विभाजन के दौरान चिनाब और झेलम नदियां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चली गयीं।

इतिहास

पंजाब 1900 में

पंजाब अखंड भारत का हिस्सा रहा है। यहां मौर्य, बैक्ट्रियन, यूनानी, शक, कुषाण, गुप्त जैसी अनेक शक्तियों का उत्थान और पतन हुआ। मध्यकाल में पंजाब मुसलमानों के अधीन रहा। सबसे पहले गज़नवी, ग़ोरी, गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुग़लक़, लोधी और मुगल वंशो का पंजाब पर अधिकार रहा। पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी में पंजाब के इतिहास ने नया मोड़ लिया। गुरु नानक देव की शिक्षाओं से यहां भक्ति आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा। सिख पंथ ने एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन को जन्म दिया, जिसका मुख्य उद्देश्य धर्म और समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना था। दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों को खालसा पंथ के रूप में संगठित किया तथा एकजुट किया। उन्होंने देशभक्ति, धर्मनिरपेक्षता और मानवीय मूल्यों पर आधारित पंजाबी राज की स्थापना की। एक फारसी लेख के शब्दों में महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब को सिख साम्राज्य में बदल दिया। किंतु उनके देहांत के बाद अंदरूनी साजिशों और अंग्रेजों की चालों के कारण पूरा साम्राज्य छिन्न-भिन्न हो गया। अंग्रेजों और सिखों के बीच दो निष्फल युद्धों के बाद 1849 में पंजाब ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया।

स्वतंत्रता आंदोलन में गांधीजी के आगमन से बहुत पहले ही पंजाब में ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष आरंभ हो चुका था। अंग्रेजों के खिलाफ यह संघर्ष सुधारवादी आंदोलनों के रूप में प्रकट हो रहा था। सबसे पहले आत्म अनुशासन और स्वशासन में विश्वास करने वाले नामधारी संप्रदाय ने संघर्ष का बिगुल बजाया। बाद में लाला लाजपतराय ने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई। चाहे देश में हो या विदेश में, पंजाब स्वतंत्रता संग्राम में हर मोर्चे पर आगे रहा। देश की आज़ादी के बाद पंजाब को विभाजन की विभीषिका का सामना करना पड़ा जिसमें बड़े पैमाने पर रक्तपात तथा विस्थापन हुआ। विस्थापित लोगों के पुनर्वास के साथ-साथ राज्य को नए सिरे से संगठित करने की भी चुनौती थी।

पूर्वी पंजाब की आठ रियासतों को मिलाकर नए राज्य 'पेप्सू' तथा पूर्वी पंजाब राज्य सघ-पटियाला का निर्माण किया गया। पटियाला को इसकी राजधानी बनाया गया। सन 1956 में पेप्सू को पंजाब में मिला दिया गया। बाद में पंजाबी सूबा आंदोलन के कारण 1966 में पंजाब से कुछ हिस्से निकालकर हरियाणा बनाया गया।

पंजाब देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में हरियाणा तथा राजस्थान है।

जनसांख्यिकी

धर्म

धर्म धर्मानुसार लोगों की संख्या कुल %
कुल जनसंख्या २,४३,५८,९९९[4] 100%
सिख १,४५,९२,३८७ 58%
हिन्दू ८९,९७,९४२ 38%
मुस्लिम ३,८२,०४५ 1.93 %
ईसाई २,९२,८०० 1.26 %
बौद्ध ४१,४८७ 0.12 %
जैन ३९,२७६ 0.16%
अन्य ८,५९४ 0.04 %2

सिख धर्म पंजाब का मुख्य धर्म है। राज्य के लगभग 60 प्रतिशत नागरिक सिख धर्म के अनुयायी हैं। पंजाब भारत के उन छ: राज्यों में से है जहां हिन्दुओं का बहुमत नहीं है। सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल, हरिमन्दिर साहिब, पंजाब के अमृतसर नगर में है, जोकि सिक्खों का पवित्रतम नगर है। अमृतसर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है।

भाषा

अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर के पंजाबों की भाषा पंजाबी है, परंतु लिपि भिन्न है। भारतीय पंजाब में जहां गुरुमुखी का प्रयोग होता है वहीं पाकिस्तानी पंजाब में शाहमुखी लिपि का प्रयोग होता है। भारतीय पंजाब की लगभग २५ % जनता हिन्दी बोलती है, विशेष तौर पर हरियाणा और राजस्थान से सटे इलाकों में। हिन्दी को लगभग पूरी जनसंख्या द्वारा समझा जाता है जबकि शहरों में रहने वाले धाराप्रवाह हिन्दी बोल भी सकते हैं।

जिले

पंजाब राज्य 22 जिलों में बंटा हुआ है। ये जिले है:

अर्थव्यवस्था

पंजाब का सन २००४ का अनुमानित कुल सकल घरेलू उत्पाद २७ अरब डॉलर है। यह एक विकसित राज्य है।

कृषि

पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां गेंहू की सबसे अधिक बिजाई की जाती है। अन्य मुख्य फसलों में चावल, कपास, गन्ना, बाजरा, मक्का, चना और फल शामिल हैं। प्रमुख उद्योगों में कपड़ा और आटा शामिल है।

पंजाब पृथ्वी का सर्वाधिक उपजाऊ क्षेत्र रहा है। यह गेहूं उत्पादन के लिए आदर्श क्षेत्र है। चावल, गन्ना, सब्जियों एंव फलों भी यहां अच्छा उत्पादन होता है। भारतीय पंजाब को भारत का "अन्न-भण्डार" कहा जाता है। यहां भारत के कुल गेहूं उत्पादन का ६०% और चावल का ४०% उत्पादन होता है। विश्व के परिदृश्य में इन फसलों का विश्व के कुल उत्पादन का १/३० वां अथवा ३% का योगदान करता है।

भारतीय पंजाब का आधारभूत ढांचा पूरे भारत में सर्वाधिक बेहतर में से है। यहां के निवासी औसत के आधार पर भारत के सर्वाधिक धनी लोग हैं।

संदर्भ

  1. "Report of the Commissioner for linguistic minorities: 50th report (July 2012 to June 2013)" (PDF). Commissioner for Linguistic Minorities, Ministry of Minority Affairs, Government of India. मूल (PDF) से 8 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जुलाई 2017.
  2. "Yule, Henry, Sir. Hobson-Jobson: A glossary of colloquial Anglo-Indian words and phrases, and of kindred terms, etymological, historical, geographical and discursive. New ed. edited by William Crooke, B.A. London: J. Murray, 1903". मूल से 1 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जुलाई 2018.
  3. "Macdonell, Arthur Anthony. A practical Sanskrit dictionary with transliteration, accentuation, and etymological analysis throughout. London: Oxford University Press, 1929". मूल से 1 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जुलाई 2018.
  4. भारत की जनगणना, २००१

बाहरी कड़ियाँ