1946 भारतीय प्रान्तीय निर्वाचन
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1585 provincial seats contested | ||||||||||||||||
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ब्रिटिश भारतीय प्रान्तों की विधान परिषदों के सदस्यों का चुनाव करने के लिए जनवरी 1946 में ब्रिटिश भारत में प्रान्तीय निर्वाचन हुए।[1] भारत में ब्रिटिश शासन की पराकाष्ठा 1945/1946 के चुनाव थे। जैसे-जैसे छोटे राजनीतिक दलों का सफाया हुआ, राजनीतिक परिदृश्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग तक सीमित हो गया, जो पहले से कहीं अधिक विरोधी थे। कांग्रेस ने, 1937 के निर्वाचनों की पुनरावृत्ति में, सामान्य अ-मुस्लिम सीटों में 90 प्रतिशत जीत प्राप्त की, जबकि मुस्लिम लीग ने प्रान्तों में अधिकांश मुस्लिम सीटों (87%) पर जीत प्राप्त की। फिर भी, अखिल भारतीय मुस्लिम लीग ने भारत में मुस्लिमों के एकमात्र प्रतिनिधि होने के अपने दावे की पुष्टि की। चुनाव ने पाकिस्तान के बनने लिए रास्ता तय किया।
मुस्लिम लीग का प्रदर्शन
[संपादित करें]1946 के निर्वाचन में, मुस्लिम लीग की जीत के लिये पाकिस्तान की अपील महत्वपूर्ण थी। रॉबर्ट स्टर्न के अनुसार, मज़हबी उत्साह ने लीग की जीत में भूमिका निभाई। पंजाब में भी लीग और संघवादी पार्टी के मुस्लिम सदस्यों के बीच लड़ाई में मज़हबी अपील कारक थी।[2]
प्रान्त | मुस्लिम सीट | मुस्लिम लीग | जीत % |
---|---|---|---|
असम | 34 | 31 | 91% |
बंगाल | 119 | 113 | 95% |
बिहार | 40 | 34 | 85% |
Bombay | 30 | 30 | 100% |
Central Provinces | 14 | 13 | 93% |
मद्रास | 29 | 29 | 100% |
NWFP | 36 | 17 | 47% |
उड़ीसा | 4 | 4 | 100% |
पंजाब | 86 | 74 | 86% |
सिन्ध | 34 | 28 | 82% |
संयुक्त प्रान्त | 66 | 54 | 82% |
Total | 492 | 429 | 87% |
उपर्युक्त तालिका की तुलना में भारतीय वार्षिक रजिस्टर, 1946, खंड-1 में अलग परिदृश्य दिखाता हूँ।[4]दोनों स्रोतों के परिणामों के बीच कुछ अन्तर रहा है।
प्रान्त | कांग्रेस | मुस्लिम लीग | अन्य | कुल सीट |
असम | 98 | 31 | 19 | 108 |
बंगाल | 86 | 113 | 51 | 250 |
बिहार | 98 | 34 | 20 | 152 |
बॉम्बे | 125 | 30 | 20 | 175 |
C.P. | 92 | 13 | 71 | 112 |
मद्रास | 165 | 29 | 21 | 215 |
N.W.F.P | 30 | 17 | 3 | 50 |
उड़ीसा | 47 | 4 | 9 | 60 |
पंजाब | 51 | 73 | 51 | 175 |
सिन्ध | 18 | 27 | 15 | 60 |
संयुक्त प्रान्त | 154 | 54 | 21 | 228 |
Source: N. N. Mitra (ed.), Indian Annual Register, 1946, vol. I, pp. 230–231.[4]
Chatterji, J. (2002). Bengal divided: Hindu communalism and partition, 1932-1947 (No. 57). Cambridge University Press.[5] |
- ↑ Vohra, Ranbir (2013) [First published 1997]. The Making of India: A Political History (3rd संस्करण). M. E. Sharpe. पृ॰ 176. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7656-2985-2.
- ↑ Robert W. Stern (2001). Democracy and Dictatorship in South Asia: Dominant Classes and Political Outcomes in India, Pakistan, and Bangladesh. Greenwood Publishing Group. पृ॰ 27. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-275-97041-3.
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;dsal.uchicago.edu
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ अ आ "The Annual Register". Nature. 158 (4008): 254–254. August 1946. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0028-0836. डीओआइ:10.1038/158254d0.
- ↑ Chatterji, Joya (1994). Bengal divided : Hindu communalism and partition, 1932-1947. Cambridge [England]: Cambridge University Press. OCLC 28710875. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-521-41128-9.