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४९

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49 (उंचास) एक प्राकृत संख्या है जो ४८ के बाद और ५० के पहले आती है।

गणित में

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उंचास एम वर्ग संख्या है अर्थात् यह सात (7) का वर्ग है। इस तरह यह चौथी अभाज्य संख्या का वर्ग है। इस संख्या के दोनों अंक 4 और 9 वर्ग हैं जो क्रमशः 2 और 3 के वर्ग हैं।

यह पडोवन अनुक्रम का एक अवयव है जिससे पहले की संख्यायें 21, 28, 37 (प्रथम दो संख्याओं का योग उंचास है) हैं।[1]

समान्तर श्रेढ़ी के सबसे छोटे वर्ग त्रिक की तीन संख्यायें (1, 25, 49) हैं जबकि दूसरे सबसे छोटे वर्ग त्रिक की संख्यायें (49,169,289) हैं।

49 सबसे छोट विकविक्तकर है जो पूर्णतः वास्तविक घन क्षेत्र है।[2]

100 से छोटे केवल 49 और 94 दो ही संख्यायें हैं जिनके सभी क्रमचय भाज्य हैं लेकिन वो 3 के गुणक नहीं हैं अर्थात् जिनमें रिपडिजिट्स अथवा केवल 0, 2, 4, 5, 6 और 8 ही आते हैं।

49 = 7^2 और 94 = 2 * 47

9 के बाद पहला अभाज्य ग्रंथि संख्या 49 है।[3]

दशमलव निरूपण

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49 के वर्ग (2401) के अंकों का योग 40 के वर्गमूल के बराबर है।

49 पहला वर्ग है जिसकी संख्यायें भी वर्ग हैं। यहाँ 4 और 9 वर्ग संख्यायें हैं।

व्युत्क्रम

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भिन्न 1/49 में दशमलव के बाद पुनरावृत्ति अंक 42 हैं:

1/49 = 0. (42 अंक पुनरावृति)

यहाँ पर 42 धनात्मक संख्यायें हैं जो 49 से कम हैं और 49 के साथ साभाज्य हैं। (42 अंक के बाद पुनरावृत्ति।) संख्या 020408163265306122448979591836734693877551 को प्रत्येक पूर्णांक से गुणा करने पर मूल संख्यायें चक्रिय क्रमचय में इस प्रकार हैं:

  • 020408163265306122448979591836734693877551 × 2 = 040816326530612244897959183673469387755102
  • 020408163265306122448979591836734693877551 × 3 = 061224489795918367346938775510204081632653
  • 020408163265306122448979591836734693877551 × 4 = 081632653061224489795918367346938775510204
  • ...

02 के वर्ग करके दो स्थान दायें लिखकर जोड़ने पर हमें निम्नलिखित संख्या प्राप्त होती है:

02
  04
    08
      16
        32
          64
           128
             256
               512
                1024
                  2048
+                   ...
----------------------
020408163265306122448979591836734693877551...0204081632...

क्योंकि 149 निम्नलिखित समीकरण को संतुष्ट करता है:

रसायनशास्त्र में

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  • मैनहट्टन परियोजना के दौरान प्लूटोनियम को अक्सर संख्या 49 से बोला जाता था। संख्या 4 प्लूटोनियम के परमाणु संख्या 94 का इकाई का अंक है और 9 इसके उस समस्थानिक की द्रव्यमान संख्या (Pu-239) का इकाई का अंक है जिसे नाभिकीय बंब बनाने के काम में लिया जाता है।[4][5]

धर्म में

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  • यहूदी धर्म में ओमर की गिनती में दिनों की संख्या और जुबिली (बाइबिल) चक्र में वर्षों की संख्या 49 है।
  • बौद्ध धर्म में 49 दिन मध्यवर्ती अवस्था की लम्बाइयों में से एक है।

अन्य क्षेत्रों में

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उंचास:

  • 49एर, सन् 1849 के कैलिफ़ोर्निया गोल्ड रश में भाग लेने वाले।
  • 49 एक पार्टी है जो अमेरिकी भारतीयों के किसी भी सम्मेलन या सभा के बाद प्रतिभागियों द्वारा आयोजित की जाती है। यह भी एक प्रकार का गीत है जो ऐसे अवसरों पर गाया जाता है। 49 आमतौर पर अलग जगह पर आयोजित किया जाता है और इसमें ढोल बजाना और गाना शामिल होता है।[6]

सन्दर्भ

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  1. "Sloane's A000931 : Padovan sequence". The On-Line Encyclopedia of Integer Sequences. OEIS Foundation. अभिगमन तिथि: 2016-05-30.
  2. स्लोअन, नील. "A006832 - OEIS". ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ इंटिजर सिक्वेंस. अभिगमन तिथि: 2025-05-04.
  3. स्लोअन, नील. "A002863 - OEIS". ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ इंटिजर सिक्वेंस. अभिगमन तिथि: 2025-05-04.
  4. Hammel, E.F. (2000). "The taming of "49" — Big Science in little time. Recollections of Edward F. Hammel, pp. 2-9. In: Cooper N.G. Ed. (2000). Challenges in Plutonium Science" (PDF). लोस एलमोस साइंस. 26 (1): 2–9.
  5. Hecker, S.S. (2000). "Plutonium: an historical overview. In: Challenges in Plutonium Science". Los Alamos Science. 26 (1): 1–2.
  6. "Forty-nine dance". ब्रिटैनिका विश्वकोष. अभिगमन तिथि: May 25, 2018.