२ का वर्गमूल
दिखावट
अभ्यावेदन | |
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दशमलव | 1.4142135623730950488... |
निरन्तर भग्नांक | |
द्व्याधारित | 1.01101010000010011110... |
षोडशाधारित | 1.6A09E667F3BCC908B2F... |
२ का वर्गमूल ( √2 ) वह संख्या है जिसको स्वयं से गुणा करने पर २ प्राप्त होता है। यह एक अपरिमेय संख्या है। इसका मान लगभग 1.41421 होता है। यदि १ मीटर भुजा वाला एक वर्ग बनाया जाय तो उसके विकर्ण की लम्बाई (मीटर में) का मान २ के वर्गमूल के बराबर होगा।
२ के वर्गमूल का दशमलव के ६५ स्थानों तक मान निम्नलिखित है-
- √2 = 1.41421356237309504880168872420969807856967187537694807317667973799...
इतिहास
[संपादित करें]आपस्तम्ब शुल्बसूत्र में २ के वर्गमूल का मान निम्नलिखित श्लोक द्वारा दिया गया है-
- समस्य द्विकरणी।
- प्रमाणं तृतीयेन वर्धयेत्तच्च चतुर्थेनात्मचतुस्त्रिंशोनेन सविशेषः।
- वर्ग का विकर्ण (समस्य द्विकरणी) - इसका मान (भुजा) के तिहाई में इसका (तिहाई का) चौथाई जोड़ने के बाद (तिहाई के चौथाई का) ३४वाँ अंश घटाने से प्राप्त होता है।
दूसरे शब्दों में,
- √2 =
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
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