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हुसाइट युद्ध

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15वीं सदी में हुसाइट और कैथोलिक धर्मयोद्धाओं की लड़ाई

हुसाइट युद्ध जिसे बोहेमियन युद्ध या हुसाइट क्रांति भी कहा जाता है। हुसाइटों और पवित्र रोमन सम्राट सिजिस्मंड, पोपसी और कैथोलिक गिरजाघर के प्रति वफादार यूरोपीय सम्राटों साथ ही विभिन्न हुसाइट गुटों की संयुक्त कैथोलिक सेनाओं के बीच लड़े गए गृह युद्धों की एक श्रृंखला थी। 1432 में संघर्ष के अंतिम चरण में उट्राक्विस्टों ने अपना पक्ष बदल लिया और रोमन कैथोलिकों के साथ मिलकर लड़ने लगे तथा टैबोराइट्स और अन्य हुसाइट गुटों का विरोध करने लगे। ये युद्ध 1419 से लगभग 1434 तक चले।

यह अशांति तब शुरू हुई जब 1415 में कैथोलिक चर्च द्वारा प्रोटेस्टेंट ईसाई सुधारक जान हस को अपधर्म के लिए मार दिया गया।[1] क्योंकि सिजिस्मंड की योजना पवित्र रोमन सम्राट बनने की थी (जिसके लिए पोप द्वारा राज्याभिषेक की आवश्यकता थी) और उसने धर्म का दमन किया फिर भी इसका प्रसार जारी रहा।[2]

उत्पत्ति

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सन 1402 के आसपास पादरी और विद्वान जान हस ने चर्च और पोपतंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की निंदा की तथा उन्होंने अंग्रेज धर्मशास्त्री जॉन विक्लिफ के कुछ सुधारवादी विचारों को बढ़ावा दिया।[3] बोहेमिया में उनके उपदेशों को व्यापक रूप से माना गया तथा चर्च द्वारा दमन को बढ़ावा दिया गया जिसने विक्लिफ के कई विचारों को विधर्मी घोषित कर दिया था। 1411 में पश्चिमी विवाद के दौरान एंटीपोप जॉन तेईसवें ने प्रतिद्वंद्वी पोप ग्रेगरी बारहवें के संरक्षक, नेपल्स के राजा लेडिसलॉस के खिलाफ धर्मयुद्ध की घोषणा की।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. कुहन्स, ऑस्कर (1907). जॉन हस : थे विटनेस. न्यू यॉर्क: पब्लिक लाइब्रेरी सिनसिनाटी : जेनिंग्स एंड ग्राहम. अभिगमन तिथि 22 जनवरी 2025.
  2. लुत्ज़ोव, फ्रांसिस (1914). द हुसाइट वार्स. लंदन : डेंट ; न्यूयॉर्क: यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो लाइब्रेरी. अभिगमन तिथि 22 जनवरी 2025.
  3. फज, थॉमस ए. (2017). जान हस: रिलीजियस रिफॉर्म एंड सोशल रिवोल्यूशन इन बोहेमिया (अंग्रेज़ी में). आई.बी.टॉरिस. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-85771-855-6. अभिगमन तिथि 22 जनवरी 2025.